Kunal Kanth 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read तुम जा चुकी और आख़िर में ये सत्य की तुम जा चुकी हो जब जेहन को कुरेदती है न तो ग़ज़ल नग्में कविता नहीं उग आते अपितु बहते है पस और रेहा रेहा... Hindi · कविता · तुम · सत्य 1 133 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read खुन लिए जेहन में गर्म खुन लिए पला ला-त'अय्युन लिए क्या दशहरा दीवाली ईद जी रहा जब तग़ाबुन लिए खुरैच देना नफ़रत जड़ से बैठा हूॅं कल से नाखुन लिए तितलियाँ भी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 82 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read होना खुद को काफ़ में महदूद कर बे- नाम -ओ - निशाँ होना तुम्हें आसान लगता है मिरा मुंतख़ब रूह-ओ-रवाँ होना इब्तिदा से हसरत पाला नफ़रत तीरगी रंजिस मिटाना मसलन दस्तियाब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 83 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read लिख रहे समझ सको तो समझो कुछ सहल लिख रहे है हम सियासी दाव - पेंच को अबल लिख रहे है जिनके हाथ किताबत में बातिल अफसानों से रंगे वो आज रास्त... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 76 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read चाटिये क़्लब को आरज़ू-ए-ख़ुद-नुमाई है चाटिए चाटना हि आपका सुख़न-सराई है चाटिए डार्विन हेरोडोटस सब बेकार साबित हुए पंडित ख़तीब मजहब देशी पढ़ाई है चाटिए बुलडोजर सामने पाएँगे गर आप जुबाॅं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 103 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read रफाकत में क़ाफ़िया पैमाइस ओ कसाफ़त में उम्र कट रही अब इसी रफ़ाक़त में क्यों करता मलाल उसके हिज्र का आख़िर रखा हि क्या है ख़िजालत में चलो खुद पे फ़क़त पढो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 71 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read अच्छा लगा मुद्दतों बाद शफ़क़ बूक-ओ-मगर अच्छा लगा आप जिस नज़र से देख रहे नज़र अच्छा लगा रंज अफ़्सुर्दगी अज़ाब दर्द सब मरहम हुआ उफ़ आपसे टकराना सर-ब-सर अच्छा लगा वैसे तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 87 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read इश्क की मुख़्तलिफ़ हैं सिफ़ात इश्क की आओ करते है बात इश्क की जिन-ओ-शैताँ तो नफ़रत के रु म'गर है खुदा ओ रास्त इश्क की पैदा सब इब्न-ए-आदम इश्क से कुछ नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 83 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल में है मत पूछिए क्यों कर इकारा ग़ज़ल में है वो जानते है जिन्हें उकेरा ग़ज़ल में है ऐब-ए-शुतुरगर्बा हो गर बे-नजर ऐब से फ़िर तो ख़सारा हि ख़सारा ग़ज़ल में है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 80 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read क्या शर्म सर - ब - सर फाका करे क्या शर्म चौकीदार फ़क़त वादा करे क्या शर्म नेता लगे पड़े नोट कुर्सी इंहिज़ामी में भूख नादारी बदन डाका करे क्या शर्म रू... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 94 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read कुछ नहीं ना-रसा बेमज़ा हम-ज़बाँ कुछ नहीं जाम है शाम है माजरा कुछ नहीं बेसबब बेबसी नाज़ में किस लिए आबरू मुश्कबू ओ कजा कुछ नहीं आरज़ी रास्त का कूकरम हर तरफ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 56 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read कौन करें वहशत में वहशत का तक़ाज़ा कौन करे अब इस उम्र जर्द ओ रंज इजाफा कौन करे हाँ तस्सल्ली है मुझको तमस में जी कर भी यार फूजूल में हर बात... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 89 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read कामिल नहीं होता छूट जाता पर कभी कामिल नहीं होता तिरे बगैर ये म'आनी हासिल नहीं होता नजर लग जाती तुम्हें आईने की जानेमन तेरे रु पे गर नुमाया काला तिल नहीं होता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 93 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read वहशतें रंज-ओ-ग़म से अक्फ़र वहशतें मेरे क़ल्ब में कर गई घर वहशतें मैं भी अपने दौर का उम्दा क़ैस था ज़ब्त करेगी बदन सर ब सर वहशतें वो लोग जो इश्क... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 67 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read जानते है सुखन सराई कर्ब-ज़ा है रवाँ² जानते हैं हम ज़माने से सबकुछ अयाँ जानते हैं राह-ए-हक़ पर सबको चलना अकेले हि साथ देगा न कोई राज़-ए-निहाँ जानते हैं मुझसे इश्क है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 114 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read हंसिए हर म'आनी में ज़िंदगी हसीं रुबाई है हँसिये हँसना हि यार हर मर्ज की दवाई है हँसिये इल्म ए अरुज अमन ए रिहाल सब फूजूल बातिल मे'यार अब सुखन -... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 56 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read ऑंखें तुम्हारे आँखों पे क्या अलंकार लिखूँ होश रहे तो न स्याह पकडू नशा भी हाथ पांव जोड़ खड़ी है कतार में अरे क्या तीव्र अलौकिक सौंदर्य है फलकों पे फिसल... Poetry Writing Challenge-2 · आंखे · कविता · तुम 107 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read मुस्कुराहट दमे-रुख़सती थे जो नाशाद मुस्कुराहट सफ़र में रहे मुझे हर इक याद मुस्कुराहट लबों पर लगा दोगे पहरे तो लेकिन न रोके रुकेंगे ये आज़ाद मुस्कुराहट सितमगर करेगा सितम बे-ख़ता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 147 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read उठाएँगे मौत रंज क़फ़स सारे का सारा उठाएँगे रास्त के लिए तो हर इक खसारा उठाएँगे मैं सॅंवारा गया हूँ दर्द ओ लहु की छिट से इतना आसान नइ जो आप... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 70 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read इजहार बने मुस्कुराहट त'अल्लुक़ ए इजहार बने मुस्कुराहट त'अल्लुक़ ए इकरार बने तु ख़ुशी - ख़ुशी देख सके हर ख्वाब शफ़क रूह तिरे चाहत का बाजार बने तिरे गेसुओं के साये में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 66 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read आगोश मिले हल्क़ा-ए-आग़ोश मिले तिरे निगाह में पाग़ोश मिले आओ कभी नज्म़ ग़ज़ल बन कर हसरत है अब आफ़ियत-कोश मिले सुकूँ ए क़ल्ब होगा मिरे लिए गर आँख खुलते तिरा रु पुर-जोश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 68 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read तबियत बदलती है सुखन गोई तबी'अत बदलती है मुतवातिर ख़िबरत बदलती है इश्क करो तो क़ितमीर रख कर वक़्त वक़्त पे जरूरत बदलती है मत करो खर्च मुझपे उम्र ओ इश्क आवारा हूॅं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 61 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read बहर हूँ सर्द-मेहरी ओ फ़र्द अजब- तर हूँ ना होना था म'गर सर- ब - सर हूँ मुझे रंज के मुआफ़ीक तोलने वालों बदमाशियों का मैं शफ़क़ अख्तर हूँ हो तुम शम्स... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 54 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read माहौल में मदफ़न सुखन तस्दीद के माहौल में या'नी लहू तस'ईद के माहौल में ओढ़ता हूँ किरदार कई कई अफसानों का मिलो मुझसे नहीं तुम ख़ुर्शीद के माहौल में हो गया इक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 76 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read वीरान जाने दक़ीक़त पुर-शिकन वीरान जाने सुखन में बारहा शमशान जाने हुआ जो दर्द तन्हा नीमजाँ तो ग़ज़ल इबरत जुनूं मीज़ान जाने क्या दुनिया ख़ुदा बिस्मिल फ़ज़ा सुख़न-गोई में बस ख़ासान जाने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 97 Share Kunal Kanth 24 Jan 2024 · 1 min read किताबें सुनो प्रिय किसी राह किसी मोड़ पे क्षितिज के उस पार जब हम दुबारा मिले तो ! एकदूसरे के लिए हम ढेर सारी किताबें ले कर आएँ (यद्यपि ये जानते... Poetry Writing Challenge-2 · किताबें · तुम · सफ़र 126 Share Kunal Kanth 19 Jun 2023 · 1 min read मर्द रहा जाहिल बे-मुरव्वत दश्त-ए-नवर्द रहा युहीं कहाँ मआसिर से नज़री-फ़र्द रहा खौफ कैसा उसे कपड़े छीन जाने पे जो इब्तिदा से हि मुजर्रद-ए-मर्द रहा मुझको तो हारना हि था आख़िर में... Hindi · कविता · ग़ज़ल · शेर 301 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read शुरुआत तुम से है बन सको तो बनो इंशान शुरुआत तुम से है उखाड़ फेको नफ़रत यार बदलाव तुम से है कब तक जाति मजहब से ग्रसित रहोगे तुम हर चेहरे में एक चेहरा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 186 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read जवानी से उम्र गुजरेगी कब गुल-फ़िशानी से यक़ीं उठ गया यार हर कहानी से कैसा गुमाॅं कैसी ख़ुशी कौन सा ताज़ रंज के सिवा मिला हि क्या ज़वानी से मुझको ने'मत में... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 400 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read जलाया जाऊँ लहजा जबसे रखा उबूदियत ए मीर का खौफ नहीं गोला बारूद खंजर तीर का मैं जिंदा गाड़ा जाऊँ या जलाया जाऊँ ये मस'अला है कुछ मजहबी जमीर का मुहब्बत में... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 96 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read पनीर हि पनीर था पनीर हि पनीर था और पनीर क्या कुछ नहीं था मैं जब आया तो तिरे घर में पका कुछ नहीं था ये भी सच है की कढ़ाई में बने थे... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · हास्य 137 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read पलकों पर दोस्ती प्यार दार सब बाब पलकों पर तिरा हर ख़्याल ओ ख्वाब पलकों पर बस बिछड़ने की कोई बात मत करिए इसके अलावा गुस्सा रुआब पलकों पर तुमसे जो मिले... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 99 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read नेक है आप नेक हैं या के बद में हैं आप भी आग की ज़द में हैं आप रजा है या रद्द में है आप भी आग की ज़द में है कामिल... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 87 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read आओ न करीब और करीब तुम मेरे, आओ न संवाद नहीं तो कोई गीत, गुनगुनाओ न ये रात युहीं कट जाएगी होठों पे तुम्हारे सर्द जाने को है कुछ बात आगे, बढ़ाओ... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 97 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read मुझे भी बनना तुमसा यकीन करो मुझे भी बनना तुमसा यकीन करो आओ छूओ मुझे नामचीन करो गोरा हूँ पहले से हि बहुत जानेमन तुम बस चुमो मुझे और हसीन करो इक सलीके से बोसा बिखरा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 114 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read बताने से रहा पढ़ लो ख़ामोशी मेरी मैं कुछ बताने से रहा तुमसे इश्क है बेपनाह है ये जताने से रहा अबकी बार रस्सी बुलाए तो खत्म किस्सा मैं हर बार तिरे लिए... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 121 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read फना नहीं हुए हम इश्क में युहीं तड़पते रह गए फ़ना नहीं हुए हम तुम्हारे लब पे क़र्ज़ थे म'गर अदा नहीं हुए हम हमें बनना था ख़ामोशी का खुदा आज न कल मसलन... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 86 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read बस कर तिरे मुस्कुराते चेहरे पे दिल से कई अशआर कहा बस कर तुझे रक़ीब के अलावा हमेशा कुछ भी ना दिखा बस कर आज तीन साल बाद मैंने अनसुना किया तो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 66 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read वफ़ा कैसे ढूँढू मैं हुस्न के बजारों में वफ़ा कैसे ढूँढू मैं अब इस जमाने में खुदा कैसे ढूँढू मैं लड़कियां हो गई है मैकअप वाली इनमें खूबसूरत माशूक़ा कैसे ढूँढू मैं दिल आया... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 304 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read रखता हूँ हसरतें ना आसमान की ना ख़्वाबों में ऊँचा मकान रखता हूँ नज़रे बस रहती जमीं पे मेरी मैं किरदार ज़रा आसान रखता हूँ मजहब छोड़ तुम भी करने लगोगे इश्क... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 64 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read देखिए तो हुआ अज़ाब से आँखे समंदर देखिए तो मुझे है इक कयामत का डर देखिए तो मसाइल मजहब के अब हावी हो चुके इंसा से हम हो रहे कोई खंजर देखिए... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 127 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read प्रेम लिख दूँ प्रेम लिख दूँ या बहारे लिख दूँ क्या मैं तुम्हें अक्षर सारे लिख दूँ ।।१ आँखे तुम्हारे कैलकुलस से लग रहे इन्हे सुलझाने भूले हुए पहारे लिख दूँ ।।२ डूब... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 95 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read शहर मत देखो मिरा ग़ज़ल पढो बहर मत देखो यार या'नी गाँव पूछो शहर मत देखो यार उस इक जां जिससे इश्क लड़ाया मैंने उसका असर समझो कहर मत देखो यार आमने समाने... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 59 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read समंदर होना अज़ाब ने सिखाया है मुझे मुर्दों का बिस्तर होना तुम्हें आसान लगता है क्या मिरा यूँ समंदर होना वो पी गए वहाँ ज़हर कायनात के हिफ़ाज़त में और यहाँ भाँग... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 56 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read फरिश्ता आए नहीं है ज़रूरत की बचाने कोई अब फरिश्ता आए तीरगी मिटाने चराग़ दिल का मेरी राह में जला आए हमको आदत पड़ गई है यहाँ यूँ टूट फुट कर जीने... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 99 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read बीमार कर रहा हद से ज्यादा तेरा यूँ मिरा माथा चूमना बीमार कर रहा हमें आहिस्ता आहिस्ता रोज़ ख़्वाबों में आ कर्ज़दार कर रहा हमें कुछ तो साज़िश रहा है खुदा का भी... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 106 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read लाल साड़ी नज़रें न हट रही इक पल को भी मेरी बड़ी कमाल की तुम्हारी लाल साड़ी मैं तो अब जा कर मरा मुझसे पहले न जाने कितने दिलों की ये क़ातिल... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 285 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read ज़िंदगी के लिए क़फ़स के ख़ातिर ये जां है खारिज़ खुदकुशी के लिए कोई दुआ असर हुई या'नी यहाँ इस ज़िन्दगी के लिए मैंने जीना छोड़ दिया था म'गर लिहाज़ा क़लम के वास्ते... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 94 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read गले लग जाओ ग़म भुलाना हो तो आओ गले लग जाओ ख़ुशी बाँटना हो तो आओ गले लग जाओ फ़क़त ईद मुबारक़ से नहीं मिटती दूरियाँ फासले घटाना हो तो आओ गले लग... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 115 Share Kunal Kanth 15 Jun 2023 · 1 min read हक से बाप दादाओं के हक से कभी तहज़ीब हुआ करते थे पहले के लड़के ज़बाँ से कितने अलीम हुआ करते थे कैसे बताऊँ वो पल कितने हसीन गुज़रे जीवन में मेरे... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · शेर 58 Share Page 1 Next