sushil sarna 1174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read तिलक लगाओ माथ या, तिलक लगाओ माथ या, ढको राख से देह । कर्म बिना सम्भव नहीं, सुख समृद्धि की मेह ।। सुशील सरना / 13-7-24 Quote Writer 69 Share sushil sarna 13 Jul 2024 · 1 min read जादू टोना टोटका, जादू टोना टोटका, सब जीवन में व्यर्थ। कर्म ग्रन्थ के पृष्ठ पर, अंकित सुख का अर्थ।। सुशील सरना/13-7-24 Quote Writer 78 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read बेकाबू हैं धड़कनें, बेकाबू हैं धड़कनें, घन गरजें घनघोर । राज खोलती रात के, अलसायी सी भोर ।। सुशील सरना / 12-4 -24 Quote Writer 58 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read अर्थ संग हावी हुआ, अर्थ संग हावी हुआ, निजता का अब रोग । अब जीवन का अर्थ है, भौतिक सुख का भोग ।। सुशील सरना / 13-7-24 Quote Writer 56 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read एक साथ मिल बैठ जो , एक साथ मिल बैठ जो , भोजन करते नित्य । लाता उस परिवार में , खुशियाँ फिर आदित्य ।। सुशील सरना /12-7-24 Quote Writer 83 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read बदल गया परिवार की, बदल गया परिवार की, परिभाषा का अर्थ । मुखिया अब बनता वही, जो है अर्थ समर्थ ।। सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read अर्थ रार ने खींच दी, अर्थ रार ने खींच दी, आँगन में दीवार । खून -खून के मध्य अब, होती है तकरार ।। सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 84 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read रिश्तों को आते नहीं, रिश्तों को आते नहीं, अब रिश्ते ही रास । रिश्तों के रेशे घिसे , शेष रहा संत्रास ।। सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 99 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read निजता के इस दौर में, निजता के इस दौर में, टूट रहे परिवार । कैसे होगा फिर भला, सुखी सकल संसार ।। सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 66 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read पृथक- पृथक चूल्हे हुए, पृथक- पृथक चूल्हे हुए, पृथक हुए परिवार । शून्य हुई संवेदना, बिखरा घर संसार ।। सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 65 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read कह गया कह गया दिल की कहानी आँख का पानी सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 106 Share sushil sarna 12 Jul 2024 · 1 min read विश्वास विश्वास पूँजी प्रेम की सुशील सरना / 12-7-24 Quote Writer 58 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार पे बिखर जाने दो। अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार पे बिखर जाने दो। इस खामोशी को कुछ ।और संवर जाने दो। इंतज़ार सहर का ज़ह्न में हो क्यों कर बाकी - शब् ये ख़्वाबों की... Quote Writer 104 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read रिमझिम रिमझिम बारिश में ..... रिमझिम रिमझिम बारिश में ..... वो रिमझिम रिमझिम बारिश में मुझसे मिलने बाम पे आना भीगे भीगे कपड़ों से भीगा अपना तन छुपाना हौले हौले पलकों को कभी गिराना कभी... 63 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read सौगात ... सौगात ... बंद किताब थरथराते हाथ शब्दों के आघात भावों के उत्पात अश्कों की बरसात यही तो है तन्हाई में उल्फत की सौगात सुशील सरना/ Quote Writer 55 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read जब तक साँसें देह में, जब तक साँसें देह में, चलें सभी सम्बंध । देह मिटी फिर मिट गई, संबंधों की गंध ।। सुशील सरना / 11-7-24 Quote Writer 54 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read कितना करता जीव यह , कितना करता जीव यह , साँसों पर अभिमान । मुट्ठी भर अवशेष हैं, जीव तेरी पहचान ।। सुशील सरना / 11-7-24 Quote Writer 57 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read साँस रुकी तो अजनबी , साँस रुकी तो अजनबी , हुआ सकल संसार । माटी से ही रूठ गया, माटी का परिवार ।। सुशील सरना / 11-7-24 Quote Writer 1 64 Share sushil sarna 11 Jul 2024 · 1 min read साथ चले कुछ दूर फिर, साथ चले कुछ दूर फिर, लौट गए सब मीत । माटी में माटी मिली, जीवन हुआ अतीत ।। सुशील सरना / 11-7-24 Quote Writer 50 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read कुशल क्षेम की पूछ मत, पवन हृदय से बात । कुशल क्षेम की पूछ मत, पवन हृदय से बात । साजन बिन सूनी लगे, बारिश वाली रात । मौन हाथ की चूड़ियाँ, मौन मिलन के शोर - मिली तड़प की... Quote Writer 76 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read दस्तक : दस्तक : वक़्त बुरा हो तो तो पैमानें भी मुकर जाते हैं मय हलक से न उतरे तो सैंकड़ों गम उभर आते हैं फ़िज़ूल है होश का फ़लसफ़ा समझाना हमको... 23 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read हरे काँच की चूड़ियाँ, हरे काँच की चूड़ियाँ, कहती हैं वो बात । बीती जिनके शोर में, द्वन्द्व भरी वो रात ।। सुशील सरना / 10-7-24 Quote Writer 68 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read तुम तो साजन रात के, तुम तो साजन रात के, तुम क्या जानो पीर । भोर हुई तुम चल दिए, मीत बहाए नीर ।। सुशील सरना / 10-7-24 Quote Writer 66 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read पलकों से रुसवा हुए, पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब । रुखसारों पर रह गए, वादों के सैलाब ।। सुशील सरना / 10-7-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read आँखों से रिसने लगे, आँखों से रिसने लगे, अन्तस के उद्गार । नैन व्योम के मध्य है, मुक्त प्रीति शृंगार ।। सुशील सरना / 10-7-24 Quote Writer 54 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read प्रीति चुनरिया के बड़े, प्रीति चुनरिया के बड़े, कच्चे होते सूत । मुखरित करते वेदना, आँसू बन कर दूत ।। सुशील सरना / 10-7-24 Quote Writer 79 Share sushil sarna 10 Jul 2024 · 1 min read वक्त-ए -रुख़सत इन्हें चश्म से निकाला है , वक्त-ए -रुख़सत इन्हें चश्म से निकाला है , दर्द उल्फ़त का इन अश्कों ने बहुत संभाला है। सुशील सरना Quote Writer 67 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read क्षणिका क्षणिका आज पत्थर में हरियाली देखी ये किस याद ने पत्थर का सीना चीर दिया सुशील सरना/ Quote Writer 2 89 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read दिल का क्या है .... दिल का क्या है .... दिल चाहता है दिल के साथ दिल की कुछ बातें करूँ बीते हुए लम्हों से मुलकातें करूँ उड़ कर जाऊँ उसकी मुंडेर पर उससे मिलने... 1 67 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read बारिश पर हाइकु: बारिश पर हाइकु: १. बदल आए हलधर हर्षाये झूमी धरती २. बरखा बूँदें कपोलों को चूमें आँखें मूँदे ३. भीगी अलकें अंगारों सी दहकें तन पे बूँदें ४. मौन तोड़ती... 41 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read पाप..... पाप..... कितना कठिन होता है पाप को परिभाषित करना क्या निज स्वार्थ के लिए किसी के उजाले को गहन अन्धकार के नुकीले डैनों से लहूलुहान कर देना पाप है क्या... 39 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read आयी बरखा हो गए, आयी बरखा हो गए, हरे सभी आघात । सुधि सागर ऐसे बहा, जैसे बहे प्रपात ।। सुशील सरना/9-7-24 Quote Writer 68 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read बारिश की हर बूँद पर , बारिश की हर बूँद पर , जागी सोयी याद । रात भर होता रहा , देह छुअन संवाद ।। सुशील सरना / 9-7-24 Quote Writer 93 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read गगरी छलकी नैन की, गगरी छलकी नैन की, जब बरसी बरसात। कैसे बीती क्या कहूँ, मुझ विरहन की रात।। सुशील सरना 9-7-24 Quote Writer 62 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read सुर्ख कपोलों पर रुकी , सुर्ख कपोलों पर रुकी , बारिश की इक बूँद । बाहुबंध में खो गई , सजनी आंखे मूँद ।। सुशील सरना / 9-7-24 Quote Writer 74 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read बरखा में ऐसा लगे, बरखा में ऐसा लगे, भीगा -भीगा रूप । छन कर जैसे मेघ से, आये भीगी धूप ।। सुशील सरना/9-7-24 Quote Writer 87 Share sushil sarna 9 Jul 2024 · 1 min read आवारा बादल फिरें, आवारा बादल फिरें, शोर करें घनघोर । चम चम चमके दामिनी, दादुर करते शोर ।। सुशील सरना / 9-7-24 Quote Writer 71 Share sushil sarna 8 Jul 2024 · 1 min read मोहब्बत क्या है ....... मोहब्बत क्या है ....... तुम समझे ही नहीं मोहब्बत क्या है मेरी तरह कुछ लम्हे तन्हा जी कर देखो दीवारों पर अहसासों के अक्स रक्स करते नज़र आएंगे दर्द के... 24 Share sushil sarna 8 Jul 2024 · 1 min read दोहा पंचक दोहा पंचक दीदार ..... तरस गया दीदार को, दिल दीवाना आज। कैसे चिलमन से भला, खुल पाएगा राज ।। पर्दे में है जिन्दगी, पर्दे में है प्यार । रुख से... 66 Share sushil sarna 8 Jul 2024 · 1 min read मैंने देखा है .... मैंने देखा है .... मैंने देखा है दिल के शहर को जलते हुए मैंने देखा है धुंए को आसमान में उड़ते हुए मैंने देखा है रूहानी गुफ़ा में अहसासों को... 37 Share sushil sarna 8 Jul 2024 · 1 min read दिलवालों के प्यार का, मौसम है बरसात । दिलवालों के प्यार का, मौसम है बरसात । कैसे माने दिल भला, मचल रहे जज्बात । मिलने की बेताबियाँ, नजरों के अनुरोध - कब माने प्रतिबंध को, अधरों के उत्पात... Quote Writer 90 Share sushil sarna 8 Jul 2024 · 1 min read दोहा पंचक - - - - रात रही है बीत दोहा पंचक - - - - रात रही है बीत वक्त प्रतीक्षा में सजन, ऐसे हुआ व्यतीत । धड़कन रुकती सी लगे, रात रही है बीत ।। माना अनबन है... 28 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read चाल चलें अब मित्र से, चाल चलें अब मित्र से, बनकर सच्चा मित्र । स्वार्थ पूर्ण अब मित्र का , लगता हमें चरित्र ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 120 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read कैसी शिक्षा आज की, कैसी शिक्षा आज की, बाँट रही है ज्ञान । अंग्रेजी में दब रही , हिन्दी की पहचान ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 64 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read शिक्षा का अब अर्थ है, शिक्षा का अब अर्थ है, खूब कमाना अर्थ । बिना अर्थ के जिंदगी, अब लगती है व्यर्थ ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 62 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read हंस काग दोनो पढें. हंस काग दोनो पढें. गुरु से ऐसा पाठ । बिना कर्म के बस मिले, जीवन भर का ठाठ ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 56 Share sushil sarna 7 Jul 2024 · 1 min read अज्ञानी ज्ञानी हुए, अज्ञानी ज्ञानी हुए, ज्ञान हुआ अब मौन । अब जब सारे द्रोण तो , शिष्य रहा फिर कौन ।। सुशील सरना / 7-7-24 Quote Writer 83 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read बीता कल ओझल हुआ, बीता कल ओझल हुआ, अगला है आभास । वर्तमान में जी रही, दो साँसों की आस ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 76 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read काल अटल संसार में, काल अटल संसार में, काल नहीं आभास । काल पाश में कैद है, पतझड़ अरु मधुमास ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 6 Jul 2024 · 1 min read चाल समय के अश्व की, चाल समय के अश्व की, कौन सका पहचान । इसके पीछे भागता, हरदम यह इंसान ।। सुशील सरना / 6-7-24 Quote Writer 105 Share Previous Page 10 Next