Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
600 posts
Page 9
सबकी अच्छाई चुरा लो !
सबकी अच्छाई चुरा लो !
Ajit Kumar "Karn"
आपस में सभी भाई-भाई हैं !
आपस में सभी भाई-भाई हैं !
Ajit Kumar "Karn"
किसी का बुरा नहीं चाहते कवि !
किसी का बुरा नहीं चाहते कवि !
Ajit Kumar "Karn"
आज खुशियाॅं लौटी हैं !
आज खुशियाॅं लौटी हैं !
Ajit Kumar "Karn"
सफ़र को यादगार बना जाना !
सफ़र को यादगार बना जाना !
Ajit Kumar "Karn"
त्योहार के इस मौसम में....
त्योहार के इस मौसम में....
Ajit Kumar "Karn"
"ज़रूरत"
Ajit Kumar "Karn"
"हाइकु"
Ajit Kumar "Karn"
क्या सिर्फ़ छू सकता वही आसमान है?
क्या सिर्फ़ छू सकता वही आसमान है?
Ajit Kumar "Karn"
'पूज्य राष्ट्रपिता को प्रणाम' !
'पूज्य राष्ट्रपिता को प्रणाम' !
Ajit Kumar "Karn"
किसी तरह से उसने आसमान छुआ !
किसी तरह से उसने आसमान छुआ !
Ajit Kumar "Karn"
आपस में मिल-जुलकर रहें !
आपस में मिल-जुलकर रहें !
Ajit Kumar "Karn"
पुरुषों को भी जीने दें !
पुरुषों को भी जीने दें !
Ajit Kumar "Karn"
विचित्र घड़ी....
विचित्र घड़ी....
Ajit Kumar "Karn"
साहित्य का मान बढ़ाएं !
साहित्य का मान बढ़ाएं !
Ajit Kumar "Karn"
किसी तरह....
किसी तरह....
Ajit Kumar "Karn"
सबका ही उद्धार होगा !
सबका ही उद्धार होगा !
Ajit Kumar "Karn"
रात के ॲंधेरे में किसी ने वार किया !
रात के ॲंधेरे में किसी ने वार किया !
Ajit Kumar "Karn"
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!
Ajit Kumar "Karn"
"हिन्दी" : राष्ट्रभाषा कब बनेगी....?
Ajit Kumar "Karn"
फेसबुक पर मेरा वो दोस्त दिखाई पड़ा !
फेसबुक पर मेरा वो दोस्त दिखाई पड़ा !
Ajit Kumar "Karn"
कुछ सपने अधूरे ही रह जाते हैं !
कुछ सपने अधूरे ही रह जाते हैं !
Ajit Kumar "Karn"
ईश्वर सदा सबकी ही सुनते हैं !
ईश्वर सदा सबकी ही सुनते हैं !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( ऐसा मेरा स्वभाव है )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( कैसा रुख़ यह लेता है )
Ajit Kumar "Karn"
दुआ करो तुम उस रब से !
दुआ करो तुम उस रब से !
Ajit Kumar "Karn"
घटित जब कुछ विचित्र कभी हो....
घटित जब कुछ विचित्र कभी हो....
Ajit Kumar "Karn"
आज की दुनिया एक तमाशा है !
आज की दुनिया एक तमाशा है !
Ajit Kumar "Karn"
मेरा वो दोस्त क्यों नाराज़ है ??
मेरा वो दोस्त क्यों नाराज़ है ??
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( बाज़ार में सरे आम बिकते हैं )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( हल्के में ही ले रहे थे )
Ajit Kumar "Karn"
"शेर" ( तब मेरा हृदयाॅंगन खिल सा गया )
Ajit Kumar "Karn"
जब बताता हूॅं हाल उन्हें अपना !
जब बताता हूॅं हाल उन्हें अपना !
Ajit Kumar "Karn"
हम परमात्मा को ढूंढ़ेंगे !
हम परमात्मा को ढूंढ़ेंगे !
Ajit Kumar "Karn"
शिक्षक ( शिक्षक दिवस पर विशेष )
शिक्षक ( शिक्षक दिवस पर विशेष )
Ajit Kumar "Karn"
किसी भी हाल में ( मुक्तक )
किसी भी हाल में ( मुक्तक )
Ajit Kumar "Karn"
औरतों को खूब सम्मान दें !
औरतों को खूब सम्मान दें !
Ajit Kumar "Karn"
सही व ग़लत को पहचान लिया है !
सही व ग़लत को पहचान लिया है !
Ajit Kumar "Karn"
बड़ी मुश्किल में है ये डगर !
बड़ी मुश्किल में है ये डगर !
Ajit Kumar "Karn"
आज वक़्त कुछ ऐसा आ गया है !
आज वक़्त कुछ ऐसा आ गया है !
Ajit Kumar "Karn"
सच्ची दोस्ती का फ़र्ज़ मुझसे अदा किया !
सच्ची दोस्ती का फ़र्ज़ मुझसे अदा किया !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( मौत से क्या डरना.... )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक"- ( मिलेगी जरूर मंजिल )
Ajit Kumar "Karn"
कारनामों से कितनी अद्भुत है वो....
कारनामों से कितनी अद्भुत है वो....
Ajit Kumar "Karn"
ज़िंदगी से इस कदर कोई परेशां क्यों है !
ज़िंदगी से इस कदर कोई परेशां क्यों है !
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल : ( साथ-साथ चलता हूॅं )
ग़ज़ल : ( साथ-साथ चलता हूॅं )
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल : ( कोई अच्छी सी ग़ज़ल लिखूॅं )
ग़ज़ल : ( कोई अच्छी सी ग़ज़ल लिखूॅं )
Ajit Kumar "Karn"
उसका काम तमाम करता हूॅं !
उसका काम तमाम करता हूॅं !
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक" - मैं जल उठा !
Ajit Kumar "Karn"
चलो चलते हैं !
चलो चलते हैं !
Ajit Kumar "Karn"
Page 9
Loading...