प्रेमदास वसु सुरेखा 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रेमदास वसु सुरेखा 21 Aug 2024 · 1 min read हिन्दी का मैं इश्कजादा हिन्दी का मैं इश्कजादा हिन्दी का मैं प्रेमी हूं हिन्दी मेरी रग रग में है हिन्दी का में प्राणी हूं । प्रेमदास वसु सुरेखा Hindi · Quote Writer · प्रेमदास वसु सुरेखा · महान् सद्कवि · महान् सुरेखा · हिन्दी दिवस 64 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 21 Aug 2024 · 1 min read मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का मैं पुलिंदा हूं इंसानियत का कब तक जिंदा रहूंगा सच मेरी जबान से लोगों को कड़वा याद रहेगा प्रेमदास वसु सुरेखा Hindi · Quote Writer · प्रेमदास वसु सुरेखा · महान् सद्कवि · महान् सुरेखा 56 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 21 Aug 2024 · 1 min read अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है आज बोलने पर भी पाबंदी है दुहाई संविधान की देकर बात मनुस्मृति की करते हैं अरे! इंसानियत को मारकर हम शैतान की बात करते हैं। प्रेमदास... Hindi · Quote Writer · प्रेमदास वसु सुरेखा · महान् सद्कवि · महान् सुरेखा 83 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 21 Aug 2024 · 1 min read इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है दिखावा हम कर रहे खुले में वह आज है रोना रो रहे हैं दिखाकर वह आज जमाना है भुखमरी के इस संसार में... Hindi · Quote Writer · प्रेमदास वसु सुरेखा · महान् सद्कवि · महान् सुरेखा 68 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है एक एक ईट जोड़कर मजदूर घर बनाता है उस घर में अपनी भावनाएं अपने संवेग घोलता है पर वक्त के जमाने पर कितनी मार पड़ती है यह मजदूर अच्छी तरह... Premdas Vasu Surekha · Quote Writer 1 99 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है लेकिन जब मजदूर ही मजदूर की मजबूरी बन जाए फिर मजदूर का हनन होता है बेईमानी होती है खुद्दारी चली... Quote Writer 153 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है प्यार, मोहब्बत, इंसानियत का, खात्मा चल रहा है जी लो जिंदगी का सफर, हमें कब चले जाना है संवेदनाएं खत्म... Quote Writer 100 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 May 2024 · 1 min read संवेग बने मरणासन्न अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है प्यार, मोहब्बत, इंसानियत का, खात्मा चल रहा है जी लो जिंदगी का सफर, हमें कब चले जाना है संवेदनाएं खत्म... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रेमदास वसु सुरेखा · संवेग बने मरणासन्न · संवेदनाएं खत्म 1 94 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 26 Mar 2024 · 1 min read पैमाना सत्य का होता है यारों पैमाना सत्य का होता है यारों झूठ तो यारो बहरूपिया बोलता है जो खुद तो स्वयं बना प्रभू है और जनता का पता नहीं.... Quote Writer 144 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 26 Mar 2024 · 1 min read आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है आस्था स्वयं के विनाश का कारण होती है जो सबसे पहले विवेक को मार देती है और उससे ऊपर विचारों को आने नहीं देती आस्था भगवान का नकारात्मक रूप है। Quote Writer 133 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 26 Mar 2024 · 1 min read फिर से आयेंगे जाना इस दुनिया से सबको, हम भी जाएंगे काल, यार और प्यार की यादें बस छोड़ के जाएंगे पता नहीं ये जीवन का अब, कहाँ खेल कर जाएंगे खुम्मारी का... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · फिर से आयेंगे · विवेकशीलता · सत्य की खोज में स्वयं 1 218 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 18 Nov 2023 · 1 min read दुआ किसी को अगर देती है दुआ किसी को अगर देती है तख्तो ताज मगर, किसी की आह भी हुकूमत छीन लेती है जिंदगी की विरासत प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 1 319 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 18 Nov 2023 · 1 min read एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती, एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती, सींवा जोड़ खेत म्हारो चाव सूँ रूखाळती | ऊंचा ऊंचा टीबडा मै रूंखड़ा रो खेत हो , खेत रुजगार म्हारो खेत सूँ ही हेत... Quote Writer 1 878 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Nov 2023 · 1 min read असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता है। सत्य यही है।। Quote Writer 1 149 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Nov 2023 · 1 min read वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर Quote Writer 224 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Nov 2023 · 1 min read रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है। रेत समुद्र ही रेगिस्तान है और सही राजस्थान यही है। Quote Writer 222 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Nov 2023 · 1 min read प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी प्रेम नि: शुल्क होते हुए भी इस जीवन जगत् का सबसे महंगा सुख है क्यों हम इंसानियत खो रहे हैं बस Quote Writer 2 211 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 1 min read आज भगवान का बनाया हुआ आज भगवान का बनाया हुआ संसार ही भगवान को चुनौती देता है क्यों क्योंकि यही उसकी मूर्खता का कारण है। सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 357 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 1 min read सपनों के सौदागर बने लोग देश का सौदा करते हैं सपनों के सौदागर बने लोग देश का सौदा करते हैं फिर उन सपनों से ही देश को नीचा दिखाते हैं ऐसे सपनों से अपने को दूर रखो क्योंकि झोला लेकर... Quote Writer 440 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 1 min read कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं सिर्फ वे परायण हो चुके हैं दूसरों के आधीन दूसरों के कुकर्म में दूसरों की सभ्यता में और दूसरों के विचारों में सद्कवि... Quote Writer 512 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 1 min read वर्तमान समय में संस्कार और सभ्यता मर चुकी है वर्तमान समय में संस्कार और सभ्यता मर चुकी है एक नई सभ्यता उत्पन्न हो चुकी है और वह सभ्यता है खुम्मारी और पैसा इसी से लोग नयी सभ्यता को जन्म... Quote Writer 397 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 1 min read जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए वही जीवन का खात्मा है जिनका विश्वास जिंदा है वे हमेशा जिंदा रहते हैं सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 496 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 12 Jun 2023 · 9 min read गल्प इन किश एंड मिश गल्प इन किश एंड मिश गल्प इन किश एण्ड मिश गल्पकार ---प्रेमदास वसु सुरेखा जिन्दगी भौतिकता का सपना है, उसमे हर कोई डुबना चाहता है, यूजकर लू बस यही उसकी... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता 2 413 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 11 Jun 2023 · 1 min read वर्तमान दौर में सच का रास्ता बहुत मुश्किल है वर्तमान दौर में सच का रास्ता बहुत मुश्किल है क्योंकि इस आसन पर बैठे हुए लोग सिंहासन के अधीन है आज सिंहासन तभी मिलता है जब उनका उन्हें सपोर्ट होता... Quote Writer 213 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 11 Jun 2023 · 1 min read कभी न खत्म होने वाला यह समय कभी न खत्म होने वाला यह समय हम समय को ही अपना गुलाम बना लेते हैं और हम शहंशाह बन जाते हैं हम ही सृष्टि के कर्ता है और हम... Quote Writer 489 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 11 Jun 2023 · 1 min read अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है अपने हुए पराए लाखों जीवन का यही खेल है अपनों के ही खातिर प्यारो यही तो जीवन मेल है सच जब आंखों की पुतली से यारों पार उरती है अपने... Quote Writer 449 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 9 Jun 2023 · 1 min read स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा स्त्री का प्रेम ना किसी का गुलाम है और ना रहेगा पुरुष उसे अपना गुलाम बनाने को हर संभव प्रयास करता है और करता रहेगा यही पुरुष की सबसे बड़ी... Quote Writer 515 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 9 Jun 2023 · 1 min read सत्यता वह खुशबू का पौधा है सत्यता वह खुशबू का पौधा है जिसको आप काट दोगे छांट दोगे फिर भी उसमें खुशबू तो आती ही रहेगी यही सत्यता की पहचान है सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 451 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 3 Jun 2023 · 1 min read मुझे न कुछ कहना है मुझे न कुछ कहना है मुझे ना कुछ करना है इस मरी हुई जनता के लिए व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ही चाहिए सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 2 601 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 3 Jun 2023 · 1 min read संघर्ष वह हाथ का गुलाम है संघर्ष वह हाथ का गुलाम है जो कभी नहीं रुक सकता सिर्फ मंजिल पाने के लिए हाथ को ही गुलाम बनाना पड़ता है संघर्ष वह हाथ का गुलाम है। सद्कवि... Quote Writer 1 514 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 4 min read महात्मा ज्योतिबा फुले @@@@@ ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की (महात्मा ज्योतिबा)@@@@@ एक और एक जनता दो होते हैं ,दो से ही ये सृष्टि रची है दो कि शक्ति जानोगे, तो दो नहीं सौ... Hindi · फुले · महात्मा ज्योतिबा फुले · शानदार प्रस्तुति 1 158 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read ये कैसा भारत देश बना ये कैसा भारत देश बना बहरूपिये तेरे शासन में यहां बाते होती हिंदू मुस्लिम सरकार बनाने को तत्पर लोग पलायन करते हैं फिर सुविधाएं दरकार रही गायों पर बातें होती... Hindi · भाई भतीजावाद · भारतीय संस्कृति · सेवा भावना गायब 1 238 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read फिर आयेंगे दोस्तों जाना इस दुनिया से सबको हम भी जाएंगे काल यार और प्यार की यादें बस छोड़कर जाएंगे पता नहीं ये जीवन का अब कहां खेल कर जाएंगे खुम्मारी का लोटा... Hindi · कविता · जीवन यायावरी · फिर आयेंगे दोस्तों 1 152 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 2 min read क्यों ना धूम मचाएगा हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा बहुरूपिये के शासन में हिंदू-मुस्लिम खेला जाएगा रोजगार की बात ना होगी जन का तेल निकाला जाएगा चुनाव जब आयेंगे कोई... Hindi · कुकर्मी का हर्ष बुरा · कुकर्मी नायक · मौत का सौदागर हिटलर · हर डाली पर उल्लू 1 242 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read सद्गुरु कबीर सदगुरु कबीर शीर्षक किस आंचल में जन्म लिए तुम ,कोई पता नहीं पाया लालन पालन हुआ जहां पर, पर्णकुटी की थी छाया शब्ददिश लाचार रहे तुम, दुनिया की नजरों में... Hindi · कविता · महात्मा कबीर · शानदार अभिव्यक्ति 1 238 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 2 min read क्या हुआ आपको ??????? क्या हुआ आपको ??????? फेकू जी फेकू जी, क्या हुआ आपको सत्ता के मद में ,भूल गये मां को क्या हुआ आपको , क्या हुआ आपको ??? पहले झूठ... Poem · क्या हुआ आपको · बहुरुपिया 1 210 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 2 min read वीर की शोभा वीर की शोभा नहीं वीर की बातें वीर की शोभा नहीं वीर की बातें वीर की शोभा नहीं वीर की बातें धरती जलती अग्नि जलती जलता पूरा गगन धरती जलती... Hindi · कविता · पुरस्कार · वीरता 1 293 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read ऐ वसुत्व अर्ज किया है.... ऐ वसुत्व अर्ज किया है.... वक्त का समन्दर थमने ना देंगे खुशियां लौट जाये ये होने ना देंगे ऐ वसुत्व के रखवाले नर सुरेखात्व को वसुत्व से जुद़ा ना होने... Quote Writer 1 472 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत बची हुई फिर जीवन रेखा हो जाती अनंत सच जुबानी ही बन जाता जीवन का सन्त चुभने लगती उसकी बातें कर... Quote Writer 1 528 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read दुनिया इश्क की दरिया में बह गई दुनिया इश्क की दरिया में बह गई जनाब सब लुट गया , बिक गया , फिर भी वतन इन रख वालों के नाम रह गया ***नमन पुलवामा वीरों को ***... Quote Writer 1 466 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read ****शिरोमणि**** ****शिरोमणि**** जो टूट पड़ा था मुगलों पर वह वीर शिरोमणि राणा था जिसने रजपूती धरती को अपने लहू से सींचा था वह आन बान और शान के खातिर वनों में... Quote Writer 1 692 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल शासन की हठधर्मिता, नव चाल जागो अधिकारों पर ला दो,फिर ज्वाला सबसे कह दो,युवा , युवा मतवाला ...... सम्मान जब नाक की बाली बन जाए... Quote Writer 1 158 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read ***संशय*** ***संशय*** नदियों के सागर में सागर फिर महासागर में जीवन की सच्चाई मे सच्चाई फिर महासमर में हर बार परीक्षा देती है क्यों नारी की शुचिता में वो मानव भी... Quote Writer 3 572 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु गुरु मांत है गुरु पिता है गुरु गुरु सर्वे गुरु हाथ जोड़ वन्दन करु जग कल्याणम् गुरु गुरु सद्कवि - प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 1 281 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी वो राग हुआ विराग हुआ किस के जीवन अभिशाप बनी सद्कवि प्रेमदास वसु सुरेखा Quote Writer 1 643 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं मानवता ना मरने दूं कहने वाले कहते रहेंगे मैं सत्य सारथि बन के रहूं Quote Writer 1 491 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 1 Jun 2023 · 1 min read मानवता की बलिवेदी पर सत्य नहीं झुकता है यारों मानवता की बलिवेदी पर सत्य नहीं झुकता है यारों त्याग तपस्या के ही बल पर आगे बढ़ते हैं यारों जीवन का यही अर्थ रहा है मुश्किल पर डटते रहना सत्य... Quote Writer 1 443 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 1 min read मैं अपवाद कवि अभी जीवित हूं मैं अपवाद कवि अभी जीवित हूं मानवता नहीं मरने दूं सच आंखों की पट्टी से खुमारी का रूप उतारू मैं जनता कवि अभी जीवित हूं जन-जन की मैं बात करूं... Hindi · अपवाद कवि · कविता · मानवीय कवि 1 327 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 2 min read पर हिम्मत कभी हारी नही -------पर हिम्मत कभी हारी नहीं------ ___________________________________________ मैं थक चुका हूं टूट चुका हूं पर हिम्मत कभी हारी नहीं है कौन जगत में किसका यह सब एक धोखा है कर्म पथ... Hindi · कविता · पर हिम्मत · शानदार 1 190 Share प्रेमदास वसु सुरेखा 31 May 2023 · 1 min read चलो सच को गले लगाते हैं चलो सच को गले लगाते हैं। सत्य जब डर कर बैठ गया हो कहां सहारा पाएंगे आंखों के अश्रु को भी हम गंगाजल ही बनाएंगे न्याय नहीं मिलता जब यारो... Hindi · कविता · तानाशाही · सच को गले लगाते हैं 2 257 Share Page 1 Next