मधुसूदन गौतम Tag: कविता 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मधुसूदन गौतम 19 Oct 2024 · 5 min read हिंदी काव्य के छंद हिंदी काव्य में अनेकों छंद बद्ध रचनाएं मिलती है। उनमें से हिंदी काव्य के छंद विवरण में बारी बारी से पश्चात करूंगा। सर्वप्रथम मात्र आधारभूत जानकारी देने की कोशिश करता... Hindi · कविता 1 23 Share मधुसूदन गौतम 14 Oct 2024 · 1 min read रावण न जला हां ज्ञान जला। ज्ञान जला ,या घमंड जला। मुझको कुछ न पता चला। रावण के संग क्या स्वार्थ जला, या फिर भीतर का दंभ पला, किसके घमंड की ली आहुति, कुछ समझ न... Hindi · कविता 39 Share मधुसूदन गौतम 10 Oct 2024 · 1 min read रतन महान , एक श्रद्धांजलि रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते कविता: (हे महामानव तुम्हे प्रणाम) रतन सा चमकता एक सितारा, देश का गौरव, मान हमारा। निज स्वप्नों को जो साकार किया, परहित में जीवन... Hindi · कविता 2 43 Share मधुसूदन गौतम 6 Oct 2024 · 1 min read समझ समझ अपने नही आता समझ को कौन समझायें। समझते खुद नही जो वो कैसे किसको समझायें।। समझना भी ज़रूरी है मगर किसके यहां जाये। समझ मे यह नही आता बिना... Hindi · कविता 34 Share मधुसूदन गौतम 4 Oct 2024 · 1 min read खर्च कितना करें खर्च करो बस इतना। जिसका कमाओ दुगना। खर्च करोगे गर ज्यादा तो , लोन पड़ेगा लेना । बदले में फिर चैन छिनेगा , और ब्याज पड़ेगा देना। कभी कभी तो... Hindi · कविता · गीत 2 115 Share मधुसूदन गौतम 3 Oct 2024 · 2 min read *नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा ★नव दुर्गा स्तुति★ मैया ऋ जगदम्बे मैया "मधु" बालक नादान है। चरण शरण में लेले ऋ मैया,दे अभय का दान है। नवरात्रि में पूजा होती नव दुर्गा कहलाय माँ कोई... Hindi · कविता · गीत 1 1 146 Share मधुसूदन गौतम 2 Oct 2024 · 1 min read महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर अहिंसा का पुजारी ,सत्य व्रत का धारी। गांधी महामानव , का जन्म दिवस है। वेश जिसका धोती, न माला कोई मोती। साधारण सी लाठी , यही कुछ बस है। अचूक... Hindi · कविता 108 Share मधुसूदन गौतम 22 Sep 2024 · 1 min read बिटिया प्यारी *बेटी दिवस पर विशेष* आई दुनिया में बिटिया प्यारी , गूंजी नन्ही सी किलकारी। परी सुहानी घूमा करती, उछल कूद गोदी में करती, कभी मटकती ,कभी लिपटती, पापा संग अठखेली... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 215 Share मधुसूदन गौतम 13 Jul 2024 · 2 min read हीरो बन जा मैं कहता हूं हीरो बन जा। जीवन में जो जीरो बन जा।। जीरो क्या है ,सोच तू इस पर, गणित टिकी है , सारी जिस पर, बता मुझे तू जीरो... Hindi · कविता 1 89 Share मधुसूदन गौतम 10 Apr 2022 · 2 min read सिध्दिदात्री नवम नवरात्रि देवी महात्म्य अंक 9 ★सिध्दिदात्री★ ***************************** नवमी का दिन नवराता का,सिध्दिदात्री मैया का। नंदा पर्वत पर आप विराजो ,सो नंदा नाम भी मैया का। * सकल सिद्दी का फल मिलता... Hindi · कविता 212 Share मधुसूदन गौतम 9 Apr 2022 · 1 min read बीबी से बहस करे जो बीबी से गर बहस तो , तहस नहस ही ये जिंदगी है। गुलाब जैसी ये जीस्त समझो, अगर जो बीबी से बन्दगी है। अगर वो दिन को जो... Hindi · कविता 2 258 Share मधुसूदन गौतम 6 Apr 2022 · 1 min read मुक्तक यह तो कोई बात नहीं मैं बोलूं और तुम सुन लो ,यह तो कोई बात नहीं। मैं मौन रहूँ अरु तुम सुन लो ,इससे बड़ कर बात नहीं। ये आंख मिले तुमसे मिलकर,नूतन इसमें क्या... Hindi · कविता 323 Share मधुसूदन गौतम 2 Apr 2022 · 1 min read भारतीय नूतन वर्ष पर हम गर्मी के वंशज है जी और गर्मी हमको भाती है। देख हमारी गर्मी को फिर , रूहें सबकी डर जाती है। होंगे ठंड उपासक कितने ,जिनको ठंडक भाती होगी।... Hindi · कविता 1 384 Share मधुसूदन गौतम 5 Jan 2021 · 1 min read वोट मांगते देखा है। सरस्वती तेरे पुत्रो को मैंने गिरते देखा है। तेरा दामन स्वेत कहाँ ,दाग लगाते देखा है। तेरे अब पूजक माता,वोट मांगते डोल रहे। सच तेरे अनुयायिओं को ,नेता जैसे देखा... Hindi · कविता 2 13 363 Share मधुसूदन गौतम 14 Aug 2020 · 1 min read छंद आज चौदह अगस्त का , दिवस वह काला। टुकड़े टुकड़े हिन्द को,कभी कर डाला। पर्व आया आजादी,डूबा उजाला। सत्ता के लिये ही तो , विघ्न कर डाला। जल्दबाज़ी भीक्या थी... Hindi · कविता 1 2 357 Share मधुसूदन गौतम 20 May 2020 · 1 min read काश हम बेज़ुबां होते काश हम बेज़ुबान होते। फिर न तो बदगुमान होते। और न ही बदजुबान होते। गर न होता किसी को , कुछ भी जताने का हुनर। तो कहां से होती किसी... Hindi · कविता 3 3 286 Share मधुसूदन गौतम 29 Mar 2020 · 1 min read इतना डर क्यो ? *भय किससे,किसको ,किसलिये* ************************** थम सा गया है, यह जन जीवन , यह मचलते तन, पार्लर जाते बदन, उछलता यौवन, शरारती बचपन , कक्ष में रम सा गया है थम... Hindi · कविता 3 4 323 Share मधुसूदन गौतम 16 Feb 2020 · 1 min read हे बसन्त तू क्यो आया हे वसन्त तू क्यों आया। दसों दिशा से चढ़ आया। मादकता का मौसम क्या, हर डाली इतराती है। सूखी सूखी टहनी पर , तेरी लाली छाती है। फूल बाग में... Hindi · कविता 1 2 252 Share मधुसूदन गौतम 8 Feb 2020 · 1 min read टेढ़े संग मुलाकात *शिल्प रहित कुछ बन्ध* टेढ़े मेढे यार की टेडी टेढ़ी मैड़ी बात। मैं जानूँ क्या री सखी,क्या मेरी ओकात। टेढ़ो सो मेरो सखा ,बाँके वाको नाम। बिन बाँके बन बावरी,... Hindi · कविता 1 268 Share मधुसूदन गौतम 28 Oct 2019 · 1 min read हैपी या अनहैपी दीवाली? हेप्पी दिवाली कहने वालो तोते जैसे रटने वालो किस से बोल रहे हो तोलो फिर चाहो तो खुलकर बोलो किस का निकला आज दिवाला और किसकी मनी दिवाली। किसका छिना... Hindi · कविता 2 2 244 Share मधुसूदन गौतम 26 Oct 2019 · 1 min read बन्धन ******अल सुबह****** चल पंछी पिंजरे के अंदर। देख भला बन्धन के मंजर। हो आजाद बहुत तू घूमा। इस दर से उस दर को चूमा। बन्धन तोड़ निकलना। किससे मुक्ति ?क्यो... Hindi · कविता 1 242 Share मधुसूदन गौतम 20 Oct 2019 · 1 min read किसलिये मुँह में रखते राम आखिर किसलिये। गर हुए बदनाम आखिर किसलिये। प्यार में पगलाये जाते हो सुनो । पूछते अंजाम आखिर किसलिये। *कलम घिसाई* Hindi · कविता 2 393 Share मधुसूदन गौतम 15 Oct 2019 · 2 min read खूब कमाते मगर भिखारी तन मेरा था मन मेरा था , लेकिन मिलन नही होया। बचपन में डरता पापा से, छुप छुप कर तन्हा रोया। थोड़ा बड़ा हुआ तो कांधे, बांध दिया मेरे बस्ता।... Hindi · कविता 1 2 287 Share मधुसूदन गौतम 14 Oct 2019 · 1 min read नोकरी मेरी इकलौती महबूबा, बताये रोज़ नखरे क्यो? तुझे मालूम तेरे बिन , नही कुछ भी कभी हूँ मैं। लगाती रहती है ठोकर, पड़े मरज़ी जिधर ही तू। कहे फिर नॉकरी... Hindi · कविता 1 305 Share मधुसूदन गौतम 12 Oct 2019 · 1 min read हिम्मत न हार यार वक्त पर निर्भर है दोस्त, हाय, बाय ,नमस्कार। पर तू मत बदलना , कम मत करना प्यार, कुछ भी हो मेरे मन, हिम्मत न हारना यार। सदियों की रीत है,... Hindi · कविता 398 Share मधुसूदन गौतम 12 Oct 2019 · 1 min read वक्त है वक्त तू ठहरता नही है। मैं तेरे साथ चलता नही हूँ। तू किसी को कब तलाशता, मैं तुझे कभी मिलता नहीं हूं। तू ठिक जाता है जबकि तेरी फ़ितरत... Hindi · कविता 250 Share मधुसूदन गौतम 8 Oct 2019 · 1 min read मै रावण ही सही मैं तुम से दूर रहता हूँ। कारण साफ कहता हूं। अच्छाई बुराई दोनों है मुझमे। अच्छाई ज्यादा बुराई कम है। लेकिन मुझे जिस बात का गम है। वो बस इतनी... Hindi · कविता 1 2 299 Share मधुसूदन गौतम 8 Oct 2019 · 1 min read मै रावण ही सही मैं तुम से दूर रहता हूँ। कारण साफ कहता हूं। अच्छाई बुराई दोनों है मुझमे। अच्छाई ज्यादा बुराई कम है। लेकिन मुझे जिस बात का गम है। वो बस इतनी... Hindi · कविता 1 1 363 Share मधुसूदन गौतम 1 Oct 2019 · 1 min read ज़रा छोड़ो ये मोबाइल एक मुक्तक मापनी (1222 1222 1222 1222) ******************************* सदा रहते हो खोए क्यों,कभी तो मुस्कुराओ जी। तनिक छोड़ो ये मोबाईल,हमारे पास आओ जी। जरा बैठो घड़ी दो चार , कहो... Hindi · कविता 1 224 Share मधुसूदन गौतम 1 Oct 2019 · 1 min read ज़रा छोड़ो ये मोबाइल एक मुक्तक मापनी (1222 1222 1222 1222) ******************************* सदा रहते हो खोए क्यों,कभी तो मुस्कुराओ जी। तनिक छोड़ो ये मोबाईल,हमारे पास आओ जी। जरा बैठो घड़ी दो चार , कहो... Hindi · कविता 226 Share मधुसूदन गौतम 1 Oct 2019 · 2 min read नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां ***************************** देवी महात्म्य * अंक 3* *चन्द्रघण्टा* ---------------------------------------------- दिवस तीसरे नवराता को , जिसको पूजा जाता है। वह स्वरूप है चन्द्रघण्टा , दुर्गा का माना जाता है। स्वर्ण समान कांति... Hindi · कविता · गीत 3 4 405 Share मधुसूदन गौतम 30 Sep 2019 · 1 min read देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2* *दुर्गा महात्म्य अंक 2* ***************************** नवराता का दिवस दूसरा ,माता ब्रह्म स्वरूपा है। ब्रह्मचारिणी ,और अपर्णा ,उमा नाम सतरूपा है। ब्रह्म नाम है एक तपस्या , जिसका आचरण भारी है।... Hindi · कविता · गीत 1 2 511 Share मधुसूदन गौतम 29 Sep 2019 · 2 min read देवी महात्म्य प्रथम अंक दुर्गा महात्म्य *प्रथम अंक* ??????????? आज सुनाऊँ तुमको गाथा ,धर्म सनातन भारी है। जिसमें ध्याते देव अनेको ,सबकी महिमा न्यारी है। पर कलियुग में पाँच देव को , सबसे ज्यादा... Hindi · कविता · गीत 3 6 908 Share मधुसूदन गौतम 26 Sep 2019 · 1 min read माँ माँ त्यागी होती है। दुनिया भी कहती है। माँ सब कुछ देती है, माँ बस वरदानी है। यह बात पुरानी है। अब और कहानी है। माँ न्यायालय जाती। यह मेरी... Hindi · कविता 3 268 Share मधुसूदन गौतम 21 Sep 2019 · 1 min read दो बूँद दो बूंद गिरी थी पलकों से दोनों ही मुझको प्यारी थी। एक पड़ते ही फिसल गई। बहने की उसकी बारी थी। दूजी धरती में मगन हुई , उसकी जो गति... Hindi · कविता 1 2 469 Share मधुसूदन गौतम 19 Sep 2019 · 1 min read मेला मेला एक भीड़ भी है ,तो एक संस्कार भी। मेला एक मेलापक है ,तो एक बाजार भी। मेला एक मनाटन ,मनोरंजन अपार भी। मेला एक संस्था भी है ,तो एक... Hindi · कविता 1 2 246 Share मधुसूदन गौतम 15 Sep 2019 · 1 min read बाज़ार मैं बाजार हूँ मैं भावनाओ से नही, आदर्शो से भी नहीं, मैं सिर्फ मूल्यों से चलता हूँ। जो काम की होती है, उन वस्तुओं से ही, अक्सर सजता हूँ। काम... Hindi · कविता 251 Share मधुसूदन गौतम 12 Sep 2019 · 1 min read नया मोटर वाहन अधि नियम 2019 * नए मोटर अधिनियम पर तुकबन्दी* ********************** मानो बात यकीनन है। मोदी है तो मुमकिन है। तुमसे कार छुड़ा देगा। सबको जमी पे ला देगा। साइकिल मंहगी कर देगा। स्कूटी... Hindi · कविता 2 265 Share मधुसूदन गौतम 30 Jan 2018 · 1 min read देश भक्ति का पाठ आओ तुमको पाठ पढ़ाऊँ देश भक्ति के ज्वार का। लोगो में फिर जोश जगाऊँ मुफ्त के उदगार का। जोर जोर से चीख चीख कर नारे खूब लगाओ तुम। देकर गाली... Hindi · कविता 2 504 Share मधुसूदन गौतम 14 Jul 2017 · 1 min read भाम छ्न्द भाम छंद◆* विधान~ [ भगण मगण सगण सगण सगण] ( 211 222 112, 112 112) 15 वर्ण, यति 9-6 वर्णों पर,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] बारिश सारी रात जमी,तन भीग... Hindi · कविता 1 936 Share मधुसूदन गौतम 11 Jul 2017 · 1 min read मदकलनी छ्न्द कलम घिसाई मदकलनी छ्न्द पर 11112 ,11112,11112,11112 *******†********†*********** पिक बयनी, मृग नयनी , मन बस जा ,मन हरषा। ससुर सुता , बन वनिता, उर रमजा,मत तरसा। मदछकिया, मन रसिया, तर... Hindi · कविता 1 357 Share मधुसूदन गौतम 6 Jul 2017 · 1 min read तुम झूंठे हो कलम घिसाई। ****************************** तुम झूंठे हो तुम पागल हो जो छाता लाये साथ में। मुझसे क्यों बोला था बोलो भीगेंगे बरसात में। मै पागल थी भीग गई आकंठ प्यार में... Hindi · कविता 434 Share मधुसूदन गौतम 14 May 2017 · 2 min read माँ एसी भी होती है। ** मातृ दिवस पर *** मेरी कलम घिसाई +++++++++++++++++++++++ माँ तुम कहाँ हो? मुझे नही पता। तुम्हने मुझे जन्म देकर, झाड़ियो में फेंक दिया था। पर मुझे कुत्तो सुअरो ने... Hindi · कविता 732 Share मधुसूदन गौतम 13 May 2017 · 1 min read कोटेशन इज्जत बेचकर सब कुछ पाया जा सकता है। परन्तु सब कुछ बेचकर इज्जत नही पा सकते । ठीक उस तरह से की पेड़ काटकर फर्नीचर बना सकते है। पर फर्नीचर... Hindi · कविता 320 Share मधुसूदन गौतम 1 May 2017 · 1 min read तू भी.... मै भी.... मजदूर दिवस पर कुछ कलम घिसाई मैंने भी कर दी आज। +++++++++++++++++++++++ ?मै भी .... तू भी..?.( कलम घिसाई) ********************* मै मजदूर तू मजदूर। फिर किस बात का फितूर। क्या... Hindi · कविता 325 Share मधुसूदन गौतम 23 Apr 2017 · 1 min read बीती बाते रहने दे बीती बाते रहने दे। कुछ भीगी पलके रहने दे। वक्त गया जो स्वर्णिम था। अब प्रस्तर युग को सहने दे। लौट वक्त कब आता है। बस मन में यादे दे... Hindi · कविता 1 348 Share मधुसूदन गौतम 17 Apr 2017 · 1 min read अहसास नाजुक सा खुबसुरत अहसास* ** जाना तो चाहता हूँ मै भी। कब रुकना चाहता हूँ। अतिथि हूँ , तो ठहर भी कैसे सकता हूँ? पर मेरे पानी का मोल ही क्या? निकलता... Hindi · कविता 1 289 Share मधुसूदन गौतम 16 Apr 2017 · 1 min read विमला छंद *विमला छन्द* (सगण+मगण+नगण+लघु+गुरु, ११ वर्ण, ४ चरण, दो-दो चरण समतुकान्त) 112 222 111 12 तुझसे मेरा जीवन महका। तुझसे मेरा आंगन चहका। तुझसे ही ये जीवन चलता । तुझमें ही... Hindi · कविता 1 462 Share मधुसूदन गौतम 16 Apr 2017 · 1 min read विमला छंद *विमला छन्द* (सगण+मगण+नगण+लघु+गुरु, ११ वर्ण, ४ चरण, दो-दो चरण समतुकान्त) 112 222 111 12 तुझसे मेरा जीवन महका। तुझसे मेरा आंगन चहका। तुझसे ही ये जीवन चलता । तुझमें ही... Hindi · कविता 593 Share मधुसूदन गौतम 2 Apr 2017 · 1 min read अभी अभी तो जन्मा हूँ अभी तो मै जन्मा हूँ,कुछ दिन मौज मनाने दो। अभी करो नही बड़ा,कुछ दिन तो इठलाने दो। आज नही तो फिर कभी बचपन तो छुटेगा ही। इतनी जल्दी काहे की... Hindi · कविता 373 Share Page 1 Next