minakshi thakur 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid minakshi thakur 15 Jun 2022 · 1 min read कवित्त छंद कवित्त छंद धूप सा कड़क बन छाँव की सड़क बन उर की धड़क बन,पिता हमें पालता। डाँट फटकार कर कभी पुचकार कर, सब कुछ वार कर,वही तो सँभालता। जीवन आधार... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 4 5 1k Share minakshi thakur 15 Jun 2022 · 1 min read नहीं पिता के हिस्से आया (नवगीत) *नहीं पिता के हिस्से आया* नहीं पिता के हिस्से आया कभी कोई इतवार राशन के थैले में लाता हर संभव मुस्काने, उसके अनुभव के साँचे में ढलती हैं संतानें, उसके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 1 158 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत एक रचनाः *छाँव ढूँढती भरी दुपहरी* मीनारों से गठबंधन कर, भरा सड़क ने भी पर्चा बूढ़े बरगद ने पंचो से बीच सभा यह बात कही। जेसीबी के दंत विषैले पीड़ा... Hindi · गीत 4 3 384 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत माँ के हाथों सा लगे नर्म धूप का स्वाद ????? माँ के हाथों सा लगे नर्म धूप का स्वाद... ख्वाबों के स्वेटर बुनें, झुर्री वाले हाथ, सर्दी में दुबका कहीं... Hindi · गीत 1 387 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत एक रचना राजनीति के ठेले पर फिर, बिकता हुआ ज़मीर ! चोरों से थी भरी कचहरी, थी गलकटी गवाही। दुबकी फाइल के पन्नो पर, बिखरी कैसे स्याही? मैली लोई वाला... Hindi · गीत 1 213 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत *कल सपने में आई अम्मा* -------------------------------- कल सपने में आई अम्मा, पूछ रही थी हाल। जबसे दुनिया गई छोड़कर, बदले घर के ढंग। दीवारों को भी भाया अब, बँटवारे का... Hindi · गीत 1 510 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत एक रचना अधरों पर मचली है पीड़ा अधरों पर मचली है पीड़ा कहने मन की बात। आभासी नातों का टूटा दर्पण कैसे जोड़ूँ? फटी हुई रिश्तों की चादर कब तक... Hindi · गीत 1 1 334 Share minakshi thakur 23 Dec 2021 · 1 min read नवगीत एक रचना अवसादों के मुख पर जब भी, मला आस का उबटन। उम्मीदों के फूल खिलाकर, हँसती हर एक डाली। दुखती रग को सुख पहुँचाने, चले पवन मतवाली। अँधियारे ने... Hindi · गीत 2 1 337 Share minakshi thakur 21 Dec 2021 · 1 min read लघुकथा लघुकथाःचमचे आज घर में समारोह था।मंगलगीत गाये जा रहे थे।स्वादिष्ट व्यंजनों से पात्र भरकर पंडाल में रखे जा रहे थे। पात्रों से भीनी -भीनी सुगंध आ रही थी। जैसे ही... Hindi · लघु कथा 373 Share minakshi thakur 17 Dec 2021 · 1 min read लघुकथा लघुकथाः नया कश्मीर "अम्मी सब कह रहे हैं अब कश्मीर बदल गया है.....नया कश्मीर बन रहा है.....ये नया कश्मीर कैसा होगा माँ?"... आठ साल के सलीम ने,रूकैया के दामन को... Hindi · लघु कथा 523 Share minakshi thakur 17 Dec 2021 · 1 min read लघुकथा लघुकथा शीर्षकः बहू "देखो भाभी,पापा की बातों का बुरा मत माना करो।अब उनकी उम्र हो गयी है,ऊपर से बीमार भी हैं।अगर कुछ उल्टा सीधा बोल भी रहे हैं,तो बुजुर्गों की... Hindi · लघु कथा 1 1 346 Share minakshi thakur 17 Dec 2021 · 1 min read नवगीत माँ के हाथों सा लगे नर्म धूप का स्वाद ????? माँ के हाथों सा लगे नर्म धूप का स्वाद... ख्वाबों के स्वेटर बुनें, झुर्री वाले हाथ सर्दी में दुबका कहीं... Hindi · कविता 307 Share minakshi thakur 8 Nov 2021 · 1 min read उत्सव उत्सवः(लघुकथा) शहर की एकमात्र नदी जो सूखने की कग़ार पर थी,अभी भी बेहद मंद गति से बहते हुए अपने अस्तित्व को बचाने की चेष्टा में जुटी थी। उसके सिकुड़े से... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 689 Share