Meera Thakur Language: Hindi 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Meera Thakur 18 Nov 2024 · 1 min read ज़ख्म सबकी आँखों में ज़ख्म है वह मुस्कान के नीचे दफ़्न है - मीरा ठाकुर Hindi · मुक्तक 3 23 Share Meera Thakur 1 Nov 2024 · 1 min read हमारी दीवाली दो पैसों वाली क्या लगती थी दीवाली दो पैसों वाली उनके होने पर बन जाता था सामान जब आ जाते थे घर में मेहमान कुछ नया अनोखा लगता था आँखों में सपना पलता... Hindi 4 50 Share Meera Thakur 7 Jun 2024 · 1 min read दुःख का एहसास कहाँ अपने आरामदायक मकानों में दूसरे के दुःख का एहसास कहाँ घर की मुलायम रज़ाई में ठंडी का अह्सास कहाँ भरे पेट हो जब अपने भूखों का एहसास कहाँ अपने सुखदायक... Hindi · कविता 2 2 60 Share Meera Thakur 7 Jun 2024 · 1 min read कविता यह शब्द नहीं, केवल कविता है I जो जज्बातों के ताने-बाने से बनी है जलते अंगारों के फूलों से जड़ी है ना छूना इसे नकली जानकर जल जाओगे इससे छेड़खानी... Hindi · कविता 2 61 Share Meera Thakur 31 May 2024 · 1 min read सावित्री और सत्यवान क्या सुना है कभी सत्यवान के बारे मेंI सावित्री का साथ और त्याग सबने देखा और सुना याद कियाI सबको इसका उदाहरण दिया I सावित्री ने पति का हर उस... Hindi · विचार 4 82 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read तो जानें... किसी की आँखों में आँसू लाना कोई बड़ी बात नहीं किसी के चेहरे पर एक मुस्कुराहट लाओ तो जानें।। किसी को जली- कटी तो सुनाना बहुत आसान है। किसी से... Poetry Writing Challenge-3 3 1 52 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read तुम नहीं आए... तुम नहीं आए... फागुन आया ले रंगों की टोकरी पर तुम नहीं आए। ऋतु वासंती झूम रही है। बागों में कोयल कूक रही है। मन मयूर नाच रहा है नई... Poetry Writing Challenge-3 3 1 68 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read छुट्टी का दिन मैंने पूछा एक बच्चे से कि छुट्टी का दिन ' क्या' होता हैI तो उत्तर मिला छुट्टी का दिन त्योहार होता हैI छुट्टी का दिन रविवार होता हैI छुट्टी का... Poetry Writing Challenge-3 3 1 53 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read *चिट्ठी* अब क्यों नहीं लिखते चिट्ठी हाय! आज इंटरनेट का जमाना है, भीड़ में भी आज जन वीराना है। भूल गए सब चिट्ठी लिखना- पढ़ना याद रहा केवल एस. एम. एस.... Poetry Writing Challenge-3 3 67 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read क्या घबराना ... क्या घबराना अंत समय गर आया ॥ जिसको पोषित करना था लहू से अपने उसको सींचा आँखों के पानी से उसकी प्रीति बेलि थी बोई क्यों दुख पाना जब अपना... Poetry Writing Challenge-3 3 49 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read कोई दुख नहीं कोई दुख नहीं आज नहीं तो कल इस दुनिया को छोड़कर जाना ही है। कभी किसी के साथ खुश भी थे कभी किसी के न रहने का गम भी है।... Poetry Writing Challenge-3 4 62 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read कहाँ गए वो दिन कहाँ गए वो दिन जब थे हम गजेट्स के बिन माना काम करने में मन लगता था। पर काम करने में अब न मन लगता है, न ही किसी के... Poetry Writing Challenge-3 4 49 Share Meera Thakur 15 May 2024 · 1 min read चंद्रयान आज झूमे भारत सारा झूमे धरती प्यारी है चाँद लेकर संदेशा पहुँचा चंद्रयान प्यारा इसकी अदा निराली है। सबने निरखा इसको पहले अब आज हमारी बारी है। मन मयूर झूमे... Poetry Writing Challenge-3 3 84 Share Meera Thakur 7 May 2024 · 1 min read मन से जंग जारी है। मन से जंग जारी है। अंदर ही अंदर, सब जलते हैं बस बाहर से गहरी यारी है। अपने अपनों से जंग कर रहे बस गैरों से गहरी यारी है। अपनों... Poetry Writing Challenge-3 4 37 Share Meera Thakur 7 May 2024 · 1 min read कह दो जाओ पहाड़ों से कह दो ऊँचाई अभी बाकी है। जाओ नदियों से कह दो गहराई अभी बाकी है। जाओ समंदर से कह दो लहरें अभी बाकी है। जाओ जान देनेवालों... Poetry Writing Challenge-3 4 42 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read किताबें किताबें मुझे बुलाती हैंI माता-पिता की तरह, हर बात सिखाती हैंI सभी के नयनों में यह पल जाती है। यह प्रकृति की तरह है, जो सदा केवल देती ही देती... Poetry Writing Challenge-3 3 58 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read एक कवि हूँ दुनिया रहती है मस्ती में और मैं करता हूँ फाका - मस्ती कवि हूँ मैं दुनिया जीती है दिखावों पर पर मैं जीता हूँ यथार्थ में अभावों मेंI कवि हूँ... Poetry Writing Challenge-3 3 66 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कहाँ -कहाँ दीप जलाएँ कहाँ -कहाँ दीप जलाएँ चहुँ ओर अँधेरा धाए कहाँ कहाँ दीप जलाएँ मन के अंधेरे को दूर करने कितने दीप जलाएँI कहाँ -कहाँ दीप जलाएँI कुछ आडंबर, कुछ अंधविश्वास की... Poetry Writing Challenge-3 3 47 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read एक पल यादों से निकला एक पल दे गया दस्तक लिए मीठी कड़वी बातें मन के कोने में एक बच्ची बैठी है। अथाह मन के समंदर में हिलोरे लेता है विचार- जल... Poetry Writing Challenge-3 3 77 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read इमाराती प्रवासी का दर्द रे मन रे मन तू न हो उदास बढ़ने दे अपने मन की प्यास छू लेने दे जीवन का पारवार फैला मन को अपरंपार। जीवन यूं ही बीतेगा तू भला... Poetry Writing Challenge-3 3 60 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read आओ बैठें कुछ बात करें चलो ! आओ! बैठें कुछ बात करें । न तुम कुछ कहो न मैं कुछ कहूँ न मैं कुछ लिखूँ न तुम कुछ पढ़ो चलो! आओ! बैठें कुछ बात करें।... Poetry Writing Challenge-3 3 66 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read आई है होली रंगों का उपहार, लाई है होली ॥ खुशियों की बहार, लाई है होली ॥ लाल – गुलाबी, नीले -पीले रंगों का अंबार लाई है होली॥ सखी- सहेली, यार पुराने मिलने... Poetry Writing Challenge-3 3 53 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अब कुछ साधारण हो जाए अब कुछ साधारण हो जाए । कुछ अच्छा और कुछ ऊँचा करने की उम्मीद ले हम अपनों को छोड़ आए । आज छोटी-छोटी बातों के लिए हमारा मन तरसाए ॥... Poetry Writing Challenge-3 12 4 88 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अनुत्तरित जब कभी कुछ सोचती हूँ जब कभी कुछ सोचती हूँ मन के एक कोने में सुगबुगाहट –सी होती है क्यों सीता शक्तिशाली थी, तब भी रावण हर ले गया। दूसरों... Poetry Writing Challenge-3 6 2 52 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read अभी तो कुछ बाकी है जानेवाले मुसाफिर (उम्र) रुक जाओ जरा न आने दो जरा अभी तो मैंने नहीं देखा खुल के कोई बसंत अभी तो नहीं आया मेरे जीवन में कोई महंत अभी तो... Poetry Writing Challenge-3 4 60 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कहती है नदी कहती है नदी कहाँ मैं दूसरों की प्यास बुझती थी लोगों के मन को निर्मल करती थी, ज्ञान की धारा प्रवाहित करती थी, अब, मैं खुद ही अपना शुद्ध पानी... Poetry Writing Challenge-3 4 64 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read कोई दुख नहीं कोई दुख नहीं आज नहीं तो कल इस दुनिया को छोड़कर जाना ही है। कभी किसी के साथ खुश भी थे कभी किसी के न रहने का गम भी है।... Poetry Writing Challenge-3 3 52 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read चलो ऐसा करते हैं.... चलो ऐसा करते हैं एक दिन फोन से दूर हो जाएँ तो... एक दिन किसी अपने के साथ बिताएँ तो... चलो ऐसा करते हैं एक दिन माँ के साथ उसकी... Poetry Writing Challenge-3 4 73 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read संवेदनाएँ एक चीज कभी नहीं बदलती कहीं भी नहीं बदलती जैसी देश कोई भी हो चिड़िया पेड़ पर ही बैठती हैं। चाहे उसे एक पत्ते की ही छाँह हो, उसी तरह... Poetry Writing Challenge-3 4 71 Share Meera Thakur 6 May 2024 · 1 min read नि:स्तब्धता जब से तुम गए हो तुम्हारे साथ ही हँसी और शोर चले गए अब केवल और केवल चुप्पी /शांति है खोखली और नीरव न कोई आवाज है न कोई जज्बा... Poetry Writing Challenge-3 5 91 Share Meera Thakur 3 May 2024 · 1 min read संवेदनाएँ *संवेदनाएँ * एक चीज कभी नहीं बदलती कहीं भी नहीं बदलती जैसी देश कोई भी हो चिड़िया पेड़ पर ही बैठती हैं। चाहे उसे एक पत्ते की ही छाँह हो,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 5 147 Share Meera Thakur 19 Apr 2024 · 1 min read यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह जाती हैं। - मीरा ठाकुर Hindi · कोटेशन 5 308 Share Meera Thakur 19 Dec 2020 · 1 min read कोरोना का आगाज़ कोरोना....कोरोना...कोरोना.... सुन- सुन कर आ गया सभी को रोना, कितने लोगों को पड़ गया अपनों को खोना। लोगों से दूर हो गया नींद और चैना ॥ कई महीनों के लॉकडाउन... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 43 56 1k Share