Manjusha Srivastava 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manjusha Srivastava 12 Nov 2018 · 1 min read माँ ******** जीवन की अरुणाई माँ है ,भीनी सी अमराई माँ है , त्याग तपस्या की मूरत सी,भावों की गहरायी माँ है | ग्यान मयी गीता गंगा है ,जीवन धन माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 38 1k Share Manjusha Srivastava 8 Jul 2018 · 1 min read रोटी रोटी (1) मन क्लान्त है दुख शोक से सम्भावनाएँ शून्य हैं | स्पंदन हीन सभी दिखते मनभावनाएँ शून्य हैं | मासूम रोटी को तरसते दर्द को नित सह रहे –... Hindi · मुक्तक 1 440 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read स्वतन्त्रता दिवस स्वतंत्रता दिवस है आज मिल के गायेंगे उत्सव मनाएँगे यहाँ उत्सव मनाएँगे | छोड़ेगे झूठे रास्ते छोड़ेगे झूठी शान, बदलेगे भाग्य देश का ऊँचा रखेंगे मान, हम स्वर्ग से भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 289 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read दोहे करना प्रभु इतनी दया , रखना करुणा दृष्टि | उपजे जग में प्रेम धन , ऐसी करना वृष्टि || नवता को धारण करे , अब मनु की संतान | नवल... Hindi · दोहा 397 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read मुक्तक 1) सुखद परिवर्तन हो जिस रोज चाँदनी फैलेगी उस रोज प्रेम ,करुणा , ममता विस्तार नवल जग रूप सजे उस रोज || (2) ग्यान की लौ का बड़ा महत्व मुखर... Hindi · मुक्तक 438 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read नज़्म बह्र -122 122 122 122 यहां आदमी अब खुदा हो रहा है | जमाना कहां था कहा हो रहा है | अजब हो गये आज हालात सारे – यहां शक्स... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 377 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read माँ माँ जीवन की अरुणाई माँ है , भीनी सी अमराई माँ है , त्याग तपस्या की मूरत सी भावों की गहरायी माँ है | ग्यान मयी गीता गंगा है ,... Hindi · कविता 330 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read मैं हूँ माँ मन के भाव ……… माँ समाहित सकल ब्रम्हान्ड साँसों की गति ,लय ,ताल तू जीवन आधार | ममत्व की असंख्य लहरें , आलोड़ित हों मुझमें , भरती हैं प्राण |... Hindi · कविता 511 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read तुम से हम हम से सफल आराधना प्रीत पावन मधुर कर स्पर्श से, नेह शीतल कर दिया तापित बदन | कुन्तलों को आ पवन दुलरा गया , रात रानी सा महकता मन अँगन | एक तारा प्रेम... Hindi · कविता 307 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read तुम से हम हम से सफल आराधना प्रीत पावन मधुर कर स्पर्श से, नेह शीतल कर दिया तापित बदन | कुन्तलों को आ पवन दुलरा गया , रात रानी सा महकता मन अँगन | एक तारा प्रेम... Hindi · कविता 324 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read तिरंगा 1) रहे विश्व भर में चमकता तिरंगा | गगन चूम ले यह फहरता तिरंगा | हो सबको मुबारक ये गणतंत्र पावन – बने पथ प्रदर्शक लहडरता तिरंगा | (2) केसरिया... Hindi · मुक्तक 492 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read आल्हा आल्हा – युग्म गीतिका हम हैं वीर शिवा के वंशज ,राणा की हम हैं तलवार | अरि का शीश काटने को अब ,मचल रही है इसकी धार | दुश्मन से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read बसन्त मधु गंध बहे गाये मलंग , प्रिय लागे मुझको ऋतु बसंत | फूली सरसों पीली -पीली , धानी -धानी भाये धरती | मनहर कुसुमोंसे भरी -भरी , लहराये गाये ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share Manjusha Srivastava 7 Jul 2018 · 1 min read नारी आल्हा छंद” युग्म गीतिका ••••••••••••••••••••••••••••••• साहस शौर्य शक्ति की प्रतिमा , नारी का जग पर उपकार | दुर्गा लक्ष्मी राजपुतानी , की गाथाये कहें पुकार | जग को जीवन देने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 296 Share Manjusha Srivastava 22 Nov 2017 · 1 min read नज़्म बह्र -122 122 122 122 यहां आदमी अब खुदा हो रहा है | जमाना कहां था कहा हो रहा है | अजब हो गये आज हालात सारे - यहां शक्स... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 522 Share Manjusha Srivastava 22 Nov 2017 · 1 min read सर्दी प्रत्यावर्तन मानसून का मौसम में बदलाव हर ऋतु में सिहरन छायी सर्दी का ठहराव | एसी कूलर दुबक गये सब , कम्बल बाहर आये | जलने लगे अलाव घरों में... Hindi · कविता 511 Share