Radha jha Tag: कविता 87 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Radha jha 4 Feb 2022 · 1 min read आबु चितचोरवा फगुआ में आबु खेले होली , पहुनवा मिथिला में, आएव सिया संग,आनव लखन दूलरवा के, ऐ बेर खेलव होरी पहुनवा मिथिला में, फुल से खेलबे, गुलाल से खेलबे ऐ बेर खेलव यो... Maithili · कविता 2 313 Share Radha jha 3 Feb 2022 · 1 min read धोखा अपने ही अतरंगी अदाएं में, इतने मसरुफ़ थे हम, कि पता ही ना चला , कब किसने धोखा दे दिया हमें। जिस के लिए में रोज़, मांगती थी मन्नतें, वह... Hindi · कविता 1 211 Share Radha jha 1 Feb 2022 · 1 min read जहां तेरे यादों का अफताब ना हो सुन कुहू कुहू कोयल के, देख रंग बिरंगी फुलों को, बसंत के आगमन से, मेरा दिल भी विचलित हो गया, तेरे यादों को अपने गलियारों में देख। ना जाने क्यों... Hindi · कविता 2 346 Share Radha jha 11 Jan 2022 · 1 min read काजल काजल ,काला है तु, पर उपेक्षा ना कर सकता तेरा कोई। नयनों में बस के तु, रुप धर लेता सुन्दरता का, नयनों की शोभा बढ़ा कर, उसे अपने अधीन कर... Hindi · कविता 356 Share Radha jha 10 Jan 2022 · 1 min read चलते रहना अपने मकसद कि ओर देख ना अपने पांव के तलवों को, तुम बढ़ मुसाफिर अपने मंजिल के ओर। राह में ना जाने कितने कांटे होंगे, ना जाने कितने पार करने होंगे पड़ाव, टूटेंगे ना... Hindi · कविता 2 308 Share Radha jha 31 Oct 2021 · 1 min read दुःख के समय कोई सहारा ना होता दुःख के समय कोई सहारा ना होता, ना भगवान होते,ना इन्सान होता, अपने भी अपने को मेहमान कहते, दोषी भी नहीं आदमीयों की, जब स्वयं मुख भगवान ने मोड़ा, फिर... Hindi · कविता 285 Share Radha jha 19 Oct 2021 · 1 min read चल मुसाफिर गांव के ओर चल मुसाफिर गांव के ओर, अपने शहर का हाल है बुरा। विकास के नाम पे, संस्कारों का हो रहा विनाश। आधुनिकता के आग में झोंक दिया सब परम्परा। अश्लिलता से... Hindi · कविता 1 1 266 Share Radha jha 20 Aug 2021 · 1 min read अपने कलम को कहीं तो विराम दो अपने कलम को कहीं तो विराम दो, क्यों उलझा रहे हो इसे, दुनिया के झंझटों में, क्यों घसीट रहें हों इसे, इनके बईमानी के राहों पे, कदर इस से ज्यादा... Hindi · कविता 1 299 Share Radha jha 31 Jul 2021 · 1 min read फिर भारत को परतंत्र करो ना तुम अपने जन हुए पराए, तब विदेशी के हम गुलाम हुए, पर, बात अब भी समझ ना आती, कैसे तुम इंसान हुए?? ठोकरें ना जाने कितने खाएं, ना जाने कितने कष्ट... Hindi · कविता 1 2 392 Share Radha jha 25 Jul 2021 · 1 min read क्यों पराधिन मानती अपने को? बन मानव जब आऊं धरा पे, मुझे अपने कोख में रख लेना, ममता कि आंचल से हमको, इस विधाता की सुरक्षा तु कर लेना, रचनाकार को भी तु रच देना... Hindi · कविता 2 1 223 Share Radha jha 21 Jun 2021 · 1 min read शक का ज़हर चांद से कहा चांदनी ने, करतें हो प्रेम क्या हमसे, दिलरुबा मेरी मेहबूबा, करतीं ऐसे प्रश्न क्यों?? शंका है मुझे तुम्हारे नियत पे, क्या झूठ बोल रहे हो मुझसे। सपनों... Hindi · कविता 305 Share Radha jha 4 Jun 2021 · 1 min read ना जाने नसीब ने क्या खेल खेला था पांच भाई होते हुए भी, मैं अकेला था, ना जाने नसीब ने क्या खेल , खेला था। माता- पिता रहते हुए भी था अनाथ में, ना जाने विधाता ने ऐसा... Hindi · कविता 1 249 Share Radha jha 24 May 2021 · 1 min read बरखा रानी हंसा जब नभ खिलखिला कर मानो सूचित कर रहा हमें, सतर्क हो जाओ सभी, आ रही है बरखा रानी अपने साथी के संग, खुशी से झूमने लगे पेड़ पौधे सब,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 3 414 Share Radha jha 20 May 2021 · 1 min read बरखा तेरा दोष नहीं!! बरखा, यूं तु ना आया करो, हमसे नजर ना मिलाया करो। देख तुम्हें याद आती हमें, ठुकरा दिया था किसी ने हमें। धोखा मिला है मोहब्बत में हमें, तेरे आने... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 2 339 Share Radha jha 16 May 2021 · 1 min read बरखा पुरवइया मेघा गरजी, चली पुरवइया, आई बरखा देख रवैया, चमक चमक कर बिजली चमके, घण घण मेघा शोर मचाएं, एक दूजे से होड़ लगाएं, देखो देखो बरखा आई, ले फूल थाली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 5 455 Share Radha jha 14 May 2021 · 1 min read क्या विश्वास करु उनके बातों पे क्या विश्वास करु उनके बातों पे, जो हर दो घड़ी में बदलते है, जिन्हें खुद ही नहीं पता, कब, क्या और किससे क्या - क्या वादे कर जाते हैं।। क्या... Hindi · कविता 3 504 Share Radha jha 1 May 2021 · 1 min read लाचार लाशें की पुकार लाशें कर रही पुकार, हम तो चल बसे दुनिया से, सह के दर्द सभी, तुम तो ठहर जाओ अपने घर में, कैद कर लो ख़ुद को इस नायाब पिंजड़े में,... Hindi · कविता 1 264 Share Radha jha 3 Apr 2021 · 1 min read आए क्यों ना माधव २ फितरत होती इन्सानों की, मढ़ते अपने गलतियों के दोष ईश्वर पे, खड़ा था मैं गलियारों में, भैया युधिष्ठिर के वचन से बंधे, वचन लिया था उन्होंने मुझसे, केशव, कदम ना... Hindi · कविता 2 341 Share Radha jha 3 Apr 2021 · 1 min read आए क्यों ना माधव तुम १ बात पूछनी है माधव , आज्ञा हो तो पूछूं क्या, संकोच कैसा कृष्णे तुम्हें, दूंगा तेरे हर सवालों के जवाब में जी भर के, हों रहा था मेरा जब वस्त्र... Hindi · कविता 2 301 Share Radha jha 19 Mar 2021 · 1 min read नदियां से कहा नदियां से कहा ले चल हमें, अपने धारा के संग, जहां दिखे तुम्हें पिया हमारे, छोड़ देना तुम हमें वहां पे, रूठ गए ना जाने कब, चल दिए थे तेरे... Hindi · कविता 1 1 535 Share Radha jha 3 Feb 2021 · 1 min read अनोखा एहसास त्यागा मैने दुनिया सारी, त्यागी लोक लाज सभी। अपने हि परछाईं में, जब ढुढ़ने लगी मैं तुम्हें, तब जा के एहसास हुआ, शायद कोई रिश्ता है नया, पहले भी ना... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 59 419 Share Radha jha 31 Jan 2021 · 1 min read कैसे भुल जाऊं ज़ख्म वे कैसे भुल जाऊं ज़ख्म वे, जो दिये तुम्हारे पुर्वजों ने, विलग करना चाहा था हमें, हमारे ही धरती से। तहस नहस किया हमारे धर्मों को, दर्द जो दिया दिल को,... Hindi · कविता 2 2 264 Share Radha jha 19 Jan 2021 · 1 min read कैसे मानूं रावण प्रतापी तुम?? कैसे मानूं रावण प्रतापी तुम, छल कर लाएं तुम मुझे, बना भेष ढोंगी का, फिर भी कहते गर्व से, मैं रावण कांपता धरा जिसके चलने से।। लांघ ना सके लखन... Hindi · कविता 1 2 342 Share Radha jha 20 Dec 2020 · 1 min read प्रश्न अगर होता मैं नहीं तो, क्या शब्दों कि उत्पत्ति होती? अगर होता मैं नहीं तो,क्या होती पहचान तुम्हारी? अगर होता मैं नहीं तो, क्या जानते चांद सितारों को? अगर होता... Hindi · कविता 3 361 Share Radha jha 15 Dec 2020 · 1 min read कोरोना पूरी दुनिया में मचा दिया हा हा कार, सबको कर दिया बेकार, नाम सुन के इसका सबको आ जाएं रोना, यह है उत्पाती कोरोना।। ना जाने कहां से यह यमदूत... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 31 425 Share Radha jha 7 Sep 2020 · 1 min read हिन्द की सेना हिन्द की सेना ना हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई है, हिन्द की सेना के रग रग में अन्याय के खिलाफ लड़ाई है।। हिन्द की सेना सिर्फ वे नहीं जो शरहद पर रहते,... Hindi · कविता 3 415 Share Radha jha 2 Sep 2020 · 1 min read पवित्र रिश्ते कुछ रिश्ते की कागजों पे जुबानी नहीं होती, हर एक रिश्ते के जन्म की कहानी नहीं होती, रास्ते में मिलें थे ना जाने वे कहां, कब हो गए अपने पता... Hindi · कविता 1 2 560 Share Radha jha 29 Aug 2020 · 1 min read रिश्ते गुड्डे-गुड़ियों सा खेल खेलना बंद करो, रिश्ते को रिश्ते सा महत्व दो, क्या हर वक्त अदला बदली करते रहते, पक्षियों कि तरह क्यो जिते हो, कभी तो इंसान बन कर... Hindi · कविता 3 2 228 Share Radha jha 28 Aug 2020 · 1 min read एक प्रयास राज्य नहीं राम , जो रखो तुम न्याय की उम्मीद, यह तो हस्तिनापुर वह गद्दी है, जो कभी अपने पांव पे चलती हि नहीं, यहां तो जरुरत हर वक्त विद्रोह... Hindi · कविता 1 2 352 Share Radha jha 26 Aug 2020 · 1 min read संवाद धरा २ ग़म की दुनिया में अपने खोज रहीं, रो रही हु मै तड़प तड़प के, दर्द कि कथा किसे सुनाऊं मैं, यहां अकेली बैठी मैं सोच रही, सर्वार्थी तुम दुनिया वाले,... Hindi · कविता 1 2 420 Share Radha jha 25 Aug 2020 · 1 min read धरा से संवाद १ माता, इतनी कहर क्यो बड़पा रही, हमें क्यों इतना तड़पा रही, हो गए हैं हम बेघर, अब बताओ हम जाएं किधर, करते जो तेरा चिर हरण, उनका ना कुछ हुआ... Hindi · कविता 3 450 Share Radha jha 24 Aug 2020 · 1 min read दुर्योधन का सत्कार कैसी लगी केशव तैयारियां मेरी कहीं रह ना गईं कोई कमी?? क्या प्रसन्नता हुई द्वारकाधीश, हमारी मेजबानी से, भूल कर रहे हो दुर्योधन तुम, अभी तो मैं आया बन शांतिदूत... Hindi · कविता 2 385 Share Radha jha 12 Jul 2020 · 1 min read प्रेम अगर बलिदान ना होता प्रेम हवस नहीं बलिदान होता है, अगर ऐसा ना होता तो, कृष्ण राधा का होकर भी, रुक्मणि का ना होता, प्रेम अगर बलिदान ना होता, तो सीता फिर से वन... Hindi · कविता 4 6 478 Share Radha jha 4 Jul 2020 · 1 min read कविता आज लिखने बैठी में कविता, शब्दों से भरे झोली के साथ, पर, बेचारे शब्द खेल रहे अकड़ - बकड़, तंग कर रहे मुझे हर पल, नज़र अंदाज़ कर में इन... Hindi · कविता 2 4 328 Share Radha jha 27 Jun 2020 · 1 min read सावन आ जा आ जा सावन आ जा, दिल का दर्द मिटा जा, प्रेम की नई गीत सुना जा, आ जा सावन आ जा, खुशियां का जल बरसा जा, आ जा सावन आ... Hindi · कविता 5 6 467 Share Radha jha 14 Jun 2020 · 2 min read यमराज की चतुराई एकांत में बैठे यमराज, ना जाने कौन से चिन्ता में खोए थे। चित्रगुप्त ने भंग कर उनका एकांत , प्रशन किया शीश नवाकर, क्या बात है महाराज?? ऐसे मूंह क्यो... Hindi · कविता 726 Share Radha jha 29 May 2020 · 1 min read भाग्य समय का कोई तो शौध करो मेरे भाग्य पे, आखिर क्या क्या लिख रखा है ख़ुदा ने, काल ने सौदा किया मृत्यु से मेरे कि काल में, कोई तो पूछो तिखे प्रशन... Hindi · कविता 4 2 293 Share Radha jha 20 May 2020 · 1 min read घूमने आई बरखा घूमने आई धरा पे बरखा, संग पवन के साथ, स्वागत में साड़ी नदियां खड़ी, ले कर माला हाथ, सौदामिनी भी आई संग में,पर रह गई वह मेघ के साथ, चमक... Hindi · कविता 2 4 292 Share Radha jha 9 May 2020 · 1 min read आंसु कोई ग़म में तो कोई खुशी, पर आंसु तो सभी बहा रहे, कोई अपनों के लिए कोई अपने लिए, पर, धारा सभी के निकल रहे नयनों से, कोई दर्द में... Hindi · कविता 6 5 509 Share Radha jha 5 May 2020 · 1 min read लोभ लोभ में लोग क्या क्या कर जाते हैं, हाथ कुछ आता नहीं सिवा मिथ्या प्रसन्नता के, फिर भी दूसरों के साथ लोग अपना भी घर उजाड़ जाते हैं बच नहीं... Hindi · कविता 3 427 Share Radha jha 30 Apr 2020 · 1 min read बेहते जाना है टूटी मझधार में देखो कितनी विक्राल है धारा ना मंजिल है ना मोह सिर्फ बेहते जाना है, चलना है चलाना है सब कुछ अपने साथ ले जाना है, रूकेंगे ना... Hindi · कविता 2 495 Share Radha jha 27 Apr 2020 · 1 min read मन मेरे कुछ बोल मन मेरे बातें तोल के ना बोल, चंचल नैनवा की सुन ना कोई बोल, कुछ तो अपने मन की भी बोल, मन मेरे बातों में प्रेम मिश्री घोली, प्रियतम कि... Hindi · कविता 2 405 Share Radha jha 25 Apr 2020 · 1 min read सूने महल सुनें महल में जीऊं सहारे किसके सावारियां, छोड़ गए क्यों हमें हमको, युही तड़पते, अधुरी क्यों छोड़ी हमारी कहानियां, ऐसा क्यों किया ये सावारियां, हमें क्यों बना गया तु अपनी... Hindi · कविता 1 2 281 Share Radha jha 10 Apr 2020 · 1 min read धरती का त्यागपत्र २ एकांत में श्री हरि , मन में कर रहे थे विचार, दोनों के रोगों का बेचारे, दूढ़ रहे थे उपचार, आखिर क्या ग़लत कहा धरा ने, आजतक तो हर ग़म... Hindi · कविता 2 3 416 Share Radha jha 10 Apr 2020 · 1 min read धरती का त्यागपत्र १ सौंप दिया धरती ने अपना त्यागपत्र ब्रह्मा को , सभागण सब कर रहे विचार विमर्श , ऐसा क्यों किया धरा ने? होगा क्या सभी जिव जन्तु का?? सोच सोच कर... Hindi · कविता 2 473 Share Radha jha 8 Apr 2020 · 1 min read बातें चांद से मैंने पूछा चांद से क्या हाल है जनाब?? खैरियत तो है सब,क्या प्रसन्न हैं आप? घर भी होगा आपका अब तो साफ़, चांद ने कहा जड़ा चुप भी करो, सर्वार्थी... Hindi · कविता 1 3 368 Share Radha jha 26 Mar 2020 · 1 min read स्वार्थी मानव ना चाहते हुए भी, आज खुश होगा आसमान, वह धरती, वह हवाएं ख़ुशी से झूम रहा होगा वह नदियां कि लहरें को, खुब उछलने का मन करता होगा, आकाश पे... Hindi · कविता 1 440 Share Radha jha 29 Jan 2020 · 1 min read वंदना अपने ज्ञान का ज्योति इधर भी फैला, मां तेरे शरण में हम आये अनाथ दोनों हाथ फैलाकर मांगे हम भिक्षा दान मां, झोली में भर दे तुम अपना प्यार मिटा... Hindi · कविता 2 430 Share Radha jha 15 Jan 2020 · 1 min read दुर गगन में दुर गगन कि बात निराली, कभी देखा चंदा कि होशियारी, रोज़ बदलता रूप अपना, जैसे जाना हो उन्हें ससुरारी, टिम टिम करते तारों के बीच, चमकें जैसे जुगुनू के बिज... Hindi · कविता 270 Share Radha jha 3 Jan 2020 · 1 min read दर्द थे कहां तुम ,जब थी जरुरत हमें, अब मृत्यु के पश्चात क्यो चिल्ला रहे हो, कहां गई अम्मा मोरी? नौ महीने गर्भ में पाला था, दर्द ना जाने कितने सही,... Hindi · कविता 233 Share Page 1 Next