अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' Tag: मुक्तक 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 30 May 2018 · 1 min read दो मुक्तक *1* मुद्दत से गुलजार सजाये बैठे हैं। आखों में उम्मीद जगाये बैठे हैं। शायद इस गुल पर भी आ बैठे तितली। हर तितली पर आँख जमाये बैठे हैं। *2* आशिकी... Hindi · मुक्तक 3 322 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 2 Nov 2016 · 1 min read दाग नफरत का *मुक्तक* लिखे अल्फाज कुछ नम जिंदगी की इस कहानी में। बहे जज्बात के सब रंग भी आंखों के' पानी में। धुआं है मुस्कुराहट गुम खुशी दिल से हुई ऐसे। लगा... Hindi · मुक्तक 2 520 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 30 Sep 2016 · 1 min read धर्म निभाता चल *मुक्तक* सत्य अहिंसा प्रेम धर्म हैं मन से इन्हें निभाता चल। पर जो दंभी कष्ट प्रदायक उनका मान नवाता चल। सब कालों में एक धर्म से न्याय कहाँ हो पाता... Hindi · मुक्तक 1 2 653 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Sep 2016 · 1 min read रम्य भोर *मुक्तक* चुनो जो पंथ अनुगम्य हो जाये। प्रेम से हर भूल क्षम्य हो जाये। उर उर्मियाँ परस्पर अवलंब हों। क्षितिज की हर भोर रम्य हो जाये। अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' रामपुर... Hindi · मुक्तक 1 289 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Sep 2016 · 1 min read जीवन के अंश *मुक्तक* अस्तित्व हीन रहकर भी जो, आश्रय देने वाले हैं। मरते-मरते जीवन के कुछ, अंश उन्होनें पाले हैं। गंध विखेरा करते हैं सुंदरता शुचिता शुष्मा की। परानंद में खो अपना... Hindi · मुक्तक 1 589 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2016 · 1 min read बातें दिलों की *मुक्तक* चांदनी रात - की अजनबी हो गयी। आज बातें दिलों की कहीं खो गयी। अब डराने लगी अपनी' परछाइयाँ। जब से' इंसानियत दिल तले सो गयी। अंकित शर्मा' इषुप्रिय'... Hindi · मुक्तक 1 281 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Sep 2016 · 1 min read कृपया स्तुति *मुक्तक* प्रेम पुंज करुणायतन, मुरलीधर चित- चोर। रूप राशि निज दास पर, करो कृपा की कोर। प्यास बढे दर्शन किये, पूर्ण तृप्ति के धाम। लख मन मूरति श्याम की, होकर... Hindi · मुक्तक 1 352 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 23 Sep 2016 · 1 min read सैनिक *मुक्तक* गद्दारियों के पद तले वे भेंट ही होते रहे। निज कामना के मृत शवों को अंस पर ढोते रहे। बस त्याग बन कर रह गयी है सैनिकों की जिंदगी।... Hindi · मुक्तक 1 392 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Aug 2016 · 1 min read हम खरी खरी बोले हैं *मुक्तक* मन में कपट हाथ में औषधि, आडंबर के चोले हैं। बात कहाँ पक्की करते वे , बार - बार ही डोले हैं। घर जाकर फटकार दिया यदि, दिखा दिया... Hindi · मुक्तक 535 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 7 Aug 2016 · 1 min read नयन में उतर जाओ *मुक्तक* नयन के द्वार से आकर मे'रे उर में उतर जाओ। महक बन प्रेम के गुल की हृदय में तुम बिखर जाओ। सकल - जग- प्राणियों में बिंब तेरा ही... Hindi · मुक्तक 261 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 5 Aug 2016 · 1 min read शिव वंदन *मुक्तक* भोले तो निश्छल भावों के प्यासे हैं। सुमिरन से पावन करने में गंगा से हैं। भक्तों के शुचि प्रेमामृत की उर्जा से। बिष पीकर भी रहते अच्छे खासे हैं।... Hindi · मुक्तक 1 549 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Jul 2016 · 1 min read धरा *मुक्तक* धधकती धरा धैर्य खोने लगी है। हृदय से कटुक आज होने लगी है। सहन कर्म कर अब मनुज के अनैतिक। प्रकृति दंड देकर डुबोने लगी है। अंकित शर्मा 'इषुप्रिय'... Hindi · मुक्तक 1 571 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 31 Jul 2016 · 1 min read सावन भादों जितना बरसे *मुक्तक* व्याकुल प्रिय से मिलने को मन, करता है प्रभु से मनुहार। उर अंतस की दीवरों से, बार बार रिसता है प्यार। मेघों के अति प्रेमामृत से, बुझी नहीं धरती... Hindi · मुक्तक 280 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Jul 2016 · 1 min read राष्ट्र बेल *मुक्तक* राष्ट्र-बेल को ज्ञान-बल, प्रेम- नीर से सींच। कीडे जो छुप खा रहे, उनका जबडा खींच। पुष्प,पत्र,फल में महक, मधुर रहेगा स्वाद। देख अनैतिकता कहीं, मत लेना दृग मींच। अंकित... Hindi · मुक्तक 1 259 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jul 2016 · 1 min read श्रम की सार्थकता *कुंडलिनी* कण कण मधु संचित किया, लेकर सतत पराग। मधुमक्खी का श्रम हुआ, औरों का ही भाग । औरों का ही भाग, समर्पित कर निज क्षण क्षण। भरता जीवन स्वाद,... Hindi · मुक्तक 420 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jul 2016 · 1 min read प्रेम *मुक्तक* भेद नहीं कुछ प्रेम में, है तो बस अनुराग। मूर्ति हृदय प्रिय की बसे, और असीमित त्याग। प्रेम विवश जगदीश भी, लगा सजाने केश। क्रिया भले ही तुच्छ हो,... Hindi · मुक्तक 467 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 20 Jul 2016 · 1 min read झूला *मुक्तक* झूलती सखियाँ सयानी, गा रहीं मल्हार। प्रेम के इस राग में भर, व्यक्त करतीं प्यार। यौवनांगा है नवल प्रिय, से प्रणय की आस। मौसमी अब प्रेम की रह-, रह... Hindi · मुक्तक 432 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 19 Jul 2016 · 1 min read सैनिक शौर्य *दो मुक्तक* आतंकी की मौत पर, जिसको लगती चोट। आज उजागर हो गया, मन में उसके खोट। काला दिन गद्दार की, कहे मौत को पाक। हों ऐसे दिन रोज ही,... Hindi · मुक्तक 1 417 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 15 Jul 2016 · 1 min read नयनों की चोट *मुक्तक* वो लगाकर घात बैठे आज करने नैन चोट। तृप्ति के आधार मुख पर कर लिये हैं केश ओट। चाहतें मन में जगा उसने किया हमको अधीर। फिर प्रणय की... Hindi · मुक्तक 448 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 6 Jul 2016 · 1 min read मुस्कान *मुक्तक* भेद भुला कर हम मुस्का दें। गले लगा कर पीर मिटा दें। निश्छल हृदय मिलन से जग में। दिवि को ही धरती पर ला दें। अंकित शर्मा'इषुप्रिय' रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.) Hindi · मुक्तक 1 483 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 29 Jun 2016 · 1 min read उपेक्षित *मुक्तक* मरुस्थल स्वार्थ का फैला नहीं कोई ठिकाना है। उपेक्षित को सदा उम्मीद की कुटिया बनाना है। जगत दाबे करे हमदर्द बनने के हजारों पर। उन्हें तो भाग्य के आगे... Hindi · मुक्तक 555 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jun 2016 · 1 min read मौन होठों को *मुक्तक* मौन होठों को जरा तुम मुस्कुराहट दीजिये। है खजा सा दिल मुहब्बत की सजावट दीजिये। हर खुशी से ये जहां में हो गया महरूम है। दिल है' तनहा यारियों... Hindi · मुक्तक 458 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 28 Jun 2016 · 1 min read प्रकृति *मुक्तक* वृक्ष नम्रता -त्याग सिखाता, नदियाँ देना सिखलाती। द्युति किरणें दुख रूपी तम, को हर लेना सिखलाती। बूंद बूंद को जोड मेघ सम, बरसाते जल को सबमें। गतिशील प्रकृति कुदरत... Hindi · मुक्तक 514 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 27 Jun 2016 · 1 min read शारदा वंदन *मुक्तक* नमन मैं करूँ अंबिका आपको आप हो ज्ञान भंडार माँ ज्ञान दात्री। उपेक्षित जगत में रहे हैं सदा जो लुटाती रहो प्यार माँ ज्ञान दात्री। खुले द्वार हैं आपके... Hindi · मुक्तक 584 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 26 Jun 2016 · 1 min read मालती सवैया *मुक्तक* संग भले दिखते जन हैं मन में पर मेल मिलाप नहीं है। वे विष हाथ लिये कहते मन में अपने कोई' पाप नहीं है। घात सदा करते छुपके पहचान... Hindi · मुक्तक 1 483 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read हृदयाभास *मुक्तक* आँख के पथ पद हृदय में धर रहा कोई। प्रेम का संचार मन में कर रहा कोई। नव उमंगे भर रही रोमांच तन मन में। नम्रता से पूर्ण नभ... Hindi · मुक्तक 1 420 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 25 Jun 2016 · 1 min read दर्शन *मुक्तक* कल रहा जो कल रहेगा जानता है कौन। मृत्यु किसकी और जग में जन्मता है कौन। धर्म बदलें मूलतः तो तत्व हैं सब एक। मोहवश इस सत्य को जन... Hindi · मुक्तक 640 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read शुभसंकल्प विषयों में रमने वाला मन, प्रेमामृत का प्याला हो। सत्य धर्म शुचिता सद्गुण की, गुथीं सुभग इक माला हो। वेगवान हृदयस्थ ज्यो'तिर्मय, जो जग में विचरण करता। कर्मों का प्रेरक... Hindi · मुक्तक 1 290 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read पुस्तक पन्ने पन्ने में सिमटा है, नभ सा विस्तृत ज्ञान अनंत। बांध रखे है प्रीति वर्ण में, वेगवान पक्षी बलवंत। उमड रहा इक सागर जिसमें, डूब डूब होता उत्थान। जितना पी... Hindi · मुक्तक 1 2 642 Share अंकित शर्मा 'इषुप्रिय' 24 Jun 2016 · 1 min read *बचपन* मधुर मधुर मुस्कान अधर पर, हर्षवान बचपन देखा। संस्कारों के अभिनय में शुचि, मूर्तिमान बचपन देखा। राग नहीं था द्वेष नहीं था, आत्म रम्य व्यवहार सुखद। शुचित सौम्य निर्दोष भाव... Hindi · मुक्तक 551 Share