Versha Varshney 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Versha Varshney 15 May 2023 · 2 min read यादें तुम्हारी यादों की परछाई कुछ इस तरह साथ चलती है कि न देना यादों के मक़बरे को कभी तुम ताज का नाम क्योंकि ताज तो किसी की कब्र का नाम... Poetry Writing Challenge 690 Share Versha Varshney 22 Jan 2023 · 1 min read आत्मसम्मान कितने ज्यादा सभ्य हैं हम कि अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहने की बजाय दूसरों के डर से मक्ख़न मिश्री लगाकर अपनी बात कहते हैं ,लेकिन क्या कभी सोचा... Hindi 2 1 1k Share Versha Varshney 29 Nov 2020 · 1 min read प्यार एक छोटा सा टुकड़ा प्यार का भर जाता अक्सर जीने का उत्साह दिल में महक से हो जाता गुलजार ये संसार भी निश्छल प्यार में कौन कहता है कि प्यार... Hindi · कविता 5 4 445 Share Versha Varshney 19 Feb 2020 · 1 min read मैं और मेरी तन्हाई मैं व्यर्थ यूँ ही दौड़ती रही अनजानों की भीड़ में समझकर बेगानों को अपना आँख खुली जब उलझ गयीं अंतर्मन की पीड़ा सस्वर बंधनों से निस्तारण में । वाचन और... Hindi · कविता 1 1 345 Share Versha Varshney 21 Oct 2019 · 1 min read जिंदगी या सपना मुझे कहीं ले चलो दूर इन हवाओं से सहमी घटाओं से नदी का किनारा हो पहाड़ों का बसेरा हो । न हो किसी के खोने का डर न हो किसी... Hindi · कविता 1 565 Share Versha Varshney 9 Jul 2019 · 1 min read सुनो न काश कभी तो ऐसा होता तुम समझ जाते बिन कहे मेरे दिल का हाल । न कह पायी जुबां वो दर्द जो तुम कभी सोच भी न पाए वो बारिश... Hindi · कविता 6 618 Share Versha Varshney 8 Apr 2019 · 2 min read प्रकृति ##मेरी ये पोस्ट उन पुरुषों के लिए है जो स्त्री को आज भी सिर्फ एक मोहरा मानते हैं और उनका शोषण करते हैं ।बाकी मित्र अपनी स्वस्थ प्रतिक्रिया जरूर दें... Hindi · लेख 553 Share Versha Varshney 20 Feb 2019 · 1 min read बलिदान बलिदान तुम्हारा व्यर्थ न जाने देंगे , हम भारत के वाशिन्दे । भेड़ियों की खाल से निकाल ही लेंगे , देश मे छिपे दरिंदे । गर्व करती है आज एक... Hindi · कविता 347 Share Versha Varshney 12 Nov 2018 · 1 min read माँ कैसे लिखूँ मैं कविता तुझ पर , माँ तू खुद में एक उपन्यास है । 1.निर्झर नदिया सी बहती रहती , मुख से न कभी कुछ अपनी कहती । आँखों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 22 1k Share Versha Varshney 16 Oct 2018 · 1 min read जिंदगी का सार प्यार का अर्थ बहुत व्यापक होता है ।जीवन का सार सिमटा हुआ है इस ढाई शब्द में । किसी के लिए प्यार सिर्फ काम है , तो किसी के लिए... Hindi · कविता 401 Share Versha Varshney 1 Jul 2018 · 1 min read दर्द की इंतहा (यहां न बात धर्म की है ,न किसी विशेष जाति की । यहां तो बात है सिर्फ मासूम बच्चियों की इज्जत की । क्यों लाते हो बीच में मजहब और... Hindi · कविता 1 1 699 Share Versha Varshney 13 Apr 2018 · 1 min read आसिफा या राजनीति औरत एक माँ भी है ,एक जननी भी । पत्नी भी है , एक बहन भी । राजनीति जिसका न कोई लिंग है ,न धर्म ही । जिसका न रूप... Hindi · कविता 412 Share Versha Varshney 29 Mar 2018 · 2 min read ऑनलाइन देखकर उनको ऑनलाइन एक ज्वार उठता है दिल में , कभी थकते नही थे जो बात करते हुए , आज रुलाती हैं सिर्फ खामोशियाँ उनकी । वो अदाएं जिन पर... Hindi · कविता 1 1 493 Share Versha Varshney 28 Mar 2018 · 1 min read इन्तजार कहाँ हो तुम आओ न मैं रो रही हूँ मुझे चुप कराओ न क्यों बसे हो मेरी धड़कन में आकर राज बताओ न मैं हो गयी हूँ खुद से ही... Hindi · कविता 1 338 Share Versha Varshney 21 Feb 2018 · 2 min read प्यार प्यार क्या है ,क्या एक भीख है जो सबके सामने कटोरा लेकर खड़े रहने से मिल सकती है ?क्या प्यार को किसी की खुशामद करके प्राप्त किया जा सकता है... Hindi · लेख 637 Share Versha Varshney 25 Jul 2017 · 1 min read 13,अहसास जर्रा जर्रा वक़्त का जैसे रो रहा था , आंसुओं से कोई चेहरा भिगो रहा था । मासूम थी मोह्हबत कहीं सिर झुकाए , हर घड़ी कोई दिल में यादों... Hindi · कविता 346 Share Versha Varshney 7 Apr 2017 · 1 min read दुनिया और हम हैरान हो जाती हूँ दुनिया को देखकर , समझ में कुछ नहीं आता । भरते हैं जो हर पल दावा वफ़ा का , भुलाने में क्यों एक पल भी नहीं... Hindi · कविता 561 Share Versha Varshney 27 Mar 2017 · 1 min read दिल दिल रे तू काहे का सोच करे , वो निर्मोही प्यार न जाने , जिनको याद करे ।। दिल की राहें बड़ी ही तंगदिल , मुश्किल है जहाँ मिलना मंजिल... Hindi · गीत 1 1 540 Share Versha Varshney 4 Mar 2017 · 1 min read यादें हंसती हुई आँखों ने देखे थे कभीं सपने प्यार के । महकी सी अदाओं ने सजाये थे कुछ लम्हे याद के । तरन्नुम में गाये थे कभी गीत प्यार के।... Hindi · कविता 1 515 Share Versha Varshney 13 Jan 2017 · 2 min read एक अजन्मी बेटी का दर्द जीना चाहती थी मैं भी कभी इन तरंगों की तरह, सुनना चाहती थी कभी मैं भी इन की मधुरता को: जो खिला देती हैं अपनी तरंगों से मन मयूर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Versha Varshney 24 Dec 2016 · 1 min read 8.इन्तजार बिन तेरे क्यों थमी सी लगती है जिंदगी , कहाँ है तू बता ................ऐ हमनशी । बहार भी लगती आजकल खामोश है , जीने का न अब कोई मकसद बचा... Hindi · कविता 1 389 Share Versha Varshney 11 Dec 2016 · 1 min read 7.कविता(गीतिका ) हाँ तुमने सच कहा मैं खो गयी हूँ , झील की नीरवता में ,जो देखी थी कभी तुम्हारी आँखों में । तुम्हारी गुनगुनाहट में ,जो सुनी थी कभी उदासियों में... Hindi · कविता 1 553 Share Versha Varshney 29 Oct 2016 · 1 min read दिवाली और पटाखे दिये की रौशनी में अंधेरों को भागते देखा , अपनी खुशियों के लिए बचपन को रुलाते देखा। दीवाली की खुशियां होती हैं सभी के लिए, वही कुछ बच्चों को भूख... Hindi · कविता 1 628 Share Versha Varshney 30 Sep 2016 · 1 min read प्यार या पैसा गगन चुम्भी इमारतों के नीचे जो बने होते हैं छोटे छोटे आशियाने , एक पल में ढह जाते हैं बनकर रेत् की तरह | दिलों में खिले हुए प्यार भी... Hindi · कविता 2 2 711 Share Versha Varshney 9 Sep 2016 · 1 min read यादें जैसे कोई बुझता हुआ दीपक , तेज रोशनी से अँधेरे को रोशन कर जाए । यादों से आज भी कुछ गुलशन महके हुए लगते है । मस्ती कहाँ थी जाम... Hindi · कविता 442 Share Versha Varshney 7 Sep 2016 · 1 min read 3. पुकार सुनो क्यूँ करते हो तुम ऐसा जब भी कुछ कहना चाहती हूँ दिल से , समझते ही नहीं मुझे ,जानते हो न मुझे आदत है यूँ ही आँसू बहाने की... Hindi · कविता 1 818 Share Versha Varshney 27 Aug 2016 · 1 min read 2.मानवता क्या जमाना आ गया खो गयी है मानवता , देख रहे जलते किसी को बचाने की फ़िक्र नहीं , मशगूल हैं वीडियो बनाने में, जिंदगी का मोल नहीं । गरीबी... Hindi · कविता 4 527 Share Versha Varshney 25 Aug 2016 · 1 min read कृष्ण और जीवन जब जब समाज में क्षय हुआ प्रेम त्याग परोपकार का , रखकर अनौखा रूप दुनिया को राह दिखाने आये हो ! तुम ही कान्हा तुम ही राम मुरलीधर तुम ही... Hindi · कविता 3 625 Share