डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Language: Hindi 514 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read अश्रु आंखो में छलके सदा सर्वदा मुक्तक देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा , अश्रु आँखों में छलके सदा सर्वदा । बाढ़ लीला मचाये भयंकर प्रलय , स्वप्न हैं टूटते झेलकर आपदा । रेवड़ी बाटते हो... Hindi · मुक्तक 411 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Dec 2018 · 3 min read एड्स रोग एक सामाजिक ज्वलंत प्रश्न व स्थिति का आकलन एड्स रोग –सामाजिक ज्वलंत प्रश्न व स्थिति का आकलन एक दिसंबर को समस्त विश्व मे विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है ।यह ज्वलंत प्रश्न हर शिक्षित युवा के मन में... Hindi · लेख 1 319 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Nov 2018 · 1 min read भूखा कूड़ेदान भूखा कूड़ेदान प्रथम प्रहर में स्वास्थ्य लाभ हेतु भ्रमण के लिए मनोज निकला । उसने देखा कि , रोज की तरह उपेक्षित कूड़ादान आज भी मुंह बाये पड़ा है ।... Hindi · लेख 4 329 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक - मां कहानी सुनाती ,सुलाते -सुलाते , बहाना बनाती ,रिझाते - मनाते । मां, तू है ममता की देवी रिचा की, सुनाती है ,लोरी ह्रदय से लगा के। बनाये ,खिलाये, हंसाये रूला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 115 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Oct 2018 · 3 min read बाल श्रम संवैधानिक अपराध बाल श्रम संवैधानिक अपराध समाज में बाल श्रमिक मान्य नहीं है । बाल श्रम अपराध की श्रेणी में आता हैं । बालक जब अपने बौद्धिक , शारीरिक विकास के क्रम... Hindi · लेख 5 372 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Sep 2018 · 1 min read न्याय की है तुला ,-मुक्तक मित्रों ,मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के एडल्ट्री पर फैसले का सम्मान करता हूं, आशा करता हूं कि, इससे हमारा समाज सुसंगठित व सुसंस्कारी बनेगा ।विघटन ,असुरक्षा का तंत्र ,जो नव... Hindi · मुक्तक 5 498 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2018 · 5 min read माँ की अभिलाषाऔर पुत्र की जिज्ञासा माँ की अभिलाषा व पुत्र की जिज्ञासा उक्तदिवस महा शिव रात्रि का पर्व था , लोग सोमवार का व्रत रखकर, अनुष्ठान कर रहे थे ।कांवड़िए, बम भोले का गगन भेदी... Hindi · कहानी 5 517 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Aug 2018 · 8 min read दीदी नींद नहीं आ रही..... दीदी ! नींद नहीं आ रही ...... माँ की ममता का कोई मोल नहीं है । ममता अप्रतिम , अविस्मरणीय एवं मातृ ऋण है । ईश्वर ने मातृ शक्ति को... Hindi · कहानी 5 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2018 · 1 min read देश में एकता अब सलामत रहे। जाति बन्धन हमेशा सलामत रहे, भेदभाव की मंशा नदारद रहे, मित्र मिल जुल रहें प्यार उनमें अमिट, देश में एकता अब सलामत रहे ।1। मित्र निज देश हित भक्ति वरदान... Hindi · मुक्तक 3 316 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Jul 2018 · 1 min read दोहा मुक्तक -अब मजहब के नाम पर हुए मतलबी लोग अब मजहब के नाम पर हुए मतलबी लोग , संविधान को पी गए , सभी मजहबी लोग प्रश्न सेक्यूलर का उठा , नजर चुराते आज नियतमें ही खोटधर , बने... Hindi · दोहा 4 909 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jul 2018 · 4 min read कारखाने के षडयंत्र का रहस्य कारखाने के षडयंत्र का रहस्य प्रमोद और विनोद घनिष्ठ मित्र थे । एक विशाल कारखाने मे दोनों कारीगर थे । दोनों का आपस में मेल –मिलाप था । आधुनिक सभ्यता... Hindi · कहानी 4 315 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jul 2018 · 3 min read मेन- होल एक लघु व्यंग कथा मेन होल – एक लघु व्यंग कथा इतिहास गवाह है, कि सिंधु घाटी सभ्यता मे जल निकासी का उत्तम प्रबंध था । इसे उस वक्त की उन्नत सभ्यता का प्रतीक... Hindi · कहानी 2 643 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jul 2018 · 5 min read कहानी-- पंचायत पंचायत सामाजिक विषमता की गाथा आज की समस्या नहीं किन्तु प्राचीन काल से चली आ रही समस्या है । समाज में कर्जदार को हमेषा हीन दृष्टि से देखा गया है... Hindi · कहानी 3 383 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Apr 2018 · 1 min read क्यों विषधर इस धरती पर जीवन की बगिया में साथी , संग संग जीना मरना है । फूलों की घाटी में साथी , भर उमंग से जीना है । खेल खेल में इस जीवन के,... Hindi · मुक्तक 2 572 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Mar 2018 · 3 min read राष्ट्रवादी सोच एवं गांधी जी के तीन बंदर राष्ट्र वादी सोच एवं गांधी जी के तीन बंदर राष्ट्र वाद –मेरे विचार से सामाजिक मूल्यों , सामाजिक दायित्वों, संवैधानिक अधिकारों के प्रयोग की नैतिक ज़िम्मेदारी , देशभक्ति , एवं... Hindi · लेख 3 402 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Feb 2018 · 4 min read परतंत्रता की विरासत स्वतंत्रता के परिपेक्ष्य में । परतंत्रता की विरासत स्वतंत्रता के परिपेक्ष्य में इतिहास गवाह है कि बिहार के युवा छात्रों ने सचिवालय में धावा बोल कर यूनियन जैक का मान - मर्दन किया था ,... Hindi · लेख 2 681 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Feb 2018 · 1 min read वेलेंटाइन दिवस के अवसर पर चंद मुक्तक वेलेंटाइन डे के अवसर पर कुछ मुक्तक प्रेम के गीत हम गुनगुनाएँ सदा , प्रीत की रीत को हम निभाएँ सदा । मैं चकोरा बनूँ तुम बनो चंद्रिका , कल्पना... Hindi · मुक्तक 3 340 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Jan 2018 · 1 min read दोहे सप्तक दोहे सप्तक सीमा पर सैनिक लड़े,मौसम बर्फ जमाय। आतंकी साया वहां, पाक रहा गुर्राय।१। पाक बहाना कर लखे,झूठ जाय पकड़ाय। अमरीका जब डांट दे,घिग्घी तब बंध जाय।२। बर्फीला तूफान बम,रहा... Hindi · दोहा 3 1 373 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Jan 2018 · 1 min read प्यारी बेटी जान्हवी -- प्यारी बेटी जान्हवी ---- दोहे चार व्यक्त मौन से जान्हवी , तुम क्यों हो अंजान । नयन उनींदे अधखुले , नहीं सकें पहचान । । सोई पलकों में किसे ,... Hindi · दोहा 3 583 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Jan 2018 · 3 min read कटु सत्य --संस्मरण कटु सत्य एक अमिट विश्वास उत्साह एवं उमंग लिये वो दोपहर प्राथमिक विद्यालय शंकर गढ़ जनपद इलाहाबाद का सुनहरा पल था । शिक्षक संग विध्यार्थी अपना अटूट सम्बंध जोड़ कर... Hindi · लघु कथा 3 616 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jan 2018 · 4 min read तंबाकू मुक्त जीवन की शुरुआत करें । तम्बाकू मुक्त जीवन की शुरूआत करें तम्बाकू से करीब 60 लाख व्यक्तियों की मृत्यु होती है, जिस में से 6 लाख वे व्यक्ति है, जो धुम्रपान नही करते है, परन्तु... Hindi · लेख 3 547 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Dec 2017 · 4 min read वही व्यवहार चिकित्सक से करो,जो चिकित्सक से चाहते हो। December 27, 2017swargvibha वही व्यवहार चिकित्सक से करो , जो चिकित्सक से चाहते हो । प्रस्तुत लेख मे समाज के प्रतिष्ठित वर्ग की समस्यायों की जानकारी दी जा रही है , जिन्हें... Hindi · लेख 3 631 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Dec 2017 · 8 min read दुखी मन मेरे ....... दुखी मन मेरे यह कहानी उन मानसिक रोगियों को सर्मपित है। जिन्होने अपनी जिन्दगी में खुशी का कोई क्षण अनुभव नही किया है। यह अजीब विडम्बना है कि जीवन में... Hindi · कहानी 3 519 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Nov 2017 · 4 min read एक रोचक कहानी -------प्रायश्चित प्रायश्चित शीतकाल प्रारम्भ है, रात्रीकी चादर सुबह का सूरज धीरेधीरे समेट रही है। उसकाप्रकाश दरवाजे की झिर्रीयों से छन-छन कर अंदर होने का अहसास करा रहा है।रात भर रज़ाई से... Hindi · कहानी 3 649 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Nov 2017 · 1 min read बाल दिवस पर चाचाजी का संदेश बाल दिवस पर चाचाजी का संदेश ----- शिक्षा का त्योहार मनाया, गुरुओं का सम्मान बढ़ाया, परीक्षा मे हर प्रथम आओगे , गुरूओ का जब सम्मान करोगे। मम्मी-पापा गुरु के साथ... Hindi · कविता 3 543 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Nov 2017 · 1 min read दिल्लगी की सजा है, दिल्ली दिल्लगी की सजा है दिल्ली, एक कविता धुन्ध देख कर मन घबराया, गगन कुहासा छाया स्मोग भरा वायु का कण कण, प्राण वायु को तरसे पल पल मन, संकट में... Hindi · कविता 3 229 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2017 · 1 min read विजय दशमी पर्व विजय दशमी पर्व ज्योति पुंज का भव्य पर्व ये , सर्वत्र ज्योतिर्मय होय । अहंकार का मर्दन करने , सौम्य रूप जब होय । जले दीप घर –घर सबके ,... Hindi · दोहा 2 445 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Oct 2017 · 1 min read वैध गुरु सी चाकरी --- वैध गुरु सी चाकरी ---- चंद दोहे कोर्ट कहे तो क्या कहे , वादी यों पछताय , रोगी मरता रोग से, लांछन दियो लगाय । जीव मरे तो क्यों मरे,... Hindi · दोहा 3 452 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Oct 2017 · 1 min read शांति की खोज में शांति की खोज में जीवन केवल्य मुक्त ,अंतर्द्वंद युक्त है , सुख- शांति की खोज में , परेशान , हैरान मन है । मंदिर , मस्जिद , गुरुद्वारे सब बना... Hindi · कविता 3 419 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Oct 2017 · 1 min read जन मानस के मन की बात जनमानस के मन की बात जनता का दुख दर्द जमा है, सुख चैन जमा हैं बैंकों में । जीवन का विश्वास जगा हैं, अवनि और अम्बरतल में। रूपयों के लिये... Hindi · कविता 3 573 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Oct 2017 · 1 min read मैं और तुम मै और तुम तुम करुणा की मूर्तिमयी दिल , मै पत्थर दिल तन्हा हूँ । मै राह देखता लंबे पल तक तुम सुंदर पथ की कविता हो । तुम ममता... Hindi · कविता 3 368 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Oct 2017 · 1 min read सबसे बड़ा रुपैया सबसे प्यारा रूपैया बाप भइया न मइया, सबसे प्यारा रूपैया रूपैया चुनाव की जान हैं, रूपैया अर्थ की तान हैं। रूपये के लिये संघर्ष हैं, संघर्ष ही जीवन का सार... Hindi · कविता 2 445 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Oct 2017 · 1 min read जीवन पथ के सुनहरे पल जीवन पथ के सुनहरे पलः मेंने जीवन के अनमोल पलों को सजोंया है, स्वर्णिम अवसर पाकर मैने कुछ बोया है। अपनी आॅखों में मैने कुछ सजोंया है, नवसृजन हार नवजीवन... Hindi · कविता 3 921 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Oct 2017 · 1 min read मैं चंचल हूँ मेघों के पार से आया करता हूँ । मैं चंचल हूं, मेघों के पार से आया करता हूं। मैं चंचल हूं , मेघों के पार से आया करता हूं। मै पावक हूं, पृथ्वी को भूषित , भष्मित करता... Hindi · कविता 3 356 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Oct 2017 · 1 min read जीवन एक व्यापार हो गया जीवन एक व्यापार हो गया जीवन एक व्यापार हो गया , कृषक मौन , घर –द्वार बह गया । दाने –दाने को तरसे भाई , कातर नयनों से ताके काकी... Hindi · कविता 2 444 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Oct 2017 · 1 min read करवा चौथ पर एक सुंदर कविता --मयंक करवा चौथ पर एक सुंदर कविता --------मयंक --- तारों की छांव में , चौथ के चाँद को , अर्ध्य –दुग्ध की धार अर्पित कर , आराधना स्वीकार हो गयी है... Hindi · कविता 3 464 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Oct 2017 · 3 min read पीर पराई जानो रे पीर पराई जानो रे ------ रामू की फसल बर्बाद रहो गयी है । राधे कृषक ने अत्महत्या कर ली है । मोहन की सदमे से मृत्यु हो गयी है क्योंकि... Hindi · लेख 3 371 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Sep 2017 · 3 min read अविस्मरणीय क्रिकेट की वो रात अविस्मरणीय क्रिकेट की वो रातः सांय की हल्की -हल्की माटी की सोंधी खुसबू एवं षीतल पवन के मन्द-मन्द झोके मन को अंत्यन्त खुष कर रहे थे। मैंे मन में स्न... Hindi · लेख 3 353 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Sep 2017 · 3 min read बापू खैनी न खाइयो बापू खैनी न खैय्यो शाम के धंुधलके में एक झोपड़ी से मध्यम रोशनी आ रही है। बाहर बैठी कमलिया बर्तन घिस-घिस मांज रही है। नाली से होकर मैला गंदा पानी... Hindi · कहानी 3 945 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Sep 2017 · 4 min read संवैधानिक समस्या एवं सामाजिक विषमता का आग्रह संवैधानिक दायित्व एवम सामाजिक विषमता का आग्रह अबोध बचपन मासूम होता है । माता –पिता की ममता भरी छाँव मे ये नन्हा बचपन अहंकार रहित ,ब्रह्म स्वरूप केवल प्रेम मय... Hindi · लेख 3 610 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Sep 2017 · 4 min read रोज कुआं खोदते रोज पानी पीते दिहाड़ी मजदूर --व्यंगात्मक कथा रोज कुआं खोदते रोज पानी पीते दिहाड़ी मजदूर । प्रात : काल जब ग्राम वासी जाग कर अपनी दिनचर्या पूरी करते हैं , तब उनमें से कुछ ग्रामीण गाँव छोड़... Hindi · कहानी 3 761 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Sep 2017 · 3 min read एक व्यंग्यात्मक लेख ---जीवन एक रंगमंच -------------जीवन एक रंगमंच -------- जीवन एक रंगमंच है । और इसमें अभिनय करने वाले पात्र कठपुतलियाँ हैं । इन सजीव पात्रों का सूत्रधार कोई अदृश्य शक्ति है , जो जितना... Hindi · लेख 4 1 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Sep 2017 · 6 min read जिंदगी एक खुली किताब जिन्दगी एक खुली किताबः यह कथानक एक ऐसे ईमानदार डाक्टर की कहानी हैं, जिसने अपने कर्तव्य के लिये परिवारिक हितों को अनदेखा कर अपनी जान तक खतरे में डाल दी।... Hindi · कहानी 3 705 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 5 min read बिरजू एवं शरणार्थी बिरजू और शरणार्थी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीामा पर यह ग्राम पिछड़ा एवं पथरीला इलाका है । इसी पथरीले इलाके को मगंलमय करने पाकिस्तान से विस्थापित भारतीय नागरिकों... Hindi · कहानी 3 554 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 4 min read उदार हृदया अंकिता जी एवं आलोक का प्रायश्चित उदार हदया अंकिता एवं आलोक का प्रायश्चित जीवन के 35 बंसत देख चुके आलोक बाबू अपने जीवन से संतुष्ट न थे। उन्हे हमेषा षिकायत थी कि कामिनी ओर कंचन ने... Hindi · कहानी 3 446 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 4 min read मोनू की कहानी मोनू की कहानी समय अबाध गति से चल रहा था । कालचक्र अपने मे जीवन की विभिन्न घटनाए समेटे गति पकड़ रहा था । रात्रिकालीन प्रहर है । शनै :... Hindi · कहानी 3 420 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 2 min read मातृ नमन जननी नमन । मातृ नमन -जननी नमन माँ बनने का अहसास अलग होता है , नव जीवन का अहसास अलग होता है , उदर मे पल रही संतान का सुख अलग होता है... Hindi · कविता 3 636 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 4 min read जय माँ एवं जय मातृ भूमि जय माँ एवम मातृ भूमि पांडिचेरी की शांत स्वच्छ सड़कों से होता हुआ काफिला गुरुदेव अरविनदों आश्रम की ओर बढ़ चला । अरविनदों आश्रम पहुँच कर शांत सौम्य वातावरण का... Hindi · लेख 3 630 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 4 min read नारी सशक्तिकरण एवं नारी संस्कार नारी सशक्तिकरण व नारी संस्कार कालचक्र अबाध गति से चल रहा है । पौराणिक कालों मे पूर्वजो की श्रंखला मे आदि पुरुष मनु एवम शतरूपा का वर्णन है । जिनसे... Hindi · लेख 3 469 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 5 min read मँझली बेटी मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न अतीत का दुख होता है , उन्हें । बस वर्तमान मे सुखी संसार गाता –बजाता ,... Hindi · कहानी 3 761 Share Previous Page 10 Next