Ashok Sharma Tag: घनाक्षरी 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Sharma 3 Aug 2022 · 1 min read विश्व स्तनपान दिवस मातृ दुग्ध अमृत है, हर शिशु जीव हेतु, जगरूक माता अब, आप बन जाइये। पेट में ही ज्ञान पाता, शिशु दुग्ध कैसे पीना? जनम समय इसे, जरूर पिलाइये। छह माह... Hindi · घनाक्षरी 434 Share Ashok Sharma 12 Mar 2022 · 1 min read फगुनी बयार बसन्त में बाग फूले, आम्र डाली डाली झूले, प्रेम मतवाली झूमे, फगुनी बयार है। खेत दिखे पीले सब, हरा भरा दिखे रब, खग मद मस्त दिखे, बसन्त बहार है। रग... Hindi · घनाक्षरी 465 Share Ashok Sharma 28 Feb 2022 · 1 min read शिव शम्भु (मनहरण घनाक्षरी) आप शिव शम्भु भोले, जग हर हर बोले, निवास कैलास करे, मेरी गली आओ ना। दूध दही नहीं सही, बेल पत्र धूल रही, कैसे करूँ पूजा तेरी, राय... Hindi · घनाक्षरी 223 Share Ashok Sharma 22 Feb 2022 · 1 min read मतदान जागरूकता मतदान उत्सव है, प्रजातंत्र भारत का, जागरूक मतदाता, आप बन जाईये। प्रजातंत्र प्रजा हित, खातिर ही तो बना है, कैसे होगा हित आप, सबको बताईये। जिम्मेदारी सिर्फ़ राज-नेताओं की नहीं... Hindi · घनाक्षरी 1 231 Share Ashok Sharma 31 Oct 2021 · 1 min read कुम्हार ब्रह्माजी का रूप धर, मृतिका को रौंद कर, रचे नयी नयी चीज, कुम्भकार कहलाता। छोटे छोटे बेच दीया, जग में प्रकाश किया, प र्या व र ण सुरक्षा, खातिर हाथ... Hindi · घनाक्षरी 2 2 453 Share Ashok Sharma 2 Oct 2021 · 1 min read शास्त्री गांधी भारत में जन्म लिये, तम को प्रकाश किये, कर्म श्रेष्ठ बड़े नेक, फिर दोनों आओ ना। बापू सत्य के पुजारी, अहिँसा थी बड़ी प्यारी, सबको आजाद किये, करो मरो गाओ... Hindi · घनाक्षरी 1 423 Share Ashok Sharma 22 Sep 2021 · 1 min read अंतिम सुन्दरता बहुत हुआ नादानी, आओ देखें दाना पानी। राग द्वेष छोड़ कर , हिया पटल खोल। गोल देखा है कपोल, रेशमी लटों का मोल। देखा न मन की घटा, दे छाया... Hindi · घनाक्षरी 1 266 Share Ashok Sharma 30 Aug 2021 · 2 min read कान्हा फिर आओ ना कृष्ण जन्माष्टमी पर मनहरण घनाक्षरी ★★★★★★★★★★★★★★ गोकुल में जन्म लिए, यशोदा को लाल दिए, हर्ष भरे गाँव वाले, फिर तुम आओ ना। दूध दही नहीं रही, छाछ न मलाई सही,... Hindi · घनाक्षरी 4 4 774 Share Ashok Sharma 13 Aug 2021 · 1 min read नागपंचमी शिवशंकर के प्यारे, होते गले हार सारे, फुफकार छोड़कर, दें शोभा अनमोल। जग इनको भी माने, भोले संग साथी जाने, नागपंचमी में पूजे, लावा व दूध घोल। पर्यावरण खातिर, घूमते... Hindi · घनाक्षरी 1 232 Share Ashok Sharma 4 Aug 2021 · 1 min read प्राकृतिक आपदा मनहरण घनाक्षरी °°°°°°°°°°°°°°°° कहीं कहीं सूखा कहीं, बाढ़ की विभीषिका है। कहीं पर जंगलों में , आग है पसरती। कहीं ज्वालामुखी कहीं, फटते है बादल तो। कहीं पे भूकम्पनों से,... Hindi · घनाक्षरी 1 2 423 Share Ashok Sharma 26 Jul 2021 · 1 min read सोमवार शिवभक्ति सावन सुहाना आया, हरीतिमा जग छाया, भोले की कृपा है पायी, जयति शिव बोल। झूम रही डाली डाली, मस्त होके मतवाली, सूरज भी काफी खुश, नेत्र अपना खोल। तन तन... Hindi · घनाक्षरी 1 286 Share Ashok Sharma 24 Jul 2021 · 1 min read माता-पिता मनहरण घनाक्षरी में रचित ******************** ममता की भाषा बोले,माँ ही सारा प्रीत घोले, पिता की है बड़ी त्याग, इनकी जय बोल। पाल पोश बड़ा किये, प्यारा नाम तुझे दिये, सब... Hindi · घनाक्षरी 2 381 Share Ashok Sharma 23 Jul 2021 · 1 min read माता-पिता मनहरण घनाक्षरी में रचित ******************** ममता की भाषा बोले,माँ ही सारा प्रीत घोले, पिता की है बड़ी त्याग, इनकी जय बोल। पाल पोश बड़ा किये, प्यारा नाम तुझे दिये, सब... Hindi · घनाक्षरी 2 1 445 Share Ashok Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read ◆आओ ना बरसात◆ ◆आओ ना बरसात◆ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° (मनहरण घनाक्षरी में रचना) वर्षा काल अनमोल,नभ देता आंखें खोल। हर्ष भरे मेघ भैया , धरती पे आओ ना।। धरा अब तप रही, खुशियाँ भी ठप... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 3 4 365 Share Ashok Sharma 5 Jun 2021 · 1 min read *पर्यावरण और मानव* 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर मनहरण घनाक्षरी रचना °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ★ *पर्यावरण और मानव*★ धरा का श्रृंगार देता, चारो ओर पाया जाता, इसकी आगोश में ही, दुनिया ये रहती। धूप... Hindi · घनाक्षरी 3 4 638 Share Ashok Sharma 16 May 2021 · 1 min read ●सुहानी बरसात● ★★★★★★★★★★★★★ पवन लहर सम, बहकत तन मन , गगन बजत जस, छमछम छमछम । दमकत चमकत ,नभ बरसत जब, जलकण तनपर ,मलत मदन तब। सरवर छलकत, लचकत लचकत। जलधर सरकत,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 8 12 911 Share Ashok Sharma 16 May 2021 · 1 min read डमरू घनाक्षरी (भजन) ★★★★★★★★★★★★★★ जप भगवन लय , दरश तड़प रख। चरनन सर रख , मन हर हर कर।। यह मन नटखट, मन अब तरसत। नयनन जल भर, जनम सफल कर।। उर तड़पत... Hindi · घनाक्षरी 1 353 Share