Brijpal Rawat Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Brijpal Rawat 29 May 2020 · 1 min read प्रेम ● प्रेम में रहना चाहूँगा मर जाने के बाद भी क्योंकि प्रेम का कोई.. ठोस कारण नहीं होता प्रेम तो बस प्रेम होता है ! ● ©®Brijpal Singh Hindi · कविता 1 322 Share Brijpal Rawat 8 May 2020 · 1 min read हम घर जा रहे हैं, हमें घर जाना है हम घर जा रहे हैं, हमें घर जाना है। __________________________ चलते सड़कों पर हम, विवश पड़े हैं मज़दूर हैं साहब! बस पड़े-के-पड़े हैं दाना भी है पानी भी, बस ज़रा-ज़रा... Hindi · कविता 2 210 Share Brijpal Rawat 6 Apr 2020 · 1 min read सोचो तो सबकुछ है मौज़ूद और कुछ भी है नहीं सोचो तो सबकुछ है मौज़ूद और कुछ भी है नहीं... ज़ीने वाले तमाम तमाम मरने वाले पेड़ पौधे और भी प्राणी.. नश्चर, निश्चल, निषभाव वेग से चलती धारें मद्धम मद्धम..... Hindi · कविता 1 235 Share Brijpal Rawat 5 Apr 2020 · 1 min read दीया जलाओ मैं भी जलाता हूँ तुम भी जलाओ कुछ दीया जलाओ, कुछ जले लोगो को जलाओ.. कोरोना भाग जाएगा ऐसा नहीं है एकता का पैगाम है इसे अपनाओ ध्रुत बन बैठे,... Hindi · कविता 1 233 Share Brijpal Rawat 22 Jan 2020 · 1 min read भुलौं टक लगै कि सूणा तुम अभिमान त नि करा भै। ____________________ उठा जागा, खेला कूदा तुम नाचा, गावा, ज्वान हुयां तुम तुम करा भंडै उत्थान बनावा अपणु बड़ो नाम भुलौं टक लगै कि सूणा तुम अभिमान त नि करा भै... Hindi · कविता 1 604 Share Brijpal Rawat 18 Nov 2019 · 1 min read कभी कभी मैं भूल जाऊँ तो तुम याद दिलाना कभी-कभी.. चलते राह में कंकड पत्थर भी मिलेंगे कभी-कभी.. यूँ जो दरिया है नदी के इस पार का उस पार का ये क्या... Hindi · कविता 2 262 Share Brijpal Rawat 10 Nov 2019 · 1 min read जानवरों से प्रेम करो इंसानो से गर करोगे प्यार बढ़ाओगे स्नेह का स्तर बस स्वार्थ के लिये.. नाम के लिए और शौहरत के वास्ते मन अशांत रहेगा.. जो स्वभाविक है, मनुष्य जीवन में तरह-तरह... Hindi · कविता 263 Share