जगदीश लववंशी Language: Hindi 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next जगदीश लववंशी 16 Aug 2019 · 1 min read मेहनत का फल मीठा बूँद -बूँद से ही घड़ा भरता, चलते चलते कछुआ जीतता, व्यर्थ नहीं होता कभी परिश्रम, मेहनत का फल मीठा होता, छोटा नही कोई काज, स्वयं पर हैं हमे नाज, दिन... Hindi · कविता 2 693 Share जगदीश लववंशी 4 Aug 2019 · 1 min read मित्र मन में जो हैं बसते, हर पल साथ रहते, सुख दुःख के साथी, जीवन राह के पंथी, वो खुशियों की बहार, जग सूना हैं बिन यार, सब खुश रहे मेरे... Hindi · कविता 3 539 Share जगदीश लववंशी 2 Aug 2019 · 1 min read खुशियाँ तू मुट्ठी में भर ले नन्हा नन्हा बीज धरा से निकला, खोल आँखे ,वो देखने जग चला, चारो ओर थी बड़ी चहल पहल, सुबह सुबह सब जन रहे टहल, जैसे - जैसे दिन चढ़ा ,दूर... Hindi · कविता 2 496 Share जगदीश लववंशी 18 Jul 2019 · 1 min read सावन पुकार रहा सावन भी पुकार रहा, देख धरा के हाल। ताकते जन जन अम्बर, सूख गए सब ताल ।। हे ! मेघ बरस जाइए, सुन हमारी पुकार । मच रहीं हैं उथल... Hindi · दोहा 2 410 Share जगदीश लववंशी 17 Jul 2019 · 1 min read कैसी आई है सदी कैसी आई हैं सदी, देखो प्यासी है नदी, भरा विपुल जल, फिर भी सूना कल, कहाँ है सावन झूले, सब हम जन भूले, रिश्ते गए सिमट , भरी हैं कड़वाहट,... Hindi · कविता 2 245 Share जगदीश लववंशी 14 Jul 2019 · 1 min read डॉक्टर आप जगत के हो ईश समान, मिलती दुआएँ भर आसमान, दिन हो या रात सेवा को तत्पर, खुशियाँ भर देते हो घर - घर, आप भेदभाव कभी न पालते, सबको... Hindi · कविता 2 252 Share जगदीश लववंशी 13 Jul 2019 · 1 min read मेहनत पथ थे कितने दुर्गम, चलता गया लेकर गम, मुश्किल थी मेरी राह, साथ थी उनकी एक चाह, पैरों में चुभते थे शूल, पर चाहत थी मेरी फूल, रोज आती थी... Hindi · कविता 2 371 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2019 · 1 min read पेड़ ठंडी -ठंडी छाया देते, मीठे मीठे फल लगते, पंछियों का बनते बसेरा, सबको दिखाते नया सवेरा, फिर क्यू........... रोज रोज कट रहे, बंजर धरा सब कहे, मूक होकर सब सहे,... Hindi · कविता 1 552 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2019 · 1 min read साथी जब पथ पर हो साथी संग, फिर हो चाहे कैसी ही जंग, भागेगा ही अरि छोड़ मैदान, जग कहता सुनो लगा कान, दुःख भी पूछकर आएगा, सुख रूठकर नही जाएगा,... Hindi · कविता 2 429 Share जगदीश लववंशी 5 Jul 2019 · 1 min read बरखा रानी बरखा रानी, बरखा रानी, लेकर आई हो तुम पानी, झूम रहे देखो जन - जन, महक उठे सारे उपवन, धरा की बुझ रही प्यास, देखो उगने लगी हैं घास, भाग... Hindi · कविता 426 Share जगदीश लववंशी 23 Jun 2019 · 1 min read है! मेघ जल्दी बरस धरा कर रही पुकार, है! मेघ करो उपकार, बरसाकर तुम नीर, मिटा दो सबकी पीर, सब ताक रहे आसमान, अब सहन नही तापमान, गरमी से सब बेहाल, सूख गए सब... Hindi · कविता 376 Share जगदीश लववंशी 20 Jun 2019 · 1 min read टूटा अभिमान तम का नभ में सूरज चमका, टूटा अभिमान तम का, चहुँओर लाली छाई, मौसम हुआ सुखदायी, छोड़ चले पंछी नीड़, भू पर बढ़ने लगी भीड़, बह रही हवा मंद मंद, कवि लिख... Hindi · कविता 2 256 Share जगदीश लववंशी 19 Jun 2019 · 1 min read पिता की नजर पिता की नजर से---- यह क्षण जो मिले, कभी न जाय भूले, हैं कितने अनमोल, लगा सके न मोल, अंतर्मन भर जाता, जब पुत्र संग होता, लौट बचपन आता, सुत... Hindi · कविता 2 479 Share जगदीश लववंशी 15 Jun 2019 · 1 min read चलो चले मेरे गाँव चले चलो चले सब मेरे गाँव चले, तपती धरा पर नंगे पाँव जले, सड़क किनारे लगे दौड़ने, पेड़ो की छाया फिर ढूँढने, सिर पर ढूँढे हम सब पगड़ी, मिली न किसी... Hindi · गीत 1 442 Share जगदीश लववंशी 14 Jun 2019 · 1 min read गाँव की मिट्टी तुम ले आना गाँव की मिट्टी तुम ले आना, अपनो को मेरी चिट्ठी दे आना, तुम साथ हमारे बचपन के पल ले आना, तुम पेड़ो से मीठे मीठे फल ले आना, बड़े बूड़ो... Hindi · कविता 2 1 367 Share जगदीश लववंशी 11 Jun 2019 · 1 min read हमने उनकी राह तकी हमने उनकी राह तकी, फिर भी वो आ न सकी, हमने चाहत छुपा रखी, बनाकर उन्हें अपनी सखी, वो खुद न आये द्वार, हम लेकर बैठे हार, कब दूर हो... Hindi · गीत 1 1 396 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2019 · 1 min read जाग उठ अब है ! नारी जाग उठ अब है! नारी, तू कहाँ किसी से हारी, तुझमे क्षमता है प्रबल , अबला नही ,है सबल, तू धरा का है रूप, दुर्गा का है स्वरूप, कर धारण... Hindi · कविता 2 357 Share जगदीश लववंशी 9 Jun 2019 · 1 min read देख दशा आँसू आते देख दशा आँसू आते, कैसे भेड़िये खुले घूमते, गली गली में ये विचरते, कली कली को निहारते, खिलने से पहले ही रौंदते, क्यों नही कुछ ये सोचते, ये बेरहम दानव... Hindi · कविता 1 501 Share जगदीश लववंशी 8 Jun 2019 · 1 min read अच्छा होगा सुप्रभात अच्छा होगा सुप्रभात, जब सुने दिल की बात, मन होता सच्चा साथी, पर होता मतवाला हाथी, सुख दुःख आना जाना, इनसे न कभी घबराना, पाने मंजिल चुन लेते राह, सीमित... Hindi · कविता 244 Share जगदीश लववंशी 4 Jun 2019 · 1 min read दिल मे मेरे गांव बसता दिल में मेरे गाँव बसता, जुबां पर यही नाम रहता, बड़े बूड़ो का सम्मान पाते, सबसे सदा राम राम करता, सूरज को भगवान मानते, चंदा यहाँ मामा कहलाते, पेड़ पौधे... Hindi · मुक्तक 301 Share जगदीश लववंशी 26 May 2019 · 1 min read विकर्ण और कौरव सभा हाँ! वह वीर कौरव था, उसका अजब गौरव था, था धृतराष्ट्र का वह सुत, रक्त से वह पौरव था ।।1।। थी सभा वीरो से भरी, चुप थे सब पौरुषधारी, करुण... Hindi · मुक्तक 608 Share जगदीश लववंशी 26 Apr 2019 · 1 min read करुणामय जग जग को देख जग रोता है, दुःख देख आँसू बहाता है । कोई रोटी के लिए तरसता है, कोई अभावों में भी जीता है । हर बाग का फूल कहाँ... Hindi · कविता 590 Share जगदीश लववंशी 21 Apr 2019 · 1 min read अवन्ति दर्शन अवन्ति की धरती पावन, होता हर दिन यहाँ सावन । इस माटी को मेरा नमन, जहाँ आए श्री भगवन । देखो ऋषि सांदीपनि का आश्रम , यही पढ़े थे सुदामा... Hindi · कविता 194 Share जगदीश लववंशी 19 Apr 2019 · 3 min read माँ द्वारा लगाया पेड़ 65 वर्ष का रामदीन, गर्मी के मौसम में थककर छाया देखकर खेत किनारे पेड़ के नीचे लेट जाता है । सोते सोते अपने बचपन मे चला जाता है, जब उसकी... Hindi · कहानी 1 661 Share जगदीश लववंशी 18 Apr 2019 · 1 min read कविता खाली मन को भरने आती, रोज रोज दिल को बहलाती । सुख दुःख की मेरी संगिनी, इस जग को जग से मिलवाती। जीवन पथ पर साथ निभाती, हर पल वो... Hindi · मुक्तक 410 Share जगदीश लववंशी 12 Apr 2019 · 4 min read !!! राम कथा काव्य !!! हे ! जग के ईश, पुकारता जगदीश । दे दो एक आशीष, चरणों मे नमन शीश । हे! गौरी पुत्र करता प्रणाम, निर्विघ्न पूर्ण हो यह काम । मैं छोटा... Hindi · कविता 2 1 1k Share जगदीश लववंशी 8 Apr 2019 · 1 min read पेड़ न तुम काटो पेड़ न तुम काटो, यही संदेश बांटो । पेड़ हमारे..... धरती के है रक्षक, प्रदूषण के भक्षक । धूप में सबको छाया देते , तुम मजे से मीठे फल खाते... Hindi · कविता 506 Share जगदीश लववंशी 6 Apr 2019 · 1 min read माँ का दरबार शुभ दिवस यह आया हैं , संग खुशियां हजार लाया हैं । चलो चले माँ के दरबार में, लगाने भक्ति का अम्बार । जब करते मन से देवी दर्शन, दूर... Hindi · गीत 592 Share जगदीश लववंशी 1 Apr 2019 · 1 min read उठ जाओ सखा प्यारे उठ जाओ तुम हुई भौर , स्वर्णिम हुआ नभ छोर, ताजी हवा तुम्हे ढूँढ़ रही, मैं कब से बैठा हूँ वही, बागो में सुंदर फूल खिले, यहाँ वहां देखा तुम... Hindi · कविता 325 Share जगदीश लववंशी 28 Mar 2019 · 1 min read दशरथ नन्दन ///१/// सरयू तीर है अयोध्या पावन सुखों का धाम तीन रानियाँ है दशरथ राजा न कोई सुत चिंता बड़ी है ऋषियों की सलाह हुआ है यज्ञ तिथि नवमी अभिजीत नक्षत्र... Hindi · हाइकु 1 445 Share जगदीश लववंशी 25 Mar 2019 · 1 min read कविता अच्छी कविता संदेश सुनाती है देती है ज्ञान मन हर्षित हो तन लगे नाचने यही कविता सुन वनिता मेरी एक कविता भावों की माला एकांत हुआ होंठ गुनगुनाते कलम चली... Hindi · हाइकु 1 284 Share जगदीश लववंशी 24 Mar 2019 · 1 min read बचपन बचपन कितना सुंदर होता, शब्दो से कहा नही जाता । कितना आनन्द हमें देता, सोच सोच मन हर्षित होता ।। काश दिवस वो फिर आ जाये, बन बालक हम ममता... Hindi · कविता 269 Share जगदीश लववंशी 22 Mar 2019 · 1 min read पानी के लिए हाहाकार जल्दी उठना । जल लेकर आना ।। बर्तन लाना ।। भीड़ है लगी । सब पानी लाएगी ।। भौर भागेगी । हमे खेलना । नही यह झेलना ।। शाला है... Hindi · हाइकु 1 304 Share जगदीश लववंशी 22 Mar 2019 · 1 min read मित्र बिना सूना जीवन मित्र बिना सूना जीवन, आंसुओ का ये सावन । हर सुख लगता फीका, जब पास न हो सखा । हर दिन पर्व मनाते, जब मित्र दिल मे समाते । होते... Hindi · कविता 337 Share जगदीश लववंशी 21 Mar 2019 · 1 min read फाल्गुन मास आज दिवस । कितना सुनहरा ।। है होली पर्व । शुभ संयोग । दिन रात समान ।। मास फाल्गुन । बसन्त छाया । सुर्ख पलाश फूल ।। झूमे प्रकृति ।... Hindi · हाइकु 1 270 Share जगदीश लववंशी 21 Mar 2019 · 1 min read ।।।होली ।।। !!! होली पर्व की सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं !!! भौर हुई मची हलचल , गलियों में निकले दल।। ले हाथो मे पिचकारी, बच्चे है सब पर भारी। उड़ रहे... Hindi · कविता 196 Share जगदीश लववंशी 16 Mar 2019 · 1 min read छंट गया अंधेरा छंट गया अंधेरा, देखो हुआ सवेरा, पंछी चले छोड़ बसेरा, ढूंढने जीने का सहारा, बह रही ठंडी हवा, बन एक नई दवा, प्रकृति रही झूम, चहुँओर मची धूम, Hindi · कविता 1 226 Share जगदीश लववंशी 7 Mar 2019 · 1 min read सुख की कल्पना कोरी सुख की कल्पना है कोरी, दिन के बाद रात है अंधेरी, मन की बात ये मन न माने, तन की सुध ये तन न जाने, कहाँ से ये रोग चले... Hindi · कविता 218 Share जगदीश लववंशी 24 Feb 2019 · 1 min read बता रे ओ इंसान तारीफ करू तेरी कि तूने छू लिया गगन, माँ को रुलाया तूने करू मैं करुण रुदन, बता रे ओ इंसान, कहाँ गया ईमान, लालच में हुआ तू बेईमान, देख दूजे... Hindi · कविता 1 450 Share जगदीश लववंशी 19 Feb 2019 · 1 min read तवा नदी देश की जीवन धारा, नदियों की बहती धारा, कल कल बहती जाती, देखो गीत खुशी के गाती, कालीभीत पहाड़ी से है उदगम, देख देख प्रवाह भूल जाते गम, महादेव पर्वत... Hindi · कविता 302 Share जगदीश लववंशी 4 Feb 2019 · 1 min read बचपन कितना सलोना था बचपन कितना सलोना था, पर मैं न अकेला था, मिट्टी से यारी थी, धूल बड़ी प्यारी थी, घर था खुला गगन , कितने थे हम मगन, चिडियों का चहकना, फूलों... Hindi · कविता 477 Share जगदीश लववंशी 4 Feb 2019 · 1 min read मेरे लाल करू तुझे प्यार मेरे लाल करू तुझे प्यार, तू है जीवन का उपहार, जल्दी जल्दी खा ले भोग, तू होगा बड़ा रहेगा निरोग, देखने तुझे आंखे रही तरस, लालसा में तेरे गुजर गए... Hindi · कविता 519 Share जगदीश लववंशी 1 Feb 2019 · 1 min read सुंदर पल कितना सुंदर यह पल, मित्रता होती निश्छल, जब मिलते गले मित्र, स्नेह रंग से भरता चित्र, खिल उठता अंतर्मन, दूर होता खालीपन, मित्र जिसके है संग, जीत जाते वे हर... Hindi · कविता 243 Share जगदीश लववंशी 1 Feb 2019 · 1 min read मित्रो की टोली वो मित्रो की टोली, याद आती है होली, वो रंगीन सूरत भोली, उनकी मधुर मीठी बोली, वो प्यारी सी हमजोली, रंगों से वो है खेली, बात बात पर वाद, हर... Hindi · कविता 311 Share जगदीश लववंशी 18 Jan 2019 · 1 min read दोस्तो का साथ दोस्तो का साथ , यही मेरा वरदान, हँसी है, खुशी है, यही मेरा अरमान, मन प्रफुल्लित, भरा उत्साह उमंग, साथ जो बीते पल, जग हुआ नवरंग, जीवन की बगिया, सदा... Hindi · कविता 371 Share जगदीश लववंशी 14 Jan 2019 · 1 min read नींद से जागो हुआ सवेरा नींद से जागो हुआ सवेरा , पंछी भी छोड़ चले बसेरा, तारे भी टिमटिमा कर चले, सूने पथ पथिक से मिले, फूल भी लगे देखो खिलने, तितली भी आ गई... Hindi · कविता 1 361 Share जगदीश लववंशी 31 Dec 2018 · 1 min read कब होगा मेरा नव वर्ष कब होगा मेरा नव वर्ष, जब सब खुश रहे, सुख की बयार बहे, चहुँओर हो हर्ष, अपनो के हो दर्श, तब होगा मेरा नव वर्ष, माता पिता हो संग, प्रेम... Hindi · कविता 1 1 306 Share जगदीश लववंशी 28 Dec 2018 · 1 min read साँची हमारा गौरव देश का गौरव, साँची हमारा, पूज्य पावन , यह बौद्ध धरा, गोल गोल बने सुंदर स्तूप, देख देख मन को भाए रूप, सदियों से यूँ ही यह है खड़े, विदेशों... Hindi · कविता 1 208 Share जगदीश लववंशी 22 Dec 2018 · 1 min read सही खाये हम सही खाये हम यह संदेश लेकर रैली चली, गाँव गाँव शहर शहर देती संदेश गली गली, पिज्जा बर्गर जंक फूड को तुम छोड़ , फल सब्जी दूध से अपना नाता... Hindi · कविता 261 Share जगदीश लववंशी 9 Dec 2018 · 1 min read मत होना नाराज सूरज भी छिप गया ले बादलो की ओट, छोटे छोटे नन्हे मुन्ने भी दुबक रहे पहन कोट, ठंडी ठंडी चल रही देखो यह पवन, रोम रोम है खड़ा कांप रहा... Hindi · कविता 485 Share Previous Page 7 Next