Manjul Manocha 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read मैंने खुद को बदलते भी देखा है मैंने खुद को बदलते भी देखा है गिरते और सम्भलते भी देखा है फिसलते और फिर चलते भी देखा है बिखरते और सिमटते भी देखा है खुद को समझने की... Hindi · कविता 1 486 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read मन अंदर ही 'मन्दिर' मन अंदर ही मंदिर मन अंदर ही मस्जिद मन अंदर ही गिरजा मन अंदर ही गुरद्वारा फिर क्यों बाहर तू गुम घूम रहा हिन्दू-मुस्लिम-ईसाई-सरदारा बाहर लड़-लड़ वक्त गुज़ारा खुद को... Hindi · कविता 2 244 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read तेरे दिल का दरिया तेरे दिल का दरिया सुख चुका मेरे लिए ही सारा का सारा और कमबख्त मेरी प्यास तो बस इसी से बुझा करती थी ©️®️?️Manjul Manocha?️ ©️®️ “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · शेर 1 3 235 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read खालिस बरसात हो अगर तेरे दिल के दरिया में मेरी खताओं को बेदाग करने का दम फिर से एक बार कर दे बेदाग मुझे मेरी खताओं की फेहरिस्त का तो पता नही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 332 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read हो युवा तुम, वायु की रफ्तार रखो हो युवा तुम,वायु सी रफ्तार रखो जोश भी हो , और होश भी ऐसा तुम रूप धरो और व्यवहार करो बदलो रुख तुम शुष्क फिज़ा का सावन का अवतार रचो... Hindi · कविता 1 373 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read ज़िंदगी तू क्या है ज़िन्दगी तु क्या है, क्या है तु ज़िन्दगी ? ज़िन्दगी है तु क्या ,ज़िन्दगी क्या तु है ? जानना चाहता मेरा मन तुझे हर पहलू से है करना चाहता तुझसे... Hindi · कविता 1 278 Share Manjul Manocha 17 May 2021 · 1 min read सम्भल जाओ अ नेताओं, ये जनता है, झुका देगी सुनो और समझ लो ये ध्यान से अ नेताओं के इस आग से न खेलो तुम कुछ जागी है अभी और जागेगी कुछ भड़की है अभी और भड़केगी सम्भल जाओ... Hindi · कविता 1 347 Share Manjul Manocha 9 Feb 2021 · 1 min read एहसान फराहमोश न बन, इंसान बन न बन इस कदर एहसान फराहमोश न बन बक्शीं हैं बहुत सी नियामतें खुदा ने तुझे न बन तू इस कदर खामोश न बन नहीं मांगता वो तुझसे, 'अपनी' बंदगी... Hindi · कविता 1 1 222 Share Manjul Manocha 9 Feb 2021 · 1 min read नई ऊंचाइयां देने में लगा है 'वो' देश को नई ऊंचाइयां देने में लगा है 'वो' देश को जितना कर सकता है कर रहा है सब एक हों सरल,सहज न था, न है ,न होगा उसका रास्ता अपने-परायों, दोस्तों-दुश्मनों... Hindi · कविता 1 2 191 Share Manjul Manocha 9 Feb 2021 · 1 min read 'मैं' मैं जो हूँ 'मैं' वो नही हूँ मैं तो कुछ और हूँ मैं 'मैं' ही तो हूँ मैं नहीं कुछ और हूँ मैं मैं ही सिमटा हूँ 'मैं' इस 'मैं'... Hindi · कविता 2 2 296 Share Manjul Manocha 8 Feb 2021 · 1 min read तु थी कभी के नहीं , मेरी ज़िन्दगी में शामिल ©️®️ Manjul मनोचा©️®️ तु थी कभी के नहीं मेरी ज़िन्दगी में शामिल जब याद तेरी ओझल हुई तो सोंचे ये मेरा दिल..... तु थी क्या एक ख़्वाब सा जो था बड़ा हसीं या... Hindi · गीत 456 Share Manjul Manocha 8 Feb 2021 · 1 min read मंजिल है अभी दूर ©️®️ Manjul Manocha मंजिल है अभी दूर, कांटे पत्थर भी भरपुर दुश्मन भी बिछाये बैठा है जाल संभल कर चल अ राही तु ये अपनी मस्तमौला चाल खानी पडेंगी ठोकरें भी तुझको सहन... Hindi · कविता 1 237 Share Manjul Manocha 8 Feb 2021 · 2 min read 'क्या हो गया मेरे प्यारे देश को' क्या हो गया मेरे प्यारे देश को लगता है ये बीमार हो गया लग गयी इसको किसी की बुरी नज़र ये इसके अपनों के लिए ही अब एक बोझ एक... Hindi · कविता 1 4 233 Share Manjul Manocha 7 Feb 2021 · 1 min read # हाइकू 'झांक भीतर' @मंजुल मनोचा@ 1. चैन सुकून मिलते ना बाहर झांक भीतर 2.तुम गयी या जिंदगी गयी रूठ सी मुझसे 3.तुम मेरे हो और हम तुम्हारे हैं सब लारे हैं 4. काश कि तू... Hindi · हाइकु 1 3 225 Share Manjul Manocha 7 Feb 2021 · 1 min read मर रही है भावनाएं भावनाएं हैं मर रहीं बन रहा इंसान ज़िदा लाश देख कर ये सब दिल है बड़ा उदास टूट रहे सब रिश्ते नाते,मानवता का हो रहा विनाश इंसानियत है दम तोड़... Hindi · कविता 1 4 262 Share Manjul Manocha 7 Feb 2021 · 1 min read ज़ंज़ीर सी निगाहें मुज़रिम सा कैद कर लेतीं हैं मुझको ये तेरी ज़ंज़ीर सी निगांहें खामोश तो बस लब हैं तेरे इलज़ाम-ए-दीदार की सज़ा सुनाती हैं निगांहें गुनाह ये फिर भी बदस्तूर मैंने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 46 399 Share