Kumar Kalhans Tag: ग़ज़ल/गीतिका 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumar Kalhans 1 Jun 2022 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 289 Share Kumar Kalhans 30 Apr 2022 · 1 min read जाने क्यों उससे ही अदावत थी। जिसके दामन में मेरी राहत थी। जाने क्यों उससे ही अदावत थी। ---------- जिंदगी से नहीं मिला था तब। जिंदगी से बहुत शिकायत थी। ----------- मुझमे ज़िद थी नहीं जवाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 183 Share Kumar Kalhans 12 Apr 2022 · 1 min read मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share Kumar Kalhans 25 Dec 2021 · 1 min read आएगा एक दिन क़ज़ा बनकर। प्यार बरसा है फिर सबा बनकर। वो आ गया दर्द की दवा बनकर। *** बद्दुआओं को दे रहा दावत। कैसा बागी है वो दुआ बनकर। *** इश्क की सारी नेमते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share Kumar Kalhans 1 Aug 2021 · 1 min read ज़हर देकर जो मुस्काए उसे सरकार कहते हैं। ज़हर पीकर जो मुस्काये उसे फनकार कहते है। ज़हर देकर जो मुस्काये उसे सरकार कहते हैं। ---- हमें सुनना है ग़र जो वह कहे तो वह सयाना है। वगरना सूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 439 Share Kumar Kalhans 30 Jul 2021 · 1 min read इक अदद बेटे की ख़्वाहिश में बेचारी कोख को। ज़ुर्म में शिरकत किया तो उम्र भर ढोना पड़ा। खून से अपने ही अपनी रूह को धोना पड़ा। -– तख़्त ताजों की हवस में बन गए शैतान हो। और क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 227 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2021 · 1 min read निर्ममता का नाम जगत है। निर्ममता का नाम जगत है। सूरज अपने वज्रघात से तम के टुकड़े कर देता है, संध्या में जब थकता सूरज तम आकर बदला लेता है, यही कहानी है इस जग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 525 Share Kumar Kalhans 24 Jul 2021 · 1 min read देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली। बचपना देखा, बुढापा,नौजवानी देख ली। ## जब हुए चर्चे किसी के हुस्न के असबाब के। हमने भी तस्वीर अपनी इक पुरानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share Kumar Kalhans 13 Jul 2021 · 1 min read वो इक पूजनीय हैं। उनका बहुत है नाम वो इक पूजनीय हैं। उनको करो प्रणाम वो इक पूजनीय हैं। ***** उनका जो जपो नाम हर बाधाएं दूर हों। करवाएंगे सब काम वो इक पूजनीय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share Kumar Kalhans 22 Jun 2021 · 1 min read संग मेला कोई नहीं लाया। संग मेला कोई नहीं लाया। मुझ्को तन्हाइयों ने सिखलाया। मैं कभी था नहीं बुरा इतना। मुझको मेरी हवस ने फुसलाया। मैं किसी दूसरे पते पर था। जब भी ख़त का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 400 Share Kumar Kalhans 18 Jun 2021 · 1 min read खो गया हूँ मैं ख्यालों के जहां में। खो गया हूँ मैं ख़यालों के जहाँ में। बेख़ुदी झलकेगी अब मेरे बयां में। ***** आपकी सोहबत में शाईर बन गया हूँ। आपसे आया हुनर मेरी जुबाँ में। ***** आपकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 2 669 Share Kumar Kalhans 9 Jun 2021 · 1 min read आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। आप हर जगह हों सरकार जरूरी तो नहीं। हर जगह आपकी दरकार जरूरी तो नहीं। और भी खूब तरीके हैं फतह करने के। आपके हाथ में तलवार जरूरी तो नहीं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 282 Share Kumar Kalhans 2 Jun 2021 · 1 min read कितने ग़मगीन हैं जमाने में। कितने ग़मगीन हैं जमाने में। देखिये जा सुरूर खाने में। एक सच हम नहीं बता पाते। जिंदगी बीतती बहाने में। खुद ही बनते हैं खोटा सिक्का हम। और फिर गर्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 209 Share Kumar Kalhans 1 Jun 2021 · 1 min read मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाऊंगा ये सच है। ***** जमाना आएगा समझायेगा देगा तसल्ली पर। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 3 571 Share Kumar Kalhans 31 May 2021 · 1 min read दर्द को आंसूं बना कर देख लो। दर्द को आसूं बना कर देख लो। दुनियां है कैसी पिला कर देख लो। ये जहां कितना तमाशाबीन है। आप अपना घर जला कर देख लो। जान देने की कसम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 532 Share Kumar Kalhans 27 May 2021 · 1 min read सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं। कसम उठाते हैं सुबह को शाम को जाम उठाते हैं। शौक शाम के छूट न पाते सुबह को हम बहलाते हैं। फ़ौज़ बहानों की लो हमसे क्यों पीते क्यों मरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 2 607 Share Kumar Kalhans 23 May 2021 · 1 min read दीपक। दीपक तुम उन्मुक्त बहुत हो। तुमको ये मालूम खूब है जलते जलते बुझ जाओगे। प्रतिपल घटते तरल नेह के घटते ही तुम चुक जाओगे। ये सारे बंधन होकर भी उर्ध्वमुखी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 4 463 Share Kumar Kalhans 19 May 2021 · 1 min read खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा। खुशी तो आयी टुकड़े टुकड़े गम पर हरपल पास रहा। बस्ती में है उम्र गुज़ारी मगर वनवास रहा। सम्बन्धो के बियाबान में उलझे सुलझे रहे सदा। उबड़ खाबड़ भू पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 287 Share Kumar Kalhans 17 May 2021 · 1 min read एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर। एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर। जिंदगी है झूठे रिश्तों को निभाने का हुनर। ,,,,,,,,,, जिंदगी सिखला ही देती है यहां हर एक को। आसुओं से जलते ख्वाबों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 523 Share Kumar Kalhans 15 May 2021 · 1 min read तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है। तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है। इस कदर यह आसमां नाराज़ क्यो हैं। --- देखिये क्या है निग़ाहों की गली में। कमज़ोर होती जा रही आवाज़ क्यों है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 1 240 Share Kumar Kalhans 15 May 2021 · 1 min read मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ। मैं लेकर हसरतों और सब्र का इतिहास बैठा हूँ। मैं दरिया के किनारे लेके कब से प्यास बैठा हूँ। मुझे कूवत मेरी मालूम है मुंसिफ मैं कैसा हूँ। मगर मज़मा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 306 Share Kumar Kalhans 14 May 2021 · 1 min read क्यों बदलना है जरूरी यह बता दो। क्यों बदलना है ज़रूरी यह बता दो। फिर बदल जाओ मुझे बेशक सज़ा दो। --- मैं रहूंगा तुम वहां जब तक रहोगे। अंजुमन से तुम मुझे बेशक उठा दो। ---... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 1 476 Share Kumar Kalhans 13 May 2021 · 1 min read जरा अदब से मुझसे मिला करो। तेरी मुफलिसी का जबाब हूँ जरा अदब से मुझसे मिला करो। मैं बीती रात का ख्वाब हूँ जरा अदब से मुझसे मिला करो। ***** तेरे लम्स जिसको उम्र भर तरसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 5 288 Share Kumar Kalhans 11 May 2021 · 1 min read गुनगुनाता है कोई। बन गईं हो एक नगमा गुनगुनाता है कोई। अपनी ख़ामोशी में भी तुझको बुलाता है कोई। तुम जहां पर पांव रखती हो वहाँ की धूल को। अपने हाथों से उठा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 4 427 Share Kumar Kalhans 9 May 2021 · 1 min read लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं। लोग कहते हैं बहुत बुरा हूं मैँ। और मैँ सोचता हूँ खरा हूं मैं। मुझको सहरा समझने वालों। पास आओ बहुत भरा हूँ मैं। कुछ बदतमीजों से बना ली दूरी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 1 323 Share Kumar Kalhans 7 May 2021 · 1 min read जब जब लगा मुझे वह भोला। जब ख़ुद को रूपए मैं तौला। वज़न नहीं कुछ कांटा बोला। उसकी तरल निगाहें ऐसी। जब देखा है तब कुछ डोला। थाली वही भली लगती है। खट्टा मीठा संग हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 4 322 Share Kumar Kalhans 6 May 2021 · 1 min read खुद ही पीना सीख गए। मयखाने में जाकर बैठे खुद ही पीना सीख गए। नज़रें चार हुई साकी से जीना मरना सीख गए। रिश्तों की परतें खोली तो परत हट गयी नज़रों से। ख़ामोशी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 3 327 Share