राहुल कुमार विद्यार्थी Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राहुल कुमार विद्यार्थी 13 Feb 2020 · 1 min read अधरों से अधरों का मिलन प्रिये! याद मुझे उस पुण्य पथ का जिस पथ चले थे दोनों ही अधरों से अधरों का मिलन हुआ था जहाँ.... तपे थे दोनों ही जिस्म नही, बस प्रेम तपा... Hindi · कविता 1 277 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 13 Feb 2020 · 1 min read एक चुंबन भर अधरों का वो प्रेम मिलन खूब मुझे तड़पाता है जब होता हूँ मौन कभी मैं याद वही पल आता है जब अधरों को तेरे मेरे अधर ने छूआ था थोड़े... Hindi · कविता 1 657 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 5 Feb 2020 · 1 min read कुछ लम्हे साथ गुजर पाए ~~~~~~~~~~~~~~ किसी की साजिश का कहर है या फ़िजाओं में घुला जहर है या कह दो न कि यह ठंडी हवा की लहर है आजकल जो व्यस्त रहने लगे हैं... Hindi · कविता 2 180 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 17 Dec 2019 · 1 min read हे कविवर! अब तुम लिखो हे कविवर! अब तुम लिखो देश की खातिर लेखन को देश हमारा मांग रहा है स्याही के कुछ बूंदों को देश हमारा धधक रहा है नफ़रत की अब आग में... Hindi · कविता 2 364 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 14 Dec 2019 · 1 min read नैना हैं अभिराम तुम्हारे शृंगार रस......?? नैना हैं अभिराम तुम्हारे, जुल्फें नागिन जैसी है चांद गगन में जैसे चमके, तू धरा पर वैसी है तू है प्रिये! चन्द्रमणि सी, मैं लौह कनक अभिरंजन हूँ... Hindi · कविता 1 1 349 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 13 Dec 2019 · 1 min read तोड़ो मत मैं पौध हूँ नन्हा सा अभी बढ़ा नहीं हूँ विकसित नहीं हुआ है तन मेरा | मुझे तोड़ो नहीं उन हाथों से ही जिन हाथों से सहेजा है कोई |... Hindi · कविता 4 306 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 26 Aug 2017 · 1 min read इश्क-ए-वफा तू पाले थी नफरत दिल में मैंने तो था पाला प्यार तेरी नफरत सच्ची थी पर झूठा न था मेरा प्यार तेरा नफरत जीत गया है हारा है आज मेरा... Hindi · कविता 345 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 23 Feb 2017 · 1 min read **प्यारा बछड़ा** आज वर्षों बाद गौशाला में मेरे ,छाई है खुशियां क्योंकि सुन्दर सा बछड़ा जो दी, मेरी भोली-भाली गईया, मन मेरा भी हो गया उतावला, सोच नाम रखूँ,गोलू,भोलू या फिर क्या-क्या... Hindi · कविता 648 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 9 Feb 2017 · 1 min read *बचपन की यारी* लव कुश दो संतानें हूँ मैं, अपने माँ-बाप का, खेल-कूद कर बचपन बिता दी, जीवन के अभिन्न अंग का सच पूछो तो यारों, बहुत दुख हुआ, पहूँचकर जवानी की दहलिज... Hindi · कविता 614 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 7 Feb 2017 · 1 min read **प्रेम का दूपहिया** तुम भी चलो, मैं भी चलूँ चलती रहे ये ज़िन्दगी तुम भी गुनगुनाओ, मैं भी गुनगुनाऊँ, गुनगुनाती रहे ये जिन्दगी, थोड़ा तुम मधुर हो जाओ,थोड़ा मैं हो जाऊँ, मधुर हो... Hindi · कविता 484 Share राहुल कुमार विद्यार्थी 6 Feb 2017 · 1 min read मेरी यादगार यात्रा आज चढ़ा था, मैं बस के ऊपर, बस के ऊपर, मतलब उसकी, छत के ऊपर, थी वो खटहरा, ढ़न-ढन करती, बस की दिवारें, खटर-खटर थी, उसकी आवाजें, डर तो बहुत... Hindi · कविता 1k Share