लक्ष्मी सिंह Tag: विरह 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read प्रिय विरह करवट-करवट रात ये, करती गई उदास। अंतस बसता विरह का,ये कठोर आभास।। जैसे मछली जल बिना, तुम बिन मैं निष्प्राण। बरसो घन बन प्रीत का, दे दो जीवन त्राण।। अद्भुत... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 3 1 168 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read आ जाओ घर साजना बिन साजन सुना लगे, ये मेरा घर-द्वार। आ जाओ घर साजना, कब से पंथ निहार।। सहना है मुश्किल बहुत, तेज विरह की डंक। रही प्राण तन से निकल, प्रिय भर... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 2 121 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read विरही मैं अक्सर झाँका करूँ, घने बादलों बीच। दूर धरा से क्यों खड़े, बंजर मन दो सींच।। एक आँख आँसू भरे, दूजे में है ख्वाब। सागर हूँ ठहरा हुआ, दर्द भरा... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 2 324 Share लक्ष्मी सिंह 10 May 2023 · 1 min read बरसात (विरह) सब सो जाते नींद में,तब होती बरसात। मौन अकेली भींगती,मैं तो सारी रात।।। उर में नव रस घोलती,ये बारिश चुपचाप। चोट जिया पर मारती, बूँदों की हर थाप।। मन के... Hindi · दोहा · बरसात · विरह 1 191 Share लक्ष्मी सिंह 8 Mar 2023 · 1 min read होली (विरह) अबकी होली में सखी,भूल गये रघुवीर। टूट गए सपने सभी,हार गया तकदीर।।१ रंग भरी पिचकारियाँ,चला रही है तीर। रंगों की बौछार से,दिया हृदय को चीर।।२ विरहन को भाये नहीं, रंग... Hindi · दोहा · विरह 3 2 222 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2021 · 1 min read विरहण आधार छंद - अहीर (मापनीयुक्त मात्रिक) विधान - 11 मात्रा, अंत में गाल, दोहे का सम चरण. समांत - ' आर ', अपदांत. ************************** गीतिका :- विरहण का संसार। फँसा... Hindi · अहीर छंद · ग़ज़ल/गीतिका · विरह · विरहण 1 235 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2021 · 1 min read यामिनी बैरन हुईं है छंद - गीतिका समान्त 'अना' पदान्त मुझे 2122 2122 2122 212 यामिनी बैरन हुईं है आज फिर जगना मुझे। आज फिर से दीप बन कर रात भर जलना मुझे। सृष्टि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका छंद · विरह 1 184 Share लक्ष्मी सिंह 16 Feb 2021 · 1 min read पत्र प्रेमी प्रियतम नाम से, लिखा प्रणय का पत्र। प्रिय वसंत का आगमन, काम उठाया शस्त्र।।१ भेज रहे प्रियवर तुझे, स्नेह निमंत्रण पत्र। दर्शन जल्दी दीजिये, रहे नहीं अन्यत्र।। २ बिछड़ी... Hindi · दोहा · प्रेम · विरह 2 1 194 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2021 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 12 48 551 Share लक्ष्मी सिंह 18 Jan 2021 · 1 min read याद में तुमको बसा कर छंद:रजनी छंद 2122 2122 2122 2 याद में तुमको बसा कर प्यार करती हूँ। जिन्दगी कुछ इस तरह गुलज़ार करती हूँ । ख्वाब में तुम ही बसे हो धड़कनों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम · रजनी छंद · विरह 1 2 148 Share लक्ष्मी सिंह 16 Jan 2021 · 1 min read तुम दूर गये हमसे जब से। तोटक छंद प्रदत्त मापनी- 112 112 112 112 तुम दूर गये हमसे जब से। सुख चैन नहीं मिलता तब से। अब अंतर षुष्प नहीं खिलता, हर मंजर बंजर है कब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · तोटक छंद · विरह 1 129 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2021 · 1 min read हुई रात काली फलक पे सितार। आधार छन्द-सगुन 122 122 122 121 हुई रात काली फलक पे सितार। हृदय में बजे तब गमों के गिटार। खुदा जानता है किये क्या गुनाह, दबे पाँव आते चले गम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · विरह · सगुन छंद 1 354 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2020 · 1 min read विरह गीत विधा -तंत्री छंद विधान-प्रति चरण 32 मात्रायें । 8/8/6/10 मात्राओं पर यति। दो- दो चरण समतुकांत होते हैं। चरणांत दो गुरु (2 2) से होता है । पिया लौट कर,... Hindi · गीत · तंत्री छंद · विरह · विरह गीत 2 1 239 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2020 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... Hindi · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 3 2 498 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2019 · 1 min read बालमा ओ बालमा (विरह गीत) विधा-रूपमालाछंद ★★★★★★★★★★ बालमा ओ बालमा जी,क्यों गये परदेश। चार पैसे के लिए दिल,पर लगा कर ठेस। हाय तेरी नौकरी से, छिन गया सुख चैन। ढ़ूंढ़ते- फिरते तुम्हें ही नित्य पागल... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 175 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read सर्द की रात( विरह) रूपमाला छंद शिल्प-14'10की यति पर चरणान्त गुरु लघु मापनी-2122,2122, 2122 21 ********************************* काटते कटती नहीं है ,सर्द की यह रात। याद आती है मुझे प्रिय ,प्रेम की हर बात। नींद... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 190 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read विरह खुशबू लेकर प्रेम की, गया भ्रमर परदेश। मैं मुरझाई सी पड़ी, बचा नहीं कुछ शेष।। बिछड़ी हूँ मैं इस तरह, ज्यों डालीं से पात। निर्झर नयनों से झरे, दर्द भरी... Hindi · दोहा · विरह 217 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read विरह की आग विजात छंद विरह की आग है ऐसी, बना तन राख के जैसी। सहूँ यह वेदना कैसे, हृदय में पीर भारी है। बना बैरी पिया मेरा, नयन में नीर भारी है।... Hindi · गीत · गीतिका · विजात छंद · विरह · विरह गीत 176 Share लक्ष्मी सिंह 13 Feb 2019 · 1 min read विरह वसंत पिया नहीं आये सखी,क्यों आ गया बसंत। दहके टेसू-सा बदन,तृष्णा भरे अनंत।। १ कोयलिया कुहके सखी, सुध बुध लेती छीन। बौराई हूँ आम सी,तन हो गया मलीन।।२ पिया अनाड़ी नासमझ,... Hindi · दोहा · वसंत · विरह 168 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2019 · 1 min read प्रिय विरह - २ स्मृति प्रेम की नींद में, सुख क्रीड़ा का ध्यान। सुख चपला की छटा, हर लेती है ज्ञान ।। १ अश्रु भीगते नित नयन, अविरल जल की धार। मन व्याकुल तड़पे... Hindi · दोहा · विरह 647 Share लक्ष्मी सिंह 5 Jan 2019 · 1 min read याद खट्टी-मीठी सी लगे, भूली बिसरी याद। यादों में आते सभी, चल जाने के बाद।। १ बीत रहा जो पल यहाँ, बन जाते हैं याद। जो गम खुशियों से भरा, गठरी... Hindi · दोहा · विरह 1 186 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 2 min read प्रिय विरह - १ ? ? ? ? ? ? साजन मैं किससे कहूँ, अन्तर्मन की बात। पल युग जैसे बीतते, कटें नहीं दिन - रात।। १ अंतर्मन में ली सँजो , पिया मिलन... Hindi · दोहा · विरह 427 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jul 2017 · 1 min read संदेश ???? सखी रे नहीं,आया संदेश। पिया मेरे जाय बसे हैं विदेश। लिख-लिख पाती,रोज पठाऊँ, दिन-भर उनको, फोन लगाऊँ। घर-बाहर कहुँ चैन न पाऊँ, हाल ज हाय सखी कैसे उन्हें बताऊँ।... Hindi · गीत · विरह · विरह गीत 426 Share