sushil sarna 1173 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next sushil sarna 23 Jul 2024 · 1 min read आभासी संसार का, आभासी संसार का, मानव चलता चित्र । साँस थमी फिर कर्म ही , महकें जैसे इत्र ।। सुशील सरना / 23-7-24 Quote Writer 112 Share sushil sarna 23 Jul 2024 · 1 min read पृष्ठ बनी इतिहास का, पृष्ठ बनी इतिहास का, पल में चलती श्वांस । साथ देह का रह गए, एक कफन दो बांस । सुशील सरना 23-7-24 Quote Writer 67 Share sushil sarna 23 Jul 2024 · 1 min read खाक हुई शमशान में, खाक हुई शमशान में, हर रिश्ते की डोर । राहें तकती रह गईं, गया पथिक किस ओर ।। सुशील सरना / 23-7-24 Quote Writer 56 Share sushil sarna 22 Jul 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक मुख मयंक पर मेघ की, रास करे बौछार । केशों से मुक्ता ।गिरे, अधर लगें अंगार । नीरज नैना मद भरे , अधर तृषा के तीर - श्वेत वसन... Quote Writer 68 Share sushil sarna 22 Jul 2024 · 1 min read एक क्षणिका : एक क्षणिका : लजा गया कमीज पर लगा सात जन्मों के वादे का प्रतिनिधित्व करता समर्पण का सुर्ख निशान भोर की दस्तक से सुशील सरना 52 Share sushil sarna 22 Jul 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया काया की माया मिटी, मिटे देह अनुबंध । सूक्ष्म अकेला ही चला ,छोड़ धरा की गंध । तोड़ धरा सम्बंध , छोड़ यादों की पाती । हर साथी को... Quote Writer 68 Share sushil sarna 22 Jul 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . मेघ दोहा पंचक. . . . . मेघ हाथ जोड़ विनती करे, हलधर बारम्बार। धरती की जलधर सुनो, अब तो करुण पुकार।। अवनी से क्यों रुष्ट हो, जलधर बोलो आज ।... 57 Share sushil sarna 20 Jul 2024 · 1 min read बाली उमर की शोखियाँ, बाली उमर की शोखियाँ, चंचल दृग संकेत । बारिश में रहता नहीं, इस तन को फिर चेत ।। सुशील सरना / 20-7-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 20 Jul 2024 · 1 min read आसमान में गूँजता, आसमान में गूँजता, जब मेघों का नाद । बारिश की हर बूँद से, बढ़े मदन उन्माद ।। सुशील सरना / 20-7-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 20 Jul 2024 · 1 min read बड़ी सुहानी सी लगे, बड़ी सुहानी सी लगे, बारिश वाली रात । बस में फिर रहते नहीं , अधरों के उत्पात ।। सुशील सरना / 20-7-24 Quote Writer 62 Share sushil sarna 20 Jul 2024 · 1 min read मिलने की बेताबियाँ, मिलने की बेताबियाँ, नजरों के अनुरोध । बारिश में रहता नहीं, तन को तन बोध ।। सुशील सरना / 20-7-24 Quote Writer 85 Share sushil sarna 20 Jul 2024 · 1 min read दिलवालों के प्यार का, दिलवालों के प्यार का, मौसम है बरसात । कैसे माने दिल भला, मचल रहे जज्बात ।। सुशील सरना / 20-7-24 Quote Writer 78 Share sushil sarna 19 Jul 2024 · 1 min read पश्चिम हावी हो गया, पश्चिम हावी हो गया, लुप्त हुए संस्कार । काम वासना से भरा, वर्तमान का प्यार ।। सुशील सरना / 19-7-24 Quote Writer 55 Share sushil sarna 19 Jul 2024 · 1 min read मर्यादा अब हो गई, मर्यादा अब हो गई, शब्द कोश का भाग। पावन रिश्तों पर लगे, बेशर्मी के दाग ।। सुशील सरना / 19-7-24 Quote Writer 37 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read मन में हलचल सी उठे, मन में हलचल सी उठे, जब देखूँ तस्वीर । बड़ी अजब है यार की, उल्फत की तासीर ।। सुशील सरना / 18-7-24 Quote Writer 70 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read बरसातों में मीत की, बरसातों में मीत की, जब तड़पाती याद । बहुत गूँजती देह में, स्पर्शों की नाद ।। सुशील सरना / 18-7-24 Quote Writer 61 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read अन्तस की हर बात का, अन्तस की हर बात का, दृग करते अनुवाद । संवादों की श्रृंखला , पूर्ण करें उन्माद ।। सुशील सरना / 18-7-24 Quote Writer 54 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read आँखों ने समझी नहीं, आँखों ने समझी नहीं, आँखों की ही बात । इंतजार में दिन गया, कटी आँख में रात ।। सुशील सरना / 18-7-24 Quote Writer 67 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read पाती पढ़कर मीत की, पाती पढ़कर मीत की, भीगे विरही नैन । दृगजल से आखर मिटे, हृदय हुआ बैचैन ।। सुशील सरना / 18-7-24 Quote Writer 1 60 Share sushil sarna 18 Jul 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया गोरी बारिश में चली, भीगे सब परिधान । गौर वर्ण लगने लगा, गजलों का दीवान । गजलों का दीवान , करें क्या नैन दिवाने । भेदें भीगा चीर ,... Quote Writer 54 Share sushil sarna 17 Jul 2024 · 1 min read कल, आज और कल .... कल, आज और कल .... वर्तमान का अंश था जो बीत गया है कल अंश होगा वर्तमान का आने वाला कल वर्तमान के कर्म ही बन जाते हैं दंश वर्तमान... 35 Share sushil sarna 17 Jul 2024 · 1 min read सावन की बौछारों में ... सावन की बौछारों में ... तृण -तृण भीगा प्रीत पलों का सावन की बौछारों में तड़पन भीगी तन-मन भीगा सावन की बौछारों में बीती रैना भीगे बैना सावन की बौछारों... 33 Share sushil sarna 17 Jul 2024 · 1 min read दोहा एकादश. . . . . सावन दोहा एकादश. . . . . सावन सावन में भाता नहीं, अधरों को बैराग । जितनी बरसें बारिशें, उतनी भड़के आग ।। श्वेत वसन से झाँकता, उसका रूप अपार ।... 38 Share sushil sarna 16 Jul 2024 · 1 min read शायद अब यह हो गया, शायद अब यह हो गया, गिरगिट को आभास । नहीं सुरक्षित आजकल, इंसानों में वास ।। सुशील सरना / 16-7-24 Quote Writer 69 Share sushil sarna 16 Jul 2024 · 1 min read गिरगिट बदले रंग जब , गिरगिट बदले रंग जब , भय का हो आभास। मानव बदले रंग जब, छलना हो विश्वास ।। सुशील सरना / 16-7-24 Quote Writer 90 Share sushil sarna 16 Jul 2024 · 1 min read गिरगिट तो संसार में, गिरगिट तो संसार में, व्यर्थ हुई बदनाम । रंग बदलना आजकल, इंसानों का काम ।। सुशील सरना / 16-7-24 Quote Writer 61 Share sushil sarna 16 Jul 2024 · 1 min read गिरगिट माँगे ईश से, गिरगिट माँगे ईश से, रंगों का अधिकार । लूट लिए इंसान ने, उसके रंग अपार ।। सुशील सरना / 16-7-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान । यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान । हर पन्ने पर दर्द के, सिसक रहे अरमान । ख्वाबों के हैं जलजले ,बेचैनी की गीत - हासिल उल्फ़त में हुए,... Quote Writer 51 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read उकेर गई उकेर गई दृगजल की खारी लकीरें कपोल पृष्ठ पर तहरीर टूटे ख़्वाबों की सुशील सरना / Quote Writer 61 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग । मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग । श्वेत वसन में चूमती, नारी का हर अंग । वर्ण मुग्धता से बढ़ी मौन हृदय की प्यास, वसन आवरण से करें, नजरें... Quote Writer 64 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read रिश्ता गहरा आज का, रिश्ता गहरा आज का, संचित धन के साथ । सन्तानें तो नाथ हुईं, माता-पिता अनाथ ।। सुशील सरना / 15-7-24 Quote Writer 92 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read सोचा था सन्तान ही, सोचा था सन्तान ही, देगी अपना साथ । हुई उम्र तो काठ की, लाठी आई हाथ ।। सुशील सरना / 15-7-24 Quote Writer 56 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read वृद्धाश्रम का अब मिला, वृद्धाश्रम का अब मिला, वृद्धों को वरदान । देख व्यवहार सन्तान का, वृद्ध हुए हैरान ।। सुशील सरना / 15-7-24 Quote Writer 69 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read आज उपेक्षित क्यों भला, आज उपेक्षित क्यों भला, बेटों से माँ बाप । पुत्र घात का सह रहे, तन्हाई में ताप ।। सुशील सरना / 15-7-24 Quote Writer 52 Share sushil sarna 15 Jul 2024 · 1 min read चिन्ता कब परिवार की, चिन्ता कब परिवार की, करती है सन्तान । उसको तो बस चाहिए, अपनी ही पहचान ।। सुशील सरना / 15-7-24 Quote Writer 63 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read वक्त की पालकी में ….. वक्त की पालकी में ….. लौट आओ न ! मेरे शब्दों को सांसें दे दो हर क्षण तुम्हारी स्मृतियों में मेरे स्नेहिल शब्द तुम्हें सम्बोधित करने को आकुल रहते हैं... 34 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read खंडित हो गई खंडित हो गई रैन पिपासा भोर किरण में सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 1 73 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read देखा देखा जो उम्र के दरीचों से जिंदगी झूठ का तमाशा नजर आई सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 71 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read भक्त बनो हनुमान के, भक्त बनो हनुमान के, या पूजो श्री राम । निश्चित इनको पूजना , अद्भुत दे परिणाम ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 52 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया नैनों से चोटिल चले, मधुशाला के द्वार । खोलेंगे हर घूँट में, ये मन के उद्गार । ये मन के उद्गार , कहानी वही पुरानी। अंतस का विश्वास ,... Quote Writer 69 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read धोखा देकर बेवफ़ा, धोखा देकर बेवफ़ा, पूछ रहा वह हाल । खामोशी तड़पी बहुत , कभी न किया मलाल ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 62 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read बैठा दिल जिस नाव पर, बैठा दिल जिस नाव पर, टूटी निष्ठा पाल । जख्म छील कर दर्द के, पूछ रहा वह हाल ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 66 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read छलिया तो देता सदा, छलिया तो देता सदा, अपनों को संत्रास । पूछ रहा वह हाल अब, छलिया बनकर दास ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 62 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read अपनेपन की आढ़ में, अपनेपन की आढ़ में, अपना चलता चाल । आँसू देकर आँख में, पूछ रहा वह हाल ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 14 Jul 2024 · 1 min read घाव दिए जिसने सभी , घाव दिए जिसने सभी , पूछ रहा वह हाल । मीठा बनकर चल गया, अपना हमसे चाल ।। सुशील सरना / 14-7-24 Quote Writer 93 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read हार .... हार .... ज़ख्म की हर टीस पर उनके अक्स उभर आते हैं लम्हे कुछ ज़हन में अंगार बन जाते हैं उन्स में बीती रातें भला कौन भूल पाता है ख़ुशनसीब... 65 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read मनके मन की साधना, मनके मन की साधना, को साधें हर बार । अंतस में फिर नव मिले, पार ब्रह्म संसार ।। सुशील सरना/13-7-24 Quote Writer 67 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read खूब लगाओ डुबकियाँ, खूब लगाओ डुबकियाँ, गंग धार में मित्र । मैला तन तो धुल गया, कैसे धुले चरित्र ।। सुशील सरना / 13-7-24 Quote Writer 72 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read भगवा तन का आवरण, भगवा तन का आवरण, मन का चिन्तन कर्म । सुख मिलता जग में तभी , बने कर्म जब धर्म ।। सुशील सरना / 13-7-24 Quote Writer 65 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read तिलक लगाओ माथ या, तिलक लगाओ माथ या, ढको राख से देह । कर्म बिना सम्भव नहीं, सुख समृद्धि की मेह ।। सुशील सरना / 13-7-24 Quote Writer 69 Share Previous Page 9 Next