Godambari Negi 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Godambari Negi 29 Apr 2024 · 1 min read संवेदना मर गई मन की संवेदना! कब कैसे क्यों ? कोई बता सकता है क्या? नहीं कैसे बतायेगा! संवेदना बची ही कहाँ है भीतर। सब ही तो तलवार लिए खड़े हैं,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 4 53 Share Godambari Negi 15 Mar 2024 · 1 min read 'ग़ज़ल' 212 212 212 212 चाह मन में न हो याद आया न कर। बे वजह देख हमको सताया न कर।। आज फेरी निगाहें सरी राह में- इस तरह भी हमें... Hindi · ग़ज़ल 64 Share Godambari Negi 27 Feb 2024 · 1 min read 'रिश्ते' बनाये थे शौक से कुछ रिश्ते नये हमने भी पर अफ़सोस! उसके धागे कच्चे बहुत निकले ◆◆◆◆◆◆ Hindi 55 Share Godambari Negi 26 Feb 2024 · 1 min read प्रभात वर्णन देख सूरज लालिमा को, रात उठकर के चली। अब यहाँ क्या काम मेरा , सोचकर आँखें मली।। व्योम में फैला उजाला, खिल रही है हर दिशा। आँख फाड़े देखती है,... Hindi · गीतिका 1 111 Share Godambari Negi 21 Feb 2024 · 1 min read 'कह मुकरी' 1- उसके बिन सखि रहा न जाये, तन को हर पल ताप जलाये। पड़ा अटरिया ज्यों रूप कँवर, का सखि साजन ना सखि चंवर।। 2- मछली सा हम को तड़पाये,... Hindi · कहमुकरी 46 Share Godambari Negi 19 Feb 2024 · 1 min read विचार सुंदरता नग्नता से कभी नहीं बढ़ती, नग्नता वासना बाँटती है कुत्सित विचार पैदा करती है। इसका त्याग करें। गोदाम्बरी नेगी Hindi · Quote Writer · नए विचार 78 Share Godambari Negi 17 Feb 2024 · 1 min read विचार विचार एक अच्छे लेखक को अच्छा पाठक मिलना आवश्यक है। जो उसके भाव को समझने में सक्षम हो। इसके अभाव में उसकी रचना महत्व हीन है। गोदाम्बरी नेगी Quote Writer 137 Share Godambari Negi 17 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल राग बसंती सुंदर बजता साँझ लगे सिंदूरी है। माँ वसुधा को महकाने की अब तैयारी पूरी है।। शोभा बगिया की बन आई सुंदर अद्भुत न्यारी सी- सच है यह पर... Hindi · ग़ज़ल 1 131 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'चाँद गगन में लुक-छिप करता चाँद गगन में, श्वेत स्याम घन बीच। तारावली वदन मलिन हुआ, जलधर फेन उलीच। पल में झलके पलमें ढलके, चले निराली चाल। पुरवा पवन चले मदमाती, बजा बजाकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 44 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'भोर' भोर आई भोर आई,खग चले नभ ओर। मच रहा है घोंसलों में, नभचरों का शोर। भानु की आई सवारी, हो रही जयकार। शंख बजते मंदिरों में , पुष्प सजते द्वार।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 65 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'माटी मेरे गाँव की' गोदी में जिसकी खेली पली बढ़ी, उछली कूदी लिखी पढ़ी। खेतों और खलिहानों में, पगडंडी पर पतली खूब चढ़ी। सोधी सुगंध बसी मन जिसकी वो है माटी मेरे गाँव की।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read ‘प्यारी ऋतुएँ’ प्रकृति के देखो खेल अजब हैं, इसके तो हर दृश्य ग़जब हैं। प्रत्येक ऋतु होती अलबेली, अपने में खुद होती पहेली।। आए ग्रीष्म तो छाया भाए, हमने छायादार वृक्ष लगाए।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 40 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'सशक्त नारी' रानी की तलवार वार से, रिपुदल के गए छक्के छूट । रण-भूमि पर गिर निष्प्राण हुए, कितनों के भाले गए टूट ।। मुग्ल सेना के खट्टे दाँत हुए, करती दुर्गा... Poetry Writing Challenge-2 39 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'नव संवत्सर' नव यौवन लिए प्रकृति आ गई, तरुवर ने किया पुष्प श्रृंगार। नव संवत्सर ने दरबार सजाया, माँ दुर्गा की रहा आरती उतार।। मंद पवन मंदराचल से चल पड़ी, सहलाती हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 48 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'समय का सदुपयोग' खाली बोतल जान समय को, तू ठुकरा मत देना। किस्मत वालों को ही आज ये मिलता, मन भीतर तुम बैठा लेना।। ये दौर है मुश्किल का वर्तमान में, समय कहाँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Godambari Negi 5 Feb 2024 · 1 min read 'बेटी' तुझ पर सदा, अभिमान है। जगदीश का, वरदान है।। आराधना, माँ से करूँ। मैं याचना, प्रभु से करूँ। ईश्वर कृपा, तुझपर रहे। माँ की दया, हर क्षण रहे। तू तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 32 Share Godambari Negi 3 Feb 2024 · 1 min read 'गाजर' (मनहरण घनाक्षरी) शीत ऋतु जब जागी, उगे है गाजर भाजी, लाकरके ताजी-ताजी, खूब रोज खाइए। धोए थोड़ा छीलकर, फिर इसे घिसकर, दूध संग पकाकर, हलवा बनाइए। फूल गोभी बंद गोभी, मटर या... Poetry Writing Challenge-2 · घनाक्षरी 68 Share Godambari Negi 3 Feb 2024 · 1 min read 'कोहरा' (मनहरण घनाक्षरी) शीत का मौसम आया, कोहरा घना है छाया, धूप का दिखे न साया, अलाव जलाइए। धरा पर लगे ऐसे, उतरे बादल जैसे, वाहन चलेगा कैसे, थोड़ा मंद जाइए।। पवन है... Poetry Writing Challenge-2 · घनाक्षरी 74 Share Godambari Negi 3 Feb 2024 · 1 min read 'डमरु घनाक्षरी' 'घन' उमड़-उमड़ घन, लग गरज गगन, तब सनन-सनन, बह चपल पवन। जलज गरज कर, कर धम-धम धम, पसर-पसर तम, सम कजल वसन। बरस-बरस जल ,तल-मल तल-मल, छल-मल छल-मल,भर-भर उपवन। छपक-छपक... Poetry Writing Challenge-2 · घनाक्षरी 41 Share Godambari Negi 3 Feb 2024 · 1 min read 'मुट्ठीभर रेत' चमकता चाँदी सा बालू का खेत। भर लाऊँ मैं बस मुट्ठीभर रेत।। नदिया का सुंदर सा किनारा। प्रकृति का अद्भुत इक नजारा।। मचलता है मन होकर बैचेन। ये ईश्वर की... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 33 Share Godambari Negi 1 Feb 2024 · 1 min read 'प्रभात वर्णन' देख सूरज लालिमा को, रात उठकर के चली। अब यहाँ क्या काम मेरा , सोचकर आँखें मली।। व्योम में फैला उजाला, खिल रही है हर दिशा। आँख फाड़े देखती है,... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 49 Share Godambari Negi 31 Jan 2024 · 1 min read 'ग़ज़ल' चलो धीमे कि सुंदर से, नजारे टूट जाते हैं। लगी ठोकर फिसलकर के, पिटारे टूट जाते हैं।। अकेले हो रखो आशा, निराशा से बनेगा क्या। निरंतर कुछ करोगे तो, सितारे... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 31 Share Godambari Negi 31 Jan 2024 · 1 min read 'चाह' हाथ में हाथ हो, चाँदनी रात हो। नाथ से रात में, प्रेम की बात हो। सोचती मैं रहूँ, साथ छूटे नहीं। हों यहाँ संग में, दूर हों या कहीं ।।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 60 Share Godambari Negi 31 Jan 2024 · 1 min read (कहानीकार) "मुंशी प्रेमचंद" चलो मुंशी प्रेमचंद जी की बात करें, जी भरकर हम उनको याद करें। नमक का दरोगा का सा पिता बनें, और गरीब के कफन का इंतजाम करें।। बड़े घर की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 40 Share Godambari Negi 31 Jan 2024 · 1 min read 'भारत पुत्री' जाग- जाग अब बनो आग तुम, उठो नार ले कटार हाथ। शक्ति का आगार अपार तुम, ना दे चाहे कोई साथ। तुम भारत पुत्री वीरवती, खल की कर लो तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 51 Share Godambari Negi 29 Jan 2024 · 1 min read 'हार - जीत' हार है तभी तो जीत, जगत की ये ही रीत, अहंकार मारकर, बात को बिसार दे। हार खोलती है द्वार, जीत का यही है सार, करो यत्न बार-बार, कर्म को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share Godambari Negi 29 Jan 2024 · 1 min read 'नशा नाश का कारण' जीवन कंटक हो जाए, करने जो नशा लगे। लोक लाज पद और नाम, ये सदा उनको ठगे।। सम्मान उसे मिले न कभी, जग सदा उसपे हँसे। कतराते सखा सभी ही,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 28 Share Godambari Negi 29 Jan 2024 · 1 min read 'मेरे गुरुवर' गुरू ज्ञान दिया अज्ञान हरा, आप ने मुझमें प्रकाश भरा। मैं था निरा अज्ञानी गुरवर, आपकी कृपा से पार तरा।। गुण अवगुण की पहचान न थी वाणी में कोई सुर-तान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 38 Share Godambari Negi 28 Jan 2024 · 1 min read 'माँ' वात्सल्य भाव है सत्य सनातन, इसके बिन दुखित शिशु जीवन। माँ के हृदय में ममता वो बसती, निर्भय हम पलते जिसके उपवन। भरती अपने आँचल में दुख, बच्चों को देती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 43 Share Godambari Negi 27 Jan 2024 · 1 min read 'तपस्वी सुमन' हर पल सोचती हूँ तुम्हें, तुम्हारी मंद मुस्कान को। उगते हुए दैदीप्यमान के स्वागत-सत्कार को लालायित! तुम्हारी बिछने की प्रवृत्ति को। हर पल सोचती हूँ! साँझ होने पर सिकुड़ते तितली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 37 Share Godambari Negi 27 Jan 2024 · 1 min read 'दोहे' काल चक्र घूमे सदा, करता नहीं विश्राम। हानि-लाभ क्या सोचना, सतत कीजिए काम।।1 सरल रहें व्यवहार में, शुद्ध रखें आचार। क्रोध लोभ मद छोड़ दें, हृदय रखें सुविचार।।2 मन की... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 64 Share Godambari Negi 27 Jan 2024 · 1 min read 'भारत के लाल' भारत भूमि के लाल, कर गये थे कमाल, काट गए पाक जाल, वाह-वाह जग कहे। काल से बरस पड़े, हिम श्रृंग चढ़ चले, कथा नव गढ़ चले, शत्रु के बंकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 38 Share Godambari Negi 27 Jan 2024 · 1 min read 'भारत के लाल' भारत भूमि के लाल, कर गये थे कमाल, काट गए पाक जाल, वाह-वाह जग कहे। काल से बरस पड़े, हिम श्रृंग चढ़ चले, कथा नव गढ़ चले, शत्रु के बंकर... Hindi · कविता 26 Share Godambari Negi 26 Jan 2024 · 1 min read 'भारत के वीर' भारत भूमि के लाल, कर गये थे कमाल, काट गए पाक जाल, वाह-वाह जग कहे। काल से बरस पड़े, हिम श्रृंग चढ़ चले, कथा नव गढ़ चले, शत्रु के बंकर... Hindi · कविता 52 Share Godambari Negi 26 Jan 2024 · 1 min read 'मर्यादा' कर कर्म हो मर्यादित, मर्यादा भंग ना कीजे। देश-धर्म रहे उन्नत, यत्न सभी ये कर लीजे।।१ रखें प्रथम देश हित, काज तब दूजा कीजे। बन मातृभूमि रक्षक, तन-मन अर्पित कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 70 Share Godambari Negi 1 May 2023 · 1 min read 'मजदूर' 'मजदूर' मैं मजदूर हूँ थोड़ा मजबूर हूँ घर द्वार को छोड़ छाड़कर सबसे दूर हूँ। मैं मजदूर हूँ..... खाता रूखी सूखी हूँ मैं भर भर पीता लोटा पानी सुबह से... Hindi · Poem 1 231 Share Godambari Negi 2 Apr 2023 · 1 min read 'महगाई' रो रहें हैं लोग सब महगाई के मारे, हाँ महगाई के मारे आई क्यों महगाई कुछ जाने ना बेचारे, हाँ जाने ना बेचारे। जन संख्या है बढ़ रही , खेती... Hindi · मुक्तक 314 Share Godambari Negi 20 Mar 2023 · 1 min read आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।। आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।। दिल का रुबाब होना, होता बुरा नहीं।। वैसे तो हर कदम पर कांटे बिछे हुए- जीवन गुलाब होना, होता बुरा नहीं।। माना... Quote Writer 3 2 427 Share Godambari Negi 19 Nov 2022 · 1 min read 'प्रेम' ( देव घनाक्षरी) प्रेम की दीवानी राधा, प्रेम की दीवानी मीरा, दोनों ही पुकार रही, हे! गिरिधर-गिरिधर। कृष्ण तो हैं राधा के तो, मीरा के गोपाल बाल, राधे बसी श्याम मन, मीरा को... Hindi · कविता 1 1 286 Share Godambari Negi 8 Nov 2022 · 1 min read 'निशा नशीली' निशा नार के आँचल में, चमकते तारे बिखर गए, देव सूर्य भी इस बेला में ना जाने किधर गए। हैं खड़ी दिशाएँ ओढ़ ओढ़नी मल-मल श्यामल सी, धवल प्रभा संग... Hindi · कविता 4 1 230 Share Godambari Negi 15 Oct 2022 · 1 min read 'अलगाव' अलगाव एक सफ़र है जीवन में हर किसी को इससे गुज़रना होता है।अलगाव गतिशीलता बनाये रखता है। जड़ होने से रोकता है। परोपकार करने वाले वो ही होते हैं जो... Hindi · लेख 1 179 Share Godambari Negi 6 Oct 2022 · 1 min read 'रावण' रावण बेशुमार जले हैं कल जलाने वाले क्या राम थे? नहीं, जब तक राम बनकर रावण को नहीं मारोगे, रावण का ही राज रहेगा। रावण रावण को नहीं मार सकता,... Hindi · लेख 346 Share Godambari Negi 25 Sep 2022 · 1 min read 'एक सयानी बिटिया' मन में छुपी थी खुशी अथाह, दुखः की न थी कोई परवाह। पौलीथीन तने तंबू के नीचे भी, झलक रही थी जीने की चाह। मुख मैला पर उत्साह घना था,... Hindi · कविता 2 3 342 Share Godambari Negi 25 Sep 2022 · 1 min read 'पितृ' (घनाक्षरी) कहलाये श्राद्ध पक्ष, अश्विन का कृष्ण पक्ष, कृतज्ञ हो श्रद्धा धार, श्राद्ध कर्म कीजिए। देव सम मान देना, हृदय में स्थान देना, तिल दुग्ध अंजली से, खूब मान कीजिए। जीवन... Hindi · कविता 257 Share Godambari Negi 12 Sep 2022 · 1 min read 'क्या लिखूँ, कैसे लिखूँ'? आज भाव विचार हैं सो चुके, ज्यों वर्ण-शब्द सब खो चुके। शून्य सी चेतना बोध बह गया, चपल लेखनी का वेग ढह गया। विषय विलुप्त से कहीं हो गये हैं,... Hindi · कविता 1 169 Share Godambari Negi 15 Aug 2022 · 1 min read 'भारत माता' मुड़ मुड़ देख रही नज़र जो, कहे बिना वो जो कहती है। प्रेम भरी कोई पाती लिख, रस धार इधर ही बहती है। कैसे न करूँ मैं स्वागत तेरा, कवि... Hindi · कविता 3 2 282 Share Godambari Negi 10 Aug 2022 · 1 min read 'नज़रिया' ऩजर का नहीं... नज़रिए का सवाल है। एक कहे पूज्य सरोवर दूजा कहे ताल है। वो कहता औघड़ नशेड़ी जिसे, मेरा वही त्रिलोकी 'महाकाल' है। एक पहलू में व्यभिचारी रावण... Hindi · ग़ज़ल 1 220 Share Godambari Negi 9 Aug 2022 · 1 min read 'शान उनकी' रह ग़ुजर में उनकी हम गुल दिन-रात सजाते गये, हवा की राह जाकर वो शान अपनी ज़ताते गये। Hindi · शेर 2 2 218 Share Godambari Negi 8 Aug 2022 · 1 min read 'समय का सदुपयोग' खाली बोतल जान समय को, तू ठुकरा मत देना। किस्मत वालों को ही आज ये मिलता, मन भीतर तुम बैठा लेना। ये दौर है मुश्किल का वर्तमान में, समय कहाँ... Hindi · कविता 1 3 302 Share Godambari Negi 3 Aug 2022 · 1 min read सुविचार "जिस क्षण भी आपके मन में प्रायश्चित का भाव भी उत्पन्न हो जाता है आप उसी क्षण क्षमा योग्य हो जाते हैं" -Gn Hindi · Quotation 2 240 Share Page 1 Next