jameel saqlaini Tag: ग़ज़ल/गीतिका 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid jameel saqlaini 22 Jul 2016 · 1 min read है चादर जिनके सर पे मुफलिसी' की। है चादर जिनके सर पे मुफलिसी' की" घड़ी भारी है उनको ज़िन्दगी' की" मिलेगी ज़िन्दगानी उन पे मर के" सबब ये है जो मैं ने खुदक़ुशी' की। हैं दुशमन वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 262 Share jameel saqlaini 20 Jul 2016 · 1 min read मैं सोंचता हूँ दर्द तबस्सुम में लू छुपा। आते रहे युहीं जो खयालात' कुछ न कुछ" लिक्खेंगे फिर तो हम भी ग़ज़लयात'कुछ न कुछ" मैं सोंचता हूँ दर्द तबस्सुम में लूं छुपा" आँखों से बहने लगते हैं जज़बात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 236 Share jameel saqlaini 19 Jul 2016 · 1 min read सितम ये वक़्त ने ढाया' तो आँख भर आई। सितम ये वक़्त ने ढाया' तो आँख भर आई" हुआ जो अपना पराया' तो आँख भर आई। वो जिसके क़दमों में हमने गुलाब रक्खे थे" उसी ने काँटा चुभाया' तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 282 Share jameel saqlaini 18 Jul 2016 · 1 min read था खौफ ए दुनियां तो ख्वाबों में रबता करते था खौफ ए दुनियां तो खुवाबों में राब्ता'करते" मेरे वजूद से खुद को यूँ आशना' करते। जो अपनी ज़ुल्फों का तुम साया कर दिया'करते" उबूर आग का हम दरिया कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 563 Share