Mahatam Mishra Tag: कविता 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "घनश्याम छंद" "घनश्याम छंद" मिला कर हाथ, सर्व सखा जयकार करें। रहें जब साथ, मानव सा हुक्कार करें।। यही मम देश, भारत है मिल हाथ रहें दिखे जब प्रात, पर्व सखा पुर... Hindi · कविता 1 884 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मदकलनी छंद" "मदकलनी छंद" विकल भई, जल तरसी, यह बगिया, मधुबन की। नयन तके, नभ गगरी, जल यमुना, गिरिधर की।। सुन सजना, घर अँगना, सुधि धरिए, चितवन में। मग मथुरा, मृग छवना,... Hindi · कविता 2 1 512 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "पिरामिड" "पिरामिड" ये मकाँ जर्जर जीर्ण शीर्ण अति संकीर्ण भुतहा महल झपटती बिल्लियाँ।।-1 जी जान ईमान इम्तहान सहारा होगा आँख तारा होगा पल गुजारा होगा।।-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 302 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "बुदबुद छंद" "बुदबुद छंद" शिव शिव बोल बोल जै बम बम बोल बोल जै। शुभ दिन सोमवार है कल कल गंग धार है।। प्रति पल तोल मोल रे ढब ढब ताल ढोल... Hindi · कविता 314 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” रे गुँजा बावरी मदमाती उन्मुक्त बाँदी घुँघराले बाल लहराए नागिन॥-1 रे गुँजा भ्रामरी सुनयना घुँघची अली मनचली गली नव खेल खिलाती॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 461 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "पंक्तिका छंद" "पंक्तिका छंद" प्राण नाथ जो आप साथ हों मोर मोरनी बाग बाग हों धूम धाम से झूम झूम के प्यार वार दूं नाच नाच के।। नाथ आप से प्रात लाल... Hindi · कविता 463 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "रतिलेखा छंद" "रतिलेखा छंद" अब तो गिरिवर दरशन, चित हमारौ मनवा हरसत विहरत, हरि निहारौ। पहुना सम दिखत सबहिं, पग पखारौ हम सेवक तुम रघुबर, गृह पधारौ।। अपना सब कुछ अरपन, तव... Hindi · कविता 500 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” क्यों सभी सजाते खड़काते बर्तन भाँड़े रोटी सब्जी दाल महकती थाली क्या॥-1 ये जग वो मग पानी रखें प्यास बुझाएँ किसका आँगन प्रिय पात्र साजन॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 592 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” हैं दीप माटी के कलाकारी चलता चाक शुभ दीपावली गर्व प्रकाश पर्व॥-1 ये तेल रोशनी दिया बाती सखा संगाती मलाई मिठाई रंगोली सुंदर है॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 509 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” अपनी गति सूरज चला, मानव अपनी राह ढ़लता दिन हर रोज है, शाम पथिक की चाह शाम पथिक की चाह, अनेकों दृश्य झलकते दिनकर आए हाथ, चाँदनी चाँद मलकते... Hindi · कविता 1 266 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "मंगलमंगना छंद" "मंगलमंगना छंद" अब चले उठ कहाँ सहमे पथ आप के मथ रहे मन कहीं रुकते पग आप के चल पड़े जिस गली लगती वह साँकरी पढ़ रहे तुम जिसे लगते... Hindi · कविता 402 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "चौपाई, अद्भुत रस" "चौपाई, अद्भुत रस" बाल्मीकि के आश्रम आई, अनुज लखन सिय साथ निभाई माँ सीता पर आँख उठाई, कोशल की चरचा प्रभुताई ।।-1 ऋषी महामुनि अचरज पाए, लखन लला को पास... Hindi · कविता 584 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “किसका घर कैसी पहचान” “किसका घर कैसी पहचान” वो गाँव का दशहरा मोटू की दुकान मिठाई तो बहुत है सजावट सहित है पर कहाँ है मचान रावण का निदान धूआं धूल गुमान किसका घर... Hindi · कविता 316 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "रथपद छंद" "रथपद छंद" सकल अवध सिय रामा जी सुखद मिलन अभि रामा जी। दसरथ ललन चलैया हैं रघुवर अवध बसैया हैं।। अगर मगर मत जानों जी नगर मुदित रघु मानो जी।... Hindi · कविता 490 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “दुर्मिलसवैया” “दुर्मिलसवैया” शिव शंकर रूप अपार सखी, नर नारि निहार दुलार सखी। शिव धाम गणेश सुहाय रहे, सह मूषक वाहन प्यार सखी। इक देह शिवा शिव धारि लियो, भव के हित... Hindi · कविता 1 1 388 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "लटकी तस्वीर" "लटकी तस्वीर" विश्वविद्यालय के परिसर की हँसती खिलखिलाती भीड़ की और मेरा वहाँ से निकलना हुआ मेरे साथ थी उत्कंठा अनुज की किताबों की जिल्द नेताओं से अमीर थी वहाँ... Hindi · कविता 459 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “दुर्मिलसवैया” “दुर्मिलसवैया” हिलती डुलती चलती नवका ठहरे विच में डरि जा जियरा। भरि के असवार खुले रसरी पतवार रखे जल का भँवरा । अरमान लिए सिमटी गठरी जब शोर मचा हंवुका... Hindi · कविता 273 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "चम्पकमाला छंद" "चम्पकमाला छंद" घाट बिना नौका कित जाए हाट बिना सौदा कित छाए। बात नही तो राहत कैसी भाव नही तो चाहत कैसी।। लोभ नचाये नावत माथा मोह बुलाये लाभन साथा।... Hindi · कविता 457 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "पिरामिड" "पिरामिड" (1) ये खून धब्बा है कलंक है परिसर में विधा का मंदिर करुणा कैसे मरी।। (2) ये दृश्य नृशंस हत्या है जी क्या है भविष्य स्कूल आँगन में रोती... Hindi · कविता 556 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "वंशस्थ छंद" "वंशस्थ छंद" कुटेव का मोह जभी बिदा करें बिमार का जोड़ अभी जुदा करें बहार छाए हर मोड़ आप के चढ़े बुखारा तिन तोड़ तो करें।। सहाय कैसे भल आप... Hindi · कविता 523 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "कुंडलिया" "कुंडलिया" पानी भीगे बाढ़ में, छतरी बरसे धार कैसे तुझे जतन करूँ, रे जीवन जुझार रे जीवन जुझार, पाँव किस नाव बिठाऊँ जन जन माथे बोझ, रोज कस पाल बँधाऊँ... Hindi · कविता 273 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "यशोदा छंद" "यशोदा छंद" पढ़ी पढ़ाई भली भलाई। कहा न मानो करो त जानो।।-1 लगी लगाई हल्दी सुहाई। छटा निराली खुशी मिताली।।-2 नई नवेली वहू अकेली। सुई चुभाए दिल घबराए।।-३ उगी हवेली... Hindi · कविता 1 601 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "भाम छंद" "भाम छंद" सात पहाड़ा धाम शिवे, शिव का पहरा। पाल रहे आकार हरी, शुभदा भँवरा।। जो प्रभु जी का मान करे, तिन को भजता। पावक से वो पाक बने, मन... Hindi · कविता 547 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” ले रंग तिरंगा हरियाली केशर क्यारी शुभ्र नभ धानी लहराया बादल॥-1 वो उड़ा गगन प्यारा झंडा ध्वनि गुंजन चक्र सुदर्शन भारत उपवन॥-2 महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी Hindi · कविता 1 368 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "सार छंद" "सार छंद" महिमा गुरु की हो जाये तो तट लग जाये नैया। शुद्ध ज्ञान गीता से आये जय हो कृष्ण कन्हैया।।-1 भगत भाव भगवान बहूते नाचे ताता छैया। वन बिन... Hindi · कविता 1 735 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” वो देखो पतन चित्त पट्ट शय औ मात अहं टकराया निशान छोड़ गया॥-1 क्या भाव सुझाव दबोच लो शिकार मिला जाल तैयार है धागे कमजोर हैं॥-2 ये दृश्य दर्शन... Hindi · कविता 455 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read *◆माहिया छंद◆* *◆माहिया छंद◆* तू चितचोर नहीं रे भौरा उड़ आया उपवन कली खिली रे।। महकती रात रानी पवन उड़ाए गंध नासिका नथ बिरानी।। आस पास नहि कोई वक्त की बात है... Hindi · कविता 554 Share Mahatam Mishra 17 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ सादर नमस्कार, साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता बेटियाँ में मेरी प्रतिभागिता स्वीकार करें, सादर बेटियाँ” हर घरों की जान सी होती हैं बेटियाँ कुल की कूलिनता पर सोती हैं बेटियाँ माँ की... Hindi · कविता 608 Share Mahatam Mishra 29 Sep 2016 · 1 min read चौपाई “चौपाई” बाबा शिव शंभू सैलानी, कीरति महिमा अवघड़ दानी बाजत डमरू डम कैलाशा, राग-विराग अटल बर्फानी॥-1 स्वर चौदह चौरासी योनी, लिखा ललाट मिटे कत होनी सत्य सती धरि रूप बहूता,... Hindi · कविता 690 Share Mahatam Mishra 19 Sep 2016 · 1 min read पिरामिड सादर नमन बीर शहीदों को “पिरामिड” रे पाक हेकड़ी दिखाता है पीठ पीछे से वार कायर का दानत गिराता है॥ ले देख अपनी आँखों से कारगिल बंगला देश बचा ले... Hindi · कविता 315 Share Mahatam Mishra 17 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद मंच को सादर निवेदित एक रचना....... "मनहर घनाक्षरी" बहुत विचार हुआ, दिल से करार हुआ, अब हिल मिल सब, मान भी बढ़ाइए राष्ट्र भाषा हिंदी बिंदी, ललिता लाली कालिंदी, कन्या... Hindi · कविता 1 451 Share Mahatam Mishra 11 Sep 2016 · 2 min read वाह रे अपनत्व प्रस्तुत है एक कथ्य...... "वाह रे अपनत्व" झिनकू भैया दौड़-दौड़ के किसी को पानी पिला रहे हैं तो किसी को चाय और नमकीन का प्लेट पकड़ा रहें है। किसी को... Hindi · कविता 280 Share Mahatam Mishra 10 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई आप सभी को एक कवित्त के साथ....... "मनहर घनाक्षरी" भावना श्रृंगार लिए, रस छंद भाव पिए, हिंदी छेड़े मीठी तान, गान मान गाइए प्रकृति से... Hindi · कविता 3k Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read मुक्त काव्य “कर्म ही फल बाग है” भाग्य तो भाग्य है कर्म ही तो फल बाग है बारिश के जल जैसा थैली में भर पैसा ओढ़ ले पैसा ओढ़ा दे पैसा पानी... Hindi · कविता 473 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read दोहा मुक्तक प्रदत शीर्षक- अलंकार, आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर “मुक्तक” गहना भूषण विभूषण, रस रूप अलंकार बोली भाषा हो मृदुल, गहना हो व्यवहार जेवर बाहर झाँकता, चतुर चाहना भेष आभूषण अंदर... Hindi · कविता 377 Share Mahatam Mishra 9 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया एक कुण्डलिया छंद. ( ढेल- मोरनी, टहूंको- मोर की बोली) नाचत घोर मयूर वन, चाह नचाए ढेल चाहक चातक है विवश, चंचल चित मन गेल चंचल चित मन गेल, पराई... Hindi · कविता 263 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read कुंडलिया “कुण्डलिया छंद” गुरुवर साधें साधना, शिष्य सृजन रखवार बिना ज्ञान गुरुता नहीं, बिना नाव पतवार बिना नाव पतवार, तरे नहि डूबे दरिया बिन शिक्षा अँधियार, जीवनी यम की घरिया कह... Hindi · कविता 1 649 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मनहर घनाक्षरी छंद "मनहर घनाक्षरी" सुबह की लाली लिए, अपनी सवारी लिए, सूरज निकलता है, जश्न तो मनाइए नित्य प्रति क्रिया कर्म, साथ लिए मर्म धर्म, सुबह शाम रात की, चाँदनी नहाइए कहत... Hindi · कविता 917 Share Mahatam Mishra 6 Sep 2016 · 1 min read मुक्त काव्य एक मुक्त काव्य............ “कर्म ही फल बाग है” भाग्य तो भाग्य है कर्म ही तो फल बाग है बारिश के जल जैसा थैली में भर पैसा ओढ़ ले पैसा ओढ़ा... Hindi · कविता 400 Share