Anuja Kaushik Tag: कविता 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anuja Kaushik 5 Jun 2023 · 1 min read सुरभित मुखरित पर्यावरण शीतल सुगन्धित सुरभित सा एक पवन का झौंका आया सर सर बहता वो लहराया कानों में मेरे फुसलाया हे मनुज ! एहसास करो ये सुरभित वायु, स्वच्छ मनोरम वातावरण झर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 105 Share Anuja Kaushik 30 May 2023 · 1 min read माँ शारदे वंदना हे विद्या की देवी बुद्धिप्रदां भगवती सरस्वती हे शारदां तू धवल वर्णा परमेश्वरी ज्यों कुंद-पुष्प,हिमराशि, हे श्वेत वस्त्र धारिणी श्वेत कमल विराजिणी, हे माँ ज्ञानदायिनी हाथ पुस्तक, शीश मुकुट, हे... Poetry Writing Challenge · कविता 3 259 Share Anuja Kaushik 17 May 2023 · 1 min read वहाँ राम है रिश्तों में हो प्रेम तो,वहाँ राम हैं वाणी हो मीठी,वहाँ राम हैं जहाँ परस्पर सेवा भाव,वहाँ राम है हनुमान सी भक्ति,वहाँ श्री राम हैं बसे श्रद्धा मन में ज़ब, वहाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 10 7 210 Share Anuja Kaushik 1 May 2020 · 1 min read कोरोना : देवदूत या महामारी स्वप्न में कोरोना से मुलाक़ात हुई.. मैंने पूछा.. कोरोना..कोरोना ओ कोरोना !! क्या सचमुच तुम एक विनाश हो, महामारी हो? एक दानव हो या अभिशाप हो? या हो कोई देवदूत... Hindi · कविता 22 18 781 Share Anuja Kaushik 14 Aug 2019 · 1 min read *आज़ादी अपना अर्थ खो रही* हाँ भारत देश आज़ाद है अंग्रेज़ों की गुलामी से पर क्या कभी तोड़ पाए हम खुद की बनाई बेड़ियों को अपने रूढ़िवादी विचारों की जंग लगी ज़ंजीरों को क्या मिटा... Hindi · कविता 3 524 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read पिता एक सुखद एहसास..ईश्वर का प्रतिरूप है पिता एक खूबसूरत सा मज़बूत सा..प्यारा सा एहसास है मन में न जाने कितने राज़ समेटे जाने कितने अन्तर्रद्वन्द है पाले फ़िर भी चेहरे पर शिकन नहीं होंठों पर मन्द... Hindi · कविता 1 232 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read मैं सरल हो जाना चाहती हूँ ना ही कुछ बदलना चाहती हूं ना ही अफ़सोस करना चाहती हूं बस जो रिश्ता जैसा है उसे वैसा ही निभाना चाहती हूं मैं सरल हो जाना चाहती हूं निस्वार्थ... Hindi · कविता 2 250 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों सुखी होने से सुखी और दुख में उदास हों भले ही खामोश हों.. पर आसपास हों.. दूर हों या पास हों.. पर गहरे एहसास... Hindi · कविता 1 1 377 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read ज़िंदगी के सफर में जब अकेला खुद को पाया ज़िंदगी के सफ़र में जब अकेला खुद को पाया घुटन से जब मन घिर आया एक प्रश्न मेरे अन्तर्रमन में आया हर रिश्ता ईमानदारी से निभाया कभी टूटकर,कभी समझौता करके... Hindi · कविता 231 Share Anuja Kaushik 5 Jun 2019 · 1 min read प्रेम विश्वास का पर्व ये होली प्रेम विश्वास का पर्व ये होली वैर द्वेष को आओ मारें गोली न रहे मन में अब कोई गांठ बाकी निस्वार्थ प्रेम दिलों में भर दें आओ रंगों से ये... Hindi · कविता 1 193 Share Anuja Kaushik 24 May 2019 · 1 min read शब्द उलझाते हैं बहुत जीवन के सभी प्रश्नों का हल है एकान्त में..पर एकान्त तक की यात्रा सुना है पेचीदा ज़रूर है पर फ़िर भी सुखद है...? *शब्द उलझाते हैं बहुत खामोश हो रही... Hindi · कविता 1 405 Share Anuja Kaushik 16 Jan 2019 · 2 min read ये जीवन सिर्फ मेरा है...हाँ सिर्फ मेरा ही तो है... ये जीवन सिर्फ़ मेरा है हाँ सिर्फ़ मेरा ही तो है मेरी उलझनें,मेरी ही परेशानियाँ खुशियाँ भी तो मेरी ही हैं..दुख भी मेरे ये गम भी मेरे हैं..ये नादानियाँ भी... Hindi · कविता 3 1 264 Share Anuja Kaushik 12 Jan 2019 · 1 min read मन की आवाज़ कभी कभी.. हमारे अपनों के शब्द भी झकझोर देते हैं अन्तर्रात्मा को.. तोड़ देते हैं कुछ भीतर ही भीतर गहरी पीड़ा दे जाते हैं कभी कभी.. क्यों गुनाह बन जाता... Hindi · कविता 4 2 448 Share Anuja Kaushik 16 Aug 2018 · 1 min read इस दुनियां में सदा नहीं रहना है ज़िंदगी की बस इतनी सी सच्चाई है.. जो आया है दुनियां में वो जायेगा भी.. तय करना है ये हमें कैसे जाना है.. अपनो की यादों में बसने लायक कुछ... Hindi · कविता 1 397 Share Anuja Kaushik 13 May 2018 · 1 min read फ़ोन पर तो खैरियत ही कहेंगें कभी पास आकर बैठो तो बतायें क्या है परेशानी कभी सुनों और सुनाओ खुलकर.. बतियाओ ज़रा दो घड़ी कुछ सुख दुख की दो बात मैसेज़ के बदले मैसेज तक सिमट... Hindi · कविता 1 397 Share Anuja Kaushik 13 May 2018 · 1 min read मेरी माँ जैसी कोई नहीं मेरी माँ जैसी कोई नहीं नारियल जैसी सख्त भी है और कोमल भी हृदय में है प्रेम भरा ममतामयी है उनका आंचल मन दुआओं का प्यारा सा मंदिर त्याग की... Hindi · कविता 1 1 507 Share Anuja Kaushik 1 May 2018 · 2 min read अन्तर्मन की खामोशी अन्तर्मन की खामोशी भी तोड़ देती है.. मन को झकझोर देती है अच्छा बनते बनते खुद टूटकर वो अपनों को खुश रखने की ख़्वाहिश बस मुस्कुराहट की लहर दौड़ने लगती... Hindi · कविता 295 Share Anuja Kaushik 8 Apr 2018 · 1 min read ज़िन्दगी से वादा कुछ यूं भी निभाना पड़ता है ज़िंदगी से कभी कभी वादा यूं भी निभाना पड़ता है दिल चाहे खुलकर रोना बस मुस्कुराना पड़ता है खामोश रहकर कुछ यूं ही खुद को समझाना पड़ता है समझ न... Hindi · कविता 236 Share Anuja Kaushik 15 Mar 2018 · 1 min read बचपन था तो कितना अच्छा था ना बचपन था तो कितना अच्छा था ना जब चाहा रो लेते थे..जब चाहा हँस लेते थे जिद अपनी बस यूं ही मनवा लेते थे खुशियों के दामन में बसेरा था... Hindi · कविता 364 Share Anuja Kaushik 15 Mar 2018 · 1 min read लाख कोशिश करो टूटते ही नहीं..रिश्ते हैं लाख कोशिश करो टूटते ही नहीं वो रिश्ते जो दिल के बेहद करीब होते हैं परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों जीने के लिये बहुत ज़रूरी होते हैं दूर हो या... Hindi · कविता 200 Share Anuja Kaushik 8 Mar 2018 · 1 min read दो नारी को सम्मान नारी का सम्मान नहीं नारी दिवस मनाते हैं अनेकों आयोजन होते हैं बड़े बड़े भाषण देने वाले ही नारी का शोषण करते हैं नारी चाहत नारी कुर्बानी कलयुग में भी... Hindi · कविता 365 Share Anuja Kaushik 6 Mar 2018 · 1 min read शायद मेरे बच्चे अब बड़े हो रहे हैं.. मेरी बातों में..मेरे उसूलों में मेरी सीख में..मेरे ज्ञान में थोड़ी कमियाँ सी निकालने लगे हैं शायद मेरे बच्चे अब बड़े हो रहे हैं थोड़ी खुशी भी है..थोड़ा गुरुर भी... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 2 Mar 2018 · 1 min read होली है... प्रेम विश्वास का पर्व ये होली वैर द्वेष को आओ मारें गोली न रहे मन में अब कोई गांठ बाकी निस्वार्थ प्रेम दिलों में भर दें आओ रंगों से ये... Hindi · कविता 324 Share Anuja Kaushik 30 Dec 2017 · 1 min read सुख में तो बनेंगें दोस्त बहुत सुख में तो बनेंगे दोस्त बहुत अपना होने का दावा करेंगे बहुत सब कुछ हूं पर नहीं मतलबी मैं जब कभी लगे छाया जीवन में अंधेरा चिन्तायें लगाने लगें जब... Hindi · कविता 281 Share Anuja Kaushik 5 Dec 2017 · 2 min read मैं रिश्ते निभाने के लिए अक्सर झुक जाती हूं सब कुछ समझती हूं..कहा अनकहा सब कुछ..मैं बिन कहे सब कुछ महसूस कर जाती हूं.. कुछ कहने की ज़रूरत नहीं.. मैं अपनों के चेहरे में दुख सुख पढ़ लेती हूं..... Hindi · कविता 1 1 1k Share Anuja Kaushik 22 Nov 2017 · 2 min read जाने ये मन क्यों अकेला है चारों ओर खुशियां ही खुशियां हैं फिर भी ये मन क्यों अकेला है निभाये जा रहा है रिश्ते हरदम चले जा रहा है ये निश्चल मन ईश्वर ने जिस राह... Hindi · कविता 479 Share Anuja Kaushik 28 Oct 2017 · 1 min read ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया* *ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया* बुज़ुर्गो का मान कभी रख न पाया कभी दो बोल ईज़्ज़त के उनसे बोल न पाया स्वार्थ के... Hindi · कविता 411 Share Anuja Kaushik 19 Oct 2017 · 2 min read दिवाली को मैंने बस यूं अकेले मनते ही देखा है मैंने अब रिश्तो में कटुता देखी है मन में कुंठा दिलों में उदासी देखी है कहने को है परिवार बड़ा.. दिवाली को मैंने बस यूं अकेले मनते ही देखा है... Hindi · कविता 508 Share Anuja Kaushik 11 Oct 2017 · 2 min read लड़की नहीं है कोई चीज़ एक नाज़ुक सी कोमल सी इतराती लड़की. अनजान इस बात से कि अपने ही बैठे हैं तैयार करने उसकी ईज़्ज़त को तार तार संकुचाती,घबराती,डरती सी लड़की अपने को बचाती या... Hindi · कविता 360 Share Anuja Kaushik 27 Sep 2017 · 1 min read *शराफ़त नहीं है कमज़ोरी* शराफ़त का घुट घुट कर मरते जाना धोखे का यूं बस मचलते ही जाना बेचकर ईमान बस इठलाते ही जाना शराफ़त नहीं है कमज़ोरी ये मैंने अब जाना क्या गुनाह... Hindi · कविता 429 Share Anuja Kaushik 4 Sep 2017 · 1 min read जीना इसी का नाम है ज़िन्दगी दो पल की ये कभी समझ नहीं आयी काश ऐसा होता..काश वैसा होता यही उधेड़बुन कभी सुलझ न पायी जाने वाला कल और आने वाला कल क्यों बस याद... Hindi · कविता 927 Share Anuja Kaushik 24 Aug 2017 · 1 min read *ये जीवन बड़ा अनमोल है* हे मानव ! ये जीवन बड़ा अनमोल है चिन्ता कैसी करे है पगले ये दुनियां बड़ी गोलमोल है ज़िन्दगी है ये अनिश्चित तू क्यों कर रहा है खुद को भ्रमित... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 17 Aug 2017 · 2 min read *ढलती उम्र और बुढ़ापे की दहलीज़** तेरी ढलती उम्र और बुढ़ापे का ज़िक्र तू न डर इंसान..अब ये कैसी है फ़िक्र.... उम्र ढल जायेगी और बस यादें रह जायेंगी कभी रूलाएंगीं और कभी ये हंसा जाएंगीं... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 15 Aug 2017 · 1 min read *मेरा भारत महान..जय मेरा हिन्दुस्तान* गर्व है तुझपे हे भारत माँ सुसंस्कृति की तू प्यारी जननी महान हे माँ तुझपे मेरी जान कुर्बान मेरा भारत महान, जय मेरा हिन्दुस्तान शीश झुकाकर नमन करूं मैं, करूं... Hindi · कविता 573 Share Anuja Kaushik 1 Aug 2017 · 2 min read *ज़िन्दगी की कशमकश* बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी.. दिल चाहे है फिर से बच्चा बन जाना अपनों के लिए जीना..सदा मुस्कुराना..गमों को छिपाना.. यही ज़िंदगी है..क्यों छटपटाना बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी दिल... Hindi · कविता 1 1k Share