aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " Tag: कविता 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Aug 2019 · 1 min read उद्धार एक भारत,नेक भारत यही सदा से हमारा नारा है, कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तलक एक एक इंच हमारा है । 370 और 35A के पाश की जकड़, आतंकवाद की पकड़,... Hindi · कविता 1 518 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Aug 2018 · 1 min read श्रद्धेय अटल जी को नमन इरादों पर अटल रहे हार हर्गिज नहीं मानी असंभव को संभव करने की रार जो ठानी काल के कपाल पर अमिट लेख लिख गये मेरे देश को कमतर समझने वालों... Hindi · कविता 262 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 1 Jul 2018 · 1 min read लहू का रंग केवल सैनिकों का लहू लाल होता है श्वेत रक्तधारियों की तो बस जिह्वा में उबाल होता है । अगर इन्हें विरोध करना हो सरकारी नीति का तो ये ही उल्लंघन... Hindi · कविता 417 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 11 Jun 2018 · 1 min read किसान वो किसान और उसकी.किसानी ही है जिसका कोई सानी हो नहीं सकता पत्थरों को फोड़ कर धाराओं को मोड़ कर और कोई जीव को जीवन देने हेतु बीज बो नहीं... Hindi · कविता 414 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 24 Mar 2018 · 1 min read लौट आओ ना खिडकी से दिखता छायादार पेड अब भी वहीं खडा है वह हरा भी है और उसकी शाख पर झूला भी पडा है परन्तु हृदय व्यथित है सुबह सवेरे गोरैया का... Hindi · कविता 290 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Mar 2018 · 1 min read कन्या की पुकार न पूजो पाँव तुम मेरे न मानो तुम मुझे देवी मगर इतना करम कर दो गला दो रूढी की बेडी मुझे वर्षों से आँका कम रखा दर्जे पर दोयम सजाया... Hindi · कविता 257 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 21 Jan 2018 · 2 min read यादों का बसेरा" मेरे गाँव का बरगद यादों का बसेरा है उन हवा में हिलती जड़ों से झूूलता बचपन जी उठता है आज भी बेशक उम्र हो चली है पचपन इसकी छाँव में... Hindi · कविता 542 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 27 Dec 2017 · 1 min read जीवन! जीवन लगता है जी, वन सा रास्तों का कोई ठौर नहीं आये थे एक दम अकेले अंत में साथ जाएगा ऐसा भी दिखता कहीं कोई और नहीं ऐ, जी ,... Hindi · कविता 657 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 17 Dec 2017 · 1 min read सूरज सूरज भैया केे टेस्ट ट्यूब में ं खदबदाता लावा यूँ तो आग का समंदर है अनगिनत दावानल समेटे अपने उदर के अन्दर है इन्हीं की प्रयोग शाला में रचे जाते... Hindi · कविता 283 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 Sep 2017 · 1 min read आत्मविश्वास' (मेरेअंदर का आकाश) मेरे अंदर मेरा अपना निजी आकाश है. वो बहुत विशाल,वृहद, अनंत और विराट है . मेरी अपनी आकाश गंगा में चमकते हैंं अनगिनत सितारे, सोच के सितारे चाहत के नक्षत्र... Hindi · कविता 1 401 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Sep 2017 · 1 min read चाहिए राष्ट्रभाषा पूरी करने को राष्ट्र की आशा हर देश को चाहिए निज की एक भाषा यह भाषा ही बुनती है तार बाँधने को देशवासियों के मन और भरने को उनमें झंकार... Hindi · कविता 267 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Sep 2017 · 1 min read "सिय ,पिय की बाट जोहती" . कंकेली छाँह बैठ सिय ,पिय की बाट जोहती आवें प्रिय ,हो रसकेली स्वप्न मधुर टोहती बीतें बिछोह के पल निष्ठुर गूँजें केली के सुर सुमधुर, हिय, सिय का हो... Hindi · कविता 2 549 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 5 Sep 2017 · 2 min read शिक्षक शिक्षक जो स्वयम् को जला कर, स्वयम् को गला कर जहाँ को रौशन करे शिक्षक को मै ऐसी मोमबत्ती हर्गिज़ नहीं कहूँगी. .... पर सच कहती हूँ ताउम्र मैं मेरे... Hindi · कविता 271 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 2 Aug 2017 · 1 min read "मानवता" कौन कहता है कि मानवता मिट चुकी है कहीं कहीं पर ये सो गई है खास कर इन्सानों में ज़रूरतों,जज्बातों,जिम्मेदारियों की परतों में दब कर खो गई है फिर भी... Hindi · कविता 739 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 14 Jul 2017 · 1 min read मेरा पुनर्जन्म आज भी .याद है वो पल मुझको अपनी कोख से जब जाया था तुझको उस वक्त केवल तू नहीं जन्मी थी जन्म हुआ था ऐक माँ का भी दरअसल.मेरा पुनर्जन्म... Hindi · कविता 386 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Jun 2017 · 1 min read विधाता की पाती तितली और खगकुल रंगों के ऐसे गुरुकुल अप्रतिम सुन्दरता के भरे हैं जैसे घटकुल ये नयनों के निहोरा! ____________________ नाजुक परों के कैनवस पर मोहक चित्र कारी कौन है वो... Hindi · कविता 533 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 10 Jun 2017 · 1 min read सुनो बलात्कारी सूरज भी खुश नहीं आग बरसा रहा निर्लज्ज निकम्मों को सबक देना चाह रहा चाँद भी उदास सा चेहरा छिपा रहा मासूम पर ज़बरदस्ती का मातम मना रहा शापित मानवता... Hindi · कविता 516 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 9 Jun 2017 · 1 min read छोटी छोटी बातें पानी आँखों के समंदर मे हहराता खारा पानी निशब्द रह कर भी सुना जाता है दर्द की परतों में दबी सुन्न कहानी। ***************************** बचपन गये लम्हे वो बचपन के फिर... Hindi · कविता 1 308 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 3 Jun 2017 · 1 min read शाईलक के भतीजों, धुआँ "शाईलक के भतीजों" काली बिल्ली बनकर रास्ता काट लो बन जाओ बन्दर मेरी रोटियाँ बाँट लो मर्चेन्ट आफ वेनिस से निकलो शाईलक आओ मेरी बोटियाँ छाँट लो तिनका तिनका छीन... Hindi · कविता 211 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 29 May 2017 · 1 min read मुग्धा कलियों से कोमलता पाई लचक वल्लरी से आई गात महकती फूलों सी भँवरे के मन को है भायी। अँखियों में मादकता बसती मोहिनी सूरत मन भरमाई लहराते गेसू नागिन से... Hindi · कविता 302 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 May 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 424 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 12 May 2017 · 1 min read "विडम्बना" देवालय में स्थापित पाषाण कृति पूजित होती नित नतमस्तक हो मस्तक घिसते मिल जाते कितने शूरवीर शक्ति से लेकर अभय दान चल पड़ते करने दूषित शक्ति का प्रतिरूप जीवित जो... Hindi · कविता 290 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 7 May 2017 · 1 min read शब्दों का खेला "शब्दों का खेला" शब्द हथियार है ं बेसोचे उछाल दो तो दोधारी तलवार हैं शब्द संप्रेषण उत्कृष्ट तो पट जाती टूटते रिश्तों की गहरी खाई और ढह जाती दरार बनी... Hindi · कविता 250 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 20 Apr 2017 · 1 min read "मेरे लिए" ज़िदगी नें कुछ यूँ साथ निभाया है मेरी किस्मत देख कर सूरज गरमाया और चाँद का मन भी भरमाया है उन्हें यूँ लगता है कि मेरे ऊपर उन्हीं का साया... Hindi · कविता 653 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "मुक्ति" किसी के प्यार का मोती हूँ किसी के नेत्रों की ज्योति हूँ नज़र के वार को संभालो अब आज से मैं स्वयं की होती हूँ उन्मुक्त उड़ना है मुझको पंख... Hindi · कविता 315 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read "सरफरोश दीवाने" सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे मादरे वतन को बेगानों से बचाने मस्ताने चल पड़े थे सर फरोशी की तमन्ना ले कर दीवाने चल पड़े थे... Hindi · कविता 290 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 19 Apr 2017 · 1 min read " नीला" नीले का है विस्तार वृहद समझेगा कोई क्या ? अनहद! अम्बर अनन्त फैला नीला नीले सागर का उर गीला अम्बर से झर झर कर बूँदें सागर की गागर भरती हैं... Hindi · कविता 663 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read वो थकी आँखें शून्य में निहारती वो थकी आँखें ज्यों ढूँढती हों समय के साथ खो गई अपनी पाँखें जब डैनों में जान थी शक्ति थी, उनमें निहित ऊँची उड़ान थी तब समेट... Hindi · कविता 327 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 16 Apr 2017 · 1 min read "कोलाहल या हलाहल" यह कोलाहल कैसा है बिल्कुल हलाहल जैसा है पिघला सीसा सा कानों में टपकता है किसी अग्नि दैत्य सा कोमलकर्ण की ओर लपकता है इसके असर से चेतन भी अचेत... Hindi · कविता 549 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read ओस पत्तों पर ठहरी ओस की बूँदें नाजुक हल्की सी हवा से थरथराती सूरज की पहली किरण में झिलमिलाती नज़र पड़ते ही अन्तस को छू दें तरल आकृति, छोटे बच्चे के... Hindi · कविता 259 Share aparna thapliyal ( अपर्णा थपलियाल " रानू " 15 Apr 2017 · 1 min read _" आतंकवाद से त्रस्त मन की पुकार " मुझे नई सुबह की तलाशहै रात के अँधेरे में आग के घेरे में जल रहा आज जिन्दगी का पलाश है मुझे नई सुबह की तलाश है . कहीं मारकाट मची... Hindi · कविता 281 Share