Kavita Chouhan Tag: ग़ज़ल/गीतिका 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavita Chouhan 25 Sep 2023 · 1 min read चुन लेना राह से काँटे चुन लेना राह से काँटे.... चुन लेना राह से काँटे हवायें भी हिलोर देना द्वारे चंदा भी चमचमायेगा प्रेम छवि हिय में उकेर देना क्षीण हुई कंटिल पथ पर चलते... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 2 157 Share Kavita Chouhan 7 Sep 2023 · 1 min read ***कृष्णा *** टूट गयी यूँ बेड़ियाँ सारी आये धरा पे कृष्ण कन्हाई वासुदेव कान्हा को छुपाये यमुना विकराल रूप दिखाये देवकी वसुदेव भय से कँपते कारागार में थमते छुपते दुष्ट कंस ने... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · जन्माष्टमी कविता · जन्माष्टमी पर्व है आया 332 Share Kavita Chouhan 21 Jul 2023 · 1 min read द्रोपदी फिर..... द्रोपदी फिर त्रस्त हुई भरी सभा मे निर्वस्त्र हुई है दुर्योधन दुश्शासन खड़े विकराल हँसी हँसते बड़े थे सभा सैकड़ों लोग खड़े चुप थे या मृत बेहोश पड़े निरीह जीव... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · चौपाई · छंद 218 Share Kavita Chouhan 26 May 2023 · 1 min read भीड़ में हाथ छोड़ दिया.... भीड़ में हाथ छोड़ दिया.... कभी देखता इधर उधर था विचरता इस गली उस डगर था इक विश्वास को ही तोड़ दिया भीड़ में यूँ हाथ छोड़ दिया। चहुँ ओर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Kavita Chouhan 20 Apr 2023 · 1 min read रात हुई गहरी रात हुई गहरी सी काली दूर हुई निसदिन लाली परिंदों ने पंख फड़फड़ाए नभ में भी तारे दिखलाये जुगनू निशा से बतियाते छिपते तो कभी चमचमाते शशि नभ से गुपचुप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 422 Share Kavita Chouhan 12 Apr 2023 · 1 min read हम साथ साथ चलेंगे फिर वो नई इक आस होगी टिमटिमायेगा हर सितारा जुगनुओं से रोशन रात होगी आज वो अनोखी बात होगी मुझे दीप फिर जलाना है रात अंधेरी रोशन करना है चाँद... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेमकविता 412 Share Kavita Chouhan 14 Nov 2021 · 1 min read -----मेरी खिड़की से आसमान का छोटा टुकड़ा----- मेरी खिड़की से आसमान का छोटा सा टुकड़ा दिखता है। उसमे एक चाँद है जो बेपनाह चमकता है। देखा करता हूं ओट से छुपके उसको नज़रों में मेरी रहा करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 583 Share Kavita Chouhan 26 Sep 2021 · 1 min read कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये बिना बात के भी खिलखिला दीजिये। हर पल है जिंदगी में कुछ खास ऐसे वैसे नही हर लम्हे को खास बना दीजिये माना कि काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 10 218 Share Kavita Chouhan 24 Sep 2021 · 1 min read तेरे मुस्कुराने से गूंज उठी है हर दिशा तेरे मुस्कुराने से खिल गई हर फ़िज़ा तेरे क़रीब आ जाने से जाने कौनसा दिन कौनसा रंग हो जिंदगी का जो तू चला आया यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share Kavita Chouhan 21 Sep 2021 · 1 min read हर मंज़र आज हर मंजर सहमा क्यों है लगी है भीड़ जाने कैसी शहर में तेरे फिर भी हर शख़्स तन्हा क्यों है ढूंढ रही है राहें तुझको फिर भी तू दरबदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 219 Share Kavita Chouhan 30 Aug 2021 · 1 min read आ जी लें ज़रा आ जी लें ज़रा भूल कर इस जहां के सारे गम आ जी ले जरा जख्म बहुत है इस सीने में आ सी ले जरा सहम गया देख कर इतने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share