Vikram soni 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vikram soni 25 Aug 2023 · 1 min read ये रंगा रंग ये कोतुहल विक्रम कु० स ये रंगा रंग ये कोतुहल विक्रम कु० सोनी इसकी न जरूरत है एक तन्हाई मुझे प्यारी और सूनेपन से मुहब्बत है ये भीड़ भाड़ ये रिहाइसी बसने की न जरूरत... Quote Writer 4 221 Share Vikram soni 22 Aug 2023 · 1 min read वो रास्ता तलाश रहा हूं वो रास्ता तलाश रहा हूं जो मुझे तुमसे दूर ले जाय। एक वक्त गुजरने तक भी न मिले तो तराश लूंगा खुद ही जो मुझे तुझसे दूर ले जाय जब... Quote Writer 1 390 Share Vikram soni 20 Aug 2023 · 1 min read एक किताब सी तू एक किताब सी तू तूझे पढ़ने को शौखे इत्मीनान चाहिए एक आफताब सी तू तूझे देखने को दिदारे इंतजार चाहिए एक ख़्वाब सी तू तूझे भरने को निंदे कामयाब चाहिए... Quote Writer 2 422 Share Vikram soni 7 Jun 2023 · 1 min read संघर्षी वृक्ष कुछ संवर गया, कुछ उजड़ गया ये तेरी उम्र थी, ये तेरा हिस्सा था टूट कर तुझसे बिछड़ गया हवा आयी थी तूफा और झोंका बनकर मैंने देखा तूने कोशिश... Poetry Writing Challenge · कविता · संस्मरण 2 1 464 Share Vikram soni 28 Dec 2022 · 1 min read कि सब ठीक हो जायेगा तेरा त्याग ही, तेरा मोल चुकायेगा तेरा बहते आसू, शुद्धि स्नान बन जायेगा की सब ठीक हो जायेगा तेरी आखों की उदासी ये भी भर जायेगा तेरा आज का सुनापन,... Hindi · कविता 1 162 Share Vikram soni 24 Dec 2022 · 1 min read हालात एक दर्द हृदय को निचोड़ रहा है। सांसे अटक अटक के चल रहा है मुख से बोले क्या कुछ तुझे जिह्वा गले की घुटन में फस रहा है यादें हर... Hindi · कविता 1 177 Share Vikram soni 9 Apr 2022 · 1 min read इंतेजार तेरा है मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है ओझल करती तम हरने, को सबेरा तू मेरा है पूरा संग जन्म करने, को इंतेजार तेरा है साथ कई कदम चलने,... Hindi · कविता 3 1 178 Share Vikram soni 20 Feb 2022 · 1 min read नजर और सागर नज़र भर् के न देख सको कि सागर ने ओझल होने तक का सफर खूब रखा है जितनी नज़र है एक नजर कि फिर भी उसमें पूरा का पूरा सागर... Hindi · शेर 3 209 Share Vikram soni 23 Nov 2021 · 1 min read एकतरफा प्यार एकतरफा प्यार का ऐसा सुरुर होता है अक्सर एक बेखबर,तो दूजे में भरा फितूर होता है एक न्यौछावर तो दुजा मगरूर होता है एक आम सा तो दुजा कोहिनूर होता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 256 Share Vikram soni 18 Nov 2021 · 1 min read बड़ी मुश्किल लुटा दु यू सबकुछ ऐसी अपनी अभी जेब नहीं मुश्किल था, मुश्किल है, आप जैसे को पाना जिसमें रति सा भी ऐब नहीं। Hindi · शेर 2 198 Share Vikram soni 17 Nov 2021 · 1 min read तु ही तु ही अरदास, तु ही पूजा तु ही नवाज, तु ही रोजा तु ही खुदा, तु ही ईश्वर दुजा। तु ही प्राथना और अजान सा गुँजा। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 423 Share Vikram soni 15 Nov 2021 · 1 min read वो तुम समझ नहीं आता, वो चिकनी माटी सी तुम या माटी तुम सी है वो ओश वाली दिन की धूप सी तुम या धूप तुम सी है वो पतझड़ की बहार... Hindi · शेर 4 6 387 Share Vikram soni 3 Nov 2021 · 1 min read तुझको तुम्है बताने की और जरूरत क्या मन के बहते तलाब में बैठी हंश जैसी हो चकमक करती धार तरंगों को उस किरण पुंज जैसी हो तुझको तुम्है बताने की और जरूरत क्या नय तौर में भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 231 Share Vikram soni 19 Oct 2021 · 2 min read बचपन एक उत्सव पता नहीं कहानियाँ कैसे लिखी जाती है। चंद शब्दो में तो शायद एक पूरी कहानी का जिक्र हो पाना शायद ही मुमकिन है। परंतु पाठक का ज्यादा समय न लेते... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 4 953 Share Vikram soni 16 Oct 2021 · 1 min read तुम और चाँद एक जैसे हो मेरी किस्मत, तेरी हकीकत एक साँझ सी लगती है तेरी सिरत, तेरी फितरत उस चाँद सी मिलती है मेरी फजीहत, तेरी मिनन्त् हर रोज छलती है तेरी नसीहत, तेरी मसुमियत... Hindi · कविता 1 378 Share Vikram soni 2 Oct 2021 · 1 min read संघर्षी वृक्ष कुछ संवर गया, कुछ उजड़ गया ये तेरी उम्र थी, ये तेरा हिस्सा था टूट कर तुझसे बिछड़ गया हवा आयी थी तूफा और झोंका बनकर मैंने देखा तूने कोशिश... Hindi · लघु कथा 2 220 Share Vikram soni 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी है हम, हिंदी बोलेंगे हिंदी है हम, हिंदी बोलेंगे।। अधीर होकर आज हम लब्ज खोलेंगे । उदगम, जननी हिंद साहित्य अपनी जो बोल बसे मन में, वो ही पोल खोलेंगे। अब इस दिवस पर... Hindi · कविता 3 2 521 Share Vikram soni 13 Sep 2021 · 1 min read संघर्षी वृक्ष कुछ संवर गया, कुछ उजड़ गया ये तेरी उम्र थी, ये तेरा हिस्सा था टूट कर तुझसे बिछड़ गया हवा आयी थी तूफा और झोंका बनकर मैंने देखा तूने कोशिश... Hindi · कविता 4 228 Share Vikram soni 10 Jun 2021 · 1 min read अंको संग कविता 100 में 99 बे बेईमान फिर भी मेरा देश महान । अपने मुल्क़ मे ही छिपे है, लाखो शैतान जो ले लेते है, अपनो की ही जान । 1 नेक... Hindi · कविता 4 1 831 Share Vikram soni 9 Jun 2021 · 1 min read दो अर्थो की जिंदगी दो अर्थो की ये जिंदगी बेहतर कभी तो कभी बदतर दिख रही है कहीं राहत से भर जाती है साँसे तो कहीं उन्ही साँसो की अटकनो से रुहे बिलख रही... Hindi · कविता 6 2 332 Share Vikram soni 26 May 2021 · 1 min read बरसात- भाग-3 आज तेरी पहलु में ही तुझे लिखने बैठा हूँ जो समझे हर कोई,तेरी मौजुदिगी को कुछ ऐसे तुझे जितने बैठा हूँ सबसे पहले तेरे आने पर तरुवर आहत सुनाता है,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 8 444 Share Vikram soni 25 May 2021 · 1 min read बरसात- भाग-2 यही कलकल, यही मधम यही भीष्णा है बरस पड़ा फिर किसी की ख्वाहिश में देखो यही तो कुदरत का करिश्मा है। सबसे यह स्वर लड़ाये, ध्वणी में इसके वीणा है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 13 343 Share Vikram soni 24 May 2021 · 1 min read बरसात मै राहत दु तेरी साँसो को की मै शीतल हालात हुँ मै बुदु तेरी बैचेनी को कहो क्या मै बात हुँ तू समझ तो थोड़ा मुझे मै कैसी जज़्बात हुँ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 14 602 Share Vikram soni 22 May 2021 · 1 min read हमसफर की तलाश जहाँ सब प्रीत मे खोये है साथ, साथी का संजोये है मै अकेला तन्हा यहाँ अपने हमनवा की राहें जौहें है। राहो की कहानी मे हर दफ़ा एक नया मोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 4 560 Share Vikram soni 21 May 2021 · 1 min read शादी और कैमरेवाले की तिरे नजर अपनी छोटी, हम छोटे दिलवाले है कि गुस्ताख है हमारी नजरे, फिराये किधर को भी डाले है ये बस बेखौफ है हर मंजर से हर मौक़े शहनाईयो... Hindi · लेख 4 462 Share Vikram soni 9 May 2021 · 1 min read एक बेटी पहले मै खुद के लिये ही विलन बन गयी और एक डर ने बदला मुझे, मै नीड़र बन गयी लोग परखते थे मुझे तू कैसी फिकर बन गयी अब जा... Hindi · कविता 4 448 Share Vikram soni 15 Feb 2021 · 1 min read बुनियादि मानने वालो मे इंकार सा है जानने वालों पर धिक्कार सा है हम करे ही क्यों ऐतबार यहाँ जो बना है, वो भी उजाड़ सा है Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 323 Share Vikram soni 6 Feb 2021 · 1 min read अर्धांगिनी सुबहो वाली आदित्य बनोगी वंदन, अर्चन नित बनोगी पहला मेरा दायितव्य बनोगी मेरी पहली साहित्य बनोगी राहों की राग्नि,जीवन की अर्धांगिनी स्नेह प्रेम की वाणी,विवेक मन की ज्ञानी मेरी मनमीत... Hindi · कविता 4 2 323 Share Vikram soni 6 Feb 2021 · 1 min read सागर गहरा समंदर शोर करे है, हिलोरे मारे करवट के किनारों संग ऐसे लगे है, जैसे नीर चले सट - सट के क्या चमक बताऊ मै,तुम्है उस सागर की सिलवट के... Hindi · कविता 3 1 316 Share Vikram soni 3 Feb 2021 · 1 min read कुछ खत मुहब्बत के मै कहां कभी उनकी यादों में हूँ फिर 'खत मुहब्बत का' देकर ही कैसे आता वो रानी जिस सतरंज की थी, मै महज पयादो में हूँ। उन लिफ़ाफ़ों की तरह,... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 53 838 Share