Buddha Prakash Tag: कविता 324 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 19 Nov 2024 · 1 min read बहू एक उड़की-उड़की हुई बहू, चांद-सा चेहरा उसका, क्यो थी लुढकी- लुढकी सी बहू, सुबह सवेरे रेल के सफर में, बैठी चुपकी - चुपकी सी बहू। रूप सुंदर नैना काले, गोरे... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 11 Share Buddha Prakash 27 Oct 2024 · 1 min read दे दे सुकून बारिश की बूँद आयी है बरसाते , लेकर के तेरा प्यार, आने से तेरे आ गया, सुकून दिल मे आज । तड़पा रही थी मुझको, तेरे आने का इंतजार, हुई पूरी हरसत दिल... Hindi · कविता · गीत 1 22 Share Buddha Prakash 27 Oct 2024 · 1 min read मन को कर लो अपना हल्का । आंखो से आसू बह जाने दो, बोझ दिल का घट जाने दो, जग सागर से गहरा है, मन सब का ही बहरा है, माया जाल का पहरा है, तृष्णा ही... Hindi · कविता 1 31 Share Buddha Prakash 12 Oct 2024 · 1 min read रतन टाटा जी की बात थी खास तुम दानवीर ,तुम में है धीर, शिद्दत से साधा है तुमने तीर, ओढ़े कफन हो तुम रतन, कुदरत से तेरा अटूट बंधन। श्रद्धा सुमन अर्पित है तुझे, शांति से तुमने... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 27 Share Buddha Prakash 20 Aug 2024 · 1 min read मान जाने से है वो डरती खबर किस बात की लेनी थी , अक्सर ये मालूम नहीं होता, खबर उनकी जो तकनी थी, उनको मालूम तभी से थी, अब सिर्फ बात बिगड़नी थी, अपनी हर रात... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 51 Share Buddha Prakash 15 Aug 2024 · 1 min read गर्व हमें है ये भारत हमारा। यह देश है मेरा इतना प्यारा, लगता है सबको ही न्यारा, इसकी मिट्टी में हम है जन्मे, गर्व हमें है ये भारत हमारा। शान है इसकी इस जहाँ से ज्यादा,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 53 Share Buddha Prakash 2 Aug 2024 · 1 min read अँधियारे में जीने दो अँधियारे में जीने दो, भय मुझको अब लगता है, प्रत्यक्ष जग में दिखता हूँ, खुद के मन से छुपता हूँ। ये तीव्र रोशनी सच्चाई का, काँटो सा मुझको चुभता है,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 58 Share Buddha Prakash 2 Aug 2024 · 1 min read हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।। ये हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम। कैसे ये समझ लिया आपने, प्यार नहीं है करते अब , इकरार ये हुआ था कब, इन निगाहों से पूछ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 77 Share Buddha Prakash 30 Jul 2024 · 1 min read मानवता का है निशान । आंँसू आँखों से छलके कैसे? मानवता का हृदय धड़के बंध के, दुःख भी दुःख-सा न होता प्रतीत, मिल जाये जब मौका कभी, हाथ बढ़ा दो ,एहसास जगा लो, मानवता का... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 106 Share Buddha Prakash 28 Jun 2024 · 1 min read अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है, अपना रास्ता चुन लिया है, अपनी होकर कैसे हई परायी, प्रीत मे कैसी है ये दुःखदायी। आंँसू छलके नैना से जब भी, दूर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 1 69 Share Buddha Prakash 27 May 2024 · 1 min read आज नहीं तो कल मै जागू आज नहीं तो कल मै जागू, जीवन मे शांति ही पा लूँ । अपनी कृपा मुझमे तुम करना, सदकर्मो की झोली भरना, मांगू कुछ ना दाता तुझसे, तुम बिन अब... Hindi · कविता · प्रकाश बोधि 2 76 Share Buddha Prakash 9 May 2024 · 1 min read कटेगी हर पीड़ा यूँ ही .. दुःख होता ना किसी का, ये बैरी है जीव ये । गुरूर ना करो तुम, भजो नाम हरि का ।। कटेगी हर पीड़ा यूँ ही हल्के-हल्के। महसूस करना ,दुःख तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 3 78 Share Buddha Prakash 9 May 2024 · 1 min read क्यो तू रोता इस नश्वर संसार में .. क्यो तू रोता ? इस नश्वर संसार में, हाड़ मांस का पुतला है तू, खुद नहीं किसी के काम का, खाक एक दिन हो जाएगा, राख बचेगी पहचान है ये।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 3 93 Share Buddha Prakash 9 May 2024 · 1 min read ध्यान कर हरी नाम का ध्यान कर हरी नाम का, क्यो तुझकों है गुमान किसका ? जर्जर होगी काया एक दिन, सुन्दर रूप रूठें मोह माया तुझसे, धन और दौलत काम ना आये, जो ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 82 Share Buddha Prakash 8 May 2024 · 1 min read भीम बाबा ने सबको कहा है भीम बाबा ने सबको कहा है, मार्ग बुद्ध का तुम पकड़ लो, बनके आये तुम करने उजागर, देने संदेश बुद्ध के राह की, हो जाएगा जीवन सफल भी, दुःख से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 3 1 87 Share Buddha Prakash 8 May 2024 · 1 min read इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी, प्राण छूटे तो गम नहीं है। टूटे तुझसे ये रिश्ता कभी ना, रूठ जाए ये संसार कम है।..... सुख हो या हो दुःख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 74 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read बड़े गुरुओं का एक ही कहना बड़े गुरुओं का एक ही कहना, माता पिता की सेवा करना । जीवन में यदि खुश है रहना, उनको एक पल दुःख ना देना , भाव हृदय मे अपने भरना।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 4 1 68 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read सतगुरु से जब भेंट हुई सतगुरु से जब भेंट हुई तो, मन हृदय बदल गया, खुल गये चक्षु ज्ञान मेरा, जब अहंकार मिटा। सतगुरु से जब भेंट हई तो, कुछ भी ना गैर ना अपना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 53 Share Buddha Prakash 7 May 2024 · 1 min read जय हो बाबा साँई बाबा जय हो बाबा साँई बाबा। जग में ना कोई तुझसे बड़ा है। तुझ सा ना कोई दुःख हर्ता है, तुझसे ना कोई छुपा हुआ है, तू ही है जग का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 66 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी, मीठा नही संसार है, तीखे बोल जो कोई बोले, पा ना सके वह प्यार है। प्यार नहीं जो जग मे करता, कैसे पाये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 88 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read हम भी है परमेश्वर के संतान । हे पिता परम परमेश्वर, तू ही ईश्वर एक है, ईशा मसीह एक पुत्र है उनके, नाम से जिनके प्रेम है। प्रेम करना जिसने सिखाया, उससे ही जुड़ना सबको बताया, परम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 63 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read गाती मीरा भक्ति भजन है गाती मीरा भक्ति भजन है, कृष्ण हृदय में उसके रमन है, सादा जीवन उसने बिताया, मोह उसने कान्हा से लगाया। नैनो मे उसने गोपाल समाया, बावली हुयी मीरा ऐसा बताया,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 56 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read हे ! निराकार रूप के देवता तुझमें है बसता, मुझमें है बसता, करू मै उसको प्रणाम हे ! हे! निराकार रूप के देवता, आदि अंत है तुझसे जुड़ा, जीवन ये मेरा तूने दिया है, तुम ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 57 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read तुम्ही हो तुम्ही हो मालिक, तुम्ही खुदा हो, तुम्ही इस जगत के, जगत पिता हो। तुम्ही हो अम्बर, तुम्ही धरा हो, तुम्ही जीवन के, मात-पिता हो। तुम्ही हो दाता, तुम्ही ईश्वर हो,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 60 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read चाहे जितनी देर लगे कण-कण का कल्याण करे, रोम-रोम में होता है बसा, ऐसी है निराकार की कथा, देता है वह अंत में स्वतः, करता है जो भक्ति सदा। चाहे जितनी देर लगे……।। मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 49 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read करता हूँ, अरदास हे मालिक ! करता हूँ ,अरदास हे मालिक ! तेरे दर पर आया हूँ, तेरी कृपा से मै जो पाऊ, जीवन का मेरा प्रसाद बने। मोह माया भय लोभ क्रोध यह, शांति मिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 62 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read संत की महिमा संतो की बात न कहिये, संत की ना कोई काया है, पूर्ण ज्ञान जो पा सका, आनंद उसकी ही छाया है। शांत मन प्रेम की वाणी, भोजन भिक्षा में पाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 49 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read बाबा फ़क़ीर हमारे बाबा फ़क़ीर हमारे, हर लेते पीर सारे, दुःख झोली में अपनी भरते, दुआओं से भरते खुशियाँ सारी। एक फ़क़ीर संसार का, सूफ़ी गीत सुनता उसका, कण-कण हृदय प्रेम से भरता,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 50 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read जैन मुनि है महावीर स्वामी भगवान हो जैन मुनि है महावीर स्वामी भगवान हो, दर्शन कर लो तुम इनके आज हो, कहलाते है जिन ये खास हो, अपनाते है पंच महाव्रत हर बार हो, महावीर स्वामी जीता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 2 46 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read बुद्ध रूप में गुरू बन गये भ्रमण कर रहे भिक्खु जग में, बुद्ध रूप में गुरू बन गये , दे रहे है ज्ञान जगत को, पाने को मन शांति सबको। विश्व गुरू बने बुद्ध हमारे, खोज... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 44 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read संत हूँ मैं संत हूँ मैं, मेरी ना काया, मोह माया मुझमें ना बकाया । धारण करता पट एक निर्मल, हाथ कमंडल झोली खाली, गाता रहता गुणगान जगत का, ईश्वर के कल्याण गाथा।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 60 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read आये हो तुम मेरे अंगना आये हो तुम मेरे अंगना, मेरी कुटिया मे तुम यूँ पधारो, कोटि कोटि नमन करू मै, दर्शन कर लूँ भर भर नैना। आये हो तुम मेरे अंगना, तेरी आओभगत मै... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 51 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read एक पल में जब हटेगी छाया खून पसीना खूब बहाया, अपने घमंड में खूब कमाया, दे सका कोई दान रे! क्या पायेगा उद्धार रे ? तेरी है नियत खोटी जग में, खोटा अगर इंसान है, एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 76 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read कैसे हुआ मै तुझसे दूर तेरी ही माया, तेरी ही काया, मालिक है तू, तेरी ही छाया । कैसे हुआ मैं तुझसे दूर, मन में बसा तू मेरे अंदर, हर पल करता मेरा सहारा, तू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 55 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी हे ईश्वर ! कर रहा हूँ मैं आराधना तेरी, अब चाह नहीं है मन मे मेरे, पाऊ कुछ और तेरे बिना, दर्शन के कुछ और सिवा। भज रहा हूँ नाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 56 Share Buddha Prakash 6 May 2024 · 1 min read उसकी याद कर ले , हे बन्दे ! उसकी याद कर ले , हे बन्दे ! जीवन जिसने तुझको दिया है, तेरी रक्षा उसने किया है, घाट घाट में फिर ना बन्दे, दिल में तेरे वास किया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · प्रकाश बोधि 1 69 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदना सहज भाव है रखती । न मरती है संवेदना , न मिटती है संवेदना, शांत भले ही हो, पल भर मे जगती है संवेदना। न जाने कब और किस पल ? छू ले किसी का... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 115 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read बना रही थी संवेदनशील मुझे जब मै टहल रहा मदहोस था, सुना , रोते किसी को बागो में, फल लदे हुए थे वृक्ष की गोद मे, ना भूख थी, ना बेहोश थी, आंँसू मे डूबे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 110 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read मूक संवेदना संवेदनाये क्या कहती है ? दुख दर्द को खूब समझती है, सुख की अनुभूती करती है, मूक होकर भी शब्द कहती है। संवेदनाये एक जाग्रति है, चेतनाये कही जुड़ी है,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 87 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदनाएं मत पालो ये भ्रम मन में, वेदनाएं विलुप्त हो गयी है , संवेदनाएं कही खो गयी । जगाती है तुम्हे तुमसे, जोड़ती है तुम्हे उनसे, संवेदनाएं यही कही है। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 79 Share Buddha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read एक छाया एकदम से याद आया, वो तो थी एक छाया, सिहर उठी मेरी काया, धीरे–धीरे भय था आया। गुमनाम-सा एक मेहमान-सा, बिच राह मे खड़ा था पाया, अँधेरे मे देख ना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 130 Share Buddha Prakash 22 Apr 2024 · 1 min read एक गुजारिश तुझसे है एक गुजारिश तुझसे है, तुम दिल से मुझे लगा रखना, भूल ना जाना इस कदर यूँ ही, दिल टूट ना जाये फिर मेरा। एक गुजारिश तुझसे है, तुम प्यार कभी... Hindi · कविता · गीत 1 94 Share Buddha Prakash 21 Apr 2024 · 1 min read मुहब्बत भी मिल जाती मुहब्बत भी मिल जाती, खुशियाँ भी खिल जाती, दिया होता जो साथ अपना, बगावत भी मिट जाती। नशा तेरी मुहब्बत का, आँखों में बसा रहता, सजा मुझकों ना मिलती तुझसे,... Hindi · कविता · गीत 1 90 Share Buddha Prakash 15 Apr 2024 · 1 min read प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी इधर - उधर न देखो भाई, मौका ताक के न फेको भाई, स्वच्छ भारत अभियान चलाया, हर घर में कचरा वाला आया, गली गली में कूड़ा दान लगाया, उपयोग सही... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 1 122 Share Buddha Prakash 15 Apr 2024 · 1 min read जल बचाओ एक सबक सुनो सुनो अब बाल बच्चे, करो अब बहाना नहीं । ध्यान अब भटकाना नहीं, जल ज्यादा फैलाना नहीं, बूँद-बूँद जल को तरसते है, जो फिज़ूल जल बर्बाद है करते ।... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 1 59 Share Buddha Prakash 15 Apr 2024 · 1 min read प्रकृति है एक विकल्प रेड डाटा बुक, कहती है आज, मानव की लापरवाही, विलुप्त हो रहे कैसे? ये जीव-जंतु और पौधे प्रकृति से । क्यों खतरे में है इनकी पहचान, क्यों मिट रहा नामो... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 1 91 Share Buddha Prakash 15 Apr 2024 · 1 min read सच्चा मित्र है पर्यावरण हे मानव! तुम जाग जाओ, प्रकृति यही कर रही पुकार, पर्यावरण कितना प्रदूषित हो रहा, कैसे होगा इसका सुधार ? प्राणों से प्रेम यदि करते हो, तो प्रकृति प्रेम जुड़ा... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 2 68 Share Buddha Prakash 15 Apr 2024 · 1 min read प्लास्टिक प्रदूषण घातक है कलयुग आया मशीनी करण छाया, पेड़ पौधों की खो गयी छाया, तकनीक से भला तो होता है, पर्यावरण से कैसे अछूता है? उद्देश्य बहुत है ,पर ई-कचरा का क्या ?... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 1 77 Share Buddha Prakash 14 Apr 2024 · 1 min read जल संरक्षरण है अपना कर्तव्य स्वच्छ सुन्दर धवल सी दिखती मै, कल कल करके उज्जवल सी बहती मै, कूड़ा कचरा फेंख के मुझपर, गन्दा जल प्रवाहित करके मुझमें, दूषित कर खुद को चुनौती दिया है... Hindi · कविता · प्रकृति की छाव में 1 64 Share Buddha Prakash 14 Apr 2024 · 1 min read भीम राव हैं , तारणहार मेरा। भीम राव हैं , तारणहार मेरा। चुनौतियों को स्वीकारा जिसने, छुआछूत को ललकारा जिसने, चौदार तालाब में आंदोलन करके, मुक्ति है दिलाया जिसने। भीम राव हैं , तारणहार मेरा। समानता... Hindi · कविता · जय भीम कविता 3 1 114 Share Page 1 Next