A.R.Sahil Tag: कविता 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 1 min read इब्तिदा-ए-इश्क़ (काव्य संग्रह:- सुलगते आँसू) आपके दिल में पनाह लेंगे…! हम भी अब दर्दे-दिल का मज़ा लेंगे…!! होंठो पे नाम आपका सजा लेंगे…! दिल में याद आपकी बसा लेंगे….!! दुन्या-जहान की दौलत नहीं चाहिए…! हम... Hindi · कविता 1 1 247 Share A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 1 min read कैसे कहूँ... (काव्य संग्रह :- सुलगते आँसू) तुम ही मेरी चैन हो तुम ही मेरी सकून हो तुम ही मेरी रूह हो तुम ही मेरी जान हो तुम ही मेरी धड़कन हो तुम ही मेरी सांस हो... Hindi · कविता 466 Share A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 2 min read राज की एक खबर (काव्य संग्रह:- सुलगते आँसू) आओ तुम्हे सुनाऊँ राज की एक खबर… मेरे रगों में बहती है जो लहू बन कर… पाहली बार आई थी जब वो नजर… देख कर उसे,हो गया मैं खुद से... Hindi · कविता 285 Share A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 2 min read कविता: इंसान की हकीकत ( काव्य संग्रह :- सुलगते आँसू) इंसान की हकीकत इंसान क्या है और इसकी हकीकत क्या है…? एक ऐसा सवाल.. जिसे हर कोई सदियों से… जानना चाह रहा है, समझना चाह रहा है..! दुन्या के सभी... Hindi · कविता 1k Share A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 2 min read कहीं आग तो कहीं धुआँ है ( काव्य संग्रह :- - सुलगते आँसू) मैं जब भी…. अपने शहर, अपने देश, अपने वतन, अपने प्यारे वतन हिंदुस्तान को देखता हूँ, तो मेरे जहन में एक ही सवाल आता है …. जो मेरे दिल पर... Hindi · कविता 354 Share A.R.Sahil 28 Oct 2020 · 2 min read काश कहीं ऐसा होता ( काव्य संग्रह :- सुलगते आँसू ) सोचो काश कहीं ऐसा होता बनाने वाले ने हम इंसानो को भी काश खुद की तरह पत्थर का बनाया होता न तो होते सीने मे जीते जागते धरक्ते हुए दिल... Hindi · कविता 189 Share A.R.Sahil 26 Oct 2020 · 1 min read सारी रात गुजर गई और... यूँ ही करवटें बदलते-बदलते , सारी रात गुजर गयी और, नींद का कुछ अत पता न था …! जैसे वो भी रूठ गई हो तुम्हारी तरह चली गई हो, मेरी... Hindi · कविता 1 1 533 Share A.R.Sahil 14 Nov 2019 · 3 min read हस्तिनापुरः सभी रेप पीड़िताओं को समर्पित एक कविता हस्तिनापुरः सभी रेप पीड़िताओं को समर्पित एक कविता ऐ खुदा मुझे नफरत है, तुझसे और तेरी खुदाई से..! जो अपने घर मंदिर को, हस्तिनापुर बनते देख रहा था..!! तेरे ही... Hindi · कविता 1 202 Share A.R.Sahil 14 Nov 2019 · 3 min read एहसासों को लफ्जों की जरूरत नहीं होती (नज्म) सुनो ऐसा है… मुझे तुमसे कुछ कहना है … कुछ बातें है जो मुझे तुमसे करनी है… लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है…. तुम्हारा पहला सवाल होगा … क्या... Hindi · कविता 340 Share A.R.Sahil 27 Oct 2019 · 1 min read अच्छा तो अब मैं चलता हूं मैं एक अधूरा सा वजूद मेरे एहसास, मेरे जज़्बात, यहां तक के मेरी सोच तक भी अधूरी थी मुकम्मल तो मेरे पास कुछ था ही नही भला वो मेरे साथ... Hindi · कविता 317 Share A.R.Sahil 25 Oct 2019 · 1 min read नज़्म:-सारी रात गुजर गई और... यूँ ही करवटें बदलते-बदलते , सारी रात गुजर गयी और, नींद का कुछ अत पता न था …! जैसे वो भी रूठ गई हो तुम्हारी तरह चली गई हो, मेरी... Hindi · कविता 191 Share A.R.Sahil 25 Oct 2019 · 1 min read नज़्म :- आशिक हूँ पर... आशिक हूँ पर अब और आशिकी मुझ से किया नही जाता …। तेरी बेवफाई का जहर पीकर अब और मुस्कुराया नही जाता …॥ एक मुद्दत गुजारी है, हमने सनम तेरे... Hindi · कविता 261 Share A.R.Sahil 5 Apr 2019 · 3 min read क्या फर्क पड़ता है...?? "क्या फर्क पड़ता है...?" इश्क की बाजी मैंने हारी या जीती, "क्या फर्क पड़ता है"...? क्या खोया मैंने क्या पाया इश्क़ में, "क्या फर्क पड़ता है"...?? बेइंतहा चाहा है तुमको,... Hindi · कविता 298 Share