Anuja Kaushik 46 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anuja Kaushik 5 Jun 2023 · 1 min read सुरभित मुखरित पर्यावरण शीतल सुगन्धित सुरभित सा एक पवन का झौंका आया सर सर बहता वो लहराया कानों में मेरे फुसलाया हे मनुज ! एहसास करो ये सुरभित वायु, स्वच्छ मनोरम वातावरण झर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 99 Share Anuja Kaushik 30 May 2023 · 1 min read माँ शारदे वंदना हे विद्या की देवी बुद्धिप्रदां भगवती सरस्वती हे शारदां तू धवल वर्णा परमेश्वरी ज्यों कुंद-पुष्प,हिमराशि, हे श्वेत वस्त्र धारिणी श्वेत कमल विराजिणी, हे माँ ज्ञानदायिनी हाथ पुस्तक, शीश मुकुट, हे... Poetry Writing Challenge · कविता 3 256 Share Anuja Kaushik 17 May 2023 · 2 min read दो दोस्त - एक शिक्षाप्रद कहानी दो पक्के दोस्त कहीं जा रहे थे..सब कुछ अच्छे से चल रहा था..रास्ते में एक बाधा आती है नदी के रूप में..दोनों में से एक को तैरना नहीं आता था..दूसरे... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 4 378 Share Anuja Kaushik 17 May 2023 · 1 min read वहाँ राम है रिश्तों में हो प्रेम तो,वहाँ राम हैं वाणी हो मीठी,वहाँ राम हैं जहाँ परस्पर सेवा भाव,वहाँ राम है हनुमान सी भक्ति,वहाँ श्री राम हैं बसे श्रद्धा मन में ज़ब, वहाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 10 7 208 Share Anuja Kaushik 1 May 2020 · 1 min read कोरोना : देवदूत या महामारी स्वप्न में कोरोना से मुलाक़ात हुई.. मैंने पूछा.. कोरोना..कोरोना ओ कोरोना !! क्या सचमुच तुम एक विनाश हो, महामारी हो? एक दानव हो या अभिशाप हो? या हो कोई देवदूत... Hindi · कविता 22 18 776 Share Anuja Kaushik 14 Aug 2019 · 1 min read *आज़ादी अपना अर्थ खो रही* हाँ भारत देश आज़ाद है अंग्रेज़ों की गुलामी से पर क्या कभी तोड़ पाए हम खुद की बनाई बेड़ियों को अपने रूढ़िवादी विचारों की जंग लगी ज़ंजीरों को क्या मिटा... Hindi · कविता 3 520 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read पिता एक सुखद एहसास..ईश्वर का प्रतिरूप है पिता एक खूबसूरत सा मज़बूत सा..प्यारा सा एहसास है मन में न जाने कितने राज़ समेटे जाने कितने अन्तर्रद्वन्द है पाले फ़िर भी चेहरे पर शिकन नहीं होंठों पर मन्द... Hindi · कविता 1 228 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 2 min read कष्टप्रद है मानसिक घाव और लगाव शारीरिक कष्ट फिर भी ठीक हो सकता है..कितना भी कोशिश करो मानसिक घाव कभी ठीक नहीं होते..इंसान ज़िंदा रहते हुए भी मर सा जाता है..कितना अज़ीब है ना इंसान..पूजा पाठ... Hindi · लेख 1 269 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read अतीत के अनुभव अपने अतीत के अनुभवों से हम क्या सीखना चाहते हैं ये हमारी सोच और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है..अगर हमारी सोच सुन्दर है तो हर जगह बेझिझक सुंदरता ही फैलाने... Hindi · लेख 1 1k Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read मैं सरल हो जाना चाहती हूँ ना ही कुछ बदलना चाहती हूं ना ही अफ़सोस करना चाहती हूं बस जो रिश्ता जैसा है उसे वैसा ही निभाना चाहती हूं मैं सरल हो जाना चाहती हूं निस्वार्थ... Hindi · कविता 2 247 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों सच्चे रिश्ते वही जो रूहानी हों सुखी होने से सुखी और दुख में उदास हों भले ही खामोश हों.. पर आसपास हों.. दूर हों या पास हों.. पर गहरे एहसास... Hindi · कविता 1 1 372 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 2 min read रिश्ते रिस रहे हैं बहुत से लोग सोचते हैं कि लोगों से मिलना जुलना एक फ़ालतू इंसान की निशानी है बल्कि मैं मानती हूं आजकल रिश्ते रिस रहे हैं..किसी के पास एक दुसरे से... Hindi · लेख 1 421 Share Anuja Kaushik 15 Jun 2019 · 1 min read ज़िंदगी के सफर में जब अकेला खुद को पाया ज़िंदगी के सफ़र में जब अकेला खुद को पाया घुटन से जब मन घिर आया एक प्रश्न मेरे अन्तर्रमन में आया हर रिश्ता ईमानदारी से निभाया कभी टूटकर,कभी समझौता करके... Hindi · कविता 230 Share Anuja Kaushik 5 Jun 2019 · 1 min read सच्चे सम्बन्ध हमेशा कायम रहते हैं ✍?लोग यूं ही कहते हैं.. Whatsapp और Facebook समय की बर्बादी है..अच्छा लगता है मुझे जब हमारे अपने गुड मार्निन्ग..गुड नाईट के मैसेज़ करते हैं..इसका मतलब ये नहीं कि उनके... Hindi · लेख 1 413 Share Anuja Kaushik 5 Jun 2019 · 1 min read प्रेम विश्वास का पर्व ये होली प्रेम विश्वास का पर्व ये होली वैर द्वेष को आओ मारें गोली न रहे मन में अब कोई गांठ बाकी निस्वार्थ प्रेम दिलों में भर दें आओ रंगों से ये... Hindi · कविता 1 191 Share Anuja Kaushik 24 May 2019 · 1 min read शब्द उलझाते हैं बहुत जीवन के सभी प्रश्नों का हल है एकान्त में..पर एकान्त तक की यात्रा सुना है पेचीदा ज़रूर है पर फ़िर भी सुखद है...? *शब्द उलझाते हैं बहुत खामोश हो रही... Hindi · कविता 1 400 Share Anuja Kaushik 16 Jan 2019 · 2 min read ये जीवन सिर्फ मेरा है...हाँ सिर्फ मेरा ही तो है... ये जीवन सिर्फ़ मेरा है हाँ सिर्फ़ मेरा ही तो है मेरी उलझनें,मेरी ही परेशानियाँ खुशियाँ भी तो मेरी ही हैं..दुख भी मेरे ये गम भी मेरे हैं..ये नादानियाँ भी... Hindi · कविता 3 1 261 Share Anuja Kaushik 12 Jan 2019 · 1 min read मन की आवाज़ कभी कभी.. हमारे अपनों के शब्द भी झकझोर देते हैं अन्तर्रात्मा को.. तोड़ देते हैं कुछ भीतर ही भीतर गहरी पीड़ा दे जाते हैं कभी कभी.. क्यों गुनाह बन जाता... Hindi · कविता 4 2 442 Share Anuja Kaushik 16 Aug 2018 · 1 min read इस दुनियां में सदा नहीं रहना है ज़िंदगी की बस इतनी सी सच्चाई है.. जो आया है दुनियां में वो जायेगा भी.. तय करना है ये हमें कैसे जाना है.. अपनो की यादों में बसने लायक कुछ... Hindi · कविता 1 381 Share Anuja Kaushik 13 May 2018 · 1 min read फ़ोन पर तो खैरियत ही कहेंगें कभी पास आकर बैठो तो बतायें क्या है परेशानी कभी सुनों और सुनाओ खुलकर.. बतियाओ ज़रा दो घड़ी कुछ सुख दुख की दो बात मैसेज़ के बदले मैसेज तक सिमट... Hindi · कविता 1 392 Share Anuja Kaushik 13 May 2018 · 1 min read मेरी माँ जैसी कोई नहीं मेरी माँ जैसी कोई नहीं नारियल जैसी सख्त भी है और कोमल भी हृदय में है प्रेम भरा ममतामयी है उनका आंचल मन दुआओं का प्यारा सा मंदिर त्याग की... Hindi · कविता 1 1 502 Share Anuja Kaushik 1 May 2018 · 2 min read अन्तर्मन की खामोशी अन्तर्मन की खामोशी भी तोड़ देती है.. मन को झकझोर देती है अच्छा बनते बनते खुद टूटकर वो अपनों को खुश रखने की ख़्वाहिश बस मुस्कुराहट की लहर दौड़ने लगती... Hindi · कविता 294 Share Anuja Kaushik 8 Apr 2018 · 1 min read ज़िन्दगी से वादा कुछ यूं भी निभाना पड़ता है ज़िंदगी से कभी कभी वादा यूं भी निभाना पड़ता है दिल चाहे खुलकर रोना बस मुस्कुराना पड़ता है खामोश रहकर कुछ यूं ही खुद को समझाना पड़ता है समझ न... Hindi · कविता 231 Share Anuja Kaushik 15 Mar 2018 · 1 min read बचपन था तो कितना अच्छा था ना बचपन था तो कितना अच्छा था ना जब चाहा रो लेते थे..जब चाहा हँस लेते थे जिद अपनी बस यूं ही मनवा लेते थे खुशियों के दामन में बसेरा था... Hindi · कविता 363 Share Anuja Kaushik 15 Mar 2018 · 1 min read लाख कोशिश करो टूटते ही नहीं..रिश्ते हैं लाख कोशिश करो टूटते ही नहीं वो रिश्ते जो दिल के बेहद करीब होते हैं परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों जीने के लिये बहुत ज़रूरी होते हैं दूर हो या... Hindi · कविता 199 Share Anuja Kaushik 8 Mar 2018 · 1 min read दो नारी को सम्मान नारी का सम्मान नहीं नारी दिवस मनाते हैं अनेकों आयोजन होते हैं बड़े बड़े भाषण देने वाले ही नारी का शोषण करते हैं नारी चाहत नारी कुर्बानी कलयुग में भी... Hindi · कविता 362 Share Anuja Kaushik 6 Mar 2018 · 1 min read शायद मेरे बच्चे अब बड़े हो रहे हैं.. मेरी बातों में..मेरे उसूलों में मेरी सीख में..मेरे ज्ञान में थोड़ी कमियाँ सी निकालने लगे हैं शायद मेरे बच्चे अब बड़े हो रहे हैं थोड़ी खुशी भी है..थोड़ा गुरुर भी... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 2 Mar 2018 · 1 min read होली है... प्रेम विश्वास का पर्व ये होली वैर द्वेष को आओ मारें गोली न रहे मन में अब कोई गांठ बाकी निस्वार्थ प्रेम दिलों में भर दें आओ रंगों से ये... Hindi · कविता 323 Share Anuja Kaushik 6 Feb 2018 · 1 min read ईश्वर पूजा और हमारा चरित्र हम ईश्वर को पूजते हैं..मन्त्र पढ़ते हैं..उनके चरित्र के बारे में सुनते हैं और सुनाते हैं लेकिन उनके चरित्र को अगर थोड़ा सा भी आत्मसात कर पाये तो समझना चाहिए... Hindi · लेख 419 Share Anuja Kaushik 30 Dec 2017 · 1 min read सुख में तो बनेंगें दोस्त बहुत सुख में तो बनेंगे दोस्त बहुत अपना होने का दावा करेंगे बहुत सब कुछ हूं पर नहीं मतलबी मैं जब कभी लगे छाया जीवन में अंधेरा चिन्तायें लगाने लगें जब... Hindi · कविता 280 Share Anuja Kaushik 12 Dec 2017 · 2 min read हमारा मन अर्जुन है और आत्मा श्री कृष्ण जो चाहते हैं कभी होता नहीं या मिलता नहीं और जो मिलता है वो हम चाहते नहीं या चाहते भी हैं मिलता भी है पर कभी संतुष्ट नहीं होते हम... Hindi · लेख 520 Share Anuja Kaushik 5 Dec 2017 · 2 min read मैं रिश्ते निभाने के लिए अक्सर झुक जाती हूं सब कुछ समझती हूं..कहा अनकहा सब कुछ..मैं बिन कहे सब कुछ महसूस कर जाती हूं.. कुछ कहने की ज़रूरत नहीं.. मैं अपनों के चेहरे में दुख सुख पढ़ लेती हूं..... Hindi · कविता 1 1 1k Share Anuja Kaushik 4 Dec 2017 · 2 min read दो दोस्त- एक शिक्षाप्रद कहानी दो पक्के दोस्त कहीं जा रहे होते हैं..सब कुछ अच्छे से चल रहा होता है..रास्ते में एक बाधा आती है नदी के रूप में..दोनों में से एक को तैरना नहीं... Hindi · लघु कथा 1 1 991 Share Anuja Kaushik 22 Nov 2017 · 2 min read जाने ये मन क्यों अकेला है चारों ओर खुशियां ही खुशियां हैं फिर भी ये मन क्यों अकेला है निभाये जा रहा है रिश्ते हरदम चले जा रहा है ये निश्चल मन ईश्वर ने जिस राह... Hindi · कविता 476 Share Anuja Kaushik 6 Nov 2017 · 2 min read *आज का चिन्तन रिश्तो पर आधारित*? *आज का चिन्तन रिश्तो पर आधारित* ज़िन्दगी में कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो अपनी गलती स्वीकार करने की बजाय हमेशा ये महसूस कराते हैं कि उन्होंने कभी गलती... Hindi · लेख 650 Share Anuja Kaushik 28 Oct 2017 · 1 min read ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया* *ज़िन्दगी भर जो बेटा कभी अपने माँ बाप को रख न पाया* बुज़ुर्गो का मान कभी रख न पाया कभी दो बोल ईज़्ज़त के उनसे बोल न पाया स्वार्थ के... Hindi · कविता 409 Share Anuja Kaushik 23 Oct 2017 · 1 min read मन ये मन भी बड़ा ही अज़ीब है..कभी कभी अच्छा महसूस नहीं करता..पर फिर भी अपने आपको मज़बूत एहसास कराता रहता है..अच्छा दोस्त है मेरा ये..कभी कभी खुद को दुखी करने... Hindi · लेख 390 Share Anuja Kaushik 19 Oct 2017 · 2 min read दिवाली को मैंने बस यूं अकेले मनते ही देखा है मैंने अब रिश्तो में कटुता देखी है मन में कुंठा दिलों में उदासी देखी है कहने को है परिवार बड़ा.. दिवाली को मैंने बस यूं अकेले मनते ही देखा है... Hindi · कविता 505 Share Anuja Kaushik 11 Oct 2017 · 2 min read लड़की नहीं है कोई चीज़ एक नाज़ुक सी कोमल सी इतराती लड़की. अनजान इस बात से कि अपने ही बैठे हैं तैयार करने उसकी ईज़्ज़त को तार तार संकुचाती,घबराती,डरती सी लड़की अपने को बचाती या... Hindi · कविता 355 Share Anuja Kaushik 27 Sep 2017 · 1 min read *शराफ़त नहीं है कमज़ोरी* शराफ़त का घुट घुट कर मरते जाना धोखे का यूं बस मचलते ही जाना बेचकर ईमान बस इठलाते ही जाना शराफ़त नहीं है कमज़ोरी ये मैंने अब जाना क्या गुनाह... Hindi · कविता 427 Share Anuja Kaushik 4 Sep 2017 · 1 min read जीना इसी का नाम है ज़िन्दगी दो पल की ये कभी समझ नहीं आयी काश ऐसा होता..काश वैसा होता यही उधेड़बुन कभी सुलझ न पायी जाने वाला कल और आने वाला कल क्यों बस याद... Hindi · कविता 924 Share Anuja Kaushik 24 Aug 2017 · 1 min read *ये जीवन बड़ा अनमोल है* हे मानव ! ये जीवन बड़ा अनमोल है चिन्ता कैसी करे है पगले ये दुनियां बड़ी गोलमोल है ज़िन्दगी है ये अनिश्चित तू क्यों कर रहा है खुद को भ्रमित... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 17 Aug 2017 · 2 min read *ढलती उम्र और बुढ़ापे की दहलीज़** तेरी ढलती उम्र और बुढ़ापे का ज़िक्र तू न डर इंसान..अब ये कैसी है फ़िक्र.... उम्र ढल जायेगी और बस यादें रह जायेंगी कभी रूलाएंगीं और कभी ये हंसा जाएंगीं... Hindi · कविता 1k Share Anuja Kaushik 15 Aug 2017 · 1 min read *मेरा भारत महान..जय मेरा हिन्दुस्तान* गर्व है तुझपे हे भारत माँ सुसंस्कृति की तू प्यारी जननी महान हे माँ तुझपे मेरी जान कुर्बान मेरा भारत महान, जय मेरा हिन्दुस्तान शीश झुकाकर नमन करूं मैं, करूं... Hindi · कविता 567 Share Anuja Kaushik 9 Aug 2017 · 2 min read *माता पिता और संतान के बीच घुटते-मरते रिश्ते* *माता पिता और संतान के बीच घुटते-मरते रिश्ते* अक्सर सोचती हूं वृद्ध माता पिता और बच्चों के बीच तालमेल क्यों नहीं बैठ पाता..क्यों बच्चे माता पिता को अपने हिसाब से... Hindi · लेख 1k Share Anuja Kaushik 1 Aug 2017 · 2 min read *ज़िन्दगी की कशमकश* बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी.. दिल चाहे है फिर से बच्चा बन जाना अपनों के लिए जीना..सदा मुस्कुराना..गमों को छिपाना.. यही ज़िंदगी है..क्यों छटपटाना बड़ी मुश्किल है ये ज़िंदगी दिल... Hindi · कविता 1 996 Share