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9 Jan 2023 · 1 min read

वो एक लम्हा

मैं न रहूँ
तुम लफ़्ज़ों में
समझना मेरे
ढूंढना मुझको
हर एहसास को
फिर सोचना मुझको
नमी बन के जो
आंखों में
तेरी आ जाऊं
वो एक लम्हा
जब तेरे दिल से
मैं गुज़र जाऊं
तुम्हारे ज़ेहन में
यादों सी मैं
बिख़र जाऊं
तलाशे तेरी नज़र
मुझको
और मैं
नज़र नहीं आऊं
फिर सोचना मुझको
फिर सोचना खुद को !

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
13 Likes · 886 Views
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