Sandeep Albela Tag: ग़ज़ल/गीतिका 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Albela 21 May 2022 · 1 min read लगा हूँ... कुछ टूटे हुए सपनों को सजाने में लगा हूँ कुछ रूठे हुए अपनो को मनाने में लगा हूं, ऐ आंधियो बदल लो रास्ता अपना मै उजड़े हुए चमन को बसाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 378 Share Sandeep Albela 14 May 2022 · 1 min read आप कौन है अपनी दास्तान-ए-गम जो सुनाई आइने को वह भी बोल पड़ा ये तो मैं हूँ आप कौन है? आपको लगता है मैं आपको ठीक से नहीं जानता, आप खुद भी जानते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 751 Share Sandeep Albela 13 May 2022 · 1 min read के लिए कभी तमाम वजहें भी नाकाफी होती है किसी को पाने के लिए फकत एक वजह ही काफी होती है जां गवांने के लिए, मैं सोचता हूं कि कब जिऊँगा अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share Sandeep Albela 3 May 2022 · 1 min read आप कौन है अपनी दास्तान-ए-गम जो सुनाई आइने को वह भी बोल पड़ा ये तो मैं हूँ आप कौन है? मैं उसके प्यार में इस कदर बच्चा हो गया हूं लोग पूछते है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share Sandeep Albela 9 Sep 2021 · 1 min read मैं हाथ मिलाऊँगा गले नहीं लगाऊंगा तुम क्या जानो मैं कितने दफे बचा हूं डूबने से प्यासा मर जाऊंगा पर दरिया के पास नहीं जाऊंगा, लहरों का क्या भरोसा कब वादाखिलाफी कर दें भीग जाऊँगा मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 207 Share Sandeep Albela 6 Aug 2021 · 1 min read क्या होगा फरेब कर के भी तुम पाक रहोगे इस जहां में पर खयाल रहे एक दिन रब से सामना होगा, तुम खुद ही खुदा की गजल हो और क्या कहूँ तुमसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 361 Share Sandeep Albela 11 Jul 2021 · 1 min read बुरा मानता है ये दिल भी शैतान बच्चे सा है कहां ये मेरा कहा मानता है, तेरी तस्बीह पढ़़ता है मुशलशल तुम्हें ही दुनिया और खुदा मानता है, हमारे दरमियाँ फ़ासले रहें इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share Sandeep Albela 7 Jul 2021 · 1 min read भूल जाओगे यूँ हर बात पर शर्त न लगाओ हार जाओगे बहुत काम रहतें है तुम्हें, भूल जाओगे, मोमबत्तियां पिघल कर बुझ गई तेरे इंतजार में अब आये हो, मैंने कहा था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 329 Share Sandeep Albela 6 Jul 2021 · 1 min read कमाई और जकात कुछ परिन्दे लौट कर आये हैं बाग में यहां की खामोशी भी यही है और बात भी, आज बादल बिना बरसे ही निकल गये इन आँखों का ज़र्द भी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Sandeep Albela 2 Jul 2021 · 1 min read गजल गर्दिश में अपने तारे थे तो क्या बुरे थे दिन?? यही सोच कर अपने अच्छे दिनों को कोसता है भारत, पूरा बदन है छलनी और तार - तार आबरू सम्राट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share