Madhumita Bhattacharjee Nayyar Language: Hindi 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhumita Bhattacharjee Nayyar 8 Feb 2018 · 1 min read मुहब्बत हूँ .... कहानी हूँ इक मुहब्बत भरी, पन्ना दर पन्ना हूँ आशिकी, हर हर्फ़ से झाँकती हूँ, हर एक फ़िक़रे हर जुमले में हूँ शामिल, अहसासों के रंगों से भरी, नज़ाकत से... Hindi · कविता 1 252 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 25 Jan 2018 · 1 min read जब धड़कनें टकराईं थीं... जब मेरे हाथों ने तुम्हारे हाथों को छुआ था, जब धड़कनें टकराईं थीं, दिल मेरा तब उड़ चला था आसमां को छूने, नन्हे, महीन, कोमल पंखों पर, एक अनंत नील... Hindi · कविता 237 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 27 Aug 2017 · 1 min read अपनी राह क्यों सुनूँ मै सबकी? तेरी, इसकी और उसकी, मुँह बंद कर चलती जाती हूँ, काम सबके करती जाती हूँ, फिर भी जो बोली मै कुछ कभी, भृकुटी सबकी तन जाती... Hindi · कविता 313 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 25 Aug 2017 · 1 min read तो... क्या रह गया है बाकी अब? अब क्यों कुछ कहना है बताओ तो! दूरियाँ बहुत हैं, नही मिट सकती अब। कहो तो,क्या कहोगे तुम! गर कह भी लोगे तो, क्या... Hindi · कविता 1 1 599 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 16 Aug 2017 · 1 min read गर मै.... गर मै हवा होती, चहुँ ओर मै बहती रहती, कभी अलसाई सी, कभी पगलाई सी, तुम चक्रवात से पीछे आते, मुझको ख़ुद मे समाते, अल्हड़, मदमस्त। गर मै होती कोई... Hindi · कविता 1 358 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 11 Aug 2017 · 1 min read शायर से मुहब्बत कभी किसी शायर के मोह मे मत पड़ना, कभी दिल ना लगाना, ये ढाल बन दिल में पनाह देते हैं, कभी कोई भेस बदल, कई स्वांग रचते हैं, कभी खुद... Hindi · कविता 409 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 25 Jul 2017 · 1 min read मनचला चाँद देखो ना! ये चाँद रोज़ रात आ धमकता है, खिड़की से मुझे रोज़ तकता है, कितना भी मै नज़रें चुराऊँ, पर्दे के पीछे छुप जाऊँ, फिर भी नही हारता है,... Hindi · कविता 441 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 9 Jul 2017 · 2 min read ख़्वाब हो तुम... बंद करती हूँ मै जब ये आँखें तुम्हारे बग़ैर, हर तरफ स्याह सा होता है शामो सहर, जब खोलती हूँ मै ये आँखें तुम्हारे संग, तो दुनिया में भर जाते... Hindi · कविता 342 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 30 Jun 2017 · 1 min read तुम्हारी हँसी शांत पानी को दीवाना बना जाती है तुम्हारी हँसी, असंख्य तरंगे बना जाती है तुम्हारी हँसी, मदमस्त लहर सी मचलती, सतरंगी बुलबुलों सी चुहल करती, पागल सा बना जाती ये... Hindi · कविता 310 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 16 Jun 2017 · 1 min read दुनिया मेरी... कुछ मायके जाती हैं, तो कुछ दफ़्तर, कुछ दूर देश हो आती हैं, कुछ आसपास ही भ्रमण करती अक्सर, कुछ सपने सजाती हैं, कुछ उन्हे हकीकत के रंगों में रंगती... Hindi · कविता 319 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jun 2017 · 1 min read बारिश की बूंदें जलती हुई सूरज की किरणों के बीच, तपती हुई हर चीज़, जल, थल, खेत, मकान, गरमी से बोझिल हर जान। ऐसे में मेघों की गङगङाहट, ऊपर नीचे होते चातकों की... Hindi · कविता 1 681 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jun 2017 · 1 min read रावण सोचो गर स्याह, स्याह ना हो! श्याम, श्याम ना हो! गहरी कालिमा लिये अंधकार मय सा ना हो, कपटी, छली ना हो! अपितु श्वेत हो! उजला सा, शुभ्र, धवल, रोशनी... Hindi · कविता 257 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 11 Jun 2017 · 1 min read ये रात.... सारी रात तुम्हारे हाथों को थाम चुप बैठना चाहती हूँ मै, इन नज़रों को बस तुम पर रोक लेना चाहती हूँ मै, संवरना चाहती हूँ तुम्हारे होठों के स्पर्श से,... Hindi · कविता 538 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 8 Jun 2017 · 1 min read दिल-दुनिया एक कोने में माँ के हाथ की बुरकियाँ, तो कहीं हँस रही बाबा की मीठी झिड़कियाँ, दिखाई दे रही कुछ वाहवाही की थपकियाँ, देखो पीछे मचल रही जीजी की झूठी... Hindi · कविता 324 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 6 Jun 2017 · 2 min read क्या महसूस कर पाते हो तुम? क्या महसूस कर पाते हो तुम? मेरे सीने मे छिपे हर दर्द को? क्या तुम देख पाते हो मेरे दिल के हर दरार को? छू पाते हो क्या तुम हर... Hindi · कविता 1 304 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 11 May 2017 · 1 min read खुशियाँ याद है मुझे, साल पहले, मेरा हाथ थामे कहा था तुमने, मुझे खुश रखना ही एकमात्र मकसद है तुम्हारा, मेरी खुशियाँ ही बस मायने रखती हैं अब तुम्हारे लिये, नाच... Hindi · कविता 361 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 4 May 2017 · 2 min read गर मुझे किसी भी वक्त पता चल जाये... गर मुझे किसी भी वक्त पता चल जाये उस आख़िरी पल का, लम्हे का, आख़िरी उस साँस का, तो बता जाऊँगी मैं तुम्हे मेरी मुहब्बत का जो यूँ ही बरकरार... Hindi · कविता 317 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 27 Apr 2017 · 1 min read सिलसिला ख़ामोश है, बेचैन है, हैरान और परेशां भी है, ना किसी से कोई रिश्ता ना वाबस्ता है, सब मानो अनजान से , बेनाम सब चेहरे, कभी कोई पहचान कौंध सी... Hindi · कविता 264 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 19 Apr 2017 · 1 min read चोट कल फिर एक चोट खाई है मैने, एक और घाव चीसे मार रहा है, रिस रहा है धीरे धीरे असीम दर्द, भयंकर यंत्रणा है, ज़ख़्म दर्दनाक है, दर्दिला और दुखदाई... Hindi · कविता 352 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 30 Mar 2017 · 1 min read बिना तेरे हाथों को थामे... कोशिश तो थी तेरे संग चलने की, चल पङी हूँ मैं अब बिना तेरे हाथों को थामे । अंधेरे डराते तो बहुत हैं , पर जला लेती हूँ मै मनमन्दिर... Hindi · कविता 280 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 27 Mar 2017 · 1 min read दूर... मीलों दूर हैं हम ना जाने कहाँ हो तुम! दिल लेकिन मेरा पास तुम्हारे इतना, कि धड़कनें भी तुम्हारी सुन सकती हैं मेरी धड़कनें, साँसें मेरी तुम्हारे साँसों की गर्माहट... Hindi · कविता 640 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 19 Mar 2017 · 1 min read शीशे के मर्तबानों के पीछे से... कई यादें झाँकती हैं इन शीशे के मर्तबानों के पीछे से, कुछ खट्टी मीठी सी, कुछ नमकीन और तीखी सी, मसालेदार बातें हों जैसे, कुछ मस्त ठहाके हों जैसे। आम... Hindi · कविता 337 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 11 Mar 2017 · 1 min read वक्त का आईना काश मै इस वक्त को कैद कर पाती, हमेशा-हमेशा के लिए! किसी कैमरे में नही, शायद उस आइने में? तुम्हारे अक्स के साथ, या उससे भी बेहतर, इस शीशे के... Hindi · कविता 261 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 26 Feb 2017 · 2 min read वादा अंधेरे जब कभी तुमको डराने लगे, पथरीली राहों पर कदम डगमगाने लगे, ज़िन्दगी रेत सी फिसलती जाये, वक्त भी जब हाथ ना आये, बेदर्द ठोकर की वजह से जब तुम... Hindi · कविता 2 1 607 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 23 Feb 2017 · 1 min read बूँदें कुछ नटखट सी, चुलबुली सी, धरती के सीने पर थिरकती बारिश की बूँदें, ना जाने कितने राज़ छुपाये, कितने रहस्य ख़ुद में समेटे एक पहेली, ख़ामोश सी हलचल । धीमे-धीमे,... Hindi · कविता 461 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 21 Feb 2017 · 1 min read तुम्हारे संग "तो क्या चलोगी तुम मेरे संग"? तुमने पूछा मुझसे, कुछ इतने करीब से कि लजा गयी थी मै! तुम कल्पनाओं में जीते हो, स्वप्न लोक में विचरते हो, प्रेम -... Hindi · कविता 1 534 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 17 Feb 2017 · 1 min read मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो. .. मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो, इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो। धधकती साँसों को महसूस तुम कर लो, मचलते जज़्बातो को ज़रा तुम थाम लो। बेरंग... Hindi · गीत 347 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 17 Feb 2017 · 1 min read शोख़ियों में घुली शबनम... शोख़ियों में घुली शबनम, थोड़ी मासूम, थोड़ी नर्म, कभी चहकती, कभी बहकती, याद जो आये बार बार, बस प्यार, हाँ प्यार! फूलों सी कमसिन जवानी लिये, शराब की सी रवानी... Hindi · कविता 188 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 17 Feb 2017 · 1 min read नींद आँखें मेरी खुली हुई, पलकों की झालर के पीछे से एकटक झाँकती हुई, स्याह रात का काजल लगाये, रंग बिरंगे सपनों की सौगात सजाये, तुम्हारे इंतज़ार मे आँचल बिछाये, तुमको... Hindi · कविता 563 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 14 Feb 2017 · 1 min read मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो मेरे होंठों का लरजना तुम सुन लो, इस बेताब दिल का धड़कना तुम सुन लो। धधकती साँसों को महसूस तुम कर लो, मचलते जज़्बातो को ज़रा तुम थाम लो। बेरंग... Hindi · मुक्तक 367 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 29 Jan 2017 · 1 min read सुरमई सी शाम नीलम सा आसमां, पुखराजी चंदा, हीरे से चमकते सितारे, मोती से बेला के फूल दमकते हुए, हरे पन्ने जैसे पत्तों के बीच, उसपर बैठी स्फटिक सी सौम्यता लिए ओस की... Hindi · कविता 632 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 1 min read एक नन्ही सी चींटी हूँ मै.. सतर्क हूँ, सावधान हूँ मै, चौकन्नी और फुर्तीली, छोटी हूँ, पर अपने से तिगुना बल ढोती हूँ, पहाड़ों पर चढ़ती, धरती के भीतर चलती, गिरती, खुद सम्भलती, उठती, फिर आगे... Hindi · कविता 1 627 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी माँ बाबा आज करो ज़रा हिसाब, दे दो आज मेरे सवालों के जवाब, क्यों भाई को अपना बनाया, और मुझे सदा धन पराया? उसके सपने सब तुम्हारे अपने , मेरे... Hindi · कविता 557 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी माँ बाबा आज करो ज़रा हिसाब, दे दो आज मेरे सवालों के जवाब, क्यों भाई को अपना बनाया, और मुझे सदा धन पराया? उसके सपने सब तुम्हारे अपने , मेरे... Hindi · कविता 329 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी की अभिलाषा आज भी मै बेटी हूँ तुम्हारी, बन पाई पर ना तुम्हारी दुलारी, हरदम तुम लोगों ने जाना पराई, कर दी जल्दी मेरी विदाई। जैसे थी तुम सब पर बोझ, मुझे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 7 Jan 2017 · 1 min read गया साल! बच्चों की मुस्कान सा मासूम, खिलखिलाता, किलोल करता, गया साल! कभी आँसुओं का नमक, कभी मीठी सी कसक, कई अरमान जगा गया, गया साल! कभी हँसाता, कभी रुलाता, गुलाबी गुदगुदाहट,... Hindi · कविता 317 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 25 Dec 2016 · 1 min read मासूम ख़्वाब.. कुछ यादें ताक पर धरी हैं, झाङ-पोंछकर, चमका रखी हैं। चंचल सी साँसें कई इधर-उधर बिखरी पङी हैं। जज़्बातों की लौ सुलग रही है आले पर, कुछ अल्हङ से अरमान... Hindi · कविता 387 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 14 Dec 2016 · 1 min read वो पुराने दिन.. वो पुराने दिन भी क्या दिन थे जब दिन और रात एक से थे, दिन में रंगीन सितारे चमकते, रात सूरज की ऊष्मा में लिपटे बिताते। फूल भी तब मेरे... Hindi · कविता 1 823 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 13 Dec 2016 · 1 min read रोशनी सी बिखेरते हैं रोशनी सी बिखेरते हैं. ... हर एक मौसम में रोशनी सी बिखेरते हैं ये चाँद सा चेहरा तेरा , चाँदनी के फूल सी पाक मुस्कान तेरी, हीरे सी तराशी दो... Hindi · कविता 219 Share