Comments (5)
15 Jun 2022 10:22 PM
खखुबसूरत रचना।
कृपा “मेरा गुरूर है पिता” रचना पढ़कर कृतार्थ करें।
15 Jun 2022 08:56 PM
सुन्दर सृजन।
15 Jun 2022 01:25 PM
बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
15 Jun 2022 01:15 PM
बेहतरीन कविता, मीनाक्षी जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।
सुन्दर घनाक्षरी मीनाक्षी जी