विनोद सिल्ला 581 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read तिरंगा यात्रा तिरंगा यात्रा आज थी तिरंगा यात्रा उन हाथों ने थामा हुआ था तिरंगा सिर्फ और सिर्फ वोटार्थ वरना ताउम्र वो करते रहे उपेक्षा राष्ट्रध्वज की जिनकी मुंडेर पर फरकती रही... Hindi · कविता 2 2 253 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read सर्वव्यापक सर्वव्यापक लोग बोलते हैं तो स्वार्थवश बोलना छोड़ते हैं तो स्वार्थवश स्वार्थपरता शह-मात तिकड़मबाज़ी षड़यंत्र के अतिरिक्त कहीं और कुछ है तो मुझे बताना ऊब गया हूँ इन सबसे चाहता... Hindi · कविता 1 364 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read मापदंड मापदंड रख दी गिरवी नैतिकता अपने अल्प लाभार्थ नहीं चूकते वतन को बड़ा नुकसान पहुंचाने से काट रहे हैं उसी डाल को जिस पर बैठे हैं होकर अनभिज्ञ संभावित खतरों... Hindi · कविता 1 327 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read कतार में कतार में वो है आमजन जब भी देखो मिलता है कतार में कभी रेलवे की टिकट खिड़की पर कभी राशन की सरकारी दुकान पर कभी गैस-एजेंसी की कतार में कभी... Hindi · कविता 1 342 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read गुल चाहता है मैं चाहता हूँ गुल चाहता हूँ न गुलिस्तान चाहता हूँ। वंचितों के ओठों पे मुस्कान चाहता हूँ।। चहूँ ओर गूंजते हैं मजहबी नारे, मैं भंवरों के मधुर गान चाहता हूँ।।... Hindi · कविता 1 389 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read आज का अखबार आज का अखबार ये आज का अखबार पढ़ लो। दुखद कई समाचार पढ़ लो ।। शौच के लिए गई लङकी से , सामुहिक बलात्कार पढ़ लो।। यौन शोषण के आरोप... Hindi · कविता 1 260 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read श्रमिक श्रमिक उस श्रमिक का चोटी से चला पसीना तय करके सफर पूरे बदन का पहुंचा एड़ी तक मिले चंद रुपए उसकी मेहनत पर किसी ने दलाली कमाई किसी ने आढ़त... Hindi · कविता 1 196 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read हुनरमंद हुनरमंद उनकी बातें थीं मनमोहक एक-एक शब्द था कर्णप्रिय उसने वही कहा जो चाहते थे श्रोतागण सुनना नहीं था उसे भले-बुरे से सरोकार बड़े हुनरमंद हैं वो मोड़ लेते हैं... Hindi · कविता 1 483 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read परिवर्तन परिवर्तन मन के द्वार देती हैं दस्तक बार-बार गमी व खुशी चिन्ता व बेफिक्री कभी हो जाता है मन भारी मानो पड़ा है इस पर कई मण भार कभी हो... Hindi · कविता 1 401 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बहुत माहिर हैं बहुत माहिर हैं वो साध लेते हैं समीकरण वक्त के मुताबिक साध लेते हैं शब्दों को हालात के मुताबिक देते हैं वक्तव्य सार्वभौमिक कल्याणार्थ चढ़ा रखे हैं चेहरे पर चेहरे... Hindi · कविता 1 203 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read झूठ की चकाचौंध झूठ की चकाचौंध चीखते हैं टी. वी. चैनल एक सुर में मिला रहे हैं ताल सभी समाचार-पत्र इनके मालिक हैं सरकार में सांझेदार या हैं नतमस्तक विज्ञापन के नाम पर... Hindi · कविता 1 465 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्रमाण प्रमाण वो समझता है खुद को सर्वश्रेष्ठ कर रखे हैं उसने गवाह तैयार जो दे रहे हैं उसके पक्ष में सर्वश्रेष्ठ होने की गवाही तमाम प्रमाण हैं उसके पास जिनसे... Hindi · कविता 1 214 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read शहीद हो गई शहीद हो गई वो सैनिक हो गया शहीद सीमा पर अपना कर्तव्य निभाते-निभाते सिर्फ वही शहीद नहीं हुआ शहीद हो गई सदा के लिए एक घर की खुशियाँ शहीद हो... Hindi · कविता 422 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बाह्य मूल्यांकन बाह्य मूल्यांकन कोट-पैंट टाई ने बाह्य व्यक्तित्व बना दिया आकर्षक गिटपिट भाषा ने बना दिया इक्किसवीं शदी का लेकिन अंदर आदमी था वही पंद्रहवीं सत्रहवीं शदी पुराना वर्णाश्रम के सांचे... Hindi · कविता 212 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read खारा ही रहा खारा ही रहा सागर की तरह मानव जीवन में मीठे जल की कितनी ही नदियाँ मिलीं फिर भी मानव जीवन सागर की तरह खारा ही रहा जबकी नदियों ने खो... Hindi · कविता 523 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read सुंदरता सुंदरता सुंदर चेहरे नहीं होते सदैव सुंदर यह सुंदरता बाह्य आकार-प्रकार बाह्य मापदंड आधारित होती है जरूरी नहीं यह व्यवहार की कसौटी पर अक्सर खरी उतरे व्यवहार आधारित सुंदरता होती... Hindi · कविता 477 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अवर्णित अवर्णित पौराणिक कथाओं में वर्णित है ब्रह्मा के मुख से उत्पन्न हुआ ब्राह्मण भुजाओं से उत्पन्न हुआ क्षत्रिय उदर से उत्पन्न हुआ वैश्य पैरों से उत्पन्न हुआ शुद्र यहूदी, मुस्लिम,... Hindi · कविता 404 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read अहिंसा का पुजारी अहिंसा का पुजारी उसकी अहिंसा यरवदा जेल में पूना पैक्ट में साबित हुई घातक वंचितों के लिए उसकी अहिंसा ने की वंचितों के अधिकारों की हत्या उनके शासक बनने के... Hindi · कविता 254 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read झाड़ू का भाग्य झाडू का भाग्य झाडू बड़ी इतराई जब उसे उठाया नेता जी ने कितने फोटो खिंचे उससे पहले कितना संभाला गया जैसे कोई चीज़ हो कीमती धोया गया डिटोल से वाह... Hindi · कविता 461 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नन्हे मेहमान नन्हे मेहमान मुंडेर पर रखे पानी के कुंडे को देख रहा था मैं होकर आशंकित मन में उठे प्रश्न कोई पक्षी आता है या नहीँ पानी पीने तभी मुंडेर पर... Hindi · कविता 261 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जीत गया चुनाव जीत गया चुनाव जीत कर चुनाव किए वादों की करते-करते वादाखिलाफी बीत गए साढे़ चार साल अब नेता जी को आए पसीने पृथ्वी देने लगी दिखाई छोटी-सी लगने लगा निर्वाचन... Hindi · कविता 500 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read डाकबाबू डाकबाबू जब भी आता था डाक बाबू लिए हुए डाक मुहल्ले भर की उत्सुकतावश हो जाते थे एकत्रित उसके चारों ओर मुहल्ले भर के लोग करते थे चेष्टा जानने की... Hindi · कविता 357 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read शूरवीर शूरवीर शूरवीर वह नहीं जो करके नरसंहार जीत ले कलिंग-युद्ध जो बहा दे लहू का दरिया जो मचा दे चहूंओर त्राही-त्राही जो कर दे अनाथ अबोध बच्चों को जो कर... Hindi · कविता 411 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read वह था मात्र इंसान वह था मात्र इंसान आदिकाल में नहीं था मानव क्लीन शेवड करता नहीं था कंघी लगता होगा जटाओं में भयावह-असभ्य लेकिन वास्तव में वह था कहीं अधिक सभ्य आज के... Hindi · कविता 311 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read खोई हुई आजादी खोई हुई आजादी मैं ढूंढ रहा हूँ अपनी खोई आजादी मजहबी नारों के बीच न्याधीश के दिए निर्णयों में संविधान के संशोधनों में लालकिले की प्रचीर से दिए प्रधानमंत्री के... Hindi · कविता 182 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read गवाही गवाही शंबुक रीषि की कटी गर्दन एकलव्य का कटा अंगूठा टूटे व जीर्ण-शीर्ण बौद्ध स्तूप खंडित बुद्ध की प्रतिमाएं धवस्त तक्षशिला व नालंदा तहस-नहस बौद्ध साहित्य धूमिल बौद्ध इतिहास दे... Hindi · कविता 242 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जीवन का सफर जीवन का सफर जीवन के सफर में अनेकों बार आई खुशियों की रेलगाड़ी कभी समय पर तो कभी निर्धारित समय से, विलंब से चलो देर आई दुरुस्त आई आई तो... Hindi · कविता 418 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read कमाल के समीक्षक कमाल के समीक्षक एक मेरा मित्र बात-बात पर कोसता है संविधान को ठहराता है इसे कॉपी-पेस्ट एक दिन मैंने पूछ ही लिया कितनी बार पढ़ा है संविधान उसने कहा एक... Hindi · कविता 268 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लोगों का कद लोगों का कद मेरे अास-पास के लोगों का कद हो गया उनके वास्तविक कद से कहीं अधिक ऊँचा विड़ंबना यह भी है वो नहीं जानते झुकना भी इसलिए मैंने ही... Hindi · कविता 487 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नववर्ष की बधाई नववर्ष की बधाई जब नववर्ष की दी बधाई तो , मुंह बिचकाया एक मित्र ने । पाश्चात्य पर्व है इसे छोड़ो , यूँ बतलाया उस मित्र ने । मैंने कहा... Hindi · कविता 1 295 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read उजाला उजाला नहीं मोहताज मेरे जीवन का उजाला किसी दीपक का किसी सूरज का किसी रोशनी का जो चमकता है अपनी प्रतिभा से अपने ही नूर से जो चमकता है अंधेरे... Hindi · कविता 195 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read समझ से परे समझ से परे मरने के बाद स्वर्ग से या फिर नर्क से कोई नहीं आया वापस लौट कर फिर स्वर्ग का मजा और नर्क की सजा का वर्णन किसने किया... Hindi · कविता 187 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लजीज खाना लज़ीज खाना मैं जब कई दिनों बाद गया गाँव मां ने अपने हाथों से बनाई रोटी कद्दू की बनाई मसाले रहित सब्ज़ी रोटी पर रखा मक्खन लस्सी का भर दिया... Hindi · कविता 175 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जिम्मेदारी की चादर जिम्मेदारी की चादर मैं हूँ अध्यापक बच्चों को इतिहास-भूगोल राजनीति-शास्त्र पढ़ाता हूँ अनेक बार अध्यापन में देश को कृषि प्रधान बताता हूँ उन्हीं छात्रों को छुट्टी के बाद दुकानों पर... Hindi · कविता 422 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नाचना सबको पड़ता है नाचना सबको पड़ता है नाचते हैं सब कोई नाचता है होशो-हवास में तो कोई होशो-हवास गवां के नाचता है कोई मन से नाचता है तो किसी को जबरन नचाया जाता... Hindi · कविता 240 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *हाई-कमान* समाज सेवी शिवलाल का शहर में ही नहीं आस-पास के क्षेत्र में भी सहृदयता व सज्जनता के लिए सम्मान था| उन्होंने लंबे समय तक जाति उन्मूलन अभियान चलाया| इनके... Hindi · लघु कथा 1 471 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *जनहित* ज्यों ही नगर परिषद के चुनाव संपन्न हुआ। विधायक महोदय ने चुनाव जीते हुए, सभी पार्षदों से संपर्क किया। कुछ पार्षदों ने स्वयं विधायक से संपर्क किया। विधायक ने... Hindi · लघु कथा 1 476 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *टूट-फूट* पड़ोसियों के साथ झगड़े में घायल दिनेश को परिजन सरकारी अस्पताल में ले गए। दिनेश के पिता ने फोन पर दिनेश के साथ गए परिजन से जानकारी लेनी चाही।... Hindi · लघु कथा 1 454 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *बिकने का आरोप* नेताजी झुग्गी-झोपड़ी बस्ती में गए। सभी झुग्गी वासी खुश हुए। नेता जी ने सबका हाल-चाल पूछा। यह बस्ती हमेशा से नेता जी के साथ रही है। नेता... Hindi · लघु कथा 1 224 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा जो नहीं काटता जागेश्वर अपनी बेटी सुजाता के साथ, अपने घर के सामने बैठा था| तभी उनके पास से एक कुत्ता गुजरा| सुजाता ने कुत्ते को लात मारी| जागेश्वर ने... Hindi · लघु कथा 1 258 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा नीति चमचे ने मंत्री से परेशानी जताते हुए कहा, "सरकार की नई नीति से करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए|" मंत्री जी बोले, "तो क्या हुआ?" चमचा बोला, "आगामी चुनाव में... Hindi · लघु कथा 1 343 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण संरक्षण दूषित हुई हवा वतन की कट गए पेड़ सद्भाव के बह गई नैतिकता मृदा अपर्दन में हो गई खोखली जड़ें इंसानियत की घट रही समानता ओजोन परत की... Hindi · कविता 521 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read बंधन बंधन बंधा हुआ इंसान अनेक बंधनों में जिन बंधनों ने खत्म कर दिया इंसान का व्यक्तित्व जाति-धर्म भाषा-क्षेत्र व अन्य बंधनों को ही मान लिया इसने समूचा व्यक्तित्व ताउम्र नहीं... Hindi · कविता 276 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read नशे में चित नशे में चित मेरा शहर है विख्यात नहरों की नगरी के नाम से आज मैं घूमते-घूमते पहुँचा नहर पर पानी लड़खड़ाता-सा तुतलाता-सा होश गवांकर बह रहा था बहते-बहते पानी संग... Hindi · कविता 502 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read मुसाफिर मुसाफिर मुसाफिर हूँ मैं जन्म से लेकर आज तक हूँ सफर में सफर आरंभ में था बड़ा सुहाना ज्यों-ज्यों बढ़ा आगे आए अनेक गति अवरोधक लगे कितने हिचकोले जैसे-तैसे पूरा... Hindi · कविता 262 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read कविता कविता कम शब्दों में अधिक वर्णन कविता है ठेस लगी तो दुख का वर्णन कविता है भावनाओं का आकर्षक वर्णन कविता है शब्दों का तरंगित होना कविता है शब्दों का... Hindi · कविता 333 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read असली आनंद असली आनंद मुझे है पूरा विश्वास नहीं है असली आनंद मठों में आश्रमों में व अन्य धर्मस्थलों में इन सबके प्रभारी लालायित हैं लोकसभा व राज्यसभा में या फिर विधानसभा... Hindi · कविता 328 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्राथमिकी प्राथमिकी जब किया मना हमारे बुजुर्गों ने मृत पशु उठाने से पीटा गया उनको नहीं की दर्ज प्राथमिकी पुलिस के भी अगली पीढ़ी मजबूरन व भयवश उठाने लगी मृत-पशु ढोने... Hindi · कविता 188 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जब नहीं थीं जातियाँ जब नहीं थीं जातियाँ एक था समय जब नहीं थीं जातियाँ नहीं थे समुदाय नहीं थे गोत्र कितना सुखी होगा उस समय का इंसान लगते होंगे उसे सभी अपने सबसे... Hindi · कविता 186 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read वर्ण-व्यवस्था वर्ण-व्यवस्था वर्ण-व्यवस्था ने रखा सेना को वंचित शूद्रों के बाहु-बल से उनके रण-कौशल से इसलिए ही आते रहे विदेशी आक्रमणकारी ले जाते रहे लूट-लूट कर भारत का वैभव भारत के... Hindi · कविता 1 437 Share Previous Page 9 Next