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Tag: कविता
1348 posts
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आहें
आहें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक सुहाना सफर
एक सुहाना सफर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मांन सिंह राजा भैया को बधाई
मांन सिंह राजा भैया को बधाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसा रोग फैला हे!भगवान
कैसा रोग फैला हे!भगवान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ होती भगवान समान
माँ होती भगवान समान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बात ही बात में क्या कही है
बात ही बात में क्या कही है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जनता की घुन्दू जनता जाने
जनता की घुन्दू जनता जाने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उम्मीदें जीवन का आधार हैं
उम्मीदें जीवन का आधार हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये कैसा मजदूर दिवस
ये कैसा मजदूर दिवस
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सजल मेरे नैन हुए
सजल मेरे नैन हुए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वक्त तो वक्त है
वक्त तो वक्त है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीना नही है आसान
जीना नही है आसान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन हुआ है रूठा रूठा सा
जीवन हुआ है रूठा रूठा सा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सफेद हो गया लहू
सफेद हो गया लहू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा मन क्यो भयभीत है
मेरा मन क्यो भयभीत है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो पटरी के मेल से चलती रेल
दो पटरी के मेल से चलती रेल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा
कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने
पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोरोना बख्श दो जिंदगी
कोरोना बख्श दो जिंदगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ बरसी आई पर तू कभी नहीं आई
माँ बरसी आई पर तू कभी नहीं आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आवाम मांग रही है हिसाब
आवाम मांग रही है हिसाब
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुनी हो जाती हैं राहें
सुनी हो जाती हैं राहें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भीरू शौहर
भीरू शौहर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कभी दिल जी कुंडी खोल तो माही
कभी दिल जी कुंडी खोल तो माही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पैर पग पग पर बहकने लगे
पैर पग पग पर बहकने लगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा
जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिट्टी कहने लगी इंसान से
मिट्टी कहने लगी इंसान से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब जागो तभी है सवेरा
जब जागो तभी है सवेरा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार
मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार की बदली नैनों से बरसती
प्यार की बदली नैनों से बरसती
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्यों तुम दूर खड़े हो
क्यों तुम दूर खड़े हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गमों में हँसना मुझे आता है
गमों में हँसना मुझे आता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौत हर पल दर पर खड़ी
मौत हर पल दर पर खड़ी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गम पी कर मुस्कराता रहा
गम पी कर मुस्कराता रहा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फौजी मेरे देश के
फौजी मेरे देश के
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कब होगी मुलाकात
कब होगी मुलाकात
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जख्म सीने में है
जख्म सीने में है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गम पी कर मुस्कराते हैं
गम पी कर मुस्कराते हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
किसान
किसान
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ बाप हैं लाचार
माँ बाप हैं लाचार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
औलाद परिन्दों जैसी है
औलाद परिन्दों जैसी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
न निकाह न फेरे
न निकाह न फेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आर्यन स्कूल
आर्यन स्कूल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बस सरकारी
बस सरकारी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दियासलाई ओर मानव
दियासलाई ओर मानव
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेअसर नीतियाँ
बेअसर नीतियाँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गाँव की पुकार
गाँव की पुकार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नदी किनारे छोटा सा गांव हो
नदी किनारे छोटा सा गांव हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रंग रंगीला फ़ाग
रंग रंगीला फ़ाग
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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