विनोद सिल्ला 574 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read हुनरमंद हुनरमंद उनकी बातें थीं मनमोहक एक-एक शब्द था कर्णप्रिय उसने वही कहा जो चाहते थे श्रोतागण सुनना नहीं था उसे भले-बुरे से सरोकार बड़े हुनरमंद हैं वो मोड़ लेते हैं... Hindi · कविता 1 428 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read परिवर्तन परिवर्तन मन के द्वार देती हैं दस्तक बार-बार गमी व खुशी चिन्ता व बेफिक्री कभी हो जाता है मन भारी मानो पड़ा है इस पर कई मण भार कभी हो... Hindi · कविता 1 339 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बहुत माहिर हैं बहुत माहिर हैं वो साध लेते हैं समीकरण वक्त के मुताबिक साध लेते हैं शब्दों को हालात के मुताबिक देते हैं वक्तव्य सार्वभौमिक कल्याणार्थ चढ़ा रखे हैं चेहरे पर चेहरे... Hindi · कविता 1 188 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read झूठ की चकाचौंध झूठ की चकाचौंध चीखते हैं टी. वी. चैनल एक सुर में मिला रहे हैं ताल सभी समाचार-पत्र इनके मालिक हैं सरकार में सांझेदार या हैं नतमस्तक विज्ञापन के नाम पर... Hindi · कविता 1 411 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्रमाण प्रमाण वो समझता है खुद को सर्वश्रेष्ठ कर रखे हैं उसने गवाह तैयार जो दे रहे हैं उसके पक्ष में सर्वश्रेष्ठ होने की गवाही तमाम प्रमाण हैं उसके पास जिनसे... Hindi · कविता 1 200 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read शहीद हो गई शहीद हो गई वो सैनिक हो गया शहीद सीमा पर अपना कर्तव्य निभाते-निभाते सिर्फ वही शहीद नहीं हुआ शहीद हो गई सदा के लिए एक घर की खुशियाँ शहीद हो... Hindi · कविता 386 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बाह्य मूल्यांकन बाह्य मूल्यांकन कोट-पैंट टाई ने बाह्य व्यक्तित्व बना दिया आकर्षक गिटपिट भाषा ने बना दिया इक्किसवीं शदी का लेकिन अंदर आदमी था वही पंद्रहवीं सत्रहवीं शदी पुराना वर्णाश्रम के सांचे... Hindi · कविता 198 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read खारा ही रहा खारा ही रहा सागर की तरह मानव जीवन में मीठे जल की कितनी ही नदियाँ मिलीं फिर भी मानव जीवन सागर की तरह खारा ही रहा जबकी नदियों ने खो... Hindi · कविता 515 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read सुंदरता सुंदरता सुंदर चेहरे नहीं होते सदैव सुंदर यह सुंदरता बाह्य आकार-प्रकार बाह्य मापदंड आधारित होती है जरूरी नहीं यह व्यवहार की कसौटी पर अक्सर खरी उतरे व्यवहार आधारित सुंदरता होती... Hindi · कविता 459 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अवर्णित अवर्णित पौराणिक कथाओं में वर्णित है ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न हुआ ब्राह्मण भुजाओं से उत्पन्न हुआ क्षत्रिय उदर से उत्पन्न हुआ वैश्य पैरों से उत्पन्न हुआ शुद्र यहूदी, मुस्लिम,... Hindi · कविता 386 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अहिंसा का पुजारी अहिंसा का पुजारी उसकी अहिंसा यरवदा जेल में पूना पैक्ट में साबित हुई घातक वंचितों के लिए उसकी अहिंसा ने की वंचितों के अधिकारों की हत्या उनके शासक बनने के... Hindi · कविता 242 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read झाड़ू का भाग्य झाडू का भाग्य झाडू बड़ी इतराई जब उसे उठाया नेता जी ने कितने फोटो खिंचे उससे पहले कितना संभाला गया जैसे कोई चीज़ हो कीमती धोया गया डिटोल से वाह... Hindi · कविता 445 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नन्हे मेहमान नन्हे मेहमान मुंडेर पर रखे पानी के कुंडे को देख रहा था मैं होकर आशंकित मन में उठे प्रश्न कोई पक्षी आता है या नहीँ पानी पीने तभी मुंडेर पर... Hindi · कविता 247 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जीत गया चुनाव जीत गया चुनाव जीत कर चुनाव किए वादों की करते-करते वादाखिलाफी बीत गए साढे़ चार साल अब नेता जी को आए पसीने पृथ्वी देने लगी दिखाई छोटी-सी लगने लगा निर्वाचन... Hindi · कविता 468 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read डाकबाबू डाकबाबू जब भी आता था डाक बाबू लिए हुए डाक मुहल्ले भर की उत्सुकतावश हो जाते थे एकत्रित उसके चारों ओर मुहल्ले भर के लोग करते थे चेष्टा जानने की... Hindi · कविता 340 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read शूरवीर शूरवीर शूरवीर वह नहीं जो करके नरसंहार जीत ले कलिंग-युद्ध जो बहा दे लहू का दरिया जो मचा दे चहूंओर त्राही-त्राही जो कर दे अनाथ अबोध बच्चों को जो कर... Hindi · कविता 396 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read वह था मात्र इंसान वह था मात्र इंसान आदिकाल में नहीं था मानव क्लीन शेवड करता नहीं था कंघी लगता होगा जटाओं में भयावह-असभ्य लेकिन वास्तव में वह था कहीं अधिक सभ्य आज के... Hindi · कविता 298 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read खोई हुई आजादी खोई हुई आजादी मैं ढूंढ रहा हूँ अपनी खोई आजादी मजहबी नारों के बीच न्याधीश के दिए निर्णयों में संविधान के संशोधनों में लालकिले की प्रचीर से दिए प्रधानमंत्री के... Hindi · कविता 173 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read गवाही गवाही शंबुक रीषि की कटी गर्दन एकलव्य का कटा अंगूठा टूटे व जीर्ण-शीर्ण बौद्ध स्तूप खंडित बुद्ध की प्रतिमाएं धवस्त तक्षशिला व नालंदा तहस-नहस बौद्ध साहित्य धूमिल बौद्ध इतिहास दे... Hindi · कविता 231 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जीवन का सफर जीवन का सफर जीवन के सफर में अनेकों बार आई खुशियों की रेलगाड़ी कभी समय पर तो कभी निर्धारित समय से, विलंब से चलो देर आई दुरुस्त आई आई तो... Hindi · कविता 373 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read कमाल के समीक्षक कमाल के समीक्षक एक मेरा मित्र बात-बात पर कोसता है संविधान को ठहराता है इसे कॉपी-पेस्ट एक दिन मैंने पूछ ही लिया कितनी बार पढ़ा है संविधान उसने कहा एक... Hindi · कविता 257 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लोगों का कद लोगों का कद मेरे अास-पास के लोगों का कद हो गया उनके वास्तविक कद से कहीं अधिक ऊँचा विड़ंबना यह भी है वो नहीं जानते झुकना भी इसलिए मैंने ही... Hindi · कविता 441 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नववर्ष की बधाई नववर्ष की बधाई जब नववर्ष की दी बधाई तो , मुंह बिचकाया एक मित्र ने । पाश्चात्य पर्व है इसे छोड़ो , यूँ बतलाया उस मित्र ने । मैंने कहा... Hindi · कविता 1 272 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read उजाला उजाला नहीं मोहताज मेरे जीवन का उजाला किसी दीपक का किसी सूरज का किसी रोशनी का जो चमकता है अपनी प्रतिभा से अपने ही नूर से जो चमकता है अंधेरे... Hindi · कविता 182 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read समझ से परे समझ से परे मरने के बाद स्वर्ग से या फिर नर्क से कोई नहीं आया वापस लौट कर फिर स्वर्ग का मजा और नर्क की सजा का वर्णन किसने किया... Hindi · कविता 176 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लजीज खाना लज़ीज खाना मैं जब कई दिनों बाद गया गाँव मां ने अपने हाथों से बनाई रोटी कद्दू की बनाई मसाले रहित सब्ज़ी रोटी पर रखा मक्खन लस्सी का भर दिया... Hindi · कविता 162 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जिम्मेदारी की चादर जिम्मेदारी की चादर मैं हूँ अध्यापक बच्चों को इतिहास-भूगोल राजनीति-शास्त्र पढ़ाता हूँ अनेक बार अध्यापन में देश को कृषि प्रधान बताता हूँ उन्हीं छात्रों को छुट्टी के बाद दुकानों पर... Hindi · कविता 388 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नाचना सबको पड़ता है नाचना सबको पड़ता है नाचते हैं सब कोई नाचता है होशो-हवास में तो कोई होशो-हवास गवां के नाचता है कोई मन से नाचता है तो किसी को जबरन नचाया जाता... Hindi · कविता 223 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *हाई-कमान* समाज सेवी शिवलाल का शहर में ही नहीं आस-पास के क्षेत्र में भी सहृदयता व सज्जनता के लिए सम्मान था| उन्होंने लंबे समय तक जाति उन्मूलन अभियान चलाया| इनके... Hindi · लघु कथा 1 421 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *जनहित* ज्यों ही नगर परिषद के चुनाव संपन्न हुआ। विधायक महोदय ने चुनाव जीते हुए, सभी पार्षदों से संपर्क किया। कुछ पार्षदों ने स्वयं विधायक से संपर्क किया। विधायक ने... Hindi · लघु कथा 1 455 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *टूट-फूट* पड़ोसियों के साथ झगड़े में घायल दिनेश को परिजन सरकारी अस्पताल में ले गए। दिनेश के पिता ने फोन पर दिनेश के साथ गए परिजन से जानकारी लेनी चाही।... Hindi · लघु कथा 1 436 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *बिकने का आरोप* नेताजी झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में गए। सभी झुग्गी वासी खुश हुए। नेता जी ने सबका हाल-चाल पूछा। यह बस्ती हमेशा से नेता जी के साथ रही है। नेता... Hindi · लघु कथा 1 210 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा जो नहीं काटता जागेश्वर अपनी बेटी सुजाता के साथ, अपने घर के सामने बैठा था| तभी उनके पास से एक कुत्ता गुजरा| सुजाता ने कुत्ते को लात मारी| जागेश्वर ने... Hindi · लघु कथा 1 245 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा नीति चमचे ने मंत्री से परेशानी जताते हुए कहा, "सरकार की नई नीति से करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए|" मंत्री जी बोले, "तो क्या हुआ?" चमचा बोला, "आगामी चुनाव में... Hindi · लघु कथा 1 331 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण संरक्षण दूषित हुई हवा वतन की कट गए पेड़ सद्भाव के बह गई नैतिकता मृदा अपर्दन में हो गई खोखली जड़ें इंसानियत की घट रही समानता ओजोन परत की... Hindi · कविता 448 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बंधन बंधन बंधा हुआ इंसान अनेक बंधनों में जिन बंधनों ने खत्म कर दिया इंसान का व्यक्तित्व जाति-धर्म भाषा-क्षेत्र व अन्य बंधनों को ही मान लिया इसने समूचा व्यक्तित्व ताउम्र नहीं... Hindi · कविता 263 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नशे में चित नशे में चित मेरा शहर है विख्यात नहरों की नगरी के नाम से आज मैं घूमते-घूमते पहुँचा नहर पर पानी लड़खड़ाता-सा तुतलाता-सा होश गवांकर बह रहा था बहते-बहते पानी संग... Hindi · कविता 436 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read मुसाफिर मुसाफिर मुसाफिर हूँ मैं जन्म से लेकर आज तक हूँ सफर में सफर आरंभ में था बड़ा सुहाना ज्यों-ज्यों बढ़ा आगे आए अनेक गति अवरोधक लगे कितने हिचकोले जैसे-तैसे पूरा... Hindi · कविता 248 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read कविता कविता कम शब्दों में अधिक वर्णन कविता है ठेस लगी तो दुख का वर्णन कविता है भावनाओं का आकर्षक वर्णन कविता है शब्दों का तरंगित होना कविता है शब्दों का... Hindi · कविता 302 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read असली आनंद असली आनंद मुझे है पूरा विश्वास नहीं है असली आनंद मठों में आश्रमों में व अन्य धर्मस्थलों में इन सबके प्रभारी लालायित हैं लोकसभा व राज्यसभा में या फिर विधानसभा... Hindi · कविता 314 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्राथमिकी प्राथमिकी जब किया मना हमारे बुजुर्गों ने मृत पशु उठाने से पीटा गया उनको नहीं की दर्ज प्राथमिकी पुलिस के भी अगली पीढ़ी मजबूरन व भयवश उठाने लगी मृत-पशु ढोने... Hindi · कविता 174 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जब नहीं थीं जातियाँ जब नहीं थीं जातियाँ एक था समय जब नहीं थीं जातियाँ नहीं थे समुदाय नहीं थे गोत्र कितना सुखी होगा उस समय का इंसान लगते होंगे उसे सभी अपने सबसे... Hindi · कविता 176 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read वर्ण-व्यवस्था वर्ण-व्यवस्था वर्ण-व्यवस्था ने रखा सेना को वंचित शूद्रों के बाहु-बल से उनके रण-कौशल से इसलिए ही आते रहे विदेशी आक्रमणकारी ले जाते रहे लूट-लूट कर भारत का वैभव भारत के... Hindi · कविता 1 401 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्रश्न चिह्न प्रश्न चिह्न द्रौणाचार्य अगर थी तेरे पास अस्त्र-शस्त्र की की अनूठी विधा तो क्यों काटा एकलव्य का अंगूठा सिखा देता अपने अर्जुन को धनुर्विद्या के वो हुनर जो नहीं जानता... Hindi · कविता 406 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read इतिहास के आईने में इतिहास के आईने में तुम अभी तक नहीं थके कर-कर अत्याचार कर-कर उत्पीड़न बीत गए हजारों वर्ष बहुत हो चुका दमन बहुत हो चुका अत्याचार अब और नहीं क्यों डरते... Hindi · कविता 377 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read व्यवस्था परिवर्तन व्यवस्था परिवर्तन इतिहास है गवाह आज तक असंख्य हुईं क्रांतियाँ विश्व भर में सबमें हुआ रक्तपात सबमें हुआ नरसंहार लेकिन हमें गर्व है बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर जो... Hindi · कविता 367 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read धर्म के नाम पर धर्म के नाम पर देवदासी बनी शोषण हुआ धर्म के नाम पर सती हुई शोषण हुआ धर्म के नाम पर अग्नि-परिक्षा हुई शोषण हुआ धर्म के नाम पर जूए में... Hindi · कविता 196 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अथाह प्रेम अथाह प्रेम मेरे घर के आगे बैठा रहता है एक लाल कुत्ता जो रोटी के एक टुकड़े के बदले लुटाता है हम पर अथाह प्रेम इस स्वार्थ के युग में... Hindi · कविता 671 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read सर्दी का सुस्वागतम सर्दी का सुस्वागतम् सर्दी ने दी दस्तक ठंडी चली हवा लगी सुहावनी करा दिया अहसास कार्तिक मास का गर्मी ने कहा अलविदा बैर-सी लगने वाली सूर्य की किरणों ने बढाया... Hindi · कविता 198 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read स्नेह स्नेह स्नेह का होना कितना है सुखद स्नेह है कुदरती सौगात नहीं हो सकती इसमें मिलावट होता है ये विशुद्ध हो सकता है स्नेह कहीं भी, किसी से भी यह... Hindi · कविता 391 Share Previous Page 9 Next