डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: लेख 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 12 May 2020 · 3 min read लेख "माँ" शब्द को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि इस एक शब्द में समस्त सृष्टि समाहित है। माँ तो साक्षात् ईश्वर की छवि है। माँ के कदमों में ज़न्नत है।ऐसे... Hindi · लेख 3 1 259 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2019 · 3 min read लेख "वर्तमान समय में घरेलू महिलाओं में समय की कमी क्यों ,हक़ीक़त के धरातल पर कारण व निवारण" सहधर्मिणी, संस्कारिणी, नारायणी की प्रतीक नारी की महत्ता को शास्त्रों से लेकर साहित्य... Hindi · लेख 1 607 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2019 · 3 min read लेख "वर्तमान समय में घरेलू महिलाओं में समय की कमी क्यों ,हक़ीक़त के धरातल पर कारण व निवारण" सहधर्मिणी, संस्कारिणी, नारायणी की प्रतीक नारी की महत्ता को शास्त्रों से लेकर साहित्य... Hindi · लेख 1 267 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read गीत विषय-बदरा विधा-गीत बिजली कौंधे #बदरा छाए बारिश की रुत अगन लगाए बैरी नैना झमझम बरसे मेरा भीगा बदन जलाए। #बैरी बदरा गरजे-बरसे बागों में हरियाली छाई मोर, पपीहा, कोयल झूमें... Hindi · लेख 262 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 3 Sep 2018 · 1 min read गीत "कृष्ण जन्माष्टमी" *************** तर्ज़- फूल तुम्हें भेजा है ख़त में... द्युति दामिनी चमक रही है तीक्ष्ण बौछारें करतीं वार। देवकी पीर सही न जाए कृष्ण ले रहे धरा अवतार। भादों... Hindi · लेख 2 266 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Aug 2018 · 1 min read गीत "अविरल नीर बरसता है" ******************** समझ न पाऊँ प्रेम विधा मैं उर में नेह उपजता है रोम-रोम मदमाता मेरा अविरल नीर छलकता है। निश्छल प्रेम सहज जीवन में अनुरागी मन... Hindi · लेख 565 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 6 Jul 2018 · 1 min read गीत विरह गीत "बहुत रोते सनम तुम बिन" बसे किस देश में जाकर यहाँ हमको भुला करके, बहुत रोते सनम तुम बिन रात सपने सजा करके। (1)छुआ जब धूप ने तन... Hindi · लेख 253 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत "मुझे बचालो मेरी माँ!" प्रभु कृपा से गर्भ में आई मुझे बचा लो मेरी माँ, बोझ नहीं हूँ इस दुनिया पर गले लगा लो मेरी माँ! मैं आँचल की गौरव... Hindi · लेख 219 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत गीत "चाय नशीली बन जाती" ******************* गर्म चाय की प्याली थामे मन की बातें कह आती। प्यास बुझाती प्रिय की अपने चाय नशीली बन जाती। अलसाई नज़रों से तक कर... Hindi · लेख 252 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत 'भक्ति गीत गीत बनकर माँझी पार उतारो बिगड़ी बना दो हे गोपाल! अँधियारा मन विचलित करता माया जग को ठगने आई भव सागर में डूबे नैया कैसी मैंने किस्मत पाई।... Hindi · लेख 243 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत "यादें"(गीत) बैठ सँजोए कितने सपने यादों पर मनमीत लिखूँ, महक उठी बेला उपवन में नूतन मैं इक गीत लिखूँ। रजनीगंधा की खुशबू सी घर-आँगन को महकाती कोयल मिश्री बैन सुनाकर... Hindi · लेख 1 272 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read गीत 'सावन की रुत' गीत कागा दे संदेश पिया को सावन की रुत चमन खिलाए। क्यारी-क्यारी महके बेला मेरा भीगा बदन जलाए। बैरी बदरा गरजे-बरसे बागों में हरियाली छाई मोर, पपीहा,... Hindi · लेख 503 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2018 · 3 min read "माँ" "माँ" ***** "माँ" शब्द को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि इस एक शब्द में समस्त सृष्टि समाहित है। माँ तो साक्षात् ईश्वर की छवि है। माँ के कदमों में... Hindi · लेख 1 634 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 Aug 2017 · 3 min read भाई -बहन का प्यारा बंधन : रक्षाबंधन (लेख) भाई-बहन का प्यारा बंधन : रक्षा बंधन ****************************** जी चाहे बारिश की स्याही,बनूँ कलम में भर जाऊँ। मन के भाव पिरो शब्दों में,तुझको पाती लिख पाऊँ।। नेह सरस हरियाली में... Hindi · लेख 2 610 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jul 2017 · 2 min read "घिर आई रे बदरिया सावन की" (लेख) "घिर आई रे बदरिया सावन की" ********************** जी चाहे बारिश की स्याही,बनूँ कलम में भर जाऊँ। मन के भाव पिरो शब्दों में,तुझको पाती लिख पाऊँ।। नेह सरस हरियाली में भर,... Hindi · लेख 1 843 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Jun 2017 · 3 min read ईद मुबारक *ईद मुबारक* ********** एकता, प्रेम, सौहार्द, भाईचारे की मिसाल "ईद" को मुस्लिम देशों के अलावा अन्य देश व धर्मों के लोग भी ईद मुबारक कह कर बड़ी धूमधाम से मनाते... Hindi · लेख 1 429 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Jun 2017 · 3 min read "योग जीवन की औषधि" *योग जीवन की औषधि* आधुनिक युग में आर्थिक सामाजिक , शैक्षणिक सभी क्षेत्रों में बढ़ती प्रतिद्वंदिता ने जीवन को तनावग्रस्त बना दिया है। हम व्यायाम द्वारा शीरीरिक स्फूर्ति तो पा... Hindi · लेख 1 440 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 18 Jun 2017 · 4 min read "परिवार का आधार स्तंभ पिता" "परिवार का आधार स्तंभ पिता" ********************** माता-पिता यानि जन्मदाता। जिस पिता ने संस्कार के बीज बोकर ,नैतिकता की खाद डालकर अपने उपवन की पौध को लहू देकर सींचा आज उसे... Hindi · लेख 5 6 4k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jun 2017 · 3 min read "चरमराते रिश्ते और हम" "चरमराते रिश्ते और हम" ******************* प्रेम, विश्वास के धागों से बँधे नाजुक रिश्तों को हम जन्म के साथ पाए पारिवारिक संबंधों की शक्ल में पाते हैं। रिश्तों की बुनियाद परिवार... Hindi · लेख 676 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 5 Jun 2017 · 3 min read "विश्व पर्यावरण दिवस" "विश्व पर्यावरण दिवस" पर्यावरण दिवस एक अभियान है जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अवसर पर 1972 में हुई थी। हालांकि, यह... Hindi · लेख 682 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2017 · 2 min read "हँसीन लम्हों की यादें और ये ख़त" "हंसीन लम्हों की यादें और ये ख़त" ख़त का ज़िक्र चलते ही पिया के साथ गुज़ारे कुँवारे पलों की याद ताज़ा हो जाती है। ये वो सुहाने दिन थे जब... Hindi · लेख 1 306 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 May 2017 · 3 min read "दरिंदगी के बढ़ते कदम और हम" "दरिंदगी के बढ़ते कदम और हम" आज दरिंदगी का चोला पहने इंसान इंसानियत का खून किए जा रहा है और पंगु बनी सरकार कड़ी निंदा का हथियार हाथ में लिए... Hindi · लेख 2 359 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Mar 2017 · 13 min read "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भारतीय महिलाएँ" "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और भारतीय महिला" अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है।विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते... Hindi · लेख 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 4 min read काशी नगरी और भोले की बारात मित्रों, आज मैं आपको भोले की नगरी काशी की शिव बारात से रू-ब-रू कराती हूँ ,जिसमें शिवजी भस्मी रमाये दूल्हा बनकर निकलते हैं और पूरी काशी हर्षोल्लास से बारात की... Hindi · लेख 592 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2017 · 4 min read आज की नारी (लेख) "आज की नारी" सहधर्मिणी, संस्कारिणी, नारायणी की प्रतीक नारी की महत्ता को शास्त्रों से लेकर साहित्य तक सर्वदा स्वीकारा गया है।"यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते , रमन्ते तत्र देवता।" नारी को प्रारंभ... Hindi · लेख 1k Share