Pakhi Jain Tag: गीत 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pakhi Jain 10 Nov 2022 · 1 min read कविता कविता शीर्षक -- जब से तुम पाषाण बने अश्रु प्रवाहित हुए नयनों से, जब से तुम पाषाण बने। भाव वेदना मय हो कर क्यों सपने सब नादान बने। बीती सदियाँ... Hindi · गीत 2 181 Share Pakhi Jain 2 May 2022 · 1 min read प्रणयिनी का वरण ही नहीं हो सका गीत-- कौमुदी देख मुस्का रही थी हमें, प्रणयिनी का वरण ही नहीं हो सका। प्राणपण से निभाया गया प्रेम पर, उर अनिर्णय क्षरण ही नहीं हो सका। पुस्तिका पृष्ठ भी... Hindi · गीत 2 2 130 Share Pakhi Jain 19 Feb 2022 · 1 min read बादलों पर नवगीत ★★★★★★★★★★ मुखड़ा बादलों पर घर बनाया, ख्बाव देखा एक प्यारा । कल्पना के गाँव में भी, कब बना है घर हमारा । अंतरा . नाव लहरों पर उछलती, दिख... Hindi · गीत 1 286 Share Pakhi Jain 24 Jan 2022 · 1 min read गीत --छोड़ गये क्यों सजना गीत मुखड़ा छोड़ गये क्यों सजना क्या भूल हमारी है ? किसे सुनाऊँ जाकर । विपदा जो तुम्हारी है । अंतरा-1 निद्रावस्था में त्यागा कुछ कह कर तो जाते शिशु... Hindi · गीत 2 2 226 Share Pakhi Jain 23 Nov 2021 · 2 min read प्रतिगीत गीत तर्ज ...हमने देखी है इन आँखों की .. प्रतिगीत ...सृजन प्रतिगीत ... हम ने देखी हैं तेरे दिल से निकलती आरज़ू, ख़ुद ही छूके इसे आँखों से असकाम न... Hindi · गीत 1 359 Share Pakhi Jain 22 Nov 2021 · 1 min read डाल अवगुंठन काव्यानुवाद अभिज्ञान शांकुतलम् से उस समय का श्लोक जब शकुंतला आश्रम से विदा हो रही है और सखी अनुसूया उसके साथ है ।मार्ग में विरहाकुल चकवी को देख कर शकुंतला... Hindi · गीत 1 412 Share Pakhi Jain 18 Nov 2021 · 1 min read गीत गीत.. मन चंचल है ,मन व्याकुल है बिखरा बिखरा ,तन आकुल है। तू बनता पतवार अगर तो छूटा नहीं किनारा होता। हम भी होते साथ आज यदि तूने दिया सहारा... Hindi · गीत 1 1 321 Share Pakhi Jain 21 Oct 2021 · 1 min read गीत जय माँ हंसासिनी मन के उद्गार कमल कदम ,सिंह आसन कर वीणा ,पुस्तक, शासन श्वेतांबरा ,पद्मासना ,माँ भवानी सुन ले पुकार तू है अंबे रानी ...। करुणा की सागर मैया... Hindi · गीत 1 220 Share Pakhi Jain 10 Oct 2021 · 1 min read कोठों की कैदी कुकुभ छंद 16-14 अंत में दो गुरु करुण रस शीर्षक -कोठों की कैदी प्राणहीन सी पड़ी हुई थी , देख कर वो मुस्कुराया । अपने ही पौरुष पर उसको ,कितना... Hindi · गीत 2 406 Share Pakhi Jain 9 Oct 2021 · 1 min read मचल पड़ी तिमिर को चीर ,रवि रश्मि निकल पड़ी। मंद स्मित देखो ,कलरव को मचल पड़ी। कोलाहल खग वृंद करते,पाखी नभ छू रहे। खनखन खनकते कँगना,अँगना में गूँज रहे। नखरीली पायल निगोड़ी,,पल्लू... Hindi · गीत 2 343 Share Pakhi Jain 9 Oct 2021 · 1 min read विद्याधारी छंद मापनी .. 222 222 222 222 कारे-कारे गेसू तेरे लूटे चैना, जागे-जागे नैना,सोई-सोई रैना। गोरी तेरी भोली बातें ,झूठा वादा। काली आँखें झूठी आँसू आये ज्यादा।। पानी की धारा सी... Hindi · गीत 460 Share Pakhi Jain 8 Oct 2021 · 1 min read नटवर नागर कहलाए गीत ****************** रखकर वंशी निज अधरों पर श्याम मंद-मंद मुस्काये। सोचे,बजाऊँ धुन कौनसी , नील कंठ को हरषाये। एक द्वंद छिड़ी है कान्हा के मन-मस्तिष्क के बीच मन-मुकुर झलकत है... Hindi · गीत 2 4 420 Share