लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 11 Oct 2020 · 1 min read नेता कम देश की सुन्दर तस्वीरें अब रचने वाले नेता कम सच में जन के हित में नेता बनने वाले नेता कम।१। ** बाँट रहे हैं जाति-धर्म में दशकों पहले जैसा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 289 Share लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 8 May 2020 · 1 min read जमीनें छीन के करते सिखाते क्यों हमें हो तुम वही इतिहास की बातें दिलों में घोलकर नफरत नये विश्वास की बातें * बताओ घर बनेगा क्या हमारा आसमानों में जमीनें छीन के करते सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 396 Share लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 5 May 2020 · 1 min read जीवन को नर्क नित किया मीठे से झूठ ने भटकन को पाँव की भला कैसे सफर कहें समझो इसे अगर तो हम लटके अधर कहें।१। ** गैरों से जख्म खायें तो अपनों से बोलते अपनों के दुख दिये को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 267 Share लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 1 May 2020 · 1 min read शौक से लूटे जिसे भी लूटना है आप कहते आपदा में योजना है सत्य में हर भ्रष्ट को यह साधना है।१। ** बाढ़ सूखा ऐपिडेमिक या हों दंगे चील गिद्धों के लिए सद्कामना है।२। ** घोषणाएँ हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 313 Share लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 28 Feb 2019 · 1 min read माली को सिर्फ शूल से जब से वफा जहाँन में मेरी छली गयी आँखों में डूबने की वो आदत चली गयी।१। नफरत को लोग शान से सर पर बिठा रहे हर बार मुँह पे प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' 27 Feb 2019 · 1 min read सौदा जो सिर्फ देह का दिल से निकल के बात निगाहों में आ गयी जैसे हसीना यार की बाहों में आ गयी।१। धड़कन को मेरी आपने रुसवा किया हुजूर कैसे हँसी, न पूछो कराहों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share