साहित्य गौरव 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid साहित्य गौरव 10 Feb 2024 · 1 min read 🌹मेरी इश्क सल्तनत 🌹 गर हुस्न सल्तनत में हुकूमत मेरी हो, तो मोहब्बत को ऐसी मोहब्बत मेरी हो, किताबों के पन्नें वो छुप छुप के देखें, जहां भी वो देखें बस सूरत मेरी हो।... Hindi 2 78 Share साहित्य गौरव 17 Dec 2023 · 1 min read मेरी औकात देखी है लोगो की बेरुखी और नज़र अंदाज़ करने का हुनर भी देखा है। इस से भी ज्यादा हमने शौहरत का सुरुर देखा है! जरुरत तुम्हें ही होती होगी, यूं... Hindi 1 149 Share साहित्य गौरव 13 Dec 2023 · 1 min read इजहार ए इश्क हसरतों को अपनी दबाकर न रक्खों, लबों पे खामोशी यूं सजाकर न रक्खों, कबूल गर तुमको है मुझसे मोहब्बत, तो मोहब्बत को अपनी छुपाकर न रक्खाें। इकरार मुझसे कर लो... Hindi 1 196 Share साहित्य गौरव 9 Dec 2023 · 1 min read आवारा परिंदा बहती हवा का ठिकाना न पूछो, हम्ही से हमारा फसाना न पूछो। है आवारा परिंदे कल चले जायेंगे, होता कहां है आना जाना न पूछो। मुसाफिर कही कभी रुकता कहां... 2 169 Share साहित्य गौरव 8 Dec 2023 · 1 min read इश्क बेहिसाब कीजिए कभी तो इश्क आप भी यूं बेहिसाब कीजिए। जिस्म से जरा सा दूर अपना हिजाब कीजिए। फरमा रहा हूं शौक से बा-अदब मैं दिल्लगी, चेहरा दिखा के हूर का उसे... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 2 168 Share साहित्य गौरव 6 Dec 2023 · 1 min read बस चार है कंधे बस चार है कंधे चार है लोग, बाकी के सब बेकार है लोग। कुछ आगे है कुछ पीछे है, मतलब के सारे यार है लोग। ....बस चार है कंधे चार... Hindi · कविता · जिंदगी का सच 3 160 Share साहित्य गौरव 4 Dec 2023 · 1 min read फिर मिलेंगें इतमीनान तो रखिए, कि बड़ी उलफत से मिलेंगे। तुम्हारी महफिल में बेशक हम इज्जत से मिलेंगे। बेसब्र न हो इतना मुझसे मिलने की खातिर, साथी हूं बुरे वक्त का फकभी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · शेर 1 1 181 Share साहित्य गौरव 1 Dec 2023 · 1 min read आज वक्त हूं खराब अभी वक्त हूं खराब, कल बीत जाऊंगा, अपने पुराने रंग में, फिर लौट आऊंगा। आज शौक से उड़ा लो, मजाक तुम मेरा, कल बदलेगा जमाना, मैं भी मुस्कुराऊंगा। .....अभी वक्त... Hindi · कविता 2 576 Share साहित्य गौरव 29 Nov 2023 · 1 min read तहजीब राखिए ! लफ्जों में अदब, बज़्म में तहज़ीब रखिए, मेहनत की आदत, और हाथों में नसीब रखिए। माना जमाना शराफत का नही है लेकिन, सूरत को नहीं अपनी सीरत को शरीफ रखिए।... हिंदी साहित्य परंपरा 3 609 Share साहित्य गौरव 28 Nov 2023 · 1 min read वो इश्क की गली का वो इश्क की गली का बेताब सा कुआं। बेसब्र,बेतहाशा इक सिताब सा कुआं। ..वो इश्क की गली का बेताब सा कुआं। @साहित्य गौरव भरा अंगूरी अर्क से लबालब तह तक,... इश्क़ · प्यार का लफ्ज़ 2 182 Share साहित्य गौरव 28 Nov 2023 · 1 min read इंसानियत इंसान बदल जाता है जरूरत बदल जाती है। गुजरते वक्त के साथ ही आदत बदल जाती है। वो फरमाते सुलूक है बड़े तहजीब से लेकिन, मतलब बदलते ही उनकी फितरत... Hindi · कविता 2 600 Share साहित्य गौरव 27 Nov 2023 · 2 min read बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यूं न बुझाओ मुझे , कि मैं एक जलता दिया हूं । एक नन्ही सी परी हूं, एक प्यारी सी चिड़िया हूं।। अपनी मधुर आवाज से, सारा आंगन महका दूंगी।... Hindi · बेटी 1 188 Share साहित्य गौरव 26 Nov 2023 · 2 min read नानी का गांव कितनी पुरानी यादें है वो नानी के गांव की, मिट्टी के चबूतरे की,वो पीपल के छांव की, वो बारिश की मस्त पवन, जब हमे छू कर जाती थी, गीली मिट्टी... Hindi 2 228 Share साहित्य गौरव 26 Nov 2023 · 1 min read इश्क पहली दफा जब मिले तो वो मिले,सर झुका कर ही मिले। तेहज़िबे हया थी चेहरे पर,मुस्कुरा कर ही मिले। क्या उन्हे भी इश्क था भला, इन हसीं फिजाओं से, हमसे मिले तो... Hindi 1 140 Share साहित्य गौरव 26 Nov 2023 · 1 min read बदलती दुनिया हर शख्स हो रहा है बईमान क्यूं यहां, फितरत बदल रहा है इंसान क्यूं यहां। बच गए जो कुछ कही पर घर पुराने से, बस ईटो के रह गए है... समाज 3 2 684 Share साहित्य गौरव 25 Nov 2023 · 1 min read हे मानव! प्रकृति हे मानव! प्रकृति को तूने, कैसा दूषित कर डाला। सुंदर- स्वच्छ अवनी को तूने, प्रदूषित तत्वों से भर डाला। स्वच्छंद पवन अरण्य सघन, निरंतर तरनी की धारा को, तूने ही... Hindi · कविता · प्रकृति · हमारी प्रकृति हमारा जीवन 1 133 Share साहित्य गौरव 25 Nov 2023 · 1 min read ।। अछूत ।। तुम गंगा से पावन और मैं, गंदे नाले का पानी कैसे। तुम स्वच्छ श्वेत बेदाग और मैं, मलिनता की निशानी कैसे। कोई जात नही कोई धर्म नही, सब कर्मो पर... दलित · समाज सुधारक 3 1 636 Share साहित्य गौरव 24 Nov 2023 · 1 min read काव्य शब्द हो निराले,मनोभाव हो पावन, स्वच्छ अंतर्मन से कविता निकलती है। काव्य वह जो रस अनुभूति कराए, कवि की कलम ही, प्रकृति बदलती है। @साहित्य गौरव 1 98 Share साहित्य गौरव 23 Nov 2023 · 1 min read मातृत्व पवित्र प्रीति परिभाषा तुम हो, मृदुल ह्रदय अभिलाषा तुम हो। सम्पूर्ण सृष्टि की तुम आधार, परमेश्वर पृथ्वी पर जो साकार, नमन तुम्हें हे! मातृत्व स्वरूपा, परम ब्रह्म जिज्ञासा तुम हो।... मां का अनोखा प्यार 3 2 607 Share साहित्य गौरव 23 Nov 2023 · 1 min read बाप परिवार की उम्मीदें,जिम्मेदारियों का बोझ और बदन में बेतहाशा थकान लगती है। वो पुराने लिबास, इन बालों की सफेदी झुलसे चेहरे में हल्की मुस्कान लगती है। बाप की नजरो से,... 4 90 Share साहित्य गौरव 20 Nov 2023 · 1 min read बेरोजगारी न लिखूं कुछ कैसे भला ये कर्जबाजारी देखकर, झकझोर देती है कलम भी इनकी लाचारी देखकर। चुनावी वादों के पर्चों सी हालत सरकारी देखकर दवाग्नल सी जो भड़की जाए बेरोजगारी... Hindi · कविता · बेरोजगार · सरकार · सरकार व योजना 1 146 Share साहित्य गौरव 7 Mar 2023 · 1 min read सरकार बिक गई लो सत्ता बिक गई अब सवाल बिक गए, अच्छे दिनों के बेगजब कमाल बिक गए । बिक रहा है देश का पुर्जा पुर्जा जोरों से, कल शिक्षा बिक गई अब... Hindi · कविता · सरकार व योजना 5 1 342 Share साहित्य गौरव 7 Mar 2023 · 1 min read कविता बाजार जाने कितने है कवि यहां, जाने कितनी है कविताएं, कुछ हिंदी की कुछ उर्दू की, सब भिन्न भिन्न है रचनाएं। लगी साहित्य की भीड़ यहां, नव लगे है रस कतार... Hindi · कविता · कविता-हिन्दी · काव्य 4 650 Share साहित्य गौरव 7 Mar 2023 · 1 min read तुम गजल मेरी हो गर हुस्न सल्तनत में हुकूमत मेरी हो, तो मोहब्बत को ऐसी मोहब्बत मेरी हो, किताबों के पन्नें वो छुप छुप के देखें, जहां भी वो देखें तो सूरत मेरी हो।... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत 1 552 Share साहित्य गौरव 7 Mar 2023 · 1 min read फिर मिलेंगे इतमीनान तो रखिए, बड़ी उलफत से मिलेंगे। तुम्हारी महफिल में बेशक हम इज्जत से मिलेंगे। बेसब्र न हो इतना मुझसे मिलने की खातिर, साथी हूं बुरे वक्त का कभी फुरसत... Hindi · Love · कविता 1 180 Share साहित्य गौरव 6 Mar 2023 · 1 min read इजहार ए मोहब्बत हसरतों को अपनी दबाकर न रक्खों, लबों पे खामोशी सजाकर न रक्खों, कबूल गर तुमको है मुझसे मोहब्बत, तो मोहब्बत को अपनी छुपाकर न रक्खाें। @साहित्य गौरव इकरार मुझसे कर... Hindi · प्यार · वो इश्क़ याद आता है · हिंदी ग़ज़ल 1 3 241 Share साहित्य गौरव 6 Mar 2023 · 1 min read हूं बहारों का मौसम मैं गुलाबों की खुशबू महक जाऊंगा, हूं झरने का पानी छलक जाऊंगा। आएगा जब भी बहारों का मौसम, बन दिल की धड़कन धड़क जाऊंगा। न आना कभी तुम यहां हुस्न... Hindi 1 177 Share साहित्य गौरव 6 Mar 2023 · 1 min read औकात इंसान बदल जाता है जरूरत बदल जाती है। गुजरते वक्त के साथ ही आदत बदल जाती है। फरमाते है सुलूक अब भी वो तहजीब से लेकिन, मतलब बदलते ही क्यों... Hindi 3 179 Share साहित्य गौरव 6 Mar 2023 · 1 min read राधे राधे happy Holi फूल है कृष्णा रंग है राधे, नाम भिन्न पर संग है राधे। पवित्र हृदय के पवित्र भाव में, प्रेम की पावन उमंग है राधे। गोपियों के सुर प्रेमराग पर, बंसी... Hindi · Holi Quote 2 1 363 Share साहित्य गौरव 2 Nov 2022 · 1 min read निकल गया दिल देखते ही उनको मचल गया दिल, सादगी में उनकी फिसल गया दिल। जब हुस्न की बहारें गुजरी इस गली से, तो आवारा सा पीछे निकल गया दिल। @साहित्य गौरव Hindi · Love 3 1 123 Share साहित्य गौरव 28 Oct 2022 · 1 min read रंगीन आंखें नशीली जैसे अफीम सा नशा, सुर्ख लबों पर तुम्हारे रंगीन सा नशा। मयकदे में मुझको मदहोश जो करे, जरा होंठों से पिला दे नमकीन सा नशा। जिंदगी एक कविता@गौरव Hindi 102 Share साहित्य गौरव 2 Oct 2022 · 1 min read औकात पर न जा उलझे से रहते है, मेरे रिश्ते आजकल इनकी वजहों में छुपी निकात पे न जा, मुमकिन नही इनको बेहतर बनाए रखना, है तंग कितनों से मेरे तालुकात पे ना जा।... Hindi 1 1 166 Share साहित्य गौरव 27 Sep 2022 · 1 min read आदमी परिवार की उम्मीदें, जिम्मेदारियों का बोझ बदन में बेतहाशा थकान लगती है। है पुराने लिबास, और बालों में सफेदी उसके चेहरे में हल्की मुस्कान लगती है। आदमी की नजरो से,... Hindi 2 1 91 Share