DrLakshman Jha Parimal Tag: कविता 467 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DrLakshman Jha Parimal 16 Nov 2024 · 1 min read “मौन नहीं कविता रहती है” “मौन नहीं कविता रहती है” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= मुझे कहाँ पता कि मेरी बातों को लोग अपने हृदय में उतार लेते हैं ? कैसे कहूँ लोग इसको यदा-... Hindi · कविता 27 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Nov 2024 · 1 min read "अनुरोध" डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= बने हो फेसबूक के दोस्त, विचारों में बंधे रहना ! करोगे द्वंद अपनों से ,नहीं तुम दोस्ती करना !! करो सम्मान तुम सबका,समझ आपस में... Hindi · कविता 25 Share DrLakshman Jha Parimal 20 Oct 2024 · 1 min read " विश्व शांति " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ लगा लूँ पंख हाथों में क्षितिज के पार उड़ जाऊँ मिलूँ मैं सारी दुनियाँ से सभी का प्रेम मैं पाऊँ नहीं नफ़रत से जीना है... Hindi · कविता 42 Share DrLakshman Jha Parimal 19 Oct 2024 · 1 min read “मिट्टी का घर” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ बनी होती थी मिट्टी से हमारे घर की दीवारें खुला आकाश होता था जहाँ थी प्यार की बातें सभी को जानते थे हम मधुर संबंध... Hindi · कविता 22 Share DrLakshman Jha Parimal 16 Oct 2024 · 1 min read "फेसबुक मित्रों की बेरुखी" "फेसबुक मित्रों की बेरुखी" डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============== बने क्यूँ मित्र बोलो तुम , कभी नहीं बात करते हो ! छुपे हो पर्दों के पीछे, कभी नहीं हमको दीखते... Hindi · कविता 39 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Oct 2024 · 1 min read “लिखते कुछ कम हैं” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= कहाँ हम दिल की बातें कर पाते हैं ? लिखने से पहले कुछ सोचना पड़ता है किसी को बुरा ना लगे कोई मुझे आलोचनाओं के... Hindi · कविता 33 Share DrLakshman Jha Parimal 7 Oct 2024 · 1 min read "बेढ़ब मित्रता " “बेढ़ब मित्रता” डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ” ================= अनुरोध आने पर हम मित्र बना लेते हैं बेमेल को हम क्षण में डिलीट कर देते हैं लॉक प्रोफ़ाइल को कभी स्वीकार ना... Hindi · कविता 34 Share DrLakshman Jha Parimal 22 Sep 2024 · 1 min read “बधाई और शुभकामना” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= मनाओ जश्न तुम मिलकर, खुशी के गीत गा लो तुम ! बधाई के सुअवसर पर , गले सबको लगा लो तुम !! चरण छूओ बड़ों... Hindi · कविता 55 Share DrLakshman Jha Parimal 21 Sep 2024 · 1 min read "युग -पुरुष " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= रहो तुम प्यार से जुड़कर , नहीं प्रतिवाद तुम करना ! मिली हैं नियामतें तुमको , उसे जुड़कर सदा रहना !! बनो हमदर्द तुम सबका... Hindi · कविता 56 Share DrLakshman Jha Parimal 9 Sep 2024 · 1 min read “अपना बना लो” “अपना बना लो” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ नज़र से छुपना चाहो तो दिलों से छुप नहीं सकते कहीं भी तुम चले जाओ मेरे बिन रह नहीं सकते जुदा रहना... Hindi · कविता 38 Share DrLakshman Jha Parimal 30 Aug 2024 · 1 min read " आराधक " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= मुझे लिखना नहीं आता मैं अपनी बात कहता हूँ नहीं है ज्ञान शब्दों का सरल भाषा में लिखता हूँ ज़िगर में है मेरी चाहत जगत... Hindi · कविता 51 Share DrLakshman Jha Parimal 27 Aug 2024 · 1 min read " मेरा प्यार " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= मुझे कुछ भी नहीं भाता बस अपना प्यार तुम दे दो अकेले रहना मुश्किल हैं बस अपना साथ तुम दे दो तुम्हारे बिन अकेला मैं... Hindi · कविता 47 Share DrLakshman Jha Parimal 24 Aug 2024 · 1 min read “चिकनी -चुपड़ी बातें” “चिकनी -चुपड़ी बातें” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ बस बहुत हो चुकी चिकनी -चुपड़ी बातें सुनकर आमूल परिवर्तन का शंखनाद गुजेंगा सब के अंगों में वस्त्र होगें कोई भूखा नहीं... Hindi · कविता 53 Share DrLakshman Jha Parimal 22 Aug 2024 · 1 min read "आज का दुर्योधन " डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ” ================== क्यूँ कहूँ आखिर तुझको, बता जब बधिर तुम बन गए हो मुँह से कुछ भी ना बोल कर मूकता के जाल में फँस... Hindi · कविता 55 Share DrLakshman Jha Parimal 18 Aug 2024 · 1 min read “मधुरबोल” “मधुरबोल” मधुर अछि बोल आहाँ केर आहाँ कते नीक लागैत छी ! रहब हम संग जीवन भरि नहिं हम फूसि बाजैत छी !! सजल अछि रूप आहाँ कें कनिकबे घोघ... Maithili · कविता 63 Share DrLakshman Jha Parimal 16 Aug 2024 · 1 min read “ प्रजातन्त्र का सम्मान “ डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " =================== हर साल ये नेता हमें बुद्धू , और अनाड़ी बना रहे हैं ! चिकनी -चुपड़ी बातें करके , हमको वर्षों से बहका रहे हैं... Hindi · कविता 58 Share DrLakshman Jha Parimal 15 Aug 2024 · 1 min read " गप्प लिय मोदी सं आ टाका लिय बाइडन सं " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ========================== आइ हमरा मन करैत अछि अपन भाषा मे किछु कही परंच हम त मूक भेल पडल छी , आ कुहरैत छी , कानो पथरा गेल... Hindi · कविता 62 Share DrLakshman Jha Parimal 4 Aug 2024 · 1 min read "मन की खुशी " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ कोई देखे या ना देखे मुझे उनसे है क्या लेना ? मैं अपनी धुन का हूँ मालिक मुझे सिर्फ दिल का ही सुनना ! मेरा... Hindi · कविता 51 Share DrLakshman Jha Parimal 17 Jul 2024 · 1 min read “ऐसी दोस्ती” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ नहीं अनुरोध भेजो तुम नहीं क्षण में जुड़ो सबसे जरूरी है कि तुम जानो नहीं तो तुम मुड़ो उनसे बनोगे दोस्त बिन जाने निकट में... Hindi · कविता 65 Share DrLakshman Jha Parimal 6 Jul 2024 · 1 min read "संस्कार' "संस्कार' भद्रता, शालीनता, संस्कार और अच्छी सोच की तालीम हमें अपने पूर्वजों और परिवारों से मिलती है किताबों को लाख पीस कर गले के नीचे उतार लेने से हमें दिव्य... Hindi · कविता 72 Share DrLakshman Jha Parimal 3 Jul 2024 · 1 min read “दो बूँद बारिश की” डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============== दो बूँद बारिश की क्या पड़ी सारी कायनात बदल गयी झुलस रहे थे तपिश से हम घुटन महसूस होती थी घर से बाहर निकालना दूभर... Hindi · कविता 1 91 Share DrLakshman Jha Parimal 24 Jun 2024 · 1 min read “बोझिल मन ” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= करूँ क्या मैं बताओ तुम कोई कविता नहीं बनती किसी को देखता हूँ तो नज़र मेरी नहीं टिकती कभी मैं फिल्म को देखूँ सभी नीरस... Hindi · कविता 76 Share DrLakshman Jha Parimal 18 Jun 2024 · 1 min read "दोस्ताना " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ कई तस्वीरें मैं देखूँ किसे अपना बना लूँ मैं कोई जँचता नहीं मुझको किसे अपना समझ लूँ मैं निशाना मैं लगाता हूँ कोई हमदर्द मिल... Hindi · कविता 1 2 92 Share DrLakshman Jha Parimal 17 Jun 2024 · 1 min read “चिट्ठी ना कोई संदेश” “चिट्ठी ना कोई संदेश” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= दोस्त तो अनगिनत इस रंगमंच से जुड़े हुये हैं उनकी तस्वीरें विभिन्य भंगिमाओं वाली रंगमहल के दीवारों पर लटकीं हुईं हैं... Hindi · कविता 59 Share DrLakshman Jha Parimal 16 Jun 2024 · 1 min read "मित्रों से जुड़ना " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ============== आपके फ्रेंड रिक्वेस्टों का , हम सदा सम्मान करते हैं ! बड़े छोटों से हमको क्या , सभी को सलाम करते हैं !! आपके प्रोफाइलों... Hindi · कविता 80 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Jun 2024 · 1 min read " दोहरा चरित्र " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ हमारे रंग न्यारे देख लो हमारे ढंग न्यारे देख लो ! कभी हम साधू बनते हैं तो कभी शैतान बनते हैं !! कभी बापू के... Hindi · कविता 1 115 Share DrLakshman Jha Parimal 11 Jun 2024 · 1 min read “इसे शिष्टाचार कहते हैं” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= जन्म दिन है तुम्हारा तो सभी तुम्हें प्यार करते हैं बधाई तुमको मिलती है कोई दीर्घायु कहते हैं कभी हम शादियों के भी पावन तिथि... Hindi · कविता 111 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Jun 2024 · 1 min read “लिखने से कतराने लगा हूँ” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= बात ऐसी नहीं कि मैं पढ़ता नहीं हूँ मुझे अच्छी लगती है किसी और की कविता पढ़ना किसी के विचारों को मनन करना किन्हीं के... Hindi · कविता 91 Share DrLakshman Jha Parimal 9 Jun 2024 · 1 min read “उलझे हुये फेसबूक” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ उलझे हुये फेसबूक पन्नों को कोई तो सुलझा दो चमकती तस्वीर उसकी बने लोगों को एक पाठ पढ़ा दो ! सब के सब अपने पन्नों... Hindi · कविता 1 62 Share DrLakshman Jha Parimal 8 Jun 2024 · 1 min read “फेसबूक मित्रों की बेरुखी” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= कहो तुम दोस्त हो कैसे ? नहीं तुम उसकी सुनते हो ! जुड़े हो तुम सदा उनसे नहीं तुम दोस्त लगते हो !! नहीं जाना... Hindi · कविता 108 Share DrLakshman Jha Parimal 23 May 2024 · 1 min read "अलग -थलग" डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============== कई बार उनको मैंने ख़त लिखा कभी संदेश उनको भेजता हूँ पर उनकी निष्ठुरता तो देखिये नज़र अंदाज़ का सलीक़ा तो इनसे सीखिये ऐसा नहीं... Hindi · कविता 1 91 Share DrLakshman Jha Parimal 18 May 2024 · 1 min read "फेसबूक के मूक दोस्त" डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= कहाँ है उत्सुकता किसी को किसी को जानने की किसी को पहचानने की बस जुड़ गए हैं विशाल हस्तियों से कोई लेखक हैं कोई कवि... Hindi · कविता 93 Share DrLakshman Jha Parimal 16 May 2024 · 1 min read "चुभती सत्ता " डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============== जूते अब चुभने लगे हैं जगह -जगह पैरों में छाले उभर गए हैं चलना अब दूभर हो गया है सारा बोझ पैरों पर ही पड़ने... Hindi · कविता 62 Share DrLakshman Jha Parimal 4 May 2024 · 1 min read “गुरु और शिष्य” “गुरु और शिष्य” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ नहीं हम मानते गुरु को नहीं सम्मान देते हैं ! नहीं आदर कभी करते नहीं प्रणाम करते हैं !! गुरु को भी... Hindi · कविता 80 Share DrLakshman Jha Parimal 1 May 2024 · 1 min read " मुरादें पूरी " डॉ लक्ष्मण झा परिमल =============== करूँ तो क्या करूँ मैं भी , नहीं कोई गीत गाता हूँ ! ना मेरे सुर कभी लगते , मैं लय को भूल जाता हूँ... Hindi · कविता 83 Share DrLakshman Jha Parimal 28 Apr 2024 · 2 min read " फेसबूक फ़्रेंड्स " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ बने हो दोस्त मेरे तो सदा तुम मौन रहते हो ना कोई गुफ़्तगू मुझसे न कोई खत ही लिखते हो !! गए वो दिन हमारे... Hindi · कविता 116 Share DrLakshman Jha Parimal 18 Apr 2024 · 2 min read “दोस्त हो तो दोस्त बनो” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= करो तुम दोस्ती मुझसे, सदा ही दोस्त ही रहना ! निभाना हो अगर तुमको, मुझे तुम दोस्त ही कहना !! करो तुम दोस्ती मुझसे, सदा... Hindi · कविता 89 Share DrLakshman Jha Parimal 13 Apr 2024 · 1 min read “सभी के काम तुम आओ” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================================= बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो ! रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !! बने तुम दोस्त... Hindi · कविता 1 73 Share DrLakshman Jha Parimal 31 Mar 2024 · 1 min read “कवि की कविता” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= सपनों में मेरी “कविता” आयी मलिन ,शृंगार रहित चुप -चाप खड़ी मायूस पड़ी पलकों से आँसू बहकर सुउख चली थी मटमैले परिधानों में शांत लिपटी... Hindi · कविता 113 Share DrLakshman Jha Parimal 27 Mar 2024 · 1 min read "इस्राइल -गाज़ा युध्य डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================== सुरक्षा जिसके जिम्मे है सुरक्षा देर से करते कडोरों मर गए बच्चे तभी ये बात ही करते जो बचकर रह गए लोगों उसे बचना नहीं... Hindi · कविता 78 Share DrLakshman Jha Parimal 23 Mar 2024 · 1 min read " नयी दुनियाँ " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= सभी करते हैं गलती भी उसे महसूस करना है विनम्रता से उसे हमको सदा स्वीकार करना है जो गलती आज करते हैं उसे हरगिज नहीं... Hindi · कविता 113 Share DrLakshman Jha Parimal 20 Mar 2024 · 1 min read "संवाद " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= लिखो तुम रोज ही कुछ भी कोई पढ़ता नहीं इसको , किसे है आज तक फुर्सत कहें तो हम कहें किसको !! उन्हें कहने की... Hindi · कविता 96 Share DrLakshman Jha Parimal 18 Mar 2024 · 1 min read "शिष्ट लेखनी " डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================= कवि की कल्पनाओं से कोई कविता निकलती है लिखे जाते हैं कागज पे वही एक बात होती है बड़ी शालिनताओं से कवि कोई बात कहता... Hindi · कविता 100 Share DrLakshman Jha Parimal 18 Mar 2024 · 1 min read “पसरल अछि अकर्मण्यता” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ==================== भेद -भाव ,क्षेत्रीयता,ऊंच-नीच, जातिवादिता आ अकर्मण्यता क परिवेश मे मैथिल अखनो धरि जीवि रहल छथि व्यर्थ क ,अकाजक ,कटुता प्रतिद्वंदिता ,द्वेष ,अवहेलनाक दावानल मे सूढाह... Maithili · कविता 95 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Mar 2024 · 1 min read “तुम हो तो सब कुछ है” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ================ चलो कहीं दूर जाएँ हम यहाँ हमें जी नहीं लगता घुटन होती है अब मुझको कोई भी साथ ना देता !! बहुत उम्मीदें थीं अपनी... Hindi · कविता 98 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Mar 2024 · 1 min read " अब कोई नया काम कर लें " “अब कोई नया काम कर लें” डॉ लक्ष्मण झा परिमल ==================== बहुत हो गया है आराम अपना चलो उठके अब कोई नया काम कर लें सोने से अब कुछ ना... Hindi · कविता 1 91 Share DrLakshman Jha Parimal 2 Feb 2024 · 1 min read " कविता और प्रियतमा डॉ लक्ष्मण झा " परिमल " =================== कोई बनती नहीं कविता , तुम्हारे दूर जाने से ! न जाओ भूलके मुझसे , किसी के और कहने से !! तुम्हारे रूप... Hindi · कविता 1 142 Share DrLakshman Jha Parimal 27 Jan 2024 · 1 min read " मैं तो लिखता जाऊँगा " डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “ ================== कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा कोई सुने या ना सुने मैं तो कहता जाऊँगा कभी व्यथाओं के छोर से मेरी... Hindi · कविता 138 Share DrLakshman Jha Parimal 20 Jan 2024 · 1 min read " रहना तुम्हारे सँग " ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ ! मेरे करीब आओ , एक राज मैं बताउँ !! ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ ! मेरे करीब आओ... Hindi · कविता 208 Share DrLakshman Jha Parimal 31 Dec 2023 · 1 min read “नये वर्ष का अभिनंदन” “नये वर्ष का अभिनंदन” डॉ लक्ष्मण झा"परिमल " =================== चलो करते हैं अभिनंदन नये इस साल को पाकर ! खुशी की है लहर जग में नये परिवेश को लाकर !!... Hindi · कविता 154 Share Page 1 Next