वीर कुमार जैन 'अकेला' 369 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Jul 2021 · 1 min read सच्ची दोस्ती वो बेखबर थे हमेशा से बेखबर ही रहे और हम हर अदा पर उनकी फना होते रहे इजहार ए मोहब्बत जब भी चाहा करना हमने मुस्कुरा कर देखा जुल्फें झटकी... Hindi · शेर 1 1 253 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 3 Jul 2021 · 1 min read गुजरे जमाने का इश्क बचपन के इश्क की आज फिर बुढ़ापे में देखो चर्चा हो गई यादें पुरानी फिर से जिंदा हुई सिसकते हुए जो कभी थी सो गई वह बचपन का इश्क दहलीज... Hindi · कविता 2 2 406 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Jul 2021 · 1 min read वो जमाना आज मैं उस जमाने की बात कर रहा हूं जो जमाना कहावतों से, परियों की कहानियों से, दादा दादी, नाना नानी की मोहब्बतों से भरा पड़ा था। आज इन सब... Hindi · लेख 2 192 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Jul 2021 · 9 min read परिवर्तन दीपांकर और माधवी को अभी एक सप्ताह ही हुआ था इस सोसाईटी में आये हुए। मुम्बई जैसे महानगर में दोनों का आगमन ऐसा था मानो स्वर्ग नगरी में आ गए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 8 454 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 2 Jul 2021 · 1 min read संस्कार हाय हेलो के जमाने में जब कान्वेंट में पढे लड़का और लड़की शादी के बाद दूल्हा दुल्हन बने ससुराल पहुंचे तो सासु मां ने दरवाजे पर परंपरानुसार आरती की। धान... Hindi · लघु कथा 226 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 1 Jul 2021 · 1 min read तेरे नाम अनेक रब खुदा अल्लाह ईश्वर भगवान यह सब तेरे ही तो नाम है इन सब नामों से बुलाने वाले इंसान खुद से ही अनजान है सबका मालिक एक कहने वाले का... Hindi · मुक्तक 1 364 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 30 Jun 2021 · 1 min read कलम की तड़प आज मैंने कुछ नया लिखा नहीं आज मन बहुत उदास है ना कहानी ना गीत ना छंद ना रुबाई सिर्फ आंसू ही मेरे पास हैं सोचता था ये साल बेहतर... Hindi · मुक्तक 2 1 538 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 29 Jun 2021 · 1 min read अपील अब तो बहार आने दो कंक्रीट के शहर में फकत एक दरख्त की दरकार है यारो वीरान हुए चमन को फिर से जिंदगानी चाहिए आओ मिलकर फिर से हरियाली तो... Hindi · शेर 232 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Jun 2021 · 1 min read सतत सत्य शादी से पूर्व तू और मैं शादी के प्रथम वर्ष तक तू मैं शादी के प्रथम वर्ष के बाद तू तू मैं मैं तलाक के बाद फिर से तू और... Hindi · हाइकु 187 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 27 Jun 2021 · 2 min read छाता राधा आफिस से बाहर निकली तो देखा हल्की बारिश हो रही थी। आफिस से थोड़ी दूरी पर मेडिकल स्टोर से उसे कुछ दवा खरीदनी थी। घर में बूढ़ी दादी जो... Hindi · लघु कथा 528 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Jun 2021 · 1 min read कुछ तो करलो बातें तो बहुत हो चुकी अब कुछ काम भी कर लो गुमनामी से निकल अपना कुछ नाम भी कर लो सालों से खोई हुई तुम चलो फिर कलम उठा लो... Hindi · मुक्तक 1 1 203 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 26 Jun 2021 · 1 min read कोरोना सुकून के दिन कब आएंगे ये मंज़र बहुत भयानक है भूख से तरसती आंखों को कब निवाला नसीब होगा एक बाप ना जाने कब काल के हाथों मजबूर हो गया... Hindi · शेर 2 274 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 25 Jun 2021 · 1 min read कोरोना की लहर पार्ट 2 कुदरत ने देखो ये कैसा कमाल कर दिया धोती थी फाड़ कर इसे रूमाल कर दिया ना आंधी, ना तूफान, ना बादल, ना घटा ये कैसी बारिश थी गीला माहौल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 25 Jun 2021 · 2 min read भूख अचानक आफिस में काम करते हुए फ़ाइल से नजरें उठी तो देखा सारे सहकर्मी या तो जा चुके थेऔर जो दो चार बचे थे वो भी जाने की तैयारी कर... Hindi · लघु कथा 1 383 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read बेटियां कुदरत की नियामत होती हैं बेटियां माँ बाप के लिये अमानत होती है बेटियां दान में महादान कन्या का दान, कन्यादान एक बाप के लिए सौभाग्य होती हैं बेटियां पायलट... Hindi · कविता 2 326 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read तड़पन मुलाकातें जब से बंद हुयी सगे संबंधी भी अनजान हुए यारी दोस्ती भी धरी रह गयी लगता है अब तो रमजान हुए रोज़ जिनसे मुलाकातें होती थी एक बार नही... Hindi · कविता 1 377 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी नफरतों की इस दुनिया में जिये जा रहा हूँ। जमाने से मिले हर गम को पिये जा रहा हूँ।। खुशियां कभी मिल भी पाएंगी एतबार नहीं। जो भी जैसा भी... Hindi · मुक्तक 244 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 24 Jun 2021 · 1 min read माध्यम मेरी हर रचना को हरेक ऊंचाई मिल जाये। मन की मुरझाई सारी कलियां खिल जायें।। ख्वाहिश नही है मुझे बहुत कुछ पाने की। कुछ एक अपनों का बस आशीष मिल... Hindi · मुक्तक 250 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 23 Jun 2021 · 1 min read उम्मीद एक लंबे अंतराल के पश्चात एक उम्मीद जगी है फिर से पूर्व की भांति कार्य स्थल के सहकर्मियों संग एक नए उत्साह के साथ कर्म पथ पर चलते हुए मंजिल... Hindi · लघु कथा 1 339 Share Previous Page 8