सोनू हंस Language: Hindi 121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सोनू हंस 21 Nov 2024 · 1 min read साजन की विदाई अरी सखी! सुन मैंने रात एक स्वप्न देखा; क्या बताऊँ री मैंने कुछ अद्भुत देखा। 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 दूर कहीं एक बारात सज रही थी; और बारात वो मेरे पीछे चल रही... Hindi · कविता 11 Share सोनू हंस 31 Oct 2024 · 1 min read फिर जल गया दीया कोई दूर कहीं निशीथ में एक तारा टिमटिमाया फिर और एक और फिर एक इस तरह गगन भी मानो दीवाली पर चिरागे-रोशन कर जहाँ को बधाई दे रहा था वहीं उमंग... Hindi · कविता 19 Share सोनू हंस 22 Oct 2024 · 1 min read कुछ पूछना है तुमसे कुछ पूछना चाहता हूँ तुमसे पर फिर रुक जाता हूँ कहीं न कहीं मन के किसी कोने में एक डर है कि तुम्हें खो न दूँ कहीं क्या पता मेरी... Hindi · कविता 1 1 27 Share सोनू हंस 26 Jul 2024 · 4 min read वो एक रात 11 वो एक रात 11 सदासुख की हालत देखकर कोई भी कह सकता था कि वह बदहवास होकर भागा जा रहा है। सदासुख कई लहलहाते खेतों को पार करता हुआ आखिरकार... Hindi · कहानी 64 Share सोनू हंस 26 Jul 2024 · 4 min read वो एक रात 10 वो एक रात 10 नीलिमा अपने सामने खडी उस भयंकर बिल्ली से नजरें चुराने की कोशिश करती रही। उस बिल्ली की चमकती आँखों में कुछ सम्मोहन सा था। ऊपर से... Hindi · कहानी 76 Share सोनू हंस 26 Jul 2024 · 4 min read वो एक रात 9 वो एक रात 9 बटुकनाथ उन चारों को लेकर वापिस धूनी पर बैठ गया। "अब मुझे ये बताओ, आखिर वो धूमावती की आदमकद मूर्ति कहाँ गई? " आग का गोला... Hindi · कहानी 81 Share सोनू हंस 9 Jul 2024 · 1 min read जलियाँवाला बाग सुनो भद्रे! यहाँ तुम धीरे से आना, सूखे पत्ते हैं यहाँ पग धीरे से रखना। इन पर्णों ने साक्षी बन जो झेला है, वो विधि का इक भयावह विगत-खेला है।।... Hindi · कविता 47 Share सोनू हंस 9 May 2024 · 1 min read देखो जग सारा जागा है देखो जग सारा जागा है उषा की आहट पाकर तिमिर डरकर भागा है तुम भी जागो हे मनुज देखो जग सारा जागा है अठखेली करती दिनकर किरणें पोखर में संग... Poetry Writing Challenge-3 70 Share सोनू हंस 9 May 2024 · 1 min read व्यथित मन री आली! न कोई कहूँ जिसे मन की व्यथा अपनी पीर मैं ही जानूँ क्या है अंतस् दशा अहर्निश व्यग्र उद्विग्न नहीं चैन अब पल छिन बाँध पाई न ताल-सुरों... Poetry Writing Challenge-3 99 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 2 min read गौरैया कहते हैं उसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है उसकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है पर आज भी वो दिख जाती है घास के छोटे-छोटे तिनको को दबाए मेरे... Poetry Writing Challenge-3 1 85 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read गुरु गुरु गुरु. . . . अनंत है अद्भुत है अनुपम है गुरु. . . . शुभ्र है द्विज है जय है गुरु. . . . विजय है अग्रज है ठौर... Poetry Writing Challenge-3 1 78 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज विकल है मन अटका हुआ सा है कहीं कुछ तो है जो संभवतः अज्ञात है अंतर्मन कहता है कि- जो सामने है वो या तो अर्द्ध सत्य है या सर्वथा... Poetry Writing Challenge-3 1 51 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read देख यायावर! तुझे दरिया बुलाते हैं, बूँदों के हार लेकर। तुझे अडिग पर्वत बुलाते हैं, हिम कणों का भार लेकर। देख यायावर! तू ठहरना नहीं, जब तलक वादियाँ मिल जाए न। देख... Poetry Writing Challenge-3 1 67 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read उड़ने दे मुझे सूख चुके हैं नयन-नीरद फिर भी ये बरसने को बेताब पर विडंबना यही कि सूख चुके हैं नयन-तलाव फिर भी ये बिखरने को बेताब पर तड़पना यही कि सूख चुके... Poetry Writing Challenge-3 65 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 2 min read आ रही हो न (बारहमासा) देखो. . . . . सुनो न अब और न रुलाना मुझे आँखों के तलाव अब सूख चुके हैं इनकी बहने की क्षमता निम्न हो गई है पर तुम्हारा ये... Poetry Writing Challenge-3 1 56 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read पहाड़ गुस्से में हैं पहाड़ गुस्से में हैं कौन चाहता है कोई उनकी सीमा लाँघे? फिर भी लाँघते हैं लोग असीम बनने की खातिर सीमाओं को इसी तरह लाँघा है पहाड़ों को बुद्धजीवियों ने... Poetry Writing Challenge-3 82 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read ये रिश्ते ये रेत की दीवारों से दरकते रिश्ते, एक पल में बन जाते हैं और एक पल में बिखर जाते हैं। कोई सपना देकर चला जाता है, झूठा वादा करके चला... Poetry Writing Challenge-3 1 59 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read देखा है कभी? देखा है कभी? दूर क्षितिज में उतरती डूबते रवि की रश्मियों को, लगता है जैसे जिंदगी उदास हो रही हो कोई कहीं अश्रुजल से दामन भिगो रही हो। लगता है... Poetry Writing Challenge-3 45 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read वक्त के पहरुए सुनो.... वक्त के पहरुए बुला रहे हैं तीखी सी आवाज दे रहे हैं छोड़ मत देना ये किस्सा आज का जो वे सुना रहे हैं देखो... ये आज मधुर भ्रमरियों... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 2 min read अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ अरे मेघ! बरस रहे हो क्या, थोड़ा सा साथ अपने आज हमें भी बरसने दो बंजर है हमारी ख्वाहिशों की जमीं उसे भी थोड़ा नमी हो जाने दो अरे मेघ!... Poetry Writing Challenge-3 1 50 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read उर्मिला व्यथा सुन रे ओ मलय पवन मेरा इतना बैरी न बन तेरी ये बयार मुझे दहकाती सुरभि न तेरी मुझे महकाती मनमानी कर मुझे सतावे क्यों? मुझ बिरहन को जलावे क्यों?... Poetry Writing Challenge-3 62 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read एक थी नदी नदी..... चिल्लाती है टूटती अवशेष सी डूबती श्वासों से अपशिष्ट के भार से घुटती हुई जीवन प्रदायिनी आज स्वयं संघर्ष रत है जीने के लिए वे विस्तृत घाट स्मृति शेष... Poetry Writing Challenge-3 44 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read मिलन देखो.... तुम चले आना.. थोड़ा सा समय निकालकर बहुत सी बातों को बाँटना हैं तुमसे और बहुत सी यादों को सहेजकर रखना है तुम्हें याद है न जब हम पहली... Poetry Writing Challenge-3 1 43 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read सफेद चादर आजकल. . . . मैं एक चादर ओढे़ रखता हूँ जो सफेद है उज्ज्वल है, सरल भी जो मेरे लिए कवच सरीखी है सभा हो, सड़क हो घर हो, बाहर... Poetry Writing Challenge-3 1 54 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read सकार से नकार तक(प्रवृत्ति) इंसान. . . . बरसो से जिज्ञासु रहा है उसकी प्रवृत्ति होती है सकार से ज्यादा नकार की ओर चलने की भूखे इंसान ने कहा भगवान् से कुछ खाने को... Poetry Writing Challenge-3 1 42 Share सोनू हंस 8 May 2024 · 1 min read आगाज...जिंदगी का कभी आगाज जो मेरे साथ जिंदगी का करना तुम, तो मेरे दोस्त केवल मुझ पर यही भरोसा करना तुम छोडूंगा न साथ जीवन भर तक यूँ तो राहों में अनेक... Poetry Writing Challenge-3 1 46 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 2 min read है अब मनुजता कहाँ? चहुँओर नि:स्तब्धता और नीरवता है परंतु फिर भी चीरती है एक आवाज सन्नाटे के वक्ष को रुदन कर रहा है मौन क्यूँ फिर भी कहीं से सिसकियाँ क्यूँ हृदय का... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 2 min read कैसे छपेगी किताब मेरी??? मैं कोई प्रसिद्ध कवि नहीं हूँ न हीं कोई लोकप्रिय लेखक हूँ पर..हाँ मुझे लिखना पसंद है विविध विषयों पर चिड़िया पर, आकाश पर, पानी पर, मनुज पर, स्त्री पर... Poetry Writing Challenge-3 1 49 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read दस नंबर मेरे मोबाइल में अब दस नाम ऐसे हैं जिनसे मैं नहीं कर सकता संपर्क उन नामों पर जिस नाम से वे मेरे फोन में सुरक्षित हैं क्योंकि.... उन नामों वाले... Poetry Writing Challenge-3 48 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read मुझे उड़ना है मुझे उड़ना है खात् में, पंखविहीन न करना तुम। मुझे लड़ना है समय से, गतिहीन न करना तुम॥ उस शून्य की पहेलियों को, बूझना है मुझे। अनंत, असार नीरव द्यौ... Poetry Writing Challenge-3 64 Share सोनू हंस 3 May 2024 · 1 min read मंथन जब भी हुआ मंथन परिणत प्राप्ति ही है लाभ वा हानि, विष वा अमृत। क्षीर सिंधु को मथा देवासुरों ने निकल आए बहुरत्न, लक्ष्मी तथा वस्तुएँ अनंत। *मिला अमृत तो,... Poetry Writing Challenge-3 50 Share सोनू हंस 2 May 2024 · 1 min read मैं मजबूर हूँ अब नदियों ने पानी उछालना मना कर दिया है अब सागर ने तरंगों को लहराना मना कर दिया है इसलिए जीवन में उमंगों की करवटें लाना! माफ करना...मैं मजबूर हूँ... Poetry Writing Challenge-3 51 Share सोनू हंस 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज विकल है मन अटका हुआ सा है कहीं कुछ तो है जो संभवतः अज्ञात है अंतर्मन कहता है कि- जो सामने है वो या तो अर्द्ध सत्य है या सर्वथा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 4 67 Share सोनू हंस 4 Sep 2023 · 1 min read ये पीड़ित कौन है? ये जो दौर है न मेरे लिए घातक है लेकिन क्या #मेरे_लिए या #इसके_लिए या फिर किसके लिए कहते हैं जो घट माही है वो कोई और है वो हर... Hindi · कविता 264 Share सोनू हंस 3 Aug 2023 · 1 min read दस नंबर मेरे मोबाइल में अब दस नाम ऐसे हैं जिनसे मैं नहीं कर सकता संपर्क उन नामों पर जिस नाम से वे मेरे फोन में सुरक्षित हैं क्योंकि.... उन नामों वाले... Hindi · कविता 152 Share सोनू हंस 27 Jul 2023 · 1 min read गुरु गुरु. . . . अनंत है अद्भुत है अनुपम है गुरु. . . . शुभ्र है द्विज है जय है गुरु. . . . विजय है अग्रज है ठौर है... Hindi · आधुनिक कविता 136 Share सोनू हंस 11 Jul 2023 · 1 min read आज मन व्यथित है आज मन व्यथित है हृदय बिंधा सा है तो कैसे री उमंग तू आएगी निर्दोष मर रहा है पापी हँस रहा है तो कैसा उत्सव मनाएगी! री! बोल उमंग फिर... Hindi 117 Share सोनू हंस 31 Dec 2022 · 1 min read साथी तुझे चलना होगा हैं अँधेरे तो उजालों का साथ कितना, चलना उतना ही राही मंजिलों का साथ जितना। पथ भटक जाए तो वहीं पर बैठ जाना, सोचना और गहरे पानी पैठ जाना। जो... Hindi · कविता 1 259 Share सोनू हंस 29 Dec 2022 · 1 min read अब रुकने का नाम ले मैं मजबूर होकर फिर रहा दर-ब-दर, ए काश कोई नई राह मिल जाए। इस आस से देखता हूँ हर एक चेहरे को, कि कोई मुझको नई चाह मिल जाए। राह... Hindi · कविता 1 151 Share सोनू हंस 11 Dec 2022 · 1 min read मेरे मन के मीत मेरे मन के मीत मुझसे न विमुख हो, प्रति प्रहर , वासर-निशा मेरे सम्मुख हो। हृदय की मेरी वेदनाएँ, चाहती तुम्हारी संवेदनाएँ। जन्मों से दबी तृषाएँ, ताकती हैं अब आशाएँ॥... Hindi · कविता-हिन्दी 147 Share सोनू हंस 7 Oct 2022 · 2 min read आ रही हो न!(बारहमासा) देखो. . . . . सुनो न अब और न रुलाना मुझे आँखों के तलाव अब सूख चुके हैं इनकी बहने की क्षमता निम्न हो गई है पर तुम्हारा ये... Hindi · कविता 1 205 Share सोनू हंस 29 Aug 2022 · 1 min read उड़ने दो मुझे सूख चुके हैं नयन-नीरद फिर भी ये बरसने को बेताब पर विडंबना यही कि सूख चुके हैं नयन-तलाव फिर भी ये बिखरने को बेताब पर तड़पना यही कि सूख चुके... Hindi · कविता 235 Share सोनू हंस 22 Jun 2022 · 1 min read वन की ओर मत्तगयंद छंद सात भगण, पदांत दो गुरु रामहि संग चली सिय कानन, जानत ना पथ की विपदाएँ। दुर्गम काज बडे़ बन के , कब दानव हाथ लगे पड़ जाएँ॥ शूल... Hindi 320 Share सोनू हंस 20 Mar 2022 · 2 min read गौरैया कहते हैं उसका अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है उसकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है पर आज भी वो दिख जाती है घास के छोटे-छोटे तिनको को दबाए मेरे... Hindi · कविता 305 Share सोनू हंस 14 Mar 2022 · 1 min read मुझे उड़ना है खात् में मुझे उड़ना है खात् में, पंखविहीन न करना तुम। मुझे लड़ना है समय से, गतिहीन न करना तुम॥ उस शून्य की पहेलियों को, बूझना है मुझे। अनंत, असार नीरव द्यौ... Hindi · कविता 250 Share सोनू हंस 8 Mar 2022 · 1 min read हो राम तोसे खरो न कोउ हो राम! तोसो खरो न कोउ, तुम राजा मैं छोटो, मोसो खोटो न कोउ। हो राम तोसो खरो न कोउ. . . तुमहिं तारो बारनु ग्राह से मोपे नजर न... Hindi · कविता 399 Share सोनू हंस 27 Feb 2022 · 1 min read व्यथित मन! री आली! न कोई कहूँ जिसे मन की व्यथा अपनी पीर मैं ही जानूँ क्या है अंतस् दशा अहर्निश व्यग्र उद्विग्न नहीं चैन अब पल छिन बाँध पाई न ताल-सुरों... Hindi · कविता 536 Share सोनू हंस 24 Feb 2022 · 2 min read शिव-आराधना हे कल्याण स्वरूप शिव जी, माया अधीश महेश्वर जी। शंभु आनंद दो मन मेरे, कर दो दूर अज्ञान अँधेरे। तुम हो पिनाकी पिनाक धनुर्धारी, हे शशिशेखर चंद्रधारी। वामदेव तुम उज्ज्वल... Hindi · कविता 1 1 716 Share सोनू हंस 23 Feb 2022 · 1 min read रंगीला फागुन आ गयो रंगीला फागुन आ गयो, री सखी! फागुन आ गयो; मोरा जिया रा यूँ हरसा गयो... री सखी! फागुन आ गयो। चलै है बयार घुली-घुली जाए रंग जू, चलूँ सूँ मटकती... Hindi · कविता 385 Share सोनू हंस 15 Feb 2022 · 1 min read सखे! पर्वतों सम उठ जाना सखे! पर्वतों सम उठ जाना, और अपना कद बढा़ते जाना। देखने को तुम्हें ज्यूँ मेरी, नजरें भी ऊँची उठने लगे। सखे! जलधि सम धीर बन जाना, और सब हिय में... Hindi · कविता 239 Share Page 1 Next