Arvind trivedi Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read निज प्रभुत्व में हैं जीते जो द्वंद अनेकों पलते देखे, संवेदनहीन विचारों में । मानवता का करें अनादर, निज प्रभुत्व में हैं जीते जो ।। भेदभाव की नीति सुहाती, विश्वासों का गला घोंटते । अपने वक्तव्यों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 125 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read संघर्षी गीत आशाओं की पगडंडी पर, चला ढूँढने ठाँव । अवसादों की आँधी रह-रह, डिगा रही है पाँव ।। संघर्षों की परिपाटी पर, अभिलाषा ने चित्र उकेरे । विहग उड़ चले अम्बर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 1 45 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read शिव स्तुति हे ! आदिदेव, हे ! आदिपुरुष, शंकर भोले भंडारी । सम्पूर्ण सृष्टि के स्वामी तुम, नीलकंठ हे ! त्रिपुरारी ।। गंगा बहे जटा से जिसकी, वह कैलास निवासी है ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · शिव 1 86 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read जय माँ शारदे प्रणाम मातु शारदे, सुकाव्य काव्य कीजिए । सुवर्ण तूलिका रहे, यही अशीष दीजिए । प्रकाश ज्ञान का भरो, अबुद्धि का विनाश हो । कुरीतियाँ मिटे सभी, सुनीति का विकास हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · पंच चामर छंद · सरस्वती वंदना 1 154 Share Arvind trivedi 21 Jan 2024 · 1 min read जय अयोध्या धाम की दिव्यमय वातावरण। भव्य यह जनजागरण। आस्था के रंग में। हिन्द वासी संग में। नृत्य करते झूमते। राम को सब पूजते। गूँजता जय घोष है, देख छवि श्रीराम की। जय अयोध्या... Hindi · कविता · गीत · जय श्री राम · भक्ति गीत 2 198 Share Arvind trivedi 31 Oct 2022 · 1 min read लौह पुरुष अराजकता विघटनों पर लगाम कस, शासन की नीतियाँ सुदृढ़ बनाता रहा | धीर - गंभीर होकर विवेक के प्रभाव में, शत्रु को पराजय का मार्ग दिखाता रहा | निडर होकर... Hindi · कविता 100 Share Arvind trivedi 28 Jul 2022 · 1 min read बारिश की बूँदें जब बारिश की बूँदें बादलों से होकर कच्ची छतों को भेदते हुए, कोठरी जलमग्न करती हैं, तो कितने मुँह से निकली आँहों के साथ पलकों के रस्ते खारे पानी की... Hindi · कविता 2 2 169 Share Arvind trivedi 20 Jul 2022 · 1 min read मुक्तक तीर फिर तरकशों से निकलने लगे । रोशनी के लिए फिर भटकने लगे । सोच उल्टी दिखे आदमी की यहाँ - अम्न के ख्वाब देखो बिखरने लगे ।। ✍️ अरविन्द... Hindi · कविता · मुक्तक 321 Share Arvind trivedi 9 Jun 2022 · 1 min read पिता पिता हर घाव की औषधि, पिता हर कष्ट में साथी । पिता तहजीब की मूरत, पिता आदर्श की पाती ।। पिता पुरुषार्थ का सूचक, दिया संबल मुझे हरपल । छिपाकर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 2 293 Share Arvind trivedi 3 Feb 2021 · 1 min read नेह का भाव नैन तुमसे मिले जब, अधर सिल गए, मूक वाणी हुई दिल धड़कनें लगा | शून्यता थी भरी इस हृदय में शुभे ! घोर तम ने मुझे है डराया बहुत |... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 48 465 Share Arvind trivedi 27 Dec 2020 · 1 min read कोरोना नाव जीवन की डगमग बहे रात दिन, भय का सागर हमेशा डराता रहा। वेदना से ग्रसित देह देखीं सभी, आँसुओं को मगर क्यों छिपाता रहा ? हो रहा नित मुखर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 26 542 Share Arvind trivedi 16 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक भुलाकर प्यार दीवाने मुहब्बत कर रहे जर से । सलीका भूल जीने का जहाँ में मर रहे डर से । निकलकर घोंसलों से सब यहाँ मायूस लगते क्यों-- उड़ानें भर... Hindi · कविता 409 Share Arvind trivedi 4 Feb 2020 · 1 min read आखिरी खत कितना मुश्किल है दिल के जज़्बातों को कागज़ पर उकेरना, अहसासों को अल्फ़ाज़ों में समेटना, कोशिश कर रहा हूँ, अपने हाल ए दिल को, इस खत में तुम तक पहुँचा... Hindi · कविता 1 334 Share