jaideep khanduja 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid jaideep khanduja 11 Jan 2021 · 1 min read तेरे आने का गुमान कुछ ऐसा हो तेरे आने से कुछ पल पहले तेरे आने का गुमान हो जाए फिर तेरे आने का किसी को भी कुछ गुमान न हो Hindi · कविता 1 2 288 Share jaideep khanduja 11 Jan 2021 · 1 min read शायद हालाँकि मालूम होता है की अगली या उस से अगली लहर मिटा देगी सब कुछ शायद वो वैसे ही रहता हो बस ऐसा लगता हो शायद दूर कहीं आसमान और... Hindi · कविता 1 257 Share jaideep khanduja 11 Jan 2021 · 1 min read कुछ धुंधली बातें ठहरी ठहरी सी कुछ बातें ठहरी ठहरी सी कुछ उथली पुथली गठरी सी कुछ सागर जैसी गहरी सी कुछ बातें ठहरी ठहरी सी। सब ठहर सा जैसे जाता था जब तुमसे मिलना होता... Hindi · कविता 2 252 Share jaideep khanduja 11 Jan 2021 · 1 min read तू अब भी शांत दरिया है मेरे ख्यालों में बहने देना बात आधी ही रखना आधी रहने देना फिर मिलने का इक बहाना रहने देना। हाथ चाहे थाम कुछ देर तक टहल लेना मंज़िल को एक साथ छूने की चाहत अभी... Hindi · कविता 1 2 358 Share jaideep khanduja 11 Jan 2021 · 1 min read हिंदी कविता चलो! एक बार फिर दिखाता हूँ समुन्दर में बूँद नहीं बूँद में समुन्दर बन कर चलो बैठते हैं बैठ जाते हैं बैठ ही जाते हैं चलने को तो ज़माने में बहुत कुछ है वक़्त भी है हवा है। नफरत है तल्खियां हैं गुस्ताखियां हैं गुस्सा... Hindi · कविता 3 405 Share