अंकित आजाद गुप्ता 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए कभी ना गिरना और ना झुकना! जो तुम्हें सच में चाहता होगा उसे तुम्हारा गिरना/झुकना कभी स्वीकार्य नहीं होगा! Quote Writer 2 249 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read सत्रहवां श्रृंगार कुछ लड़कियां दिखावटी दुनिया से अलग चमक-दमक से दूर रहती हैं। खुद को सजाने-संवारने पर ज्यादा वक्त नहीं लगाती हैं। अपने घुंघराले बालों को आजाद (खुला) छोड़ देती हैं नयनों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 101 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read अंकित मैं प्रेम को पन्नों पर जाया नहीं करना चाहता। अपने अहसास अपनी भावनाओं व अंतर्मन की बातों को पन्नों पर नहीं बल्कि आपके हृदय पर 'अंकित' करना चाहता हूँ। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 67 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read झुमका जिस प्रकार ईश्वर निर्मित यह ब्रह्मांड है और इस ब्रह्मांड में चाँद-तारे हैं, ठीक उसी प्रकार मेरी कल्पनाओं के ब्रह्मांड में ये तुम्हारे कान का झुमका उस चाँद के समान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 155 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read पुनर्आगमन वैसी प्रेमिकाएं जिनकी शादी किसी और से हो जाए, और शादी के सालों बाद अचानक से उनका फोन आ जाए तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे बुद्ध का पुनर्आगमन हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 76 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारा नंबर विगत नौ वर्षों से कंठस्थ याद है तुम्हारा नंबर! नंबर तो डायल कर लेता हूं पर फोन नहीं कर पाता, सोचता हूं क्या होता ग़र भूल जाता एक भी अंक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 136 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read ख़ामोश जीवन में कई दफ़ा ऐसा दौर आया, जब मैं कुछ कहना चाहता था, किंतु मुझे यह भी ज्ञात था, कि मेरे कह देने से खत्म हो जाएगा सबकुछ इसलिए मैंने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 112 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read इतिहास हरेक सभ्यता का आधार है 'प्रेम' जिस सभ्यता/वंश ने प्रेम को शासनाधीन रखना चाहा, इतिहास साक्षी है उस सभ्यता के अंत का, उस सभ्यता के विनाश का! Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 87 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read होर्डिंग्स मैं उन सड़कों के किनारे चस्पा करना चाहता हूॅं होर्डिंग्स/बैनर जिन सड़कों से गुजरे हो हम कभी। उन होर्डिंग्स/बैनर पर अंकित होगी तुम पर लिखी सारी कविताएं सारे श़ेर सारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 75 Share अंकित आजाद गुप्ता 20 Feb 2024 · 1 min read प्रेम कविता तुम्हें देख कर उमड़ते हैं मेरे मन में कुछ ख़्यालात - तब जाकर इन ख़्यालों से पनपती हैं प्रेम कविताएं। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 113 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read मध्यम मार्ग गाँव में पला-बढ़ा गाँव की बोली भाषा जानने वाला गाँव की सभ्यता-संस्कृति जीने वाला निःस्वार्थ आस्था रखने वाला शाश्वत प्रेम में यकीन रखने वाला सदैव एकता व अखंडता की पाठ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 128 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read साथी अब कुछ लोगों से ताल्लुकात तोड़ना चाहता हूं, क्योंकि मैंने कभी भी सूरत का नहीं सिरत का साथी बनना स्वीकार किया। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 46 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर ईश्वर के अनेकों रुप हैं, मैंने अपने ईश्वर को उन शख़्सों में देखा है, जो मुझसे प्रेम करते हैं। आप मुझसे प्रेम करते हैं? क्या कहा, हॉं फिर आप मेरे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 48 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read तबीयत तबीयत कितनी भी खराब हो जब स्पर्श मिलता है किसी अपने की हथेलियों का, रोम रोम पुलकित हो उठता है और वह हल्का सा मुलायम स्पर्श संचारित हो जाता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 63 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read पृथ्वी की परिधि किसी प्रेमी से पूछेंगे पृथ्वी की परिधि, तो वह बताएगा मेरे महबूब के बालियों की परिधि से कम है, पृथ्वी की परिधि। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 116 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारा नाम लोग अक्सर तुम्हारे नाम से बुलाया करते हैं मुझे, कहीं तुम्हारा नाम मेरे नाम का पर्यायवाची तो नहीं। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 67 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read आत्महत्या किसी के आत्महत्या की खबर देखता हूं, तो मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगता है, एक पवित्र, निर्मल हृदय को इस पत्थरीली दुनिया और पत्थरीले लोगों से मुक्ति मिल गयी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 59 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read एकाधिकार तुम्हें देख कर आता है मेरे मन में एक ख़्याल - और इस ख़्याल से पनपी कविताओं पर एकाधिकार तुम्हारा है। Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 99 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read चूड़ी यदि प्रेम रस तथा श्रृंगार रस के काव्य इतिहास में कभी यह प्रश्न उत्पन्न हुआ कि "चूड़ियों का वास्तविक रंग कैसा होता है" तो मेरा यह उत्तर होगा कि "माँ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 106 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read सूरजमुखी क्या सूरजमुखी ने सूरज को बताया कभी कि वह उसे देख झूम उठता है और बस उसी को देखता है। उसके डूब जाने के बाद मुरझा जाता है वह स्वयं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 125 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read इल्ज़ाम अब अक्सर नींद नही आती है रातों में, बहुत परेशान और उलझा हुआ सा महसूस करता हूँ खुद को। इस रिश्ते-नाते के चक्रव्यूह में, ठगा-ठगा सा महसूस करता हूँ मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 57 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read मौन जब किसी शख़्स को पहली दफ़ा ज़ख़्म मिले तो, चीखता-चिल्लाता है, दूसरी बार रोता-कराहता है, धीरे-धीरे जब ज़ख़्मों का आदि हो जाता है तब हर ज़ख़्म के साथ वह पहले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 47 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read कितने धीमे से कितने धीमे से अलग हुए हम... जैसे धान कुटाई के पश्चात चावल सा गिरा मैं भूसे सी उड़ती तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 57 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read वक्त हमसे अधिक परिपूर्ण इस धरती पर कोई चीज़ नहीं है। यहां कुछ अधूरा है तो वो है "वक्त" वक्त अपने अधूरेपन को पूर्ण करने के लिए छीनता रहता है हमसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 57 Share अंकित आजाद गुप्ता 17 Feb 2024 · 1 min read चाय क्या तुम्हें याद है, वो चाय वाली शाम ? शायद नही ! पर उस शाम का पल-पल मेरे जेहन में बसा हुआ है। जब भी कही भी, कभी भी चाय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 64 Share अंकित आजाद गुप्ता 15 Feb 2024 · 1 min read प्रेम मैं प्रेम को पन्नों पर ज़ाया नहीं करना चाहता। अपने अहसास अपनी भावनाओं व अंतर्मन की बातों को पन्नों पर नहीं बल्कि तुम्हारे हृदय पर 'अंकित' करना चाहता हूँ। Poetry Writing Challenge-2 2 78 Share अंकित आजाद गुप्ता 30 Jul 2020 · 1 min read नफरत कोई नहीं जानता कि नफरतों से प्रेम करता हूँ मैं इसलिए मेरे अपने मुझे सौगात में नफरत देते हैं। ©अंकित आजाद गुप्ता Hindi · शेर 5 310 Share अंकित आजाद गुप्ता 30 Apr 2018 · 1 min read आजाद अपने सारे किस्से ले जाओ इन्हे कागजों पर आबाद कर दो, अपनी यादों को भी छीन लो मुझसे, और 'अंकित' को फिर से 'आजाद' कर दो ! Hindi · मुक्तक 2 407 Share