M Furkan Ahmad 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid M Furkan Ahmad 14 Feb 2018 · 1 min read एक अमाल मुसीबत टाल भी सकता हैं एक गुनाह मुसिबत में डाल भी सकता हैं एक अमाल मुसीबत टाल भी सकता हैं एक गुनाह मुसिबत में डाल भी सकता हैं पढ़ा करो नबी-ऐ-पाक पर दुरुदो सलाम ये अज़ाब-ऐ-आग से निकाल भी सकता है चिढ़ियो से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share M Furkan Ahmad 14 Feb 2018 · 1 min read घुमा फ़िरा कर नहीं सीधे मिश्रे में बात करता हैं हर उर्दू जुबा वाला बड़े सलिके में बात करता हैं घुमा फ़िरा कर नहीं सीधे मिश्रे में बात करता हैं हर उर्दू जुबा वाला बड़े सलिके में बात करता है ज़िन्दगी जिने का सलिका ही नहीं आता उसे वो हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share M Furkan Ahmad 14 Feb 2018 · 1 min read खुद को अब तड़पाना नहीं आँखो में लहु लाना नहीं खुद को अब तड़पाना नहीं आँखो में लहु लाना नहीं टुट कर फ़िर टुट सकता हैं रुलाकर फ़िर हंसाना नहीं रहा हूँ ता-उम्र आगोश में किसी और को सुलाना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share M Furkan Ahmad 27 Dec 2017 · 1 min read ज़हर-ऐ-गम पी कर जिने का दम रख्खा हैं मगर तेरी यादो ने आँखों को नम रख्खा हैं ज़हर-ऐ-गम पी कर जिने का दम रख्खा हैं मगर तेरी यादो ने आँखों को नम रख्खा हैं ज़फ़ा कर वफ़ा कर या मुझे कत्ल कर,मगर तेरे नाम का दिया दिवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share M Furkan Ahmad 17 Dec 2017 · 1 min read किसी होगी गलतफ़हमी तो कोई रुठ जाएगा सात जन्मो का वादा एक पल में टूट जाएगा किसी होगी गलतफ़हमी तो कोई रुठ जाएगा सात जन्मो का वादा एक पल में टूट जाएगा फ़लाँ आंखों के मोतीयो का सबब तु मत पूछ उसके दर्द से रुबरु होगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share M Furkan Ahmad 28 Nov 2017 · 1 min read नाजुक होती है मोहब्बत की डोर गैर मजहबी से मुह न मोड़ा करो निचे बुलंदी को तुम न थोड़ा करो दोस्त ही है जो गम बाटने आते है इन फरिश्तों को तुम न छोड़ा करो नाजुक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share M Furkan Ahmad 28 Nov 2017 · 1 min read शब ओ रोज़ ओ माह ओ साल 'अहमद' मोहब्बत की है हर एक गम सहना है अपनी रूदाद किसी से भी न कहना है `````````````````````````````````````````` बस एक ही खुवाहिश है मेरी ऐ बेगम मुझे तेरी ही आगोस में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share M Furkan Ahmad 28 Nov 2017 · 1 min read आंधियो हवाओ का रुख चााहत का किसी दिल में अभी किला नहीं है एक लड़की ही है कोई अभी इला नहीं है ``````````````````````````````````````````````` आंधियो हवाओ का रुख और तेज करो मेरे हौसलो का शजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share M Furkan Ahmad 28 Nov 2017 · 1 min read हम तेरे लबो रुख्सर में हम तेरे लबो रुख्सर में खोना चहते हैं हर लम्हा तेरे अगोश में सोंना चहते हैं तू मुझसे बिछड़ने चहती है तो हो जा सीने से बस तेरे लग के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share M Furkan Ahmad 8 Jun 2017 · 1 min read हिन्दुस्तान लेकर निकला हूँ छोटे शहर से मैं बड़े अरमान ले कर निकला हूँ मैं खुद अपनी मौत का सामान लेकर निकला हूँ मेरे वतन की वफादारी पर ऐ ऊँगली उठाने वालो मैं अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share