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Page 8
वक्त तो सबका ही आएगा....
वक्त तो सबका ही आएगा....
Ajit Kumar "Karn"
"इज़्ज़त"
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक": ( जीवन में मिलना बिछुड़ना.... )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक": ( नव वर्ष का आगमन है )
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक" : ( जो नियति है वो.... )
Ajit Kumar "Karn"
हे प्रभु ! मेरी भी सुनो !
हे प्रभु ! मेरी भी सुनो !
Ajit Kumar "Karn"
ये अनजाना सा डर कैसा ??
ये अनजाना सा डर कैसा ??
Ajit Kumar "Karn"
ग़ज़ल : ( एक अगली ग़ज़ल में.... )
ग़ज़ल : ( एक अगली ग़ज़ल में.... )
Ajit Kumar "Karn"
"ग़ज़ल" : ( खूब बदलते देखा है )
Ajit Kumar "Karn"
"ग़ज़ल"
Ajit Kumar "Karn"
किसी ने ब्रह्मास्त्र ही चला दिया !
किसी ने ब्रह्मास्त्र ही चला दिया !
Ajit Kumar "Karn"
वरना हार स्वीकारना होगा !
वरना हार स्वीकारना होगा !
Ajit Kumar "Karn"
अंज़ाम की चिंता ना करें !
अंज़ाम की चिंता ना करें !
Ajit Kumar "Karn"
कभी ना सोचें कि ऐसा होता !
कभी ना सोचें कि ऐसा होता !
Ajit Kumar "Karn"
दिल से दिल का तार मिला लें !
दिल से दिल का तार मिला लें !
Ajit Kumar "Karn"
खुशी रो पड़ी !
खुशी रो पड़ी !
Ajit Kumar "Karn"
मैं लिख जाऊं बारंबार....
मैं लिख जाऊं बारंबार....
Ajit Kumar "Karn"
भला कौन है खुश ?
भला कौन है खुश ?
Ajit Kumar "Karn"
"अठन्नी की कीमत" ( संस्मरण )
Ajit Kumar "Karn"
उदय हो रहा क्षितिज पार....
उदय हो रहा क्षितिज पार....
Ajit Kumar "Karn"
मनुष्य का जीवन !
मनुष्य का जीवन !
Ajit Kumar "Karn"
सबकी अपनी-अपनी सोच है....
सबकी अपनी-अपनी सोच है....
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक": ( कुछ दोस्त यूॅं ही.... )
Ajit Kumar "Karn"
कल पे ना छोड़ें....
कल पे ना छोड़ें....
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम के ऑंगन में ही जीना सीखा !
प्रेम के ऑंगन में ही जीना सीखा !
Ajit Kumar "Karn"
ज़रूरी है क्या....??
ज़रूरी है क्या....??
Ajit Kumar "Karn"
"मुक्तक" : ( कुछ लोग लगते अच्छे हैं )
Ajit Kumar "Karn"
"ये रिश्ते"
Ajit Kumar "Karn"
"दीपक को बनाकर हथियार"?
Ajit Kumar "Karn"
"धरती माता"
Ajit Kumar "Karn"
त्योहार के बहाने ही सही....
त्योहार के बहाने ही सही....
Ajit Kumar "Karn"
देखो ! आया त्योहार आया....
देखो ! आया त्योहार आया....
Ajit Kumar "Karn"
"बड़ी नादान है वो !"
Ajit Kumar "Karn"
? दीपावली कुछ ख़ास है ! ?
? दीपावली कुछ ख़ास है ! ?
Ajit Kumar "Karn"
"कुण्डलिया"
Ajit Kumar "Karn"
अन्याय का प्रतिकार....
अन्याय का प्रतिकार....
Ajit Kumar "Karn"
बड़े दिनों के बाद आई ऐसी दिवाली !
बड़े दिनों के बाद आई ऐसी दिवाली !
Ajit Kumar "Karn"
"घमंडी"
Ajit Kumar "Karn"
खट्टी-मीठी खुशियाॅं....
खट्टी-मीठी खुशियाॅं....
Ajit Kumar "Karn"
चोरी तेरी कल पकड़ी गई है...
चोरी तेरी कल पकड़ी गई है...
Ajit Kumar "Karn"
जगमग-जगमग जब सारे दीप जलेंगे....
जगमग-जगमग जब सारे दीप जलेंगे....
Ajit Kumar "Karn"
रचना की गुणवत्ता पर ही ध्यान दें !
रचना की गुणवत्ता पर ही ध्यान दें !
Ajit Kumar "Karn"
अब तुम अकेली नहीं हो....
अब तुम अकेली नहीं हो....
Ajit Kumar "Karn"
सतयुग की झलक दिख जाए !
सतयुग की झलक दिख जाए !
Ajit Kumar "Karn"
कोई भी वैसा नहीं मिलता....
कोई भी वैसा नहीं मिलता....
Ajit Kumar "Karn"
रिश्तों को बदला नहीं जा सकता !
रिश्तों को बदला नहीं जा सकता !
Ajit Kumar "Karn"
वो कौन सी चिरैया ले आऊं....
वो कौन सी चिरैया ले आऊं....
Ajit Kumar "Karn"
दिल जीत जाना है !
दिल जीत जाना है !
Ajit Kumar "Karn"
गलतियाॅं कभी-कभी हो जाती हैं !
गलतियाॅं कभी-कभी हो जाती हैं !
Ajit Kumar "Karn"
"हाइकु"
Ajit Kumar "Karn"
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