Dr fauzia Naseem shad Tag: कविता 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr fauzia Naseem shad 6 May 2024 · 1 min read समय भी दो थोड़ा जीवन को जीवन सा व्यतीत करो थोड़ा सुख के साथ दुःख को स्वीकार करो थोड़ा अपने इच्छित कार्यो को समय भी दो थोड़ा अपने मन की इच्छाओं को संतुष्ट करो... Hindi · कविता 1 22 Share Dr fauzia Naseem shad 5 May 2024 · 1 min read रात तन्हा सी रात तन्हा सी दिल को फिर भायी आपकी याद बे'पनाह आयी सोच का इख़्तिलाफ कैसा था बात मेरी समझ नहीं आयी भूल कर तुझको मेरे जीने की कोई सूरत नज़र... Hindi · कविता 2 20 Share Dr fauzia Naseem shad 28 Feb 2024 · 1 min read प्रेम की भाषा प्राप्त हो जिस रूप में जीवन सहर्ष उसे स्वीकार करो । प्रेम की भाषा से हृदयों पर सबके तुम अधिकार करो ।। फल की चिंता छोड़ कर मानवता पर उपकार... Hindi · कविता 4 81 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read जीवन की विफलता जीवन की विफलता बनती है सफलता । योग्यता के साथ अनुभव अगर होता है।। जिसका स्वभाव शान्त-सरल होता है । उसके व्यक्तित्व का प्रभाव अमिट होता है ।। मन में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 115 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Jan 2024 · 1 min read दिखावे के दान का ईश्वर की दृष्टि से कभी कोई दूर नहीं होता । दिखावे के दान का कोई मूल्य नहीं होता ।। समझा है यही मैंने और समझना है तुम्हें भी । स्वयं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 139 Share Dr fauzia Naseem shad 13 Jan 2024 · 1 min read कैसी ये पीर है कैसी निःशब्दता कैसी ये पीर है व्याकुल हैं नैन भी मन भी अधीर है घायल जो कर गया हमें वो तेरे लफ़्ज़ों का तीर है बरसे तेरे वियोग में नैनो... Hindi · कविता 4 153 Share Dr fauzia Naseem shad 13 Jan 2024 · 1 min read जीवन में जीवन में महत्व रखती मेरे मन की स्थिरता तुझे स्पर्श न कर पाई मेरे शब्दों की व्याकुलता हर श्वास पर भारी है मेरे मन की विवशता तुझसे और तुझी तक... Hindi · कविता 4 131 Share Dr fauzia Naseem shad 12 Jan 2024 · 1 min read परमूल्यांकन की न हो परमूल्यांकन की न हो किसी से कभी अपेक्षा । स्वयं को पहचानने की हो जो दृष्टि आपकी ।। रिक्त न हो मन जब तेरा विषयों से । कैसी पूजा फिर... Hindi · कविता 4 99 Share Dr fauzia Naseem shad 10 Jan 2024 · 1 min read अल्प इस जीवन में दो शब्द सही प्रशंसा के, हृदय से किया करिये। अल्प इस जीवन में, निःस्वार्थ मिला करिये ॥ व्यर्थ, निरर्थक बातों से मन मैला न किया करिये। विश्वास योग्य बातों पर... Hindi · कविता 4 119 Share Dr fauzia Naseem shad 1 Dec 2023 · 1 min read जीवन है मेरा जीवन है मेरा अधिकार है मेरा स्वीकार है मेरा अस्वीकार है मेरा मैं हूं तो है अस्तित्व ये मेरा जो मैं ही न रहूं तो क्या अस्तित्व है मेरा मेरी... Hindi · कविता 3 156 Share Dr fauzia Naseem shad 15 Nov 2023 · 1 min read जीवन जितना जीवन जितना होता है कोई उतना कहां जी पाता है कभी भाग्य कभी अकर्मण्यता रोना यही रह जाता है मन के अंतस में आशाओं का कोई भाव निरूत्तर रह जाता... Hindi · कविता 4 212 Share Dr fauzia Naseem shad 12 Nov 2023 · 1 min read संदेह से बड़ा संदेह से बड़ा जीवन में कोई दोष नहीं है । सन्तुष्टि हो अपूर्णता में कोई पूर्ण नहीं है ।। पसंद मेरे जीवन में मुझे कोई हस्तक्षेप नहीं है । सीमित... Hindi · कविता 6 257 Share Dr fauzia Naseem shad 8 Apr 2023 · 1 min read तुझे स्पर्श न कर पाई जीवन में महत्व रखती मेरे मन की स्थिरता तुझे स्पर्श न कर पाई मेरे शब्दों की व्याकुलता हर श्वास पर भारी है मेरे मन की विवशता तुझसे और तुझी तक... Hindi · कविता 11 520 Share Dr fauzia Naseem shad 14 Mar 2023 · 1 min read मन की पीड़ा मन की पीड़ा मन के भीतर मूक सी है कैसी जीवन में जीवन की भूख सी है कोमल मन में भाव समाहित ह्रदय में खिली कोई धूप सी है रिश्तों... Hindi · कविता 8 405 Share Dr fauzia Naseem shad 9 Jan 2023 · 1 min read वो एक लम्हा मैं न रहूँ तुम लफ़्ज़ों में समझना मेरे ढूंढना मुझको हर एहसास को फिर सोचना मुझको नमी बन के जो आंखों में तेरी आ जाऊं वो एक लम्हा जब तेरे... Hindi · कविता 13 921 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Dec 2022 · 1 min read साल जो बदला है क्या तुम भी बदले हो क्या मैं भी बदला हूं साल जो बदला है क्या हाल भी बदला है क्या तेरी मेरी मानसिकता का क्या स्तर भी बदला है भूख,... Hindi · कविता 13 394 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Oct 2022 · 1 min read शांत सा जीवन शांत सा जीवन जी कर देखो। हंस कर क्रोध को पी कर देखो।। रब को अपना करके देखो। उसकी इच्छा से जी कर देखो।। जीवन कितना शेष है इनमें ।... Hindi · कविता 17 423 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Oct 2022 · 1 min read होती है अंतहीन होती हैं अन्तहीन हमारी महत्वकांक्षाएं । जीवन को जीतती हैं हमारी विशेषताएं ।। जीवन यात्रा का हर मार्ग हो सुगम हो सीमित अगर हमारी आवश्यकताएं । संबंधो की जीवंतता में... Hindi · कविता 18 241 Share Dr fauzia Naseem shad 18 Oct 2022 · 1 min read सम्बन्धों की मन की पीड़ा मन के भीतर मूक सी है कैसी जीवन में जीवन की भूख सी है कोमल मन में भाव समाहित ह्रदय पे खिली कोई धूप सी है रिश्तों... Hindi · कविता 14 164 Share Dr fauzia Naseem shad 14 Oct 2022 · 1 min read तेरा एहसास तेरा एहसास जी के देखा है लम्स की तेरी महकी खुशबू को मैंने खुद में बिख़रते देखा है के लफ़्ज़ों के एक सहारे को दर्द को अपने छू के देखा... Hindi · कविता 14 205 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Sep 2022 · 1 min read होती हैं अंतहीन होती हैं अन्तहीन हमारी महत्वकांक्षाएं । जीवन को जीतती हैं हमारी विशेषताएं ।। जीवन यात्रा का हर मार्ग हो सुगम । हो सीमित अगर हमारी आवश्यकताएं । संबंधो की जीवंतता... Hindi · कविता 11 436 Share Dr fauzia Naseem shad 20 Sep 2022 · 1 min read मन की पीड़ा मन की पीड़ा मन के भीतर मूक सी है. कैसी जीवन में जीवन की भूख सी है कोमल मन में भाव समाहित ह्रदय में खिली कोई धूप सी है रिश्तों... Hindi · कविता 9 373 Share Dr fauzia Naseem shad 31 Aug 2022 · 1 min read अमृता प्रीतम बिन कहे बिन सुने बिना उम्मीद के जो उम्र भर रहा वो एहसास कितना प्यारा था चढ़ के कभी न उतरा जो वो रंग इश्क़ का आह ! कितना गाढ़ा... Hindi · कविता 8 229 Share Dr fauzia Naseem shad 30 Aug 2022 · 1 min read आज कल मैं आज कल मैं, क्या सोचती हूँ मेरा दिल तो धड़कता है मेरा दिल मेरे पास है लेकिन हक़ीक़त में नहीं है वो तुम्हारे पास है क्योंकि उसकी धड़कन आप हो... Hindi · कविता 8 385 Share Dr fauzia Naseem shad 29 Jul 2022 · 1 min read मन की पीड़ा मन की पीड़ा मन के भीतर मूक सी है कैसी जीवन में जीवन की भूख सी है कोमल मन में, मन की पीड़ा भाव समाहित ह्रदय में खिली कोई धूप... Hindi · कविता 14 688 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Jul 2022 · 1 min read संकुचित हूं स्वयं में संकुचित हूं स्वयं में इतना स्पष्ट कहां हो पाती हूं । कोमल मन के भावों में अभिव्यक्त कहां हो पाती हूं।। भावनाओं की बहुतायत में कोई भाव कहां जी पाती... Hindi · कविता 9 1 206 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Jul 2022 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी तुझे ऐ ज़िन्दगी तुझे ख़ोकर ही ज़िन्दगी समझी गुज़रते वक़्त के लम्हों की अहमियत समझी जो आज है, वही बस आज है अपना कहां किसी ने इस बात की अहमियत समझी... Hindi · कविता 11 591 Share Dr fauzia Naseem shad 16 Jul 2022 · 1 min read जीवन में जीवन में व्यतीत हुए कुछ क्षण विशेष थे । लिखने से रह गये कुछ पन्ने शेष थे ।। मन से विरक्त थे कुछ हममें शेष थे बरसे जो आंखों से... Hindi · कविता 12 479 Share Dr fauzia Naseem shad 13 Jul 2022 · 1 min read रात तन्हा सी रात तन्हा सी दिल को फिर भायी आपकी याद बेपनाह आयी सोच का इख़्तिलाफ़ कैसा था बात मेरी समझ नहीं आयी भूल कर तुझको मेरे जीने की कोई सूरत नज़र... Hindi · कविता 13 271 Share Dr fauzia Naseem shad 5 Jul 2022 · 1 min read ख़्वाब आंखों के ख़्वाब आंखों के मुझे सोने नहीं देते मेरे हालत भी मुझको मेरा होने नहीं देते हौसले दिल के न पूछो बिख़र ने भी नहीं देते सवरने ने भी नहीं देते... Hindi · कविता 15 640 Share Dr fauzia Naseem shad 5 Jul 2022 · 1 min read रात तन्हा सी रात तन्हा सी दिल को फिर भायी आपकी याद बेपनाह आयी सोच का इख़्तिलाफ़ कैसा था बात मेरी समझ नहीं आयी भूल कर तुझको मेरे जीने की कोई सूरत नज़र... Hindi · कविता 10 418 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Jul 2022 · 1 min read हम भूल तो नहीं सकते हम भूल तो नहीं सकते हैं तुम्हारी दी गई पीड़ा को अपनी गरीबी के अपमान को जीवन के इस संधर्ष को मार्ग में मिली बाधाओं को झुलसाती धूप के थपेडों... Hindi · कविता 13 1 585 Share Dr fauzia Naseem shad 25 Jun 2022 · 1 min read जीवन से जीवन से किसी परिस्थिति में पलायन न करो । धैर्य से प्रत्येक समस्या का समाधान करो तुम।। समस्या के मूल में समस्या का निवारण है। समस्या के कारणों का यदि... Hindi · कविता 8 233 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Jun 2022 · 1 min read मुझे तुम भूल जाने की मुझे तुम भूल जाने की कभी ख़्वाहिश नहीं करना मेरी यादें मिटाने की कभी कोशिश नहीं करना मेरी इस तमन्ना का तुम्हें एहसास तो होगा मेरे इस एहसास को मिटाने... Hindi · कविता 10 230 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Jun 2022 · 1 min read जीवन का इतना जीवन का इतना सम्मान करना कभी न स्वयं पर अभिमान करना। कर्तव्य तेरा हो उद्देश्य-ए-जीवन। देश पर प्राणों का बलिदान करना। इससे बड़ा है नहीं दान कोई हृदय के तल... Hindi · कविता 8 263 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापा कोई कौन इस वास्तविकता से परेशान नहीं है। जीवन तुझे जीना इतना आसान नहीं है। विवशता है बुढ़ापा कोई अभिशाप नहीं है। वृद्धाश्रम इस समस्या का समाधान नहीं है। गुजरना है... Hindi · कविता 8 151 Share Dr fauzia Naseem shad 4 Jun 2022 · 1 min read सोच कर सोच कर अक्सर यूं हीं मैं मुस्कुराती हूं तुम मुझको भूल जाते हो जो तुम्हें मैं याद आती हूँ । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · कविता 8 208 Share Dr fauzia Naseem shad 23 May 2022 · 1 min read स्मरण उसको क्यों नहीं आया सोच कर मन भी मेरा भर आया स्मरण उसको क्यों नहीं आया भ्रम टूटा जो मेरे स्पन्नो का मन विश्वास कर नहीं पाया राह तकते हैं नैन क्यों उसके लौट... Hindi · कविता 9 97 Share Dr fauzia Naseem shad 18 May 2022 · 1 min read मन में रक्खे मन में रक्खें बैर की भावना। दुष्ट है वो, संत नहीं है।। सीमित रखिये विषय-वासना । इच्छाओं का अंत नहीं है ।। व्यर्थ है फिर ज्ञान तुम्हारा । सोच में... Hindi · कविता 9 196 Share Dr fauzia Naseem shad 16 May 2022 · 1 min read ह्रदय की वेदना को ह्रदय की वेदना को मन की संवेदना को जो व्यक्त कर सके जो विभक्त कर सके पीड़ा की मूकता को रिश्तों की चूकता को वो शब्द ढूंढने हैं वो निःशब्द... Hindi · कविता 11 195 Share Dr fauzia Naseem shad 16 May 2022 · 1 min read मन के भीतर मन के भीतर कुछ कुछ व्यवस्थित सा कुछ अव्यवस्थित सा विचारों का समूह होता है सुख और दुःख आशा-निराशा संतोष-असंतोष शेष सभी कुछ जिनको जीता है कभी तो कभी मर... Hindi · कविता 12 1 234 Share Dr fauzia Naseem shad 16 May 2022 · 1 min read संदेह से बड़ा संदेह से बड़ा जीवन में कोई दोष नहीं है। सन्तुष्टि हो अपूर्णता में कोई पूर्ण नहीं है।। पसंद मेरे जीवन में मुझे कोई हस्तक्षेप नहीं है। सीमित हैं तुम्हीं तक... Hindi · कविता 9 197 Share Dr fauzia Naseem shad 16 May 2022 · 1 min read जीवन से किसी परिस्थिति में जीवन से किसी परिस्थिति में पलायन न करो तुम । धैर्य से प्रत्येक समस्या का समाधान करो तुम ।। समस्या के मूल में समस्या का निवारण है । समस्या के... Hindi · कविता 8 192 Share Dr fauzia Naseem shad 13 May 2022 · 1 min read वो तुम्हीं तो हो मेरी जिंदगी वो तुम्हीं तो हो मेरी हर खुशी वो तुम्हीं तो हो मेरे हमनवा वो तुम्हीं तो हो मेरी जिंदगी वो तुम्हीं तो हो मेरी उम्मीद वो तुम्हीं तो... Hindi · कविता 9 130 Share Dr fauzia Naseem shad 11 May 2022 · 1 min read डर सा जाता है कितने एहसास हैं तेरे दिल में देख कर दिल ये डर सा जाता है खो दूं तुझको कहीं न मैं पाकर सोच कर दिल ये डर सा जाता है ।... Hindi · कविता 10 242 Share Dr fauzia Naseem shad 10 May 2022 · 1 min read वो एहसास सारे वो एहसास सारे वो जज़्बात सारे जो अब तक न हमनें खुद से कहें हैं लिखना तो चाहा था लफ़्ज़ों में लिख दें खुद को इजाज़त नहीं दे सके है... Hindi · कविता 9 168 Share Dr fauzia Naseem shad 10 May 2022 · 1 min read मेरी तलाश तुम हो यहाँ देखो इस जंगल में, दूर-दूर तक हरियाली का कोई नामों-निशान नहीं, मेरे कदमों की आवाज़ भी तुम्हें महसूस हो रही होगी सुनो न ! यहाँ पर भी हरियाली है... Hindi · कविता 10 251 Share Dr fauzia Naseem shad 10 May 2022 · 1 min read याद आ रहे हो ऐ मेरे हमनशी ऐ मेरे हमसफर सुनो न देख रहे हो न ये नीला आसमान ये बादल ये रास्ते और ये ढेर सारी हवा पता है इसमें भी तुम मुझे... Hindi · कविता 11 199 Share Dr fauzia Naseem shad 6 May 2022 · 1 min read मुझे तुम भूल सकते हो मुझे तुम भूल सकते हो मुझे लिख कर कहीं रख दो छुपा कर सबकी नज़रों से मेरी चाहत कहीं रख दो कोई इल्ज़ाम तुझ पर हो मुझे मंज़ूर कब होगा... Hindi · कविता 13 388 Share Dr fauzia Naseem shad 27 Apr 2022 · 1 min read शोर से मौन को शोर से मौन को हितकर समझो सार्थक, व्यर्थ का अंतर समझो शब्दों में समाहित है वाणी की गरिमा आचरण को समझना है तो सुन कर समझो । - डाॅ फौज़िया... Hindi · कविता 10 218 Share Page 1 Next